गाजा में मीडिया ब्लैकआउट खत्म कराएं- CPJ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से लगाई गुहार

'कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' (CPJ) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इजरायल पर दबाव बनाए ताकि गाजा में पत्रकारों के प्रवेश पर लगी पाबंदी तुरंत हटाई जा सके।

Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
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पत्रकारों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले संगठन 'कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' (CPJ) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह इजरायल पर दबाव बनाए ताकि गाजा में पत्रकारों के प्रवेश पर लगी पाबंदी तुरंत हटाई जा सके। यह अपील ऐसे समय आई है जब इजरायल के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस प्रतिबंध से जुड़ी याचिका पर जवाब देने के लिए 30 दिन का और समय दे दिया है।

इजरायल सरकार ने अदालत से इस रोक की वैधता पर फैसला टालने की मांग की थी। यह सुनवाई साल 2025 में पहले ही तीन बार टाली जा चुकी थी। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को गाजा में प्रवेश से लगातार रोका जा रहा है।

CPJ की सीईओ जोडी गिन्सबर्ग ने कहा, 'दो साल से पत्रकारों को गाजा में स्वतंत्र रूप से रिपोर्टिंग की अनुमति नहीं दी गई है। अब और इंतजार अस्वीकार्य है। हम इजरायली सरकार के और देरी करने के अनुरोध को खारिज करते हैं और मांग करते हैं कि तुरंत और बिना किसी प्रतिबंध के मीडिया को गाजा में प्रवेश दिया जाए। पत्रकारों को अभी गाजा में जाने का अधिकार है, न कि एक महीने बाद। जनता के जानने का अधिकार रोका नहीं जा सकता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस रोक को स्थायी बनने नहीं देना चाहिए।'

सुनवाई के दौरान राज्य के अटॉर्नी ने अदालत में माना कि 'स्थिति बदल गई है,' लेकिन उन्होंने कहा कि सरकार को अपना रुख दोबारा तय करने में एक और महीने का समय चाहिए। उन्होंने बताया कि इजरायल जल्द ही पत्रकारों के लिए सीमित 'आईडीएफ एस्कॉर्ट' यात्राएं शुरू करने की योजना बना रहा है, जो उस 'पीली रेखा' तक होंगी जहां इस महीने की शुरुआत में युद्धविराम के दौरान सेना पीछे हटी थी।

हालांकि, ये एस्कॉर्ट यात्राएं बेहद सीमित और सेना के सख्त नियंत्रण में होती हैं। पत्रकारों को सिर्फ कुछ घंटों के लिए गाजा ले जाया जाता है, खास स्थान दिखाए जाते हैं और उन्हें स्थानीय फिलिस्तीनियों से स्वतंत्र रूप से बात करने की अनुमति नहीं होती। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के विपरीत है, जो स्वतंत्र मीडिया पहुंच को अनिवार्य मानते हैं। सेना के साथ जाने की ऐसी यात्राएं पत्रकारिता की स्वतंत्रता नहीं देतीं, बल्कि उन्हें एक प्रचार उपकरण में बदल देती हैं।

फॉरेन प्रेस एसोसिएशन (FPA) की ओर से याचिका दायर करने वाले वकील गिलियड शेअर (Gilead Sher) ने अदालत में कहा कि इजरायल को कई बार युद्धविराम के दौरान या संघर्ष कम होने पर इस प्रतिबंध की समीक्षा का मौका मिला, लेकिन उसने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दों पर 'कोई तत्परता' नहीं दिखाई है। अब तक केवल आठ FPA पत्रकारों को ही IDF के साथ गाजा ले जाने की अनुमति दी गई है।

CPJ ने 5 अक्टूबर को FPA की दूसरी याचिका के समर्थन में एक एमिकस ब्रीफ (amicus brief) दाखिल किया था, जिसमें गाजा में पत्रकारों के स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रवेश की मांग की गई थी। अदालत ने इस दस्तावेज को स्वीकार कर लिया है और इसे अगली सुनवाई में विचार के लिए रखा जाएगा।

अंत में CPJ ने फिर दोहराया कि इजरायल को पत्रकारों पर लगी रोक तुरंत हटानी चाहिए और एक पारदर्शी व निष्पक्ष प्रणाली बनानी चाहिए ताकि सभी पत्रकार गाजा में सुरक्षित और स्वतंत्र रूप से काम कर सकें। संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर युद्धविराम कराने वाले देशों से अपील की कि गाजा में स्वतंत्र मीडिया की पहुंच सुनिश्चित करना इजरायल के लिए अनिवार्य शर्त होनी चाहिए, बिना सेंसरशिप और बिना डर के।

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TikTok समझौते पर 30 अक्टूबर को ट्रंप कर सकते हैं अंतिम हस्ताक्षर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे टिकटॉक पर अंतिम समझौते पर गुरुवार को हस्ताक्षर कर सकते हैं।

