एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने एक बयान जारी कर 'द वायर' के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और सलाहकार संपादक करण थापर को असम पुलिस द्वारा समन किए जाने पर चिंता व्यक्त की है
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) ने एक बयान जारी कर 'द वायर' के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और सलाहकार संपादक करण थापर को असम पुलिस द्वारा समन किए जाने पर चिंता व्यक्त की है। यह कार्रवाई उस एफआईआर के बाद हुई है जिसमें उन पर भारत की संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है।
EGI ने अपने बयान में कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि हाल की एफआईआर उसी लेख से जुड़ी है या नहीं, जिसमें कथित तौर पर सरकार की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहल की आलोचना की गई थी। यह एफआईआर मरीगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है और इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 का हवाला दिया गया है, जो राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों से संबंधित है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, वरदराजन और थापर दोनों को 22 अगस्त को गुवाहाटी के पानबाजार स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। यह घटना कुछ ही दिन बाद आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने वरदराजन और अन्य को द वायर में प्रकाशित एक लेख से जुड़ी एक पूर्व एफआईआर में किसी भी ‘जबरन कार्रवाई’ से सुरक्षा प्रदान की थी।
EGI ने राज्यों में पत्रकारों के खिलाफ कई आपराधिक धाराओं का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति की कड़ी आलोचना की। बयान में कहा गया, “एडिटर्स गिल्ड इस निरंतर चल रही प्रवृत्ति से बेहद चिंतित है, जिसमें राज्यभर की कानून प्रवर्तन एजेंसियां पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक संहिता की कई धाराओं का उपयोग करते हुए एफआईआर दर्ज कर रही हैं। यह प्रथा स्वतंत्र पत्रकारिता को दबा देती है, क्योंकि नोटिसों, समन और लंबे न्यायिक प्रक्रियाओं का सामना करना ही अपने आप में सज़ा बन जाता है।”
EGI Statement on FIRs and Summons Issued to Siddharth Varadarajan and Karan Thapar pic.twitter.com/tWNDhzM0R5
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) August 19, 2025
एडिटर्स गिल्ड ने असम पुलिस से अपील की कि वह ऐसे किसी भी कदम से बचे जो मीडिया को डराने या दबाने के रूप में देखा जा सकता हो।
अनंत गोयनका का रास्ता शुरू से ही उनकी बेचैन जिज्ञासा और कहानी कहने के प्रेम से चिह्नित था। यही जिज्ञासा उन्हें समुद्र पार यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के एनेनबर्ग स्कूल फॉर जर्नलिज्म तक ले
अनंत गोयनका : विरासत, नेतृत्व और पत्रकारिता का भविष्य
कुछ विरासतें बोझिल लगती हैं, तो कुछ प्रेरणा देती हैं। 'दि इंडियन एक्सप्रेस' ग्रुप के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अनंत गोयनका के लिए यह विरासत दोनों का संगम रही- एक ऐसा प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थान, जिसकी नींव निष्पक्षता, सटीकता और साहस पर टिकी है और साथ ही उसे डिजिटल युग की बदलती धाराओं में आगे ले जाने की चुनौती भी रही।
आज, जब वे अपना जन्मदिन मना रहे हैं, उनकी यात्रा किसी पदों और उपलब्धियों की गिनती जैसी नहीं, बल्कि, विश्वास और निरंतरता की एक जीवंत कहानी जैसी लगती है, जहां परंपरा और आधुनिकता साथ-साथ कदम मिलाकर चलती हैं।
