आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड की बैटिंग आई तो भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी उन पर बुरी तरह टूट पड़े और 7 विकेट लेकर कीवी टीम को समेट दिया।
आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 70 रनों से रौंद दिया। इसी के साथ रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने फाइनल में एंट्री कर ली है। जब न्यूजीलैंड की बैटिंग आई तो भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी उन पर बुरी तरह टूट पड़े और 7 विकेट लेकर कीवी टीम को समेट दिया।
उनके इस यादगार प्रदर्शन पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट कर उनकी तारीफ की और शाबाशी दी। उन्होंने लिखा, 'मोहम्मद शमी देश की शान है। भारत को आप पर नाज़ है। ये वो खिलाड़ी हैं जिससे ज़िंदगी एक अलग ही खेल रही थी लेकिन ये बग़ैर शोर मचाए अपनी गेंद से हर खेल जीतने की जद्दोजेहद में लगे रहे। बेटी ICU में जूझ रही थी। रात को पिता का फर्ज निभाते और सुबह देश के खिलाड़ी का फर्ज अदा करते। अब्बा का इन्तेकाल हो या बीवी का फ़साद। शमी ने हर इम्तिहान पास किया। अपने वतन के लिए ख़ामोशी से लड़ते रहे। आवाज़ गेंद में थी। इंकलाब जेहन में था। आप पर पूरे देश को नाज है।'
आपको बता दें कि भारतीय टीम ने कीवी टीम को 398 रनों का टारगेट दिया था। इसके जवाब में कीवी टीम 327 रन ही बना सकी। विराट कोहली ने इसी मैच में अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय क्रिकेट में रिकॉर्ड तोड़ 50वां शतक बनाया। विराट कोहली ने सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में 49वें शतक का रिकॉर्ड तोड़ नया कीर्तिमान बना लिया है।
मोहम्मद शमी देश की शान है
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) November 15, 2023
भारत को आप पर नाज़ है
ये वो खिलाड़ी हैं जिससे ज़िंदगी एक अलग ही खेल,खेल रही थी लेकिन ये बग़ैर शोर मचाए अपनी गेंद से हर खेल जीतने की जद्दोजेहद में लगे रहें
बेटी ICU में जूझ रही थी रात को पिता का फ़र्ज़ निभाते और सुबह देश के खिलाड़ी का फ़र्ज़ अदा करते… pic.twitter.com/LqmWIWHfiD
डीएफसी ने अडानी को श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल बनाने के लिए 55.3 करोड़ डॉलर यानी 4600 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है।
अमेरिका के इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) ने अडानी पर लगे आरोपों को गलत पाया है। डीएफसी ने अडानी को श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल बनाने के लिए 55.3 करोड़ डॉलर यानी 4600 करोड़ रुपये से अधिक का लोन दिया है।
डीएफसी ने लोन देने से पहले कहा है कि उसने शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की है और उन्हें गलत पाया है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया था कि अडानी कॉर्पोरेट इतिहास का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा कर रहा है।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने 'एक्स' हैंडल पर पोस्ट कर बड़ा सवाल पूछा है। उन्होंने लिखा, 'हिंडनबर्ग के आरोप 'अप्रासंगिक' पाए जाने के बाद अमेरिकी प्रशासन ने अडानी समूह को 553 मिलियन डॉलर का ऋण दिया। क्या यह एनडीए द्वारा अडानी की कथित "कॉर्पोरेट धोखाधड़ी" को बचाने के विपक्ष के दावों की आखिरी कील है? क्या "मो-दानी लीग" स्वीकार करेगी?'
आपको बता दें कि श्रीलंका में अडानी द्वारा बनाया जा रहा कंटेनर टर्मिनल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह एशिया में अमेरिका द्वारा समर्थित सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक है। इससे एशिया में चीन के बढ़ते दबदबे को काउंटर करने के अमेरिका के प्रयासों के रूप में भी देखा जा रहा है।
US administration extended a $553 million loan to Adani group after it found that Hindenburg’s allegations were "irrelevant."
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) December 6, 2023
Is this the final nail in opposition's claims of NDA shielding Adani's alleged "corporate fraud"?
Will "Mo-dani League" accept?
