ऐसा नहीं है कि भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने राष्ट्रीय मुद्दे तय नहीं किए। भाजपा ने विकसित भारत और मोदी की गारंटी के साथ चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी।
इंडिया गठबंधन को दूसरा बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता जयंत चौधरी ने दिया। इंडिया गठबंधन को नमस्ते करके एनडीए का दामन थाम लिया।
खरगे ने जहां दक्षिणी राज्य तेलंगाना में प्रचार की कमान संभाली है, वहीं राहुल-प्रियंका ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तूफानी चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
क्या समाज और क्या राजनीति, सब बंटे हुए हैं। विदेश नीति के किसी मुद्दे पर ऐसा बंटवारा पहले कम ही देखा गया है।
लोकसभा चुनावों से पहले हो रहे इन विधानसभा चुनावों में मोदी बनाम मुद्दे का यह पहला ट्रायल रन साबित हो सकता है।
दो बार भारतीय लोकतंत्र के दोनों सबसे बड़े मंचों से प्रधानमंत्री मोदी का ये दावा विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के लिए चनौती भी है और चेतावनी भी।