पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर सोशल मीडिया पर निशाना बनाये जाने के बाद 'इंडिया टुडे' समूह के वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल ने ...
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर सोशल मीडिया पर निशाना बनाये जाने के बाद 'इंडिया टुडे' समूह के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने अपने अंदाज़ में आलोचकों को जवाब दिया है। उन्होंने अपने शो ‘न्यूज़रूम’ में इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए सरकार पर सवाल भी दागे हैं।
दरअसल,तेल के दामों में बीते कुछ दिनों से लग रही आग से झुलसी जनता ऐसे पत्रकारों को भी कठघरे में खड़ा कर रही है, जिन्होंने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में ईंधन के दामों में इजाफे का पुरजोर विरोध किया था।
सोशल मीडिया पर राहुल को घेरने की शुरुआत आम आदमी पार्टी नेता अंकित लाल ने की. अंकित ने राहुल का 2012 का एक ट्वीट शेयर करते हुए उनपर तंज कसा, जिसमें उन्होंने पेट्रोल के दाम को लेकर यूपीए सरकार पर कटाक्ष किया था। 23 मई 2012 के अपने ट्वीट में राहुल ने कहा था कि ‘दिल्ली में पेट्रोल 73 रुपए पहुंच गया है, जो बहुत ज्यादा है। इस रेट को देखते हुए मेट्रो में सफ़र करना होगा’।
अंकित लाल ने इस ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा कि कुछ साल पहले कुछ पत्रकार तेल के बढ़ते दामों को लेकर चिंतित थे, लेकिन अब नहीं हैं। इसके बाद तो यूजर्स ने चारों-तरफ से राहुल कंवल पर हमले किये. किसी ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के सामने यह मुद्दा उठाने की चुनौती दी, तो किसी ने उनकी निष्पक्षता पर भी सवाल उठा डाले।
राहुल ने जब ट्विटर पर ही अंकित, को जवाब दिया तो उन्हें और भी ज्यादा निशाना बनाया जाने लगा। लिहाजा वो खामोश हो गए, लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के बजाय मेनस्ट्रीम मीडिया पर अपने शो के ज़रिये यह दर्शाने का प्रयास किया कि वो इस मुद्दे की गंभीरता और जनता से इसके जुड़ाव को समझते हैं।
राहुल ने ‘न्यूज़रूम’ में न केवल पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स का गणित समझाया, बल्कि यह सवाल भी उठाया कि क्या मोदी सरकार को अब हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए? हालांकि, ये बात अलग है कि अधिकांश ट्विटर यूजर्स को उनकी ये कोशिश भी पसंद नहीं आई।
इस शो के बाद देबाशीष नायक ने राहुल को टैग करते हुए लिखा है ‘लगता है राहुल ने अंकित लाल को गंभीरता से ले लिया। तुम अभी भी केवल मोदी भक्त हो’। वहीं, @govindleena नामक यूजर ने लिखा है, ‘राहुल कंवल के इस ट्वीट से ये बात तो साफ़ हो गई कि राहुल और इसके जैसे गोदी पत्रकार को PMO से निर्देश मिल गए हैं कि चुनावों को देखते हुए सरकार अब तेल के दाम कम करने जा रही है, अब तुम लोग शुरू हो जाओ और ये पत्रकार शुरू हो गए। इनका ये ट्वीट इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए’।
वैसे कुछ लोगों ने राहुल की रिपोर्ट की तारीफ भी की है. यूजर अंकित रैना ने जहां रिपोर्ट को लेकर ‘राइट टॉपिक’ लिखा है वहीं, कमल जैन ने ट्वीट किया है ‘सही समय पर सही तथ्यों के साथ उठाया गया सही विषय।
इससे पहले अंकित लाल द्वारा राहुल कंवल को निशाना बनाये जाने के बाद ट्विटर यूजर्स ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। @tterIndiaनामक यूजर ने राहुल पर हमला बोलते हुए लिखा है, ‘राहुल कंवल आप पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर वर्तमान सरकार की बखिया कब उधेड़ने वाले हैं, जैसा कि आपने यूपीए के साथ किया था? कृपया लिंक शेयर करें। आप जानते हैं कि आप पेट्रोल पर चर्चा करते हुए मोदी का नाम तक नहीं ले सकते’। इसी तरह जगमीत सिंह ने अपने ट्वीट में कहा है ‘लेकिन राहुल आपने पेट्रोल के चढ़ते दामों पर वैसा ट्वीट नहीं किया, जैसा यूपीए के समय में करते थे, कृपया अपमानित महसूस न करें लेकिन यह वैध प्रश्न है’।