गोयनका का रास्ता शुरू से ही उनकी बेचैन जिज्ञासा और कहानी कहने के प्रेम से चिह्नित था। यही जिज्ञासा उन्हें समुद्र पार यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के एनेनबर्ग स्कूल फॉर जर्नलिज्म तक ले गई, जहां उन्होंने प्रिंट जर्नलिज्म में मास्टर्स किया और डीन की स्कॉलरशिप पाई। उस समय जब प्रिंट को पहले ही अप्रासंगिक घोषित किया जा रहा था और डिजिटल खबरों को पूरी तरह निगलने की धमकी दे रहा था, उन्होंने शब्दों, पन्नों और सुर्खियों की कला में पूरी तरह खुद को डुबोने का रास्ता चुना। उनका नेतृत्व इस विरोधाभास से बना कि वे परंपरागत मूल्यों को भी महत्व देते थे और साथ ही भविष्य की नई दिशा को भी साफ नजर से देखते और अपनाते थे।
जब वे परिवार की 85 साल पुरानी पब्लिशिंग विरासत की बागडोर संभालने लौटे, तो भारतीय मीडिया परिदृश्य बदल रहा था। ऑनलाइन स्पेस तथाकथित रिपोर्टिंग के नाम पर एडवोकेसी से भर गया था और ‘क्लिकबेट’ तेजी से विश्वसनीयता की जगह ले रहा था। हालात चाहे जैसे रहे हों, गोयनका ने ठहराव और संतुलन बनाए रखा।
उनकी देखरेख में, दि इंडियन एक्सप्रेस दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल न्यूज मीडिया समूहों में से एक के रूप में विस्तारित हुआ, जो हर महीने 200 मिलियन से अधिक यूनिक यूजर्स तक, कई भौगोलिक क्षेत्रों में पहुंचता है।गोयनका ने डिजिटल को सिर्फ एक और प्लेटफॉर्म नहीं माना, बल्कि उसे एक्सप्रेस ग्रुप की आगे बढ़ने और मजबूत बनने की ताकत बनाया। यानी डिजिटल उनके लिए सिर्फ सहायक हिस्सा नहीं था, बल्कि पूरे ग्रुप को भविष्य में ले जाने वाला भरोसेमंद आधार बना।
साथ ही, उन्होंने यह भी ध्यान रखा कि डिजिटल पर फोकस बढ़ाने के बावजूद, इंडियन एक्सप्रेस की पहचान यानी खोजी पत्रकारिता (investigative journalism) कभी कमजोर न हो। इंडियन एक्सप्रेस की टीम ने उनके नेतृत्व में कई बड़ी-बड़ी खोजी रिपोर्टें कीं। जैसे– पनामा पेपर्स से लेकर वीडियोकॉन-ICICI खुलासों तक, वॉट्सऐप लिंचिंग्स के दस्तावेजीकरण से लेकर भारत के इंजीनियरिंग कॉलेजों के खोखलेपन को उजागर करने तक।गोयनका की अगुवाई में एक्सप्रेस न्यूज रूम ने लगातार लोगों में बहस छेड़ी और नीति-निर्माताओं को झकझोरा है और जनचर्चा को आकार दिया है। हर कहानी इस बात की याद दिलाती है कि पत्रकारिता, अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में, ध्यान आकर्षित करने का व्यवसाय नहीं बल्कि जवाबदेही का उद्यम है।
लेकिन गोयनका का योगदान बोर्डरूम या स्ट्रैटेजी डॉक्यूमेंट तक सीमित नहीं है। उन्होंने अपनी एक अलग आवाज भी बनाई है। पंजाब में नशे की बुराई पर, भारत-पाक सीमा पर होने वाले परेड के तमाशे पर और ध्रुवीकृत माहौल में मीडिया के बंटे भविष्य पर उनके लेख न्यूजरूम की दीवारों से परे गूंजे हैं। ये सिर्फ एक प्रकाशक को नहीं, बल्कि एक ऐसे लेखक को उजागर करते हैं जो अपने समय से सीधे संवाद करने में विश्वास करता है।
जब किसी काम में अच्छा मकसद और अच्छा प्रदर्शन मिल जाते हैं, तो सम्मान और पहचान अपने आप मिलती है। उन्हें भी यही पहचान और पुरस्कार मिले। लेकिन इन सब प्रशंसाओं के पीछे वह इंसान है जो मजाकिया अंदाज में मानता है कि वह बहुत बुरा ड्रमर है। उसे असली खुशी जैज संगीत, हवाई जहाजों की उड़ानें देखने और मोटरस्पोर्ट्स के इंजनों की आवाज में मिलती है।
एक्सप्रेस से पहले, गोयनका ने अपना शुरुआती अनुभव स्पेंटा मल्टीमीडिया और यूके में ब्लूमबर्ग की कमर्शियल टीम के साथ काम करके हासिल किया। आज ये अनुभव भले ही छोटे लगें, लेकिन इन्हीं ने उन्हें शुरुआत में काम करने की कला, बिजनेस की समझ और वैश्विक दृष्टिकोण दिया, जो आगे चलकर उनके करियर में बेहद काम आया।
जन्मदिन अकसर इंसान को सोचने पर मजबूर करते हैं और अनंत गोयनका की कहानी हमें ये सिखाती है कि भारत में पत्रकारिता का भविष्य सिर्फ दो चीजों में से चुनना नहीं है, न ही ये सिर्फ वायरल कंटेंट की खोखली दौड़ है और न ही सिर्फ प्रिंट मीडिया की पुरानी यादों में जीना है। बल्कि जैसा उन्होंने दिखाया है, असली रास्ता वही है जहां ईमानदारी आधार बनती है और इनोवेशन नाव की पतवार।
