प्रसार भारती और संस्कृति मंत्रालय मिलकर इस साल आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का 67वां संस्करण आयोजित करने जा रहे हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
प्रसार भारती और संस्कृति मंत्रालय मिलकर इस साल आकाशवाणी संगीत सम्मेलन का 67वां संस्करण आयोजित करने जा रहे हैं। यह कार्यक्रम 2 नवंबर से 29 नवंबर तक देश के 24 अलग-अलग केंद्रों पर होगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि आकाशवाणी संगीत सम्मेलन की शुरुआत साल 1954 में हुई थी और तब से यह भारत की सबसे पुरानी और सम्मानित सांस्कृतिक परंपराओं में से एक बन चुका है। इसका उद्देश्य देशभर के श्रोताओं तक हिंदुस्तानी, कर्नाटक, सुगम और लोक संगीत की श्रेष्ठ धारा पहुंचाना रहा है। इस सम्मेलन ने भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा को सहेजने, बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रसार भारती के सीईओ गौरव द्विवेदी ने जानकारी दी कि कोविड महामारी के कारण कुछ समय के लिए यह आयोजन रुका था, लेकिन अब यह फिर से पूरे जोश और नए उत्साह के साथ लौट रहा है। इस साल के संस्करण में हर केंद्र पर दो संगीत कार्यक्रम होंगे- एक भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित और दूसरा सुगम या लोक संगीत पर।
उन्होंने बताया कि पणजी और शिलॉन्ग में विशेष रूप से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां होंगी, जिससे देश के अलग-अलग हिस्सों की संगीत विविधता झलकेगी।
मलयालम न्यूज चैनल 'मीडियावन' (MediaOne) ने टीवी रेटिंग एजेंसी BARC (Broadcast Audience Research Council) से अपना रिश्ता खत्म करने का ऐलान किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
मलयालम न्यूज चैनल 'मीडियावन' (MediaOne) ने टीवी रेटिंग एजेंसी BARC (Broadcast Audience Research Council) से अपना रिश्ता खत्म करने का ऐलान किया है। चैनल ने कहा है कि उसने यह फैसला BARC की विश्वसनीयता पर पूरी तरह से भरोसा खत्म होने के बाद लिया है। इस कदम के साथ MediaOne, NDTV के बाद BARC से अलग होने वाला दूसरा भारतीय न्यूज चैनल बन गया है।
MediaOne का कहना है कि उसने रेटिंग डेटा को लेकर BARC से कई बार सवाल किए, लेकिन उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला। चैनल के मुताबिक, BARC अधिकारी यह भी ठीक से नहीं बता पाए कि दर्शकों के बीच MediaOne की मजबूत पकड़ रेटिंग्स में क्यों नहीं दिखती।
चैनल ने BARC की रेटिंग प्रणाली पर भी सवाल उठाए, खासकर उसके छोटे सैंपल साइज और ‘मीटर’ लगाने के तरीकों पर। MediaOne ने बताया कि केरल में कुल 86 लाख टीवी हैं, लेकिन BARC ने केवल 1,500 से भी कम जगहों पर मीटर लगाए हैं। इतना ही नहीं, इन मीटरों का वितरण भी सभी इलाकों या वर्गों का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता। चैनल ने यह भी आरोप लगाया कि इन मीटरों को बाहरी तरीके से नियंत्रित या प्रभावित किया जा सकता है।
MediaOne ने कहा कि BARC की विश्वसनीयता पर पहले भी सवाल उठ चुके हैं- जैसे अर्नब गोस्वामी से जुड़ा मामला। चैनल ने यह भी बताया कि अब कई चैनल लैंडिंग पेज पर करोड़ों रुपये खर्च कर अपनी रेटिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, डिजिटल प्लेटफॉर्म पर MediaOne के आंकड़े BARC के डेटा से बिल्कुल अलग तस्वीर दिखाते हैं। पिछले हफ्ते चैनल ने यूट्यूब पर 36.2 करोड़ व्यूज हासिल किए, जिससे वह टॉप मलयालम चैनलों में शामिल रहा, लेकिन BARC की रेटिंग में उसे इसका कोई फायदा नहीं मिला।
MediaOne के एडिटर प्रमोद रमन ने कहा कि यह फैसला BARC की घटती साख के कारण लिया गया है। उन्होंने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हम नंबर वन हैं, लेकिन BARC हमें नंबर 10 पर दिखाता है। यह धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का मामला है। BARC पर्दे के पीछे काम करता है और दर्शकों की असली पसंद को दबा देता है। केरल में 4,000–5,000 करोड़ रुपये का बिजनेस इन रेटिंग्स पर निर्भर करता है, तो आखिर ठगा किसे जा रहा है?”