अंकित लाल के ट्वीट पर कमेंट करने वाले यूजर्स में से अधिकांश ने राहुल कंवल को निशाना बनाया है। शशांक शर्मा नमक यूजर ने कहा है’ ऐसा लगता है कि 2014 के बाद से आप लोगों ने सरकार से सवाल पूछना ही बंद कर दिया है। पहले विरोध-प्रदर्शन होते थे, प्राइमटाइम डिबेट होती थी, सरकार पर हमले होते थे। ऐसा लग रहा है कि 2014 के बाद सबकुछ ठीक हो गया है’।
@UntoldStorY06 ने भी राहुल को काफी खरी-खोटी सुनाई है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘हमें न बताएं कि आपका चैनल क्या दिखा रहा है। क्या आपमें मोदी और अमित शाह के सामने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को गलत ठहराने की हिम्मत है? क्या आप उन्हें सीधे तौर पर दोषी करार दे सकते हैं?, नहीं, बिल्कुल नहीं, वरना आपका हाल भी पुण्य प्रसून और अभिसार जैसा हो जाएगा’।
इसी तरह किसान भाई नामक यूजर ने लिखा है कि राहुल कंवल को चुनौती न दें, वह अपने मास्टर मोदी और शाह से सवाल पूछने के बजाये जान देना पसंद करेंगे। ऐसे ही @sab_subh_hai ने लिखा है, ‘पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन मोदी का नाम लेने की हिम्मत नहीं हो रही है इन भाई साहब की, और दूसरों को नसीहत दे रहे हैं’। अनूप अग्रवाल ने तो राहुल को अपना नाम बदलने तक की सलाह दे डाली है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘राहुल कंवल को अपना नाम बदलकर राहुल कमल रख लेना चाहिए’।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा था कि वो भारत के अहम विपक्षी दल के नेता की गिरफ्तारी और मामले में एक्शन पर निष्पक्ष जांच की उम्मीद जता रहे हैं।
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका की टिप्पणी पर भारत ने नाराजगी जताई है। जर्मनी के बाद अमेरिका ने भी केजरीवाल की गिरफ्तारी के मामले में टिप्पणी की थी। अमेरिका की तरफ से कहा गया था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उनकी कड़ी नजर है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा था कि वो भारत के अहम विपक्षी दल के नेता की गिरफ्तारी और मामले में एक्शन पर निष्पक्ष जांच की उम्मीद जता रहे हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और अमेरिका को खरी खोटी सुनाई है।
उन्होंने लिखा, 'भारतीय राजनीति में विदेशी साजिशों, दखल की बात जानते सब हैं, लेकिन इसकी बात करते ही एक बड़ा वर्ग खड़ा हो जाएगा कि, राजनीतिक दल विदेशी साजिश का हव्वा बनाते हैं। फिलहाल, ताजा समाचार यह है कि, अमेरिका को अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से ऐसी पीड़ा हो रही है कि, अमेरिकी प्रतिनिधि को बुलाकर फटकारे जाने के बावजूद अड़ियल रवैया दिखा रहे हैं।
अब अमेरिकी, रूसी और चीनी जासूसों का दखल भारत के सत्ता प्रतिष्ठान में शून्य हो चला है तो भारत के चुनावों में दखल देने का यह तरीका अपना रहे हैं। होना कुछ नहीं है। भारत का लोकतंत्र पहले से बहुत पारदर्शी और मजबूत हुआ है।'
भारतीय राजनीति में विदेशी साजिशों, दखल की बात जानते सब हैं, लेकिन इसकी बात करते ही एक बड़ा वर्ग खड़ा हो जाएगा कि, राजनीतिक दल विदेशी साजिश का हव्वा बनाते हैं। फिलहाल, ताजा समाचार यह है कि, अमेरिका को अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से ऐसी पीड़ा हो रही है कि, अमेरिकी प्रतिनिधि को…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) March 28, 2024
माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को बृहस्पतिवार को तबीयत बिगड़ने के बाद जिला जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई। मुख्तार अंसारी को यूपी के टॉप माफिया में गिना जाता था, उसके खिलाफ लगभग हर तरह का आपराधिक मुकदमा दर्ज था।
मुख्तार अंसारी की मौत की खबर सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज कौल ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 'मुख्तार अंसारी की मौत यूपी में बड़े पैमाने पर हत्याओं, हिंसा, भय, धमकियों और अपहरण के साथ माफिया डॉन के खौफ का अंत है। हालांकि कई डॉन आज भी जिंदा हैं - जेल के अंदर और बाहर। फिर भी मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद की मौत गैंगस्टर मानसिकता पर करारा प्रहार है।'
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मऊ से कई बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी को विभिन्न मामलों में सजा सुनाई गई थी और वह बांदा की जेल में बंद था। मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और कई अन्य राज्यों में 60 से ज्यादा मामले लंबित थे।
Death of Mukhtar Ansari is an end of an era of mafia don rule in UP with rampant killings, violence, fear, threats and abductions. Even though many dons remain alive even today - inside & outside the prison. Yet death of Mukhtar Ansari & Atiq Ahmed is a blow to gangster mindset.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 28, 2024
गूगल के स्वामित्व वाली वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस यूट्यूब (YouTube) ने भारत में बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने प्लेटफॉर्म से 22 लाख से ज्यादा वीडियो को हटा दिया है
गूगल के स्वामित्व वाली वीडियो स्ट्रीमिंग सर्विस यूट्यूब (YouTube) ने भारत में बड़ी कार्रवाई करते हुए अपने प्लेटफॉर्म से 22 लाख से ज्यादा वीडियो को हटा दिया है और लाखों चैनलों को बैन भी कर दिया है।
कंपनी ने रिपोर्ट जारी करके बताया कि पिछले साल की चौथी तिमाही में भारत से यूट्यूब से 2.25 मिलियन यानी 22 लाख 50 हजार वीडियो हटाए गए हैं। वहीं, दुनियाभर में 90 लाख से ज्यादा वीडियो हटाए गए हैं। यूट्यूब से इन वीडियो को अक्टूबर 2023 से लेकर दिसंबर 2023 के बीच हटाए गए हैं।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 30 देशों में से सबसे ज्यादा वीडियो भारत के यूट्यूब प्लेटफॉर्म से हटाए गए हैं। वहीं, सिंगापुर से 12.4 लाख और अमेरिका से 7.8 लाख के करीब वीडियो को हटाया गया है। ग्लोबली वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म ने 9 मिलियन यानी 90 लाख वीडियो अपने प्लेटफॉर्म से हटाए हैं, जिनमें से 96 प्रतिशत वीडियो को गूगल के मशीन ने फ्लैग किया था।
यूट्यूब द्वारा हटाए गए कुल वीडियो में से 53.46 प्रतिशत वीडियो को केवल एक व्यू मिला था। वहीं, 27.07 प्रतिशत वीडियो ऐसे थे, जिन्हें हटाए जाने से पहले महज 1 से 10 व्यूज मिले थे। गूगल ने यूट्यूब की कम्युनिटी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने वाले वीडियो के खिलाफ ये एक्शन लिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि यूट्यूब कम्युनिटी गाइडलाइन पूरी दुनिया में एक जैसी है। इसमें अपलोड करने वाले यूजर, जगह और कॉन्टेंट जेनरेशन कैसे किया गया है को नहीं देखा जाता है। कॉन्टेंट को ग्लोबली रिमूव किया जाता है और उन्हें हटाने के लिए मशीन लर्निंग के साथ-साथ इंसानों की भी मदद ली जाती है।
