वर्ष 2022 घरेलू मीडिया की दृष्टि से मीडिया मैनेजमेंट और डिजिटल मीडिया का रहा है। डिजिटल मीडिया का अप्रत्याशित विस्तार हुआ है और न्यूज मीडिया के क्षेत्र में पत्रकारों के लिए वरदान साबित हुआ है।
पूरे साल खबरों के लिहाज से हलचल रहेगी। टीवी न्यूज चैनल्स के कैमरों को कैद करने के लिए एक्शन वाली तस्वीरें और प्राइम टाइम बहस के लिए मुद्दे आसानी से मिलते रहेंगे।
अच्छी-बुरी यादों को अपने आगोश में समेटे हुए वर्ष 2022 विदाई की दहलीज पर खड़ा है और हम सब नूतन वर्ष के रूप में वर्ष 2023 का अभिनंदन करने के लिए तैयार हैं।
साल 2022 भारतीय मीडिया के लिए विस्तार का वर्ष रहा है। मेरी राय में ये साल पीछे मुड़कर देखें तो मिला-जुला रहा है।
साल 2022 में मीडिया और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच कुछ ऐसी डील हुईं हैं, जिससे कुछ कंपनियों के बिजनेस को नए पंख लगे
वर्ष 2022 मीडिया के लिए मिला-जुला रहा। कुछ खट्टा, कुछ मीठा। बीते साल में मीडिया के प्रसार को लेकर भी उम्मीद जगी है, जिससे रोजगार के कुछ नए अवसर भी खुल रहे हैं।
दो वर्षों के कोरोना महामारी काल के बाद वर्ष 2022 में नई आशा प्रिंट, टीवी और डिजिटल में दिखने लगी। ‘जूम’ जैसे साधनों के बढ़ते उपयोग से सुविधाएं हुई।
2022 में मीडिया के कामकाज पर कई सवाल खड़े हुए, खासकर टीआरपी के विवाद को लेकर। मीडिया की विश्वसनीयता इस विवाद से कठघरे में आ खड़ी हुई।
आप पसंद करें या न करें, न्यू मीडिया से आप बच नहीं सकते हैं। अखबार हैं और रहेंगे। न्यूज चैनल्स हैं और रहेंगे, लेकिन मोबाइल पर वॉट्सऐप या फेसबुक के जरिये जो सूचनाएं आप तक पहुंच रही हैं, वे बढ़ेंगी।
स्वभाव से मैं कभी भी निराशावादी नहीं रहा। जिंदगी में कई बार आशा और निराशा के दौर आए और चले गए, लेकिन यह साल जिस तरह पत्रकारिता और पत्रकारों को बांटकर जा रहा है, वह अवसाद बढ़ाने वाला है।