उन्होंने कहा कि MediaOne ने पिछले 11 वर्षों में ईमानदार और नैतिक पत्रकारिता के दम पर दर्शकों का भरोसा जीता है। किसी एजेंसी की रेटिंग चार्ट से ज्यादा कीमती हमारे दर्शकों का विश्वास है। प्रमोद रमन ने यह भी बताया कि चैनल ने BARC की गड़बड़ गणनाओं पर कई बार शिकायतें कीं, लेकिन एजेंसी ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जो सुधार की दिशा में हो।
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देश के प्रमुख समाचार नेटवर्क NDTV ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे जारी किए हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
देश के प्रमुख समाचार नेटवर्क NDTV ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे जारी किए हैं। कंपनी का राजस्व पिछली तिमाही (Q1 FY26) के मुकाबले 14% बढ़ा, जबकि पिछले साल की समान अवधि (Q2 FY25) की तुलना में 10% की वृद्धि दर्ज की गई। यह मजबूत प्रदर्शन NDTV की कंटेंट इनोवेशन और बिजनेस सुधार रणनीति का नतीजा बताया जा रहा है।
इस तिमाही में NDTV ने अपने ऑन-एयर प्रोग्रामिंग को और मजबूत किया। चैनल ने नए प्राइमटाइम शोज लॉन्च किए और पद्मजा जोशी, सैयद सुहैल और शुभांकर मिश्रा जैसे प्रसिद्ध एंकरों को जोड़ा। इससे NDTV की संपादकीय टीम और भी मजबूत हुई और दर्शकों से जुड़ाव में इजाफा हुआ।
NDTV ने बिजनेस को और मजबूत बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए। कंपनी ने Rights Issue पूरा किया ताकि भविष्य की वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, NDTV ने चार अलग-अलग इकाइयों का विलय (Merger) कर अपने संचालन को सरल और एकीकृत किया, जिससे कंपनी अब अपने मुख्य कामों पर ज्यादा ध्यान दे सकेगी।
17 और 18 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित NDTV World Summit कंपनी के लिए एक बड़ा पड़ाव साबित हुआ। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरीणी अमरासूरिया, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट जैसे वैश्विक नेता शामिल हुए। NDTV ने इस आयोजन से खुद को वैश्विक संवाद का प्रमुख मंच साबित किया।
NDTV ने अपने एंटरटेनमेंट ब्रांड Good Times के तहत श्रीनगर में सोनू निगम का मेगा कॉन्सर्ट आयोजित किया। यह कश्मीर घाटी में पहलगाम हादसे के बाद पहला बड़ा संगीत आयोजन था। इस कार्यक्रम ने वहां के लोगों के बीच उम्मीद और एकता का संदेश दिया और NDTV की देशभर में सांस्कृतिक पहल को एक नया आयाम दिया।
हालांकि कंपनी का राजस्व प्रदर्शन मजबूत रहा, लेकिन मुनाफे पर असर पड़ा क्योंकि NDTV ने इस तिमाही में अपने डिजिटल इंटीग्रेशन और बिजनेस ट्रांसफॉर्मेशन को मजबूत करने के लिए बड़े निवेश किए। कंपनी का कहना है कि आने वाले त्योहारों के सीजन और भविष्य की तिमाहियों में यह निवेश लंबी अवधि की वृद्धि और मजबूती लाएगा।
कुल मिलाकर, NDTV ने इस तिमाही में यह दिखाया है कि वह कंटेंट क्वालिटी, टेक्नोलॉजी और बिजनेस स्थिरता के जरिए भारतीय मीडिया जगत में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर रहा है।
यहां उन्हें ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर और प्राइम टाइम एंकर के पद पर नियुक्त किया गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जानी-मानी न्यूज एंकर सुचरिता कुकरेती ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गई हैं। यहां उन्हें ‘एनडीटीवी इंडिया’ (NDTV India) में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर और प्राइम टाइम एंकर के पद पर नियुक्त किया गया है।