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Tuesday, 28 October, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे टिकटॉक (TikTok) पर अंतिम समझौते पर गुरुवार यानी 30 अक्टूबर को हस्ताक्षर कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें इस सौदे के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से “प्रारंभिक मंजूरी” मिल गई है। ट्रंप इस हफ्ते अपने एशिया दौरे के दौरान दक्षिण कोरिया में शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं।

ट्रंप ने अपने बयान में कनाडा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, “कनाडा लंबे समय से हमारा नुकसान कर रहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मैं कनाडा के प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं करना चाहता।”

ट्रंप यह बयान उस समय दे रहे थे जब वे मलेशिया से जापान की ओर एयर फोर्स वन से यात्रा कर रहे थे। माना जा रहा है कि उनके इस दौरे के दौरान टिकटॉक समझौते और एशियाई व्यापार मुद्दों पर चर्चा मुख्य फोकस में रहेंगे।

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चीन में इन्‍फ्लुएंसर्स पर नकेल, क्रिएटर्स को AI से बने कंटेंट की देनी होगी जानकारी

सोशल मीडिया पर अब असली और नकली में फर्क करना मुश्किल हो गया है- डीपफेक, फर्जी खबरें और नकली आवाजें आम हो चुकी हैं। इसी पर रोक लगाने के लिए चीन सरकार ने इन्फ्लुएंसर्स पर सख्त नियम लागू किए हैं।

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Tuesday, 28 October, 2025
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आज के समय में सोशल मीडिया पर यह समझना मुश्किल हो गया है कि जो कुछ हम देख रहे हैं, वह असली है या नकली। डीपफेक वीडियो, फर्जी खबरें और मशहूर लोगों की नकली आवाजें अब इतनी आम हो गई हैं कि इंटरनेट पर सच्चाई और झूठ में फर्क करना मुश्किल हो गया है।

इसी समस्या पर काबू पाने के लिए चीन सरकार ने अब सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के लिए सख्त नियम लागू किए हैं। नए नियमों के मुताबिक, अब चीन में कोई भी कंटेंट क्रिएटर यदि AI से बना वीडियो या पोस्ट डालता है, तो उसे साफ तौर पर यह लिखना होगा कि उसका कंटेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से तैयार किया गया है। सरकार का कहना है कि इस कदम से फेक न्यूज, कॉपीराइट उल्लंघन और अफवाहों को रोका जा सकेगा।

क्या कहते हैं चीन के नए नियम

चीन की साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (CAC) के मुताबिक, अब कंटेंट बनाने वालों को हर उस पोस्ट या वीडियो पर स्पष्ट जानकारी देनी होगी जिसमें AI का इस्तेमाल हुआ है। इसके अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सर्विस प्रोवाइडर्स को ऐसे सभी कंटेंट का रिकॉर्ड छह महीने तक रखना होगा।

यदि कोई व्यक्ति अपने वीडियो से AI लेबल हटाता है या उसमें छेड़छाड़ करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। CAC ने बताया कि यह नियम उनके नए अभियान “Qinglang” (साफ और उज्जवल इंटरनेट) का हिस्सा है, जिसका मकसद ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को फेक और भ्रामक सामग्री से मुक्त करना है।

दुनिया के दूसरे देशों में क्या हो रहा है

AI के तेजी से फैलाव के बाद इस तरह के नियमों की मांग पूरी दुनिया में बढ़ रही है। यूरोपीय संघ (EU) ने हाल ही में AI एक्ट लागू किया है, जिसमें AI से बने कंटेंट पर स्पष्ट लेबल लगाना जरूरी है। इसी तरह अमेरिका और ब्रिटेन भी इस दिशा में अपने कानून तैयार कर रहे हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ लेबल लगाना काफी नहीं है। उनका मानना है कि लाइव वीडियो, रियल-टाइम वॉइस कॉल और स्ट्रीमिंग कंटेंट में AI की पहचान करना मुश्किल है, क्योंकि वॉटरमार्क या मेटाडेटा को आसानी से बदला या हटाया जा सकता है।

भारत में क्या स्थिति है

भारत में फिलहाल AI से जुड़ा कोई सख्त कानून नहीं है, लेकिन सरकार ने इसके लिए कुछ फ्रेमवर्क जारी किए हैं, जैसे National Strategy for AI (2018), Principles for Responsible AI (2021) और Operationalising Principles for Responsible AI। इनका उद्देश्य जवाबदेह और पारदर्शी AI विकास को बढ़ावा देना है।

भले ये कानून जितने सख्त नहीं हैं, लेकिन इन्हें भारत में AI के जिम्मेदार इस्तेमाल की दिशा में उठाए गए शुरुआती कदमों के तौर पर देखा जा रहा है।