आज जब डिजिटल मीडिया तेजी से बढ़ रही है और पत्रकारिता पर सवाल भी उठ रहे हैं, फिर भी समाज इसके बिना नहीं रह सकता। ऐसे समय में अनंत गोयनका ये याद दिलाते हैं कि पत्रकारिता में नेतृत्व का मतलब शोर मचाना नहीं है, बल्कि साफगोई लाना है; ट्रेंड्स के पीछे भागना नहीं है, बल्कि समाज के सामने सच्चाई का आईना मजबूती से पकड़े रहना है।
उन्होंने कुछ दिनों पूर्व यहां पर कार्यभार भी संभाल लिया है। ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ से पहले अभिषेक पुरोहित ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह के साथ बतौर मार्केटिंग मैनेजर जुड़े हुए थे।
उत्तर भारत के प्रमुख न्यूज चैनल्स में शामिल ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ (Living India News) ने अभिषेक पुरोहित को मार्केटिंग हेड के पद पर नियुक्त किया है। उन्होंने कुछ दिनों पूर्व यहां पर कार्यभार भी संभाल लिया है।
‘लिविंग इंडिया न्यूज’ से पहले अभिषेक पुरोहित ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह के साथ बतौर मार्केटिंग मैनेजर जुड़े हुए थे। इस समूह के साथ उनकी यह दूसरी पारी थी। अभिषेक पुरोहित को मीडिया और मार्केटिंग इंडस्ट्री में काम करने का 15 साल से ज्यादा अनुभव है। इस दौरान उन्होंने टीवी, प्रिंट और रेडियो इंडस्ट्री में विभिन्न भूमिकाएं निभाई हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में अभिषेक पुरोहित ने बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2009 में ‘दैनिक भास्कर’ समूह से सीनियर एग्जिक्यूटिव के रूप में की थी।
इसके अलावा पूर्व में वह ‘जी मीडिया’ और 94.3 MY FM Radio जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इस दौरान उन्होंने ब्रैंड क्रिएशन, मार्केटिंग स्ट्रैटेजी और ग्रोथ को बढ़ाने में अहम योगदान दिया है।
समाचार4मीडिया की ओर से अभिषेक पुरोहित को ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
'टाइम्स नेटवर्क' में वह डिजिटल हिंदी वीडियो क्लस्टर के हेड के तौर पर कई यूट्यूब चैनल्स की कमान संभाल रहे थे।
वरिष्ठ पत्रकार मुनीष देवगन ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) से विदाई ली है। मुनीष देवगन ‘टाइम्स नेटवर्क’ में करीब चार साल से कार्यरत थे। यहां डिजिटल हिंदी वीडियो क्लस्टर के हेड के तौर पर वह कई यूट्यूब चैनल्स की कमान संभाल रहे थे। माना जा रहा है कि मुनीष देवगन जल्द ही ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की डिजिटल टीम में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, फिलहाल इस बारे में न तो एनडीटीवी और न ही मुनीष देवगन की ओर से आधिकारिक रूप से पुष्टि हो पाई है।
टाइम्स नेटवर्क की ओर से जारी एक इंटरनल ईमेल में मुनीष देवगन को टाइम्स डिजिटल को टॉप पर ले जाने के लिए आभार व्यक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में Times Now Navbharat यूट्यूब पर महीनों तक नंबर 1 चैनल बना रहा।
इस दौरान उन्होंने अलग-अलग डिजिटल शोज के लिए 20 से अधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार भी जीते। मुनीष ने खुद कई ओरिजिनल और प्रभावशाली कंटेंट तैयार किए, जिन्हें करोड़ों लोगों ने देखा और सराहा।
इस साल महाकुंभ पर उनकी विशेष कवरेज बेहद सफल रही। इससे पहले भी वे कई ओरिजिनल स्पेशल शूट्स और स्टोरीज के लिए जाने जाते रहे हैं। उनका माफिया सीरीज़, क से कहानी और डिजिटल टॉक जैसे शोज दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रहे और करोड़ों व्यूज प्राप्त हुए।