सुचेता कुकरेती की हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर काफी अच्छी पकड़ है। उन्हें टेलीविजन पत्रकारिता में दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने कई लोकप्रिय हिंदी डिबेट और अंग्रेजी प्राइम टाइम शो होस्ट किए हैं। अपनी स्पष्टता, प्रभावशाली प्रस्तुति और गंभीर मुद्दों को संतुलित ढंग से उठाने की क्षमता के कारण उन्हें व्यापक पहचान मिली है।
सुचरिता ने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत ‘इंडिया टीवी’ से की थी। यहां उन्होंने अपनी सटीक और विश्वसनीय रिपोर्टिंग से पहचान बनाई। इसके बाद उन्होंने ‘रिपब्लिक भारत’ चैनल जॉइन किया और इसके प्रमुख डिबेट शो ‘महाभारत’ की एंकरिंग की।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो सुचरिता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री ली है। पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है
सुचरिता कुकरेती की नियुक्ति पर ‘एनडीटीवी’ के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा, ‘सुचेता NDTV की उस प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती हैं जो सटीकता और बहुमुखी प्रतिभा पर आधारित है। उनकी विश्वसनीयता, तीक्ष्ण पत्रकारिता दृष्टि और हिंदी व अंग्रेज़ी पर मजबूत पकड़ हमारे प्राइम टाइम को और सशक्त बनाएगी।’
अपनी नियुक्ति के बारे में सुचरिता कुकरेती ने कहा, ‘एनडीटीवी इंडिया से जुड़ना मेरे लिए सार्थक पत्रकारिता की ओर लौटने जैसा है। मैं ऐसे संस्थान का हिस्सा बनने को लेकर उत्साहित हूं जो ईमानदारी, गहराई और विचारशील बहसों को महत्व देता है।’
TRAI अब टीवी चैनलों की कीमतों को लेकर नया टैरिफ ऑर्डर लाने जा रही है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारतीय टेलीविजन क्षेत्र के लिए एक बार फिर बड़ा बदलाव आने वाला है। 'स्टोरीबोर्ड18' के मुताबिक, देश की दूरसंचार नियामक संस्था TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) अब टीवी चैनलों की कीमतों को लेकर नया टैरिफ ऑर्डर लाने जा रही है। साल के आखिर तक इस पर परामर्श पत्र (consultation paper) जारी किया जा सकता है। इसका असर देशभर के करोड़ों टीवी दर्शकों पर पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक TRAI ने टीवी इंडस्ट्री के मौजूदा हालात और नई नीति के असर पर विस्तृत अध्ययन पूरा कर लिया है। सूचना-प्रसारण मंत्रालय से भी इस अध्ययन और नए फ्रेमवर्क पर परामर्श की अनुमति मिल चुकी है। अब TRAI जल्द ही "NTO 4.0" पर अपना परामर्श पत्र जारी करेगा, जो उपभोक्ता हितों और प्रसारकों की व्यावसायिक स्थिति के बीच संतुलन बनाने की कोशिश होगी।
जानकारी के अनुसार TRAI ने मौजूदा "NTO 3.0" के असर का भी मूल्यांकन शुरू किया है। इस आकलन का मकसद यह समझना है कि मौजूदा नियमों से उपभोक्ताओं और टीवी उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ा है। इस दौरान चैनलों की कीमतों में कठोरता, चैनल पैकेजिंग, और ओटीटी प्लेटफॉर्म के बढ़ते असर जैसी समस्याओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
NDTV) ने जानकारी दी है कि उसकी चार सहयोगी कंपनियों (NDTV Networks Limited, NDTV Worldwide Limited, NDTV Media Limited और NDTV Labs Limited) का विलय अब आधिकारिक रूप से मंजूर हो गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (NDTV) ने जानकारी दी है कि उसकी चार सहयोगी कंपनियों (NDTV Networks Limited, NDTV Worldwide Limited, NDTV Media Limited और NDTV Labs Limited) का विलय अब आधिकारिक रूप से मंजूर हो गया है।
कंपनी ने बताया कि यह प्रक्रिया कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) के उत्तरी क्षेत्रीय निदेशक के आदेश के तहत पूरी की गई। इस आदेश के बाद एनसीटी दिल्ली और हरियाणा के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनियों ने विलय की फाइलिंग को मंजूरी दे दी है।