कुल मिलाकर, चीन का यह नया नियम इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाले समय में दुनिया भर में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर AI कंटेंट की पारदर्शिता और जिम्मेदारी को लेकर सख्ती बढ़ने वाली है।

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सोनी ग्रुप ने वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी को खरीदने की दौड़ से किया किनारा

वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी ने अपने लिए नए खरीदार की तलाश कर रही है। लेकिन इस खबर के बीच जापानी कंपनी सोनी ग्रुप ने साफ कर दिया है कि वह इस खरीदारी की दौड़ का हिस्सा नहीं बनेगी।

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Tuesday, 28 October, 2025
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मीडिया व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में बड़ी हलचल तब मच गई, जब वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (Warner Bros. Discovery) ने घोषणा की कि कंपनी अपने लिए नए खरीदार की तलाश कर रही है। लेकिन इस खबर के बीच अब जापानी कंपनी सोनी ग्रुप ने साफ कर दिया है कि वह इस खरीदारी की दौड़ का हिस्सा नहीं बनेगी।

सोनी के सीईओ हिरोकी टोटोकी ने निक्केई एशिया से बातचीत में कहा कि फिलहाल कंपनी अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी किसी बड़ी डील या अधिग्रहण (acquisition) की योजना नहीं बना रही है। उन्होंने कहा कि सोनी का ध्यान इस समय "ग्रोथ मार्केट्स" यानी तेजी से बढ़ते बाजारों पर है, खासतौर पर ऐनिमी प्रॉडक्शन (Anime Production) के क्षेत्र में।

टोटोकी ने बताया कि वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी जैसी कंपनी को खरीदने से अभी सोनी को कोई बड़ा मुनाफा मिलने की संभावना नहीं दिखती। इसके बजाय, कंपनी का फोकस नए बाजारों में मौलिक (original) और रचनात्मक प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने पर है।

उन्होंने कहा, “अमेरिकी फिल्म इंडस्ट्री में इस वक्त बड़े सौदे करने की हमारी कोई इच्छा नहीं है। सिर्फ स्टूडियो जोड़ने से मुनाफा नहीं बढ़ता। सोनी पिक्चर्स एक ऐसा प्लेटफॉर्म नहीं है जहां सिर्फ बड़े आकार से फायदा हो। हम अपनी अलग पहचान बनाकर आगे बढ़ सकते हैं।”

सीईओ टोटोकी ने आगे कहा, “दुनियाभर में ऐनिमी का बाजार अभी तेजी से उभर रहा है और आने वाले समय में यह दो अंकों की दर से बढ़ेगा। हम इसी तरह के ग्रोथ मार्केट्स पर ध्यान दे रहे हैं और ऐसे सहयोगी रिश्ते बनाना चाहते हैं जो मौलिक काम को बढ़ावा दें।”

वहीं, वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी के प्रेजिडेंट व सीईओ डेविड जासलव ने पहले ही बताया था कि कंपनी को दो अलग-अलग संस्थाओं- (वॉर्नर ब्रदर्स और डिस्कवरी ग्लोबल) में बांटने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि बदलते मीडिया परिदृश्य में कंपनी टिक सके।

जासलव ने कहा था, “हमारे पास एक मजबूत पोर्टफोलियो है, और इसका मूल्य अब बाजार में ज्यादा पहचाना जा रहा है। कई कंपनियों से रुचि जताने के बाद हमने अपनी संपत्तियों की वास्तविक क्षमता का पता लगाने के लिए सभी संभावनाओं की समीक्षा शुरू की है।”

रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई सौदा होता है तो इसका असर सिर्फ फिल्मों और टीवी पर ही नहीं बल्कि गेम डेवलपमेंट स्टूडियोज पर भी पड़ेगा। इनमें Batman: Arkham बनाने वाला Rocksteady Studios, Hogwarts Legacy के लिए मशहूर Avalanche Software, और Mortal Kombat तथा Injustice सीरीज बनाने वाला NetherRealm Studios शामिल हैं।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी यह तय नहीं है कि कोई डील वाकई में होगी या नहीं। अंतिम फैसला कंपनी के शेयरधारकों और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी पर निर्भर करेगा।

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सिर्फ 10 महीने में 'X' के विज्ञापन प्रमुख जॉन निट्टी ने छोड़ी कंपनी

एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X (पूर्व में ट्विटर) में बड़े स्तर पर एक और झटका लगा है। कंपनी के विज्ञापन प्रमुख जॉन निट्टी (John Nitti) ने महज 10 महीने बाद ही अपना पद छोड़ दिया है।