मुदिचुर, वरदराजपुरम, पश्चिमी तांब्रम, मणिवक्कम की झीलों के कारण इलाकों में बाढ़ आ गई है और जनजीवन पूरी तरह पटरी से उतर गया है।
चेन्नई में हो रही मूसलाधार बारिश ने लगभग 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जिसके कारण रक्षा बलों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैनात करना पड़ा है। मुदिचुर, वरदराजपुरम, पश्चिमी तांब्रम, मणिवक्कम की झीलों के कारण इलाकों में बाढ़ आ गई है और जनजीवन पूरी तरह पटरी से उतर गया है।
ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक पोस्ट कर कहा बड़ी बात कही। उन्होंने लिखा, 'तमिलनाडु में कई दशकों बाद इस तरह की विनाशकारी बाढ़ आई जिसने एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया। बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। यह तबाही मिचौंग तूफ़ान के कारण हुई। अब तक सत्रह लोगों की मौत हो चुकी है।
इधर संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्तारूढ़ डीएमके इसके माध्यम से सरकार और पूरे देश का ध्यान इस आपदा की ओर आकर्षित कर सकती थी। डीएमके नेता टी आर बालू ने यह मुद्दा उठाया भी। लेकिन सुर्ख़ियाँ गोमूत्र के बारे में नफ़रती बयान देने वाले डीएमके सांसद सेंथिल कुमार बटोर कर ले गए। डीएमके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए कि ऐसे संवेदनशील समय क्या ज़्यादा ज़रूरी है- आपदा प्रभावित लोगों को राहत के लिए मदद या फिर कुछ पार्टी नेताओं का नफरती एजेंडा?'
आपको बता दें कि लगातार बारिश के कारण शहर के कई हिस्सों में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। कई स्थानों पर लोगों को घुटनों तक भरे पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है।
तमिलनाडु में कई दशकों बाद इस तरह की विनाशकारी बाढ़ आई जिसने एक करोड़ से अधिक लोगों को प्रभावित किया। बड़े पैमाने पर जान-माल का नुक़सान हुआ। यह तबाही मिचौंग तूफ़ान के कारण हुई। अब तक सत्रह लोगों की मौत हो चुकी है।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) December 7, 2023
इधर संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्तारूढ़ डीएमके इसके माध्यम…
एक तरफ सीएम पद की मजबूत दावेदार वसुंधरा राजे के आवास पर हलचल मची हुई है तो दूसरी तरफ कई दिग्गजों के नाम पर राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है। लेकिन अगले मुख्यमंत्री को लेकर बीजेपी में अभी तक मंथन चल रहा है। मुख्यमंत्री को लेकर अभी तक कोई चेहरा साफ नहीं हुआ है। वहीं वसुंधरा राजे भी आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने में जुट गई हैं। सोमवार को 47 विधायकों ने वसुंधरा से मुलाकात की है।
ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि वसुंधरा राजे की जोर आजमाइश के बीच बीजेपी हाईकमान के लिए नया सीएम बनाया जाना आसान नहीं होगा। वसुंधरा राजे भी हाईकमान को पूरी टक्कर देती हुई नजर आएंगी।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने लिखा, 'छतीसगढ़ और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा का कोई नेता सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रहा है। लेकिन राजस्थान एक ऐसा अकेला राज्य है जहां महारानी वसुंधरा राजे सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। क्या पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर इस तरह से दबाव बनाया जा सकता है क्या? इस प्रश्न का उत्तर भी मिलने वाला है।'
आपको बता दें कि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राजनीतिक अनुभव राजे के पास है और वह अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी के काम आ सकता है।
#Chhattisgarh #MadhyaPradesh में मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा का कोई नेता सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन नहीं कर रहा है, लेकिन #Rajasthan अकेला राज्य है जहां महारानी @VasundharaBJP सार्वजनिक तौर पर शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। @narendramodi @AmitShah पर इस तरह से दबाव बनाया जा…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) December 5, 2023
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार एस ने एक विवादित बयान दिया है।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सांसद डीएनवी सेंथिलकुमार एस ने एक विवादित बयान दिया है। संसद में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर बहस चल रही थी। इसी दौरान सेंथिल कुमार का यह बयान आया।
संसद में बोलते हुए सेंथिल कुमार ने कहा कि ‘बीजेपी की ताकत केवल हिंदी पट्टी के राज्यों में चुनाव जीतना है। जिन्हें हम आमतौर पर गौमूत्र राज्य भी कहते हैं। आप दक्षिण भारत में नहीं जीत सकते हैं। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने अपने 'एक्स' हैंडल से एक पोस्ट कर उनकी भरसक निंदा की है।
रुबिका लियाकत ने लिखा, 'डीएमके के इस सांसद को सुनिए। घमंड देखिए। उत्तर भारत इनके लिए गौमूत्र राज्यों का समूह है। दरअसल ये लोकतंत्र की आड़ में जीत रहे तानाशाह हैं। इनकी पसंद को नापसंद करो तो फ़ौरन अपनी असलियत दिखा देंगे। पार्टी से नफ़रत करते-करते वोटरों से नफ़रत। ग़ज़ब बेशर्मी है।'