एनडीटीवी के अनुसार, यह विलय योजना (Scheme of Amalgamation) 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गई है। इस कदम के बाद अब ये सभी चारों ट्रांसफरर कंपनियां एनडीटीवी (New Delhi Television Limited) में एकीकृत हो गई हैं।
डिजिटल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है और दर्शक अब सिर्फ पे-टीवी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। Ormax Media की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत में कनेक्टेड टीवी (CTV) दर्शकों की संख्या बढ़ी है।
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डिजिटल मीडिया तेजी से बढ़ रहा है और दर्शक अब सिर्फ पे-टीवी पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। Ormax Media की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल भारत में कनेक्टेड टीवी (CTV) दर्शकों की संख्या 85% बढ़कर 1.29 करोड़ (129.2 मिलियन) हो गई है।
CTV ऑडियंस का मतलब
CTV ऑडियंस में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने पिछले एक महीने में कम से कम एक बार CTV डिवाइस पर डिजिटल वीडियो स्ट्रीम किया हो। रिपोर्ट में बताया गया कि छह बड़े मेट्रो शहरों में OTT प्लेटफॉर्म यूजर्स के बीच CTV का इस्तेमाल 50% बढ़ा है। दिल्ली-एनसीआर, कर्नाटक और महाराष्ट्र में CTV की पहुंच सबसे अधिक है।
अब CTV का इस्तेमाल कर रहे हैं 21% OTT दर्शक
देश में कुल 601.2 मिलियन OTT दर्शकों में से 21% अब CTV पर वीडियो स्ट्रीमिंग करते हैं, जो 2024 में सिर्फ 13% था। हालांकि CTV की लोकप्रियता बढ़ रही है, लेकिन ज्यादातर दर्शक पे-स्ट्रीमिंग कंटेंट का इस्तेमाल नहीं कर रहे और केवल मुफ्त कंटेंट स्ट्रीम कर रहे हैं।
CTV बन गया दूसरे नंबर का स्ट्रीमिंग डिवाइस
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में CTV ने लैपटॉप और टैबलेट को पीछे छोड़ दिया है और स्मार्टफोन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला डिवाइस बन गया है।
पुरुष दर्शक बढ़त में
देश के CTV दर्शकों में 61% पुरुष हैं, जबकि पूरे स्ट्रीमिंग सेगमेंट में पुरुष दर्शक 59% हैं।
जी एंटरटेनमेंट के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ने 16 अक्टूबर 2025 को आयोजित कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी के वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही और पहले छमाही के प्रदर्शन पर विस्तार से जानकारी दी।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
जी एंटरटेनमेंट के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका ने 16 अक्टूबर 2025 को आयोजित कॉन्फ्रेंस कॉल में कंपनी के वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही और पहले छमाही के प्रदर्शन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने सभी शेयरधारकों और कर्मचारियों को त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और इस महीने को कई कारणों से विशेष बताया, जिसमें सैटेलाइट टीवी और जी की 33वीं वर्षगांठ भी शामिल है।
पुनीत गोयनका ने कहा कि मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारत की सांस्कृतिक शक्ति के रूप में लगातार बढ़ रही है। इस बीच, जी कंपनी अपने भविष्य के विकास के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि भविष्य के लिए निवेश अक्सर कठिन निर्णय और निरंतर कार्य की मांग करता है।
उन्होंने कहा कि इस तिमाही में कंपनी के प्रदर्शन से यह स्पष्ट होता है कि रणनीतिक निवेश और फैसले व्यवसाय की नींव मजबूत करने और सभी शेयरधारकों के लिए स्थायी मूल्य निर्माण के लिए किए गए हैं। डिजिटल व्यवसाय, खासकर ZEE5 की प्रगति में लगातार सुधार हो रहा है। पिछले तिमाही में सात भाषाओं में पेश किए गए विशेष सब्सक्रिप्शन प्लान ने यूजर्स से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की है, जिससे सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू में बढ़ोतरी हुई है।
