प्रभात खबर 14 अगस्त को अपनी स्थापना के 40वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहा है। किसी भी अखबार के लिए यह गर्व करने की बात है।
आप पसंद करें या न करें, न्यू मीडिया से आप बच नहीं सकते हैं। अखबार हैं और रहेंगे। न्यूज चैनल्स हैं और रहेंगे, लेकिन मोबाइल पर वॉट्सऐप या फेसबुक के जरिये जो सूचनाएं आप तक पहुंच रही हैं, वे बढ़ेंगी।
कई वरिष्ठ खिलाड़ियों ने टीम के चयन पर सवाल उठाये थे। जब मुकाबला बेहद कड़ा हो, तो खिलाड़ियों का चयन बहुत अहम हो जाता है
हम एक बार फिर हिंदी दिवस मनाने जा रहे हैं। सरकारी दफ्तरों में फिर हिंदी पखवाड़े के बैनर छाड़-पोंछकर निकाले और लटकाये जाएंगे। इसके बाद उनको सहेजकर अगले साल के लिए रख दिया जाएगा।
‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने इस बारे में अखबार के पहले पेज पर एक विशेष संपादकीय भी लिखा है।
पूर्वी भारत का प्रमुख हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ (Prabhat Khabar) आज सोशल मीडिया पर काफी ट्रेंड कर रहा है।
‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने संपादकीय में लिखा है, ‘प्रभात खबर के आगे बढ़ने का श्रेय सिर्फ पाठकों को जाता है, जिन्होंने कई विकल्प होने के बावजूद इसके प्रति स्नेह बनाए रखा।
पत्रकार आशुतोष चतुर्वेदी ने हिंदी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक भारत‘ को अलविदा कह दिया है। वह करीब ढाई साल से इस चैनल में बतौर डिप्टी न्यूज एडिटर/एंकर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
मीडिया के खिलाफ एकतरफा फैसला सुनाने वाले आपको बहुत से लोग मिल जाएंगे