इतना ही नहीं, यूट्यूब ने अक्टूबर 2023 से लेकर दिसंबर 2024 के बीच 20 मिलियन यानी 2 करोड़ से ज्यादा चैनल्स को भी अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। इन चैनल्स पर यूट्यूब की स्पैम पॉलिसी के तहत कार्रवाई की गई है। इन पर अपलोड किए जाने वाले वीडियो में मिसलीडिंग मेटाडेटा, थंबनेल और कॉन्टेंट पाए गए हैं। इसके अलावा 1.1 बिलियन कमेंट्स को भी यूट्यूब से हटाए गए हैं।
भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अहम हिस्सा है और चीन का दावा एकदम बेबुनियाद और झूठा है।
चीन ने कहा है कि भारत जिसे अरुणाचल प्रदेश कहता है, वह जंगनान क्षेत्र है। चीन ने दावा किया कि जंगनान हमेशा से चीनी क्षेत्र रहा है। चीन का जंगनान पर प्रभावी प्रशासनिक अधिकार रहा है। यह एक बुनियादी तथ्य है, जिसे नकारा नहीं जा सकता है। भारत ने इस क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने सोमवार को ये बातें कही हैं। चीन की ओर से इस प्रकार के बयान आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार गौरव सावंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, 'तिब्बत पर चीनियों का अवैध कब्ज़ा है। अरुणाचल प्रदेश पर उनका दावा बेतुका है। भारत को आजादी के तुरंत बाद की गई विदेश नीति की आपदाओं की कीमत चुकानी पड़ रही है। लेकिन जैसे-जैसे भारत की आर्थिक, सैन्य और सामरिक ताकत बढ़ेगी, बदमाश पीछे हट जाएंगे। ताकत बढ़ानी होगी।'
आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अहम हिस्सा है और चीन का दावा एकदम बेबुनियाद और झूठा है।
The Chinese are in illegal occupation of Tibet.
— GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant) March 26, 2024
Their claim on Arunachal Pradesh is absurd.
India continues to pay for foreign policy disasters made soon after independence.
But as India's economic, military & strategic strength rises bullies will back down
Must Increase strength https://t.co/RFIuwvg930
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में रहते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आदेश जारी करने से रोकने का निर्देश देने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।
कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी से एक और 'निर्देश' जारी किया है। इस बार उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय को लेकर निर्देश जारी किया है। केजरीवाल की ओर से यह निर्देश ऐसे समय पर जारी किया गया है, जब ईडी की हिरासत से उनके पहले आदेश पर विवाद खड़ा हो गया है।
ऐसे में अब यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि क्या दिल्ली की सरकार अब जेल से चलने वाली है? इसी मामले पर पत्रकार और एंकर मीनाक्षी जोशी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, 'जेल से चल रही है 'ईमानदार' सरकार। इतना तो साफ है कि अरविंद केजरीवाल आसानी से हार नहीं मानेंगे। कौन सही कौन गलत? तय करेगी जनता इंतज़ार 4 जून तक। लेकिन एक बात पक्की है नैतिकता नाम की चीज़ नहीं।'
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कस्टडी में रहते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आदेश जारी करने से रोकने का निर्देश देने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने अधिवक्ता शशि रंजन कुमार सिंह और महेश कुमार के माध्यम से दायर याचिका में यह भी निर्देश देने की मांग की कि ईडी की कस्टडी में रहने के दौरान केजरीवाल को टाइपिस्ट, कंप्यूटर और प्रिंटर आदि उपलब्ध न कराया जाए।
जेल से चल रही है 'ईमानदार' सरकार !