पुनीत गोयनका ने कहा कि कंपनी इस हिस्से में आने वाली तिमाहियों में लाभप्रदता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि लीनियर बिजनेस में कंटेंट को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों का असर 18.2% बाजार हिस्सेदारी में देखा गया। जी मीडिया के सात चैनल्स ने अपनी-अपनी मार्केट में लीडरशिप हासिल की। नए शो और लोकप्रिय प्रॉपर्टीज ने व्युअरशिप में बढ़ोतरी की है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कंटेंट की लागत बढ़ी है, लेकिन यह व्युअरशिप और मार्केट शेयर में बढ़ोतरी के संतुलित दृष्टिकोण से देखी जानी चाहिए। नए शो लॉन्च और प्रमोशन खर्च में भी मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन आने वाले समय में ये खर्च स्थिर होंगे और ऐडवर्टाइजिंग व सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू बढ़ाने में मदद करेंगे।
ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू की बात करते हुए पुनीत गोयनका ने कहा कि FMCG कंपनियों द्वारा खर्च बढ़ने के कारण इस तिमाही में ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू में मामूली बढ़ोतरी देखी गई। जीएसटी सुधारों और त्योहारों के मौसम से सकारात्मक रुझान बन रहा है। कंपनी मध्यकाल में ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू की वृद्धि के लिए आशावादी दृष्टिकोण रखती है।
भविष्य के विकास की रणनीति के तहत कंपनी ने शॉर्ट-फॉर्म कंटेंट जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश भी किया है। पुनीत गोयनका ने कहा कि इन व्यवसायों की क्षमता कंपनी के दर्शक आधार को बढ़ाने और मनोरंजन व तकनीक को जोड़ने के अनुभव देने में मदद करेगी। इसके लिए जी ने Ideabaaz Tech Private Limited के साथ साझेदारी की है और नया शो Ideabaaz लॉन्च किया गया है। यह शो देश के स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बढ़ावा देगा।
राज टेलीविजन नेटवर्क (Raj Television Network Limited) से एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल, कंपनी के स्वतंत्र निदेशक डॉ. सुब्रमण्यम एम. बालाजी ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राज टेलीविजन नेटवर्क (Raj Television Network Limited) से एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल, कंपनी के स्वतंत्र निदेशक डॉ. सुब्रमण्यम एम. बालाजी ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की जानकारी कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी है।
डॉ. सुब्रमण्यम बालाजी ने अपने इस्तीफे पत्र में कहा है कि उनका प्रोफेशनल कार्य और व्यस्त कार्यक्रम उन्हें कंपनी के बोर्ड में सक्रिय योगदान देने से रोक रहा है। उन्होंने लिखा, “मेरा पेशा मेरी उपस्थिति और एकाग्रता की मांग करता है, जिसके कारण मैं बोर्ड के कार्यों में अपेक्षित रूप से सहयोग नहीं कर पा रहा हूं।” इस्तीफे में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस निर्णय के पीछे कोई अन्य भौतिक या महत्वपूर्ण कारण नहीं हैं।
प्रसार भारती ने अपने फ्री-टू-एयर डायरेक्ट-टू-होम (DTH) प्लेटफॉर्म DD फ्री डिश पर MPEG-4 स्लॉट्स के 92वें ऑनलाइन ई-ऑक्शन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
प्रसार भारती ने अपने फ्री-टू-एयर डायरेक्ट-टू-होम (DTH) प्लेटफॉर्म DD फ्री डिश पर MPEG-4 स्लॉट्स के 92वें ऑनलाइन ई-ऑक्शन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह ऑक्शन 29 अक्टूबर 2025 को आयोजित की जाएगी। इसके लिए ब्रॉडकास्टर्स को 27 अक्टूबर 2025 दोपहर 3 बजे तक आवेदन, प्रोसेसिंग फीस और जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे।