मूल रूप से अमृतसर के रहने वाले मुनीष देवगन को मीडिया में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। धैर्य और मल्टीटास्किंग के लिए पहचाने जाने वाले मुनीष देवगन ‘टाइम्स नेटवर्क’ से पहले करीब 15 साल तक ‘आजतक’ में विभिन्न विभागों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। सबसे अलग और हटकर स्टोरी के लिए मुनीष देवगन जाने जाते हैं, जैसे तिहाड़ जेल में 24 घंटे, जीबी रोड में एक दिन जैसे कई सुपरहिट शो उन्होंने बनाए। मुनीष देवगन को उनके नए सफर के लिए अग्रिम रूप से बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।
माना जा रहा है कि वह जल्द ही एक अन्य बड़े मीडिया संस्थान के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकती हैं।
अपनी बेहतरीन पेशकश, शानदार आवाज़ और अनोखी शैली के लिए पहचानी जाने वाली सीनियर न्यूज एंकर मारिया शकील ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) समूह में अपनी पारी को विराम दे दिया है। मारिया शकील ने अगस्त 2023 में ‘एनडीटीवी’ समूह के अंग्रेजी न्यूज चैनल NDTV 24x7 में बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर (नेशनल अफेयर्स) जॉइन किया था।
मारिया शकील का अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। माना जा रहा है कि वह जल्द ही एक अन्य बड़े मीडिया संस्थान के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत कर सकती हैं।
बता दें कि समाचार4मीडिया ने आज ही एक खबर दी थी, जिसमें मीडिया गलियारों में चर्चा का हवाला देते हुए कहा गया था कि क्या मारिया शकील 'एनडीटीवी' छोड़ रही हैं? लेकिन अब इस खबर पर आधिकारिक रूप से मुहर लग गई है।
यह भी पढ़ें: क्या ‘NDTV’ छोड़ रही हैं सीनियर टीवी जर्नलिस्ट मारिया शकील?
बता दें कि ‘एनडीटीवी’ से पहले वह करीब 18 साल तक CNN-News18 से जुड़ी रहीं और वहां सीनियर पॉलिटिकल एडिटर एवं स्पेशल ब्यूरो चीफ की जिम्मेदारी संभाली। 2005 में वहीं से करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने देश की बड़ी राजनीतिक घटनाओं की फ्रंटलाइन कवरेज की और तमाम दिग्गज नेताओं के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू किए।
पत्रकारिता में उल्लेखनीय योगदान के लिए मारिया शकील को ‘रामनाथ गोयनका’ अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनके शो ‘NewsEpicentre’ को प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। वर्ष 2016 में वह शेवेनिंग साउथ एशिया जर्नलिज्म फेलोशिप भी जीत चुकी हैं।
मूल रूप से बिहार की रहने वाली मारिया शकील ने दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
वरुण कोहली के इस कदम के बाद टाइम्स ग्रुप में सीईओ (एंटरटेनमेंट और डिजिटल बिजनेस) रोहित गोपाकुमार अब न्यूज ब्रॉडकास्टिंग वर्टिकल का अतिरिक्त अंतरिम प्रभार भी संभालेंगे।
देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) में सीओओ (न्यूज ब्रॉडकास्ट बिजनेस) के पद पर कार्यरत वरुण कोहली ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पिछले साल जून में इस नेटवर्क में जॉइन किया था। वरुण कोहली के इस कदम के बाद टाइम्स ग्रुप में सीईओ (एंटरटेनमेंट और डिजिटल बिजनेस) रोहित गोपाकुमार अब न्यूज ब्रॉडकास्टिंग वर्टिकल का अतिरिक्त अंतरिम प्रभार भी संभालेंगे।
बता दें कि ‘टाइम्स नेटवर्क’ में अपने करीब साढ़े 13 महीने के कार्यकाल में वरुण कोहली ने यहां अहम ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभाली। स्ट्रैटेजी, लीडरशिप, जनप्रबंधन, सेल्स और मार्केटिंग में तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले कोहली को ‘हैंड्स-ऑन’ प्रोफेशनल माना जाता है। उन्हें कई ब्रैंड्स लॉन्च करने और उन्हें लाभदायक बनाने के साथ-साथ संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और टीम को बेहतर दिशा देने का श्रेय दिया जाता है।