आपको बता दें कि सेंथिल कुमार एक पेशेवर रेडियोलॉजिस्ट (डॉक्टर) हैं। वह 2019 में पहली बार डीएमके के टिकट पर तमिलनाडु के धर्मपुरी से चुनाव लड़े और बड़े मार्जिन के साथ जीत दर्ज की थी।
डीएमके के इस सांसद को सुनिए…घमंड देखिए
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) December 5, 2023
उत्तर भारत इनके लिए गौमूत्र राज्यों का समूह है
दरअसल ये लोकतंत्र की आड़ में जीत रहे तानाशाह हैं,
इनकी पसंद को नापसंद करो तो फ़ौरन अपनी असलियत दिखा देंगे…
पार्टी से नफ़रत करते-करते वोटरों से नफ़रत.. ग़ज़ब बेशर्मी है pic.twitter.com/oVDAiV2QWt
उनके इस वीडियो को पत्रकार विष्णु शर्मा ने अपने एक्स हैंडल से रीपोस्ट किया और उनका हौसला बढ़ाया।
'न्यूज24' के जाने-माने संवाददाता राजीव रंजन ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में वो कहते हैं कि एक पत्रकार होने के नाते मैं अपनी भूल को स्वीकार करता हूं। दरअसल, मामला मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव परिणाम से जुड़ा है। पत्रकार राजीव रंजन वीडियो में कहते हैं कि वो एमपी के वोटर्स के मन की बात नहीं समझ पाए और अपनी गलती को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा, 'एमपी की मेरी रीडिंग गलत साबित हो गई। मुझे अनुमान नहीं था कि बीजेपी इतने बड़े अंतर से चुनाव जीत जाएगी।'
उनके इस वीडियो को पत्रकार विष्णु शर्मा ने अपने 'एक्स' हैंडल से रीपोस्ट किया और उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने लिखा, 'राजीव भाई पुराने सहयोगी मित्र हैं, एमपी पर उनके पुरजोर दावे का एक वीडियो घूम रहा था, अब उन्होंने माना कि उनसे दावा करने में चूक हो गई। ये छोटी सी बात इस दौर में स्वागत करने योग्य बड़ा मामला है। क्योंकि तमाम लोग अपने ड्राइंग रूम आकलन से पूर्वाग्रही दावों के फेल होने पर उनकी तरह विनम्रता से मानने के बजाय कुतर्क गढ़ रहे हैं।'
राजीव भाई पुराने सहयोगी मित्र हैं, एमपी पर उनके पुरजोर दावे का एक वीडियो घूम रहा था, अब उन्होंने माना कि उनसे दावा करने में चूक हो गई.. ये छोटी सी बात इस दौर में स्वागत करने योग्य बड़ा मामला है. क्योंकि तमाम लोग अपने ड्राइंग रूम आकलन से पूर्वाग्रही दावों के फेल होने पर उनकी तरह… https://t.co/VKVzyvVZPO
— Vishnu Sharma (@vishuITV) December 4, 2023
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश ने शिवराज सिंह को फिर से गले लगा लिया है। भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले और मामा के नाम से मशहूर शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर विधानसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के नायक बनकर उभरे हैं। प्रदेश में पार्टी दो-तिहाई बहुमत मिला है। 230 में से 160 से अधिक सीटें बीजेपी ने जीती हैं।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़! इन तीनों राज्यों में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता है।
हाल ही में संपन्न हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम अब सबके सामने हैं। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस 3 हिंदी पट्टी के राज्यों में चुनाव हार गई जहां उसे एक मजबूत बहुमत की उम्मीद थी। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ इन तीनों राज्यों में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के ही बीच होता है और बीजेपी ने तीनों राज्यों में बहुमत प्राप्त कर लिया।
ऐसे में कांग्रेस की लोकसभा चुनाव 2024 की उम्मीदों को कड़ा झटका लगा है। हिंदी न्यूज़ चैनल 'आजतक' में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार और प्राइम टाइम न्यूज एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो में कांग्रेस की इस हार पर बात की।
उन्होंने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, 'नकीली मुद्दों से सोशल मीडिया पर ट्रेंड किया जा सकता है लेकिन चुनाव नहीं जीते जा सकते। हाल ही में कांग्रेस ने जितने मुद्दे उठाये वो सोशल मीडिया पर सुपर हिट रहे लेकिन चुनाव में फ्लॉप हो गये। क्या कांग्रेस विज्ञापन और पी आर एजेंसियों के कहने पर चलकर भटक गई? कांग्रेस शायद गूगल मैप्स को आँख बंद करके फॉलो कर रही थी।'
आपको बता दें कि 5 राज्यों में से सिर्फ एक राज्य 'तेलंगाना' ही है जहां कांग्रेस ने सत्ता प्राप्त की है। ऐसे में उत्तर भारत के राज्यों में कांग्रेस का हारना एक बड़े विमर्श का केंद्र बनता जा रहा है। वहीं बीजेपी का अनुमान है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता जिस तरह से उसे मदद कर रही है उसे आधार बनाएं तो लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से अधिक लोकसभा सीटें जीती जा सकती हैं।
नक़ली मुद्दों से सोशल मीडिया पर ट्रेंड किया जा सकता है लेकिन चुनाव नहीं जीते जा सकते।हाल ही में कांग्रेस ने जितने मुद्दे उठाये वो सोशल मीडिया पर सुपर हिट रहे लेकिन चुनाव में फ्लॉप हो गये।
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) December 5, 2023
क्या कांग्रेस विज्ञापन और पी आर एजेंसियों के कहने पर चलकर भटक गई ?