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) March 26, 2024
इतना तो साफ है कि अरविंद केजरीवाल आसानी से हार नहीं मानेंगे। कौन सही कौन गलत....तय करेगी जनता इंतज़ार 4 जून तक।
लेकिन एक बात पक्की है नैतिकता नाम की चीज़ नहीं।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और बड़ी बात कही है।
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2024 के अनुसार मुंबई तेजी से बीजिंग को पछाड़कर एशिया के अरबपतियों का केंद्र बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई अब बीजिंग को पीछे छोड़ते हुए एशिया के अरबपतियों की राजधानी और वैश्विक स्तर पर टॉप-3 शहर बन गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में अरबपतियों की संख्या अब 92 है, जबकि बीजिंग में यह 91 है। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और बड़ी बात कही है।
उन्होंने लिखा, 'मुंबई एशिया के अरबपतियों की राजधानी है। हुरुन रिसर्च ग्लोबल अमीरों की सूची के अनुसार, यहां अब बीजिंग से अधिक अरबपति हैं। 92 से 91 तक। लेकिन यहाँ एक समस्या है। सबसे अमीर 1% लोगों का 40% धन पर नियंत्रण है। अरबपति राज सुनने में अच्छा लगता है लेकिन इसका मतलब कुछ ही लोगों में धन का केन्द्रीकरण भी है।'
आपको बता दें कि इस साल भारत में 94 नए अरबपति बने, जबकि चीन में 55 नए अरबपति बने। रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2024 में शीर्ष-10 में जगह पाने वाले एकमात्र भारतीय हैं। उन्होंने एशिया में सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब बरकरार रखते हुए 33 बिलियन डॉलर जोड़े।
Story that caught the eye: Mumbai is now Asia’s billionaire Capital: has more billionaires now than Beijing: 92 to 91 as per Hurun Research Global rich list. But here is the catch: richest 1% control 40% of the wealth. Billionaire Raj sounds nice but it also means concentration…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 26, 2024
आप नेता आतिशी ने बताया कि ईडी की हिरासत से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पानी की कमी का सामना कर रहे इलाकों में पानी के पर्याप्त टैंकर मुहैया कराने का निर्देश दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी से अपना पहला आदेश जारी किया है। आप नेता आतिशी ने बताया कि ईडी की हिरासत से दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पानी की कमी का सामना कर रहे इलाकों में पानी के पर्याप्त टैंकर मुहैया कराने का निर्देश दिया। साथ ही सीवर की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया है। आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री का पत्र पढ़कर उनकी आंखों में आंसू आ गए।
उनकी इस पोस्ट पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 'शराब नियंत्रण में पीने वालों को समाज स्वीकार कर लेता है, लेकिन शराब के नशे में धुत रहने वाले लोगों को नशेड़ी कहकर दुत्कारता है। ऐसे ही ड्रामा, नौटंकी अच्छी लगती है। थोड़ी देर के लिए हर कोई आनंदित होता है, लेकिन ओवर एक्टिंग करने वालों की पिक्चर भी फ्लॉप होती है। वही यहाँ भी होता दिख रहा है।'
आपको बता दें कि आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अरविंद केजरीवाल पूरी दिल्ली को अपना परिवार मानते हैं। मैं भाजपा से कहना चाहती हूं कि आप अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकते हैं। उन्हें जेल में डाल सकते हैं, लेकिन आप दिल्ली के लोगों के प्रति उनके प्यार और कर्तव्य की भावना को कैद नहीं कर सकते।
शराब नियंत्रण में पीने वालों को समाज स्वीकार कर लेता है, लेकिन शराब के नशे में धुत रहने वाले लोगों को नशेड़ी कहकर दुत्कारता है। ऐसे ही ड्रामा, नौटंकी अच्छी लगती है। थोड़ी देर के लिए हर कोई आनंदित होता है, लेकिन ओवर एक्टिंग करने वालों की पिक्चर भी फ्लॉप होती है। वही यहाँ भी होता… https://t.co/y0SmjJhCar
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) March 24, 2024
अदालत ने मामले में 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करने वाली प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी पर आदेश पारित किया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के एक दिन बाद 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया है। राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि केजरीवाल को 28 मार्च को दोपहर दो बजे अदालत में पेश किया जाएगा।
अदालत ने मामले में 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करने वाली प्रवर्तन निदेशालय के अर्जी पर आदेश पारित किया। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और कुछ सवाल पूछे। उन्होंने लिखा, 'ईडी को अरविंद केजरीवाल की 6 दिन की रिमांड मिली। वह ईडी की हिरासत में आने वाले पहले मौजूदा सीएम बन गए हैं। प्रश्न यह है ! क्या वह दिल्ली के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, सत्ता किसी और को सौंप देंगे या अपना अगला कदम उठाने से पहले यह देखने का इंतजार करेंगे कि 28 मार्च को क्या होता है?'