वरुण कोहली इससे पहले ‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) में डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। अब तक कई बड़े संस्थानों में महत्वपूर्ण पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके वरुण कोहली को करीब 30 साल का अनुभव है। पूर्व में वह आईटीवी नेटवर्क में करीब आठ साल तक कार्यरत रहे हैं। वरुण कोहली बतौर सीओओ और रेवेन्यू हेड आईटीवी नेटवर्क से जुड़े थे, इसके बाद उन्हें यहां पहले सीईओ और फिर ग्रुप सीईओ की जिम्मेदारी मिली थी।
‘आईटीवी नेटवर्क’ से पहले वरुण कोहली ‘टीवी18’ में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट थे और ‘आईबीएन7’ (अब न्यूज18 इंडिया) के रेवेन्यू की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसके अलावा वरुण कोहली ‘डीएनए’ अखबार, Mogae Media, ‘मेल टुडे’ अखबार, हिन्दुस्तान टाइम्स, अमर उजाला, डेक्कन क्रॉनिकल और ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ में भी अहम पदों पर अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
कोहली का नाम प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कई हाई-प्रोफाइल लॉन्चिंग और टर्नअराउंड प्रोजेक्ट्स से जुड़ा रहा है। उन्होंने राजस्व वृद्धि, दर्शकों की भागीदारी और ब्रैंड निर्माण में अहम योगदान दिया है। सहकर्मी उन्हें एक भरोसेमंद, विश्वसनीय और समर्पित प्रोफेशनल के रूप में जानते हैं, जो पूरी जवाबदेही और व्यवसायिक नतीजों की पूरी जिम्मेदारी लेने में विश्वास रखते हैं।
‘टाइम्स नेटवर्क’ में कोहली के पद छोड़ने के बाद, टीवी न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग बिज़नेस के कार्यों (फाइनेंस, लीगल और डिस्ट्रीब्यूशन को छोड़कर) से जुड़े लोग सीधे रोहित गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे। वहीं, फाइनेंस और लीगल की जिम्मेदारी पहले की तरह जगदीश मूलचंदानी के पास रहेगी, लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन के मामले में वे अब न्यूज और एंटरटेनमेंट, दोनों बिजनेस के लिए गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे।
टाइम्स ग्रुप ने रोहित गोपाकुमार को एक नई अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल रोहित गोपाकुमार टाइम्स नेटवर्क के न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस का अतिरिक्त और अंतरिम प्रभार संभालेंगे।
टाइम्स ग्रुप ने रोहित गोपाकुमार को एक नई अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी है। दरअसल रोहित गोपाकुमार टाइम्स नेटवर्क के न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस का अतिरिक्त और अंतरिम प्रभार संभालेंगे। उनका नया कार्यकाल 13 अगस्त से शुरू हो चुका है। रोहित गोपाकुमार वर्तमान में टाइम्स ग्रुप के एंटरटेनमेंट और डिजिटल बिजनेस के सीईओ हैं।
यह जिम्मेदारी उन्हें वरुण कोहली के पद छोड़ने के बाद सौंपी गई है, जो न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर थे।
कंपनी ने बताया कि टाइम्स ग्रुप के टीवी न्यूज ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस से जुड़े सभी कार्य (फाइनेंस, लीगल और डिस्ट्रीब्यूशन को छोड़कर) अब सीधे रोहित गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे। फाइनेंस, लीगल और डिस्ट्रीब्यूशन का कार्यभार पहले की तरह जगदीश मुलचंदानी संभालते रहेंगे, जो एमडी ऑफिस के साथ मिलकर फाइनेंस और लीगल से जुड़े मामलों पर काम करते हैं और डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े कार्यों के लिए रोहित गोपाकुमार को रिपोर्ट करेंगे।