कांग्रेस शायद गूगल मैप्स… pic.twitter.com/vpDvuer2r9
इतनी बड़ी जीत से साबित होता है कि वोट सिर्फ राज्य के मुद्दों पर नहीं, केंद्र सरकार की काम के लिए भी पड़े हैं।
चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। तीन राज्यों में बीजेपी को बहुमत प्राप्त हुआ है, वहीं तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी है। मध्य प्रदेश में बीजेपी को 163 सीटें हासिल हुई हैं। राजस्थान में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। चुनाव में बीजेपी को 115 सीट मिली हैं। छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 54 सीट मिली हैं।
तीन राज्यों में बीजेपी की इस प्रचंड जीत पर वरिष्ठ पत्रकार नीरज बधवार ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट की और अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने लिखा, 'मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जीत से कई चीजें साफ हो गई हैं। हिंदू वोटर के लिए जातीय पहचान से बड़ी धार्मिक पहचान हो गई है। इतनी बड़ी जीत से साबित होता है कि वोट सिर्फ राज्य के मुद्दों पर नहीं, केंद्र सरकार की काम के लिए भी पड़े हैं। 2024 में बीजेपी की जीत 2019 से भी बड़ी हो सकती है।
इंडी अलायंस की तमाम चर्चाओं और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और उन्हें रिब्रांड करने तमाम कोशिशों का ज़मीन पर रत्ती भर कोई असर नहीं पड़ा। बीजेपी, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात जैसे राज्यों में अपने काम के दम पर बार-बार जीत कर आ ही है।
कांग्रेस छत्तीसगढ़ जैसे छोटे स्टेट में भी दोबारा पावर में नहीं आ पा रही। जहां सत्ता मिलती भी है वहां बड़े नेता आपस में लड़कर रह जाते हैं। वो अब भी वो अपनी जीत के लिए पिछली सरकार की एंटी इंकम्बेंसी पर निर्भर करती है मगर अपने काम के दम पर दोबारा नहीं आ पाती।'
मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जीत से कई चीज़ें साफ हो गई हैं।
— Neeraj Badhwar (@nirajbadhwar) December 3, 2023
1-हिंदू वोटर के लिए जातीय पहचान से बड़ी धार्मिक पहचान हो गई है
2-इतनी बड़ी जीत से साबित होता है कि वोट सिर्फ राज्य के मुद्दों पर नहीं
केंद्र सरकार की काम के लिए भी पड़े हैं
3-2023 में बीजेपी की जीत 2019 से भी…
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी विश्वसनीयता की अग्नि परीक्षा में तप कर खरे निकले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जनता का भरोसा हासिल किया है।
चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। 3 राज्यों में बीजेपी को बहुमत प्राप्त हुआ है वहीं तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनी है। मध्य प्रदेश में बीजेपी को 163 सीटें हासिल हुई हैं जबकि कांग्रेस को 66 सीटें मिली हैं जबकि अन्य के खाते में एक सीट गई है। वहीं राजस्थान में हर बार की तरह ही सत्ता परिवर्तन हुआ है।
राजस्थान में बीजेपी में प्रचंड जीत हासिल की है। चुनाव में बीजेपी को 115 सीट मिली हैं जबकि कांग्रेस को 69 सीट हासिल हुई हैं। राजस्थान में 15 सीट निर्दलियों के खाते में गई हैं। छत्तीसगढ़ की बात करें तो कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी को 54 सीट मिली हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 35 सीट गई है। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है।
बीजेपी की इस प्रचंड जीत पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट किया और बड़ी बात कह दी। उन्होंने लिखा, 'यह अभूतपूर्व जनादेश है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी विश्वसनीयता की अग्नि परीक्षा में तप कर खरे निकले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जनता का भरोसा हासिल किया है।