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों के साथ साठगांठ करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी घोटाले के सरगना और मुख्य षड्यंत्रकारी हैं।
Breaking: ED gets 6 day remand for Arvind Kejriwal. He becomes the first sitting CM to now be under ED custody. Qs is: does he continue as Delhi CM, hand over power to someone else or wait to see what happens on March 28th before making his next move? #ArvindKejriwalArrest
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 22, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार की शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर एक यूजर के विचार पर अपनी राय व्यक्त की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार की शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने आबकारी नीति मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया लेकिन अभी भी उन्होंने दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया है।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा कि सीएम केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे। वो दिल्ली के सीएम थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केजरीवाल एक व्यक्ति नहीं विचार हैं। पीएम नरेंद्र मोदी अगर किसी से डरते हैं तो वो अरविंद केजरीवाल ही हैं।
इसी मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर एक यूजर के विचार पर अपनी राय व्यक्त की। एक यूजर ने लिखा कि उन्होंने सोचा नहीं था कि एक दिन करप्शन के मामले में ही दिल्ली के सीएम अरेस्ट होंगे।
इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए राजीव सचान से लिखा, 'केजरीवाल का समर्थन कर पछताने और फिर खुद को ठगा महसूस करने वालों की संख्या लाखों में है। इन सबको सच में लगा था कि केजरीवाल वाकई नई तरह की राजनीति करने आए हैं, लेकिन उन्होंने तो बाबा भारती और डाकू खड़ग सिंह वाली कहानी दोहरा दी। इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के बहाने देश की जनता की आंखों में जैसी धूल झोंकी गई, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल तो नहीं, लेकिन किसी को भान नहीं था कि केजरीवाल ऐसे रंग बदलेंगे।'
केजरीवाल का समर्थन कर पछताने और फिर खुद को ठगा महसूस करने वालों की संख्या लाखों में है। इन सबको सच में लगा था कि केजरीवाल वाकई नई तरह की राजनीति करने आए हैं, लेकिन उन्होंने तो बाबा भारती और डाकू खड़ग सिंह वाली कहानी दोहरा दी! इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन के बहाने देश की जनता की… https://t.co/4ZBHFj2vgh
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) March 22, 2024
कांग्रेस पार्टी जिस तरह से दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल का बचाव कर रही है वो हैरान कर देने वाला है।
शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हुई गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में विपक्षी दलों के गठबंधन 'आईएनडीआईए' के नेताओं ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की।
साथ ही चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक दलों के खिलाफ की जा रही इस तरह की कार्रवाई को गलत बताया। कांग्रेस पार्टी जिस तरह से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का बचाव कर रही है वो हैरान कर देने वाला है।
ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार शमशेर सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 'कांग्रेस और खासकर स्वर्गीय शीला दीक्षित के खिलाफ ही केजरीवाल का आंदोलन शुरू हुआ था। और दिल्ली में कांग्रेस सत्ता से बेदखल भी हुई। और आज जब अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हुए तो पूरी कांग्रेस पार्टी केजरीवाल के पक्ष में खड़ी है, आंदोलन पर उतर आई है। वाह रे राजनीति, गजब है।'
आपको बता दें कि आयोग से मुलाकात के बाद बाहर निकले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि ईडी सहित दूसरी एजेंसियों के दुरुपयोग से जुड़े लगभग 14 उदाहरण भी आयोग को दिए गए हैं।
कांग्रेस और ख़ासकर स्वर्गीय शीला दीक्षित के ख़िलाफ़ ही केजरीवाल का आंदोलन शुरू हुआ था।और दिल्ली #DelhiCM में कांग्रेस सत्ता से बेदख़ल भी हुई।और आज जब @ArvindKejriwal गिरफ़्तार हुए :—- पूरी @INCIndia केजरीवाल के पक्ष में खड़ी है, आंदोलन पर उतर आई है।वाह रे राजनीति,ग़ज़ब…
— SHAMSHER SINGH (@ShamsherSLive) March 22, 2024