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Monday, 27 October, 2025
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एलन मस्क की सोशल मीडिया कंपनी X (पूर्व में ट्विटर) में बड़े स्तर पर एक और झटका लगा है। कंपनी के विज्ञापन प्रमुख जॉन निट्टी (John Nitti) ने महज 10 महीने बाद ही अपना पद छोड़ दिया है।

संभावित CEO उत्तराधिकारी माने जा रहे थे निट्टी

जॉन निट्टी को X में ग्लोबल हेड ऑफ रेवेन्यू ऑपरेशंस और ऐडवर्टाइजिंग इनोवेशन के रूप में नियुक्त किया गया था। कंपनी की पूर्व सीईओ लिंडा याकारिनो के जुलाई में इस्तीफा देने के बाद, निट्टी को उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था।

उनका इस्तीफा मस्क की कंपनी में लगातार हो रहे टॉप लेवल एग्जिक्यूटिव्स के बाहर जाने की कड़ी में एक और नाम जोड़ता है।

कई वरिष्ठ अधिकारी पहले ही छोड़ चुके हैं कंपनी 

निट्टी से पहले, X के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) महमूद रेजा बंकी ने अक्टूबर में इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले, मस्क की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी xAI के CFO और जनरल काउंसिल दोनों ने भी गर्मियों के दौरान पद छोड़ा था।

लगातार हो रहे ये इस्तीफे कंपनी के अंदर बढ़ते असंतोष और अस्थिर माहौल की ओर इशारा करते हैं।

अचानक फैसलों से बढ़ी नाराजगी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई वरिष्ठ अधिकारियों को मस्क की अचानक रणनीतिक बदलावों और एकतरफा फैसलों से नाराजगी है। बताया जा रहा है कि मस्क ने हाल ही में विज्ञापनों से हैशटैग हटाने का निर्णय भी बिना अपनी ऐड टीम से चर्चा किए ले लिया था, जिससे टीम के भीतर असंतोष और बढ़ गया।

विज्ञापन विभाग पर बढ़ा दबाव 

एलन मस्क इन दिनों अपनी कंपनी के AI प्रोजेक्ट्स में अरबों डॉलर झोंक रहे हैं ताकि OpenAI और DeepMind जैसी कंपनियों से मुकाबला कर सकें।

इस बीच, विज्ञापन विभाग पर दबाव लगातार बढ़ रहा है क्योंकि X की ज्यादातर कमाई विज्ञापन से ही होती है। 

हालांकि, 2023 के अंत में मस्क ने कुछ ब्रैंड्स से विवाद के बाद कहा था कि जो नहीं चाहें, वो “Go f* yourself**” कर सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद Disney जैसी बड़ी कंपनियां बाद में प्लेटफॉर्म पर लौट आईं।

फिर भी, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई ब्रैंड्स खुद को मजबूर महसूस करते हैं क्योंकि X ने Shell और Pinterest जैसी कंपनियों पर विज्ञापन बंद करने के आरोप में मुकदमे भी दर्ज किए हैं।

लंबे समय से विज्ञापन जगत में रहे हैं निट्टी 

जॉन निट्टी इससे पहले करीब 9 साल तक Verizon में काम कर चुके हैं और उससे पहले American Express में भी लंबे समय तक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनके जाने से X के विज्ञापन विभाग में एक बार फिर नेतृत्व का खालीपन पैदा हो गया है।

 

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न्यूजीलैंड संसद में किशोरों के लिए सोशल मीडिया बैन पर होगी बहस, लाया जाएगा बिल

न्यूजीलैंड में अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि सरकार 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल सीमित करने वाला बिल संसद में पेश करेगी।

Last Modified:
Friday, 24 October, 2025
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न्यूजीलैंड में अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि सरकार 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया इस्तेमाल सीमित करने वाला बिल संसद में पेश करेगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ऑनलाइन मौजूदगी के दौरान बच्चे किसी तरह के नुकसान से बच सकें।

इस प्रस्तावित कानून के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को उम्र की पुष्टि (age verification) प्रक्रिया लागू करनी होगी। यह ऑस्ट्रेलिया में 2024 में पास हुए दुनिया के पहले किशोर सोशल मीडिया बैन कानून की तरह होगा।

इस बिल को मई में राष्ट्रीय पार्टी की सांसद कैथरीन वेड ने सदन में सदस्य बिल के रूप में पेश किया था। गुरुवार को इसे संसद में पेश करने के लिए चुना गया। हालांकि, राष्ट्रीय पार्टी के सदस्यों ने इसका समर्थन किया है, लेकिन उनके गठबंधन साझेदारों ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया कि वे बिल का समर्थन करेंगे या नहीं।

सदस्यों के बिल किसी भी सांसद द्वारा पेश किए जा सकते हैं जो कैबिनेट में नहीं है। इन्हें एक औपचारिक लॉटरी प्रक्रिया के बाद संसद में पेश किया जाता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि बिल कब संसद में पेश होगा।

