फिल्म के को-प्रोड्यूसर 'जी स्टूडियोज' के वकील ने कहा है कि निर्माताओं ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) की संसोधन समिति द्वारा सुझाए गए बदलाव को लागू करने का फैसला लिया है।
सेंसर बोर्ड की ओर से वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने जस्टिस बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की बेंच को बताया कि सेंसर बोर्ड की समीक्षा कमेटी ने फिल्म में कुछ कट के सुझाव दिए हैं।
सेंट्रल फिल्म बोर्ड सर्टिफिकेशन किसी फिल्म को सिर्फ इसीलिए सर्टिफिकेट देने से इनकार नहीं कर सकता क्योंकि उससे किसी सिस्टम में समस्या की आशंका है।
हालांकि तीन कट के बाद फिल्म की रिलीज में अब कोई रुकावट नहीं है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने फिल्म को ‘UA’ सर्टिफिकेट दिया है।
18 सितंबर तक इस मामले में निर्णय लिया जाएगा और 19 सितंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। ऐसे में अब कंगना की फिल्म ‘इमरजेंसी’ 6 सितंबर को रिलीज नहीं हो पाएगी।
मैंने बहुत सारे ग्रुप्स से कहा है कि किसी को इस पर आपत्ति है तो हम अपना पक्ष रखेंगे। उन्होंने आगे बताया, मेरी आवाज दबाई जा रही है।
इस निर्णय पर राजनीति भी बहुत हो रही है। इसी मसले पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किए।
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था।
'इंडिया टीवी' के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान भारत में 'आपातकाल' के दिनों को याद किया और कई किस्से साझा किए।
संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन की कार्रवाई नए संसद भवन में शुरू होने के साथ यह पुरानी इमारत का स्थान ले लेगी, जिसमें अब कई खामियां आ चुकी हैं।