सफल बोलीदाता चैनलों को 7 नवंबर 2025 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए स्लॉट दिए जाएंगे। चैनलों की प्लेसमेंट को उनके श्रेणी और भाषा के आधार पर अलग-अलग बकेट्स (R1, R2, R3, G1 और G2) में बांटा जाएगा।
इस प्रक्रिया में केवल वे निजी सैटेलाइट टीवी चैनल भाग ले सकेंगे जिनके पास सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB) से मान्य लाइसेंस और डाउनलिंकिंग की अनुमति है। विदेशी ब्रॉडकास्टर्स भी भाग ले सकते हैं, लेकिन उन्हें पहले MIB से मंजूरी लेनी होगी और भारत के प्रसारण नियमों का पालन करना होगा।
प्रसार भारती ने कहा है कि सभी आवेदनों में जानकारी साफ और सटीक होनी चाहिए। चैनल के जॉनर और भाषा वर्गीकरण का स्पष्ट प्रमाण देना जरूरी होगा। यदि किसी आवेदन में अस्पष्ट या गलत जानकारी पाई गई तो उसे तुरंत खारिज किया जा सकता है।
ऑक्शन से जुड़ी विस्तृत गाइडलाइन्स और बकेट दरों की जानकारी प्रसार भारती और DD फ्री डिश की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध कराई गई है।
गुवाहाटी साइबर ब्रांच पुलिस ने 12 जून को आकांक्षा स्वरूप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस केस में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराएं लगाई गई थीं।
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गुवाहाटी हाई कोर्ट ने सीएनएन-न्यूज18 न्यूज एंकर आकांक्षा स्वरूप के खिलाफ दर्ज आपराधिक केस को खारिज कर दिया है। यह मामला उनके उस बयान से जुड़ा था, जिसमें उन्होंने कामाख्या मंदिर में कथित तौर पर मानव बलि की बात का जिक्र किया था।
दरअसल, इस साल मेघालय में इंदौर के बिजनेसमैन राजा रघुवंशी की उनकी पत्नी और उसके बॉयफ्रेंड द्वारा हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आकांक्षा स्वरूप ने पीड़ित के एक रिश्तेदार से इंटरव्यू के दौरान पूछा था, “क्योंकि वे कामाख्या गए थे, जहां बलि या मानव बलि दी जाती है, क्या आपके परिवार को शक है कि यह तांत्रिक हत्या हो सकती है?”
इस बयान के बाद गुवाहाटी साइबर ब्रांच पुलिस ने 12 जून को आकांक्षा स्वरूप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इस केस में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराएं लगाई गई थीं।
आकांक्षा ने इस एफआईआर को चुनौती दी थी। 15 अक्टूबर को जस्टिस शमीमा जहान ने अपने फैसले में कहा कि आकांक्षा स्वरूप की मंशा किसी तरह की नफरत फैलाने या धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की नहीं थी। इसलिए एफआईआर को रद्द किया जाता है।
हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा कि उनका बयान “लापरवाह और गैर-जरूरी” था और सार्वजनिक हस्तियों को इस तरह के विषयों पर बोलने से पहले तथ्यों की पुष्टि करनी चाहिए।
एफआईआर में भारतीय न्याय सहिता की धारा 196(2) (शत्रुता फैलाना), 299 (धार्मिक भावनाएं भड़काने के उद्देश्य से किए गए दुर्भावनापूर्ण कृत्य), और 302 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) लगाई गई थीं।
कोर्ट ने कहा कि ये धाराएं लागू नहीं होतीं क्योंकि आकांक्षा का बयान न तो किसी धार्मिक कार्यक्रम के दौरान दिया गया था और न ही इसका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था।
इसके बजाय, अदालत ने माना कि उनका सवाल मुख्य रूप से राजा रघुवंशी की हत्या की जांच से जुड़ा था।
इस केस में वरिष्ठ वकील के.एन. चौधरी और एस.पी. शर्मा ने आकांक्षा स्वरूप की ओर से पैरवी की, जबकि असम सरकार की तरफ से अतिरिक्त लोक अभियोजक के.के. दास पेश हुए।