न्यूजीलैंड की एक संसदीय समिति सोशल मीडिया के बच्चों पर प्रभाव और सरकार, व्यवसाय एवं समाज की जिम्मेदारियों पर अध्ययन कर रही है। इस समिति की रिपोर्ट 2026 की शुरुआत में आने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने लगातार कहा है कि किशोरों में सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है, जिसमें गलत जानकारी, धमकियां और शरीर की छवि को लेकर नकारात्मक प्रभाव शामिल हैं।

हालांकि, नागरिक स्वतंत्रता संगठन PILLAR ने कहा कि यह बिल बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित नहीं रखेगा। इसके बजाय यह गोपनीयता के गंभीर जोखिम पैदा करेगा और न्यूजीलैंडवासियों की ऑनलाइन आजादी को सीमित करेगा। PILLAR के कार्यकारी निदेशक नाथन सियुली ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के साथ मेल खाना जिम्मेदार दिख सकता है, लेकिन यह नीतिगत दृष्टि से आलसी काम है।”

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ब्रिटेन की टीवी पर पहली बार नजर आयी AI न्यूज एंकर

ब्रिटिश टेलीविजन के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी कार्यक्रम को AI प्रेजेंटर ने होस्ट किया।

Last Modified:
Wednesday, 22 October, 2025
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ब्रिटेन के 'चैनल 4' ने इतिहास रच दिया है। इस टीवी चैनल ने पहली बार अपने एक करंट अफेयर्स प्रोग्राम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एंकर का इस्तेमाल किया। यह एपिसोड सोमवार को प्रसारित हुआ, जिसमें उभरती तकनीकों के असर पर चर्चा की गई।

बताया जा रहा है कि ब्रिटिश टेलीविजन के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी कार्यक्रम को AI प्रेजेंटर ने होस्ट किया। हालांकि, 'चैनल 4' में न्यूज एंड करंट अफेयर्स की हेड लुइसा कॉम्पटन (Louisa Compton) ने साफ किया कि फिलहाल इसे नियमित तौर पर इस्तेमाल करने की कोई योजना नहीं है।

‘डिस्पैचेज’ शो में दिखा AI एंकर

'चैनल 4' के लंबे समय से चल रहे करंट अफेयर्स शो Dispatches के नए एपिसोड में इस AI प्रेजेंटर का इस्तेमाल किया गया। इस फैसले के पीछे मकसद था यह समझना कि डिजिटल युग में भरोसे और असली जानकारी की अहमियत पर AI का क्या असर पड़ रहा है।

कॉम्पटन ने कहा कि 'चैनल 4' हमेशा प्रीमियम और फैक्ट-चेक्ड जर्नलिज्म पर ध्यान देता है, जो काम AI नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रयोग दिखाता है कि AI तकनीक कितनी ‘डिसरप्टिव’ हो सकती है और कैसे यह बिना जांचे-परखे कंटेंट से दर्शकों को भ्रमित कर सकती है।

विभिन्न इंडस्ट्रीज में AI के असर पर केंद्रित रहा एपिसोड

एपिसोड का नाम था 'Will AI Take My Job?' यानी 'क्या AI मेरी नौकरी ले लेगा?' इसमें लॉ, म्यूजिक, फैशन और मेडिकल जैसे कई इंडस्ट्रीज पर AI के प्रभाव की पड़ताल की गई। कार्यक्रम के आखिर में यह खुलासा किया गया कि शो की एंकर ‘आइशा गबान’ (Aisha Gaban) असल में एक इंसान नहीं, बल्कि पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा बनाई गई AI होस्ट थी।

उन्होंने खुद दर्शकों से कहा, 'आपमें से कुछ ने शायद अंदाजा लगाया होगा कि मैं असल में मौजूद नहीं हूं। मैं इस स्टोरी को कवर करने के लिए कहीं नहीं गई थी। मेरी आवाज और चेहरा, दोनों AI की मदद से तैयार किए गए हैं।'

AI एंकर का इस्तेमाल नया नहीं

शो में यह भी बताया गया कि ब्रिटेन के करीब तीन-चौथाई बॉस अब अपने दफ्तरों में ऐसे कामों के लिए AI टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जो पहले इंसान किया करते थे। वैसे टीवी पर AI प्रेजेंटर का इस्तेमाल पहली बार नहीं हुआ है। चीन और भारत जैसे देशों में इसका इस्तेमाल हो रहा है। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी Xinhua ने साल 2018 में एक डिजिटल न्यूज एंकर पेश किया था, जो उनके असली एंकर की AI प्रतिकृति थी और उसी की तरह खबरें पढ़ता था। वहीं भारत में भी कई न्यूज चैनल्स पर इस तरह AI न्यूज एंकर ने खबरें पढ़ी हैं।  