गोपाकुमार पिछले 12 सालों से टाइम्स ग्रुप के साथ जुड़े हुए हैं। नई जिम्मेदारी के साथ-साथ वे सीईओ- जूम एंटरटेनमेंट नेटवर्क लिमिटेड, डायरेक्टर– वर्ल्डवाइड मीडिया और टाइम्स स्ट्रैटेजिक सॉल्यूशंस लिमिटेड तथा टाइम्स नेटवर्क के डिजिटल बिजनेस के हेड के रूप में कार्यरत रहेंगे। वे आगे भी टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन को रिपोर्ट करते रहेंगे और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ (नॉन-पब्लिशिंग बिजनेस) एन. सुब्रमणियन के साथ निकटता से काम करेंगे।
नेहा बड़जात्या ने गूगल इंडिया में मार्केटिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह इस टेक दिग्गज कंपनी से करीब 14 साल से जुड़ी हुई थीं।
नेहा बड़जात्या ने गूगल इंडिया में मार्केटिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। वह इस टेक दिग्गज कंपनी से करीब 14 साल से जुड़ी हुई थीं।
नेहा बड़जात्या को मार्च 2020 में गूगल का मार्केटिंग डायरेक्टर नियुक्त किया गया था और वह गूगल इंडिया के लिए कंज्यूमर ऐप्स (सर्च, जेमिनी, मैप्स) और प्लेटफॉर्म्स व डिवाइसेज़ (पिक्सल, एंड्रॉयड और प्ले स्टोर) की मार्केटिंग गतिविधियों का नेतृत्व कर रही थीं।
गूगल से पहले, वह वायाकॉम18 में थीं और वहां ब्रांडेड कंटेंट की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
बड़जात्या इससे पहले जी टर्नर और लिंटास के साथ भी काम कर चुकी हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में अभिनव पांडेय ने बताया कि वह एक नए मीडिया वेंचर के साथ जल्द नई शुरुआत करने जा रहे हैं।
युवा पत्रकार अभिनव पांडेय ने हिंदी न्यूज प्लेटफॉर्म ‘द लल्लनटॉप’ (The Lallantop) से इस्तीफा दे दिया है। वह यहां करीब तीन साल से कार्यरत थे और बतौर एसोसिएट एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। हालांकि, अभिनव ने यहां से इस्तीफा तो कुछ दिन पहले ही दे दिया था, लेकिन सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा अब की है।
अलविदा Lallantop…
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) August 13, 2025
इन रंगों को समेटे हुए अब नए रंग भरने निकल पड़ा हूं. शुक्रिया संस्थान, अब कुछ नया करने का वक़्त है… pic.twitter.com/rWVFvWa1WA
समाचार4मीडिया से बातचीत में अभिनव पांडेय ने बताया कि वह एक नए मीडिया वेंचर के साथ जल्द नई शुरुआत करने जा रहे हैं। इस मीडिया वेंचर को देश की आजादी के दिन यानी 15 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा। इसमें यूट्यूब चैनल, वेबसाइट और ऐप आदि शामिल होंगे।
‘द लल्लनटॉप’ से पहले अभिनव पांडेय करीब पांच साल तक 'एबीपी न्यूज' (ABP News) में भी काम कर चुके हैं। मूल रूप से प्रयागराज (पूर्व में इलाहाबाद) के रहने वाले अभिनव पांडेय ने वहीं से पढ़ाई-लिखाई की है। इसके अलावा उन्होंने पत्रकारिता की पढ़ाई दिल्ली स्थित ‘आईआईएमसी’ (IIMC) से की है।
समाचार4मीडिया की ओर से अभिनव पांडेय को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ऋषभ गुलाटी प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत तमाम अवॉर्ड्स जीत चुके हैं।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क्स में शामिल ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने वरिष्ठ पत्रकार ऋषभ गुलाटी को प्रमोशन का तोहफा देते हुए ‘न्यूजएक्स’ (NewsX), 'न्यूजएक्स वर्ल्ड’ (NewsX World), ‘NXT’ और ‘द इंडियन एरीना पोलो लीग’ (The Indian Arena Polo League) का सीईओ नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति 13 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी।
इस बारे में ‘आईटीवी फाउंडेशन’ की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने कहा, ‘iTV Network में उच्च-गुणवत्ता वाला कंटेंट हमारे काम का मूल है और यह पदोन्नति हमारे बिजनेस की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई है। आंतरिक रूप से, इससे तेज निर्णय लेने और बेहतर क्रॉस-प्लेटफॉर्म तालमेल में मदद मिलेगी। जबकि बाहरी तौर पर हम बदलते मीडिया माहौल की चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकेंगे।’
