फिल्म के को-प्रोड्यूसर 'जी स्टूडियोज' के वकील ने कहा है कि निर्माताओं ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की संसोधन समिति द्वारा सुझाए गए बदलाव को लागू करने का फैसला लिया है।
सेंसर बोर्ड की ओर से वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच को बताया कि सेंसर बोर्ड की समीक्षा कमेटी ने फिल्म में कुछ कट के सुझाव दिए हैं।
मेरी राय मेरी अपनी होने के बजाय पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मैं किसी को अपने शब्दों और अपनी सोच से निराश करती हूं, तो मुझे खेद होगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।
बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं और ये पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करते है। कंगना की इस बेबाकी की चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है।
सेंट्रल फिल्म बोर्ड सर्टिफिकेशन किसी फिल्म को सिर्फ इसीलिए सर्टिफिकेट देने से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि उससे किसी सिस्टम में समस्या की आशंका है।
हालांकि तीन कट के बाद फिल्म की रिलीज में अब कोई रुकावट नहीं है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने फिल्म को ‘UA’ सर्टिफिकेट दिया है।
18 सितंबर तक इस मामले में निर्णय लिया जाएगा और 19 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। ऐसे में अब कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी।
मैंने बहुत सारे ग्रुप्स से कहा है कि किसी को इस पर आपत्ति है तो हम अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने आगे बताया, मेरी आवाज दबाई जा रही है।
रुपहले पर्दे से जुड़ी अपनी सभी जीवन बीमा पॉलिसियों की बलि देने का मोह नहीं रखा। केवल फिल्म जगत ही नहीं, सार्वजनिक जीवन में भी बेलाग-लपेट है।
उन्हें एक ऐसी महिला के रूप में जाना जाता है जो किसी भी परिस्थिति में अपना हौसला नहीं खोतीं। ‘आप की अदालत’ के कटघरे में बैठीं कंगना रनौत ने बेबाकी से सभी सवालों के जवाब दिए।