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मशहूर खोजी पत्रकार के घर के बाहर बम धमाका, प्रधानमंत्री ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इटली के शीर्ष खोजी पत्रकारों में से एक सिगफ्रीडो रानूची (Sigfrido Ranucci) के घर के बाहर गुरुवार देर रात बम धमाका हुआ।

Last Modified:
Saturday, 18 October, 2025
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इटली के शीर्ष खोजी पत्रकारों में से एक सिगफ्रीडो रानूची (Sigfrido Ranucci) के घर के बाहर गुरुवार देर रात बम धमाका हुआ। इस धमाके में उनके परिवार की दो कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। घटना के बाद पत्रकारों और नेताओं ने रानूची के समर्थन में एकजुटता जताई है।

सिगफ्रीडो रानूची, जो सरकारी चैनल RAI के साप्ताहिक खोजी शो 'Report' के एंकर हैं, लंबे समय से पुलिस सुरक्षा में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें और उनके न्यूज रूम को लगातार धमकियां मिलती रहती हैं, जिनमें गोलियां भेजना भी शामिल है।

रानूची ने बताया कि लगभग एक किलो वजनी बम उनके घर के बाहर गेट के पास लगाया गया था। यह इलाका कैंपो अस्कोलानो (Campo Ascolano) है, जो रोम से करीब 30 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। धमाका रात 10:17 बजे हुआ, यानी लगभग 20 मिनट बाद जब वे घर लौटे थे। विस्फोट में उनकी और उनकी बेटी की कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

रानूची ने कहा, 'सौभाग्य से कोई घायल नहीं हुआ। बस काफी तेज झटका महसूस हुआ।'

इतालवी न्यूज एजेंसी ANSA के मुताबिक, इस मामले में माफिया जैसी कार्यशैली अपनाने के आरोपों के साथ आपराधिक क्षति के मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

इस सप्ताह की शुरुआत में पत्रकार संगठन FNSI ने बताया था कि 2025 की पहली छमाही में 81 पत्रकारों को धमकी या हिंसा का सामना करना पड़ा, जिनमें 16 मामलों में शारीरिक हमले शामिल थे। यह संख्या 2024 की इसी अवधि में दर्ज 46 मामलों से कहीं ज्यादा है।

प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि 'यह एक गंभीर धमकी की घटना है। सूचना की स्वतंत्रता और निष्पक्षता हमारे लोकतंत्र की मूल आत्मा है, और हम इसकी रक्षा करते रहेंगे।'

गृह मंत्री माटेयो पियांटेदोसी (Matteo Piantedosi) ने घोषणा की कि रानूची की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और उन्हें एक बख्तरबंद (armoured) कार भी दी जाएगी।

अंतरराष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (International Federation of Journalists) ने इस बम हमले को 'बेहद चिंताजनक' बताया, क्योंकि यह माल्टा में भ्रष्टाचार विरोधी पत्रकार डेफनी कारोआना गलीजिया (Daphne Caruana Galizia) की हत्या की बरसी के आसपास हुआ है। संगठन ने कहा, 'हम इस हमले की सख्त निंदा करते हैं। यह मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। हम मांग करते हैं कि पूरी जांच कर अपराधियों को सजा दी जाए।'

'Report' कार्यक्रम, जो इटली का सबसे प्रसिद्ध खोजी शो माना जाता है, अक्सर सरकार की नीतियों पर तीखे सवाल उठाता रहा है। शो पर प्रधानमंत्री मेलोनी के कई सहयोगियों — जिनमें वित्त मंत्री जियानकार्लो जियोर्जेटी, उद्योग मंत्री अडोल्फो उर्सो और उनके चीफ ऑफ स्टाफ गैटानो कापुती शामिल हैं, ने पहले मुकदमे भी दायर किए थे।



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पेंटागन की नई मीडिया पॉलिसी पर पत्रकारों का विरोध, लौटाए प्रेस पास, छोड़ा कार्यस्थल

इस पॉलिसी का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना बताया गया है, लेकिन पत्रकारों और मीडिया संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए विरोध जताया है।

Last Modified:
Thursday, 16 October, 2025
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अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने हाल ही में पत्रकारों के लिए एक नई मीडिया पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत उन्हें बिना अनुमति के कोई भी जानकारी प्रकाशित नहीं करने की शपथ लेनी होगी और पेंटागन में उनकी गतिविधियां सिर्फ कुछ निर्धारित क्षेत्रों तक सीमित रहेंगी, जब तक कि वे किसी अधिकारी के साथ न हों।

 इस पॉलिसी का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखना बताया गया है, लेकिन पत्रकारों और मीडिया संगठनों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए विरोध जताया है।

