ED का आरोप था कि केजरीवाल जान-बूझकर ऐसा कर रहे हैं क्योंकि वो चाहते हैं कि उनका शुगर लेवल बिगड़ जाए और फिर वो अपनी सेहत को ज़मानत मांगने का आधार बना सकें।
इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस टीम (OSINT) ने बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सोशल मीडिया पेज और अकाउंट्स की ग्रोथ का एनालिसिस किया।
राजकुमार आनंद ने इस दौरान आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के साथ पार्टी में दलितों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का आरोप लगाया है।
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ये मामला केंद्र सरकार और केजरीवाल के बीच का नहीं, बल्कि उनके और प्रवर्तन निदेशालय के बीच का है।
ईडी और सीबीआई जैसी विशेष एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर उन्होंने कहा, क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ कारवाई नहीं होनी चाहिए? अगर वहां फैसला आ रहा है तो व्यर्थ का आरोप क्यों?
हालांकि ईडी और अरविंद केजरीवाल दोनों के ही वकीलों की दलीलें पूरी हो गई हैं और कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
इसी मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किए।
ED ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के घर से जो डिजिटल डिवाइस ज़ब्त की गई थी, उनके पासवर्ड देने से केजरीवाल ने मना कर दिया है।
आतिशी मार्लेना ने आरोप लगाया कि उन्हें इस बात का संदेश दिया गया है कि भाजपा में शामिल हो जाओ, अन्यथा उनकी राजनीति समाप्त हो जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी में शामिल नहीं होने पर उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया जाएगा।