इसके साथ ही उन्होंने ‘मैं ऋषभ को नई जिम्मेदारियों के लिए बधाई देती हूं। वह टेलीविजन इंडस्ट्री में काफी अनुभवी हैं और मुझे विश्वास है कि यह बदलाव हमारे दर्शकों के लिए कंटेंट की गुणवत्ता को और बढ़ाएगा।’
वहीं, इस पदोन्नति के बारे में ऋषभ गुलाटी का कहना था, ‘मैं श्री कार्तिकेय शर्मा और डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इस बढ़ी हुई जिम्मेदारी के योग्य समझा। हमने एक ऐसी टीम और विरासत बनाई है जो पहले से ही खास है। मैं न्यूजएक्स को ‘पीपल फर्स्ट’, ‘कंज्यूमर सेंट्रिक’ और ‘सॉल्यूशन ओरिएंटेड’ न्यूज फोरम के रूप में और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘न्यूजएक्स वर्ल्ड' को एक ग्लोबल ब्रैंड के रूप में स्थापित करना मिशन है। NXT पहले ही ‘भारत’ और दुनिया के भविष्य से जुड़े मुद्दों पर एक ट्रेंडसेटर बन चुका है। इंडियन एरीना पोलो लीग के जरिये भारत के ऐतिहासिक खेल को बढ़ावा देने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। हमारे पास समर्पित, कर्मठ और मेहनती टीम है और उनके साथ आगे बढ़ना मेरे लिए सम्मान की बात है।’
बता दें कि ऋषभ गुलाटी देश के जाने-माने पत्रकार हैं और उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दो दशक का अनुभव है। ऋषभ गुलाटी ने ‘दिल्ली यूनिवर्सिटी’ से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन किया है। इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड की ‘मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी’ से इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर्स की डिग्री ली है। ऋषभ गुलाटी पूर्व में ‘एनडीटीवी’ (NDTV) और ‘इंडिया टुडे नेटवर्क’ (India Today Network) के साथ भी काम कर चुके हैं। महज तीस साल की उम्र में वह ‘न्यूजएक्स’ के एडिटोरियल हेड बन गए थे।
ऋषभ ‘ऑस्ट्रेलिया-इंडिया यूथ फोरम’ (AIYD) 2016 के छात्र रह चुके हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए ऋषभ गुलाटी प्रतिष्ठित ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत तमाम अवॉर्ड्स जीत चुके हैं।
प्रो. रामजीलाल जांगिड़ ऐसा ही एक नाम है, जिन्होंने न केवल अपने समय में पत्रकारिता की दिशा को संवारा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया।
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) में हिंदी पत्रकारिता विभाग के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. रामजीलाल जांगिड़ की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल ने विशेष रूप से भाग लिया। इस अवसर पर प्रो. सिंह बघेल ने डॉ. जांगिड़ के पत्रकारिता और शिक्षण क्षेत्र में योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने डॉ. जांगिड़ की दूरदृष्टि, समर्पण और हिंदी पत्रकारिता को समृद्ध बनाने के प्रयासों को सराहा। डॉ. जांगिड़ का जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे, तथा उनके द्वारा स्थापित मानक हिंदी पत्रकारिता में गुणवत्ता और नवाचार की मिसाल कायम करते रहेंगे।
आपको बता दें, प्रो. रामजीलाल जांगिड़ ऐसा ही एक नाम है, जिन्होंने न केवल अपने समय में पत्रकारिता की दिशा को संवारा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया। वे भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) के हिंदी विभाग के पहले अध्यक्ष थे और हिंदी पत्रकारिता शिक्षा की व्यवस्थित शुरुआत कराने में उनका योगदान अमिट है। 9 अगस्त, 2025 को प्रो. जांगिड़ ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।