न्यूयॉर्क टाइम्स, एसोसिएटेड प्रेस, रॉयटर्स, सीबीएस न्यूज, फॉक्स न्यूज, और द वॉशिंगटन पोस्ट जैसे प्रमुख मीडिया संगठनों ने इस पॉलिसी पर आपत्ति जताई है। इनका कहना है कि यह पॉलिसी पत्रकारों को बिना अनुमति के कोई भी जानकारी प्रकाशित करने से रोकती है, जिससे स्वतंत्र पत्रकारिता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

पत्रकारों की प्रतिक्रिया

पत्रकारों ने इस पॉलिसी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए पेंटागन से अपनी प्रेस पास लौटा दी है और कार्यस्थल छोड़ दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी रिपोर्टिंग जारी रखेंगे, लेकिन अब उन्हें पेंटागन के अंदर से रिपोर्टिंग करने की अनुमति नहीं होगी। पत्रकारों का कहना है कि यह पॉलिसी प्रेस स्वतंत्रता और स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए खतरा है।   

पेंटागन का पक्ष

पेंटागन के प्रवक्ता शॉन पार्नेल ने इस पॉलिसी का बचाव करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारों को केवल यह स्वीकार करना होगा कि वे पॉलिसी को समझते हैं, न कि उस पर सहमति जतानी होगी। 

हालांकि, आलोचकों का कहना है कि यह पॉलिसी पत्रकारों को अपनी स्वतंत्रता से वंचित करती है और सरकार द्वारा नियंत्रित जानकारी के प्रसार को बढ़ावा देती है। इस विरोध के बावजूद, पेंटागन ने कहा था कि मंगलवार शाम 5 बजे तक पत्रकारों को इस पॉलिसी को स्वीकार करना होगा, अन्यथा उन्हें अपने प्रेस बैज लौटाने होंगे और कार्यस्थल छोड़ना होगा। इस अल्टीमेटम के बाद कम से कम 30 प्रमुख मीडिया संगठनों ने इस पॉलिसी को अस्वीकार कर दिया है। 

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महिला पत्रकार से बोले ट्रंप- 'फेक न्यूज' है तुम्हारी संस्था, नहीं दिया सवालों का जवाब

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर आयोजित प्रेस सेशन के दौरान Politico की महिला पत्रकार दशा बर्न्स (Dasha Burns) के सवालों का उत्तर नहीं दिया

Last Modified:
Tuesday, 14 October, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर आयोजित प्रेस सेशन के दौरान Politico की महिला पत्रकार दशा बर्न्स (Dasha Burns) के सवालों का उत्तर नहीं दिया और उनकी कंपनी को “फेक न्यूज” कहकर खारिज कर दिया।

ट्रंप उस समय तेल अवीव जा रहे थे, ताकि इजरायल और हमास के बीच शांति समझौते के पहले चरण की निगरानी कर सकें। प्रेस सेशन लगभग 25 मिनट तक चला, जिसमें मध्य पूर्व की स्थिति से लेकर संभावित सरकार बंद होने तक के सवाल उठाए गए।

हालांकि, मामला तब बदल गया जब दशा बर्न्स ने चीन पर हाल ही में लगाए गए टैरिफ के बारे में सवाल पूछना शुरू किया। जब उन्होंने 100% टैरिफ के प्रस्ताव के बारे में पूछा, ट्रंप ने हंसते हुए कहा, “वाह, तुम बहुत सवाल पूछती हो। तुम किसके साथ हो?” जब बर्न्स ने खुद को Politico की रिपोर्टर बताया, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “Politico खराब हो गया है। उन्होंने हर चीज में गलती की है!” इसके बाद उन्होंने उनके सवाल बंद करवा दिए और कहा, “कृपया कोई और सवाल पूछे, क्योंकि Politico फेक न्यूज है।”

दशा बर्न्स पहले NBC News की राष्ट्रीय संवाददाता रह चुकी हैं और अब Politico की व्हाइट हाउस ब्यूरो चीफ हैं। वे ट्रंप से नए टैरिफ के संभावित आर्थिक प्रभावों पर सवाल कर रही थीं, लेकिन ट्रंप ने इसे चीन के दुर्लभ धातु निर्यात प्रतिबंधों का जवाब बताया और कहा कि यह उनकी पहल नहीं थी।

साथ ही, ट्रंप ने इजरायल में हमास द्वारा बंदी बनाए गए 20 अगवा लोगों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि बंदी जल्दी ही रिहा किए जा सकते हैं और उनकी परिस्थितियां काफी कठिन रही हैं। यह रिहाई उस बड़े समझौते का हिस्सा है, जिसमें हमास लगभग 2,000 फिलस्तीनी कैदियों के बदले 20 बंदियों को छोड़ने की योजना बना रहा है।

नेटिजन्स ने ट्रंप की प्रतिक्रिया पर प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा, “यही वह हमेशा करता है।” एक अन्य ने कहा, “यदि वह सवालों का जवाब नहीं देता, तो जवाब देने की जरूरत नहीं।” कई ने कहा कि केवल तभी फेक न्यूज होती है जब रिपोर्ट उसके मनमाने अनुसार न हो।

इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि ट्रंप प्रेस से सवाल पूछने वाले पत्रकारों के प्रति अक्सर सीधे और विवादास्पद रवैया अपनाते हैं।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बेटे बैरन ट्रम्प को TikTok में मिल सकता है बड़ा पद

जब यह प्लेटफॉर्म अमेरिकी नियंत्रण में आएगा, तो बैरन ट्रम्प को इसमें प्रमुख भूमिका देने पर विचार किया जा रहा है।

Last Modified:
Saturday, 11 October, 2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के छोटे बेटे बैरन ट्रम्प को अब TikTok में एक बड़ा पद देने पर विचार किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, जब यह प्लेटफॉर्म अमेरिकी नियंत्रण में आएगा, तो बैरन ट्रम्प को इसमें प्रमुख भूमिका देने पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी राष्ट्रपति के पूर्व सोशल मीडिया मैनेजर Jake Advent ने दी। वैसे बता दें कि बैरन ट्रम्प को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और युवा मतदाताओं के बीच कनेक्शन बनाने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है। 

Jake Advent, जिन्हें राष्ट्रपति प्यार से “TikTok Jack” कहते हैं, ने Daily Mail को बताया, “मुझे उम्मीद है कि राष्ट्रपति ट्रम्प अपने बेटे बैरन और अन्य युवा अमेरिकियों को TikTok के बोर्ड में शामिल करेंगे, ताकि यह ऐप युवाओं के लिए आकर्षक बना रहे।”

बैरन ने चुनाव में कैसे की मदद 

2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के दौरान, बैरन ट्रम्प ने अपने पिता के चुनाव अभियान में पॉडकास्ट सलाहकार के रूप में काम किया। उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प का कैंपेन टीवी से पॉडकास्ट-केंद्रित रणनीति की ओर मोड़ा, जिससे युवा दर्शकों तक उनकी पहुंच बढ़ी।

ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकार Jason Miller ने बैरन की तारीफ करते हुए कहा, “इस युवा की हर सिफारिश ने इंटरनेट पर धमाल मचा दिया। उन्हें सलाम।”

TikTok अब अमेरिकी नियंत्रण में

सितंबर के अंत में, डोनाल्ड ट्रम्प ने एक आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया कि उनकी योजना TikTok के अमेरिकी संचालन को अमेरिकी और वैश्विक निवेशकों को बेचने की, 2024 के कानून में तय राष्ट्रीय सुरक्षा नियमों के अनुसार होगी। हालांकि अब तक यह एक चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व में थी।

ट्रम्प ने प्लेटफॉर्म पर लौटते हुए घोषणा की, “TikTok के सभी युवाओं, मैंने TikTok को बचाया है, इसलिए आप मेरा आभार व्यक्त कर सकते हैं। अब आप मुझे ओवल ऑफिस में देख रहे हैं और किसी दिन आप में से कोई इसी डेस्क पर बैठने वाला है और आप भी बेहतरीन काम करेंगे।”

अमेरिकी सरकार के आदेश के अनुसार, टिकटॉक का अमेरिकी ऐप अब एक नई अमेरिकी कंपनी द्वारा संचालित होगा। इस कंपनी का अधिकांश हिस्सा और नियंत्रण अमेरिकी लोगों के पास होगा।  ओरेकल, सिल्वर लेक और कुछ अन्य अमेरिकी निवेशक इस नई कंपनी में बहुमत हिस्सेदारी रखेंगे। इसमें यह भी कहा गया कि टिकटॉक की चीनी मालिक कंपनी बाइटडांस इस संस्था में 20 प्रतिशत से कम हिस्सेदारी रखेगी। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने घोषणा की थी कि टिकटॉक यूएस का मूल्य 14 बिलियन डॉलर होगा।

उन्होंने कहा था कि हम टिकटॉक को अमेरिका में चलाने की अनुमति देना चाहते थे, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहते थे कि अमेरिकी नागरिकों की डेटा गोपनीयता कानून के अनुसार सुरक्षित रहे। इस समझौते से अमेरिकी लोग टिकटॉक का उपयोग अधिक भरोसे के साथ कर सकेंगे, क्योंकि उनका डेटा सुरक्षित रहेगा और इसे प्रचार के हथियार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

वेंस ने इस बात पर भी जोर दिया था कि टिकटॉक के एल्गोरिदम का नियंत्रण अमेरिकी निवेशकों के पास रहेगा।

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