उनके विचार, आचार और सरकार पर जनता का ऐतबार है। विपरीत हालात में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बड़ी जीत इसका प्रमाण है। राजस्थान का राज भी उन्हें जमीन पर कुशल कौशल प्रबंधन और कारगर रणनीति से मिला। ऐसे वक्त मे जब लोकसभा के चुनाव आसन्न हों तब ये बहुत बड़ी जीत, बीजेपी की बढ़ती ताकत का प्रतिबिंब है। विपक्ष के लिए बीजेपी, शोध का विषय होना चाहिए।'
यह अभूतपूर्व जनादेश है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी विश्वसनीयता की अग्नि परीक्षा में तप कर खरे निकले हैं। भारतीय जनता पार्टी ने जनता का भरोसा हासिल किया है। उनके विचार, आचार और सरकार पर जनता का ऐतबार है। विपरीत हालात में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की बड़ी जीत इसका प्रमाण है। राजस्थान…
— Brajesh Misra (@brajeshlive) December 3, 2023
बीजेपी हाल तक कर्नाटक में सरकार चला रही थी और अभी पुड्डेचरी में गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। दक्षिण भारत के गेटवे कहे जाने वाले राज्य तेलंगाना को छोड़कर कांग्रेस पार्टी को राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी सरकार गंवानी पड़ी। कांग्रेस तेलंगाना में सरकार बनाने के आंकड़े जुटाकर दक्षिण भारत के राज्यों में एक संजीवनी के तौर पर बड़ी सफलता मान रही है।
कांग्रेस के कुछ नेता ऐसे में उत्तर बनाम दक्षिण की लड़ाई को भी हवा देते हुए नजर आ रहे हैं। इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, 'तीन हिंदी भाषी राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस के कुछ नेता दक्षिण बनाम उत्तर की बहस को हवा दे रहे हैं।
पहली बात तो यह कि किसी भी राष्ट्रीय पार्टी को यह बहस शोभा नहीं देती। एक ऐसी पार्टी जो अभी तक राजस्थान और छत्तीसगढ़ में शासन में थी और हिमाचल प्रदेश में सत्ता में है। दूसरी बात यह है कि बीजेपी के दक्षिण भारत में कांग्रेस से अधिक लोक सभा सांसद हैं।
कर्नाटक और तेलंगाना को मिलाकर बीजेपी के 29 लोक सभा सांसद हैं जबकि कांग्रेस के केरल में 15, तमिलनाडु में 8, तेलंगाना में 3 और कर्नाटक तथा पुड्डुचेरी में एक-एक सांसद मिलाकर कुल 28 सांसद हैं। बीजेपी हाल तक कर्नाटक में सरकार चला रही थी और अभी पुड्डेचरी में गठबंधन सरकार का हिस्सा है। तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उसे अभी तक नौ सीटें और 13.78% वोट मिले हैं।
तीन हिन्दी भाषी राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद कांग्रेस के कुछ नेता दक्षिण बनाम उत्तर की बहस को हवा दे रहे हैं। पहली बात तो यह कि किसी भी राष्ट्रीय पार्टी को यह बहस शोभा नहीं देती। एक ऐसी पार्टी जो अभी तक राजस्थान और छत्तीसगढ़ में शासन में थी और हिमाचल प्रदेश में सत्ता में…
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) December 3, 2023
बहुमत का आंकड़ा 60 है। ऐसे में साफ तौर पर तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 119 सीटों पर मतदान के बाद एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आ गए हैं। इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में सत्तारूढ़- बीआरएस, विपक्षी दल- कांग्रेस और भाजपा के खाते में जितनी सीटें दिखाई गई हैं, इससे साफ है कि तेलंगाना में कांटे की टक्कर होगी। इंडिया टुडे (आज तक)-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस को 63-73 सीटें मिलने का अनुमान है।
बहुमत का आंकड़ा 60 है। ऐसे में साफ तौर पर तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने की प्रबल संभावनाएं दिख रही हैं। इस पोल के मुताबिक बीआरएस को 34-44 सीटें मिलने का अनुमान है। यानी केसीआर की पार्टी बहुमत के आंकड़े से पार्टी काफी दूर है। बीजेपी को 4-8 सीटें मिलने का अनुमान है।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी- ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को 5-7 सीटें मिलने का अनुमान है। 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा के लिए गुरुवार को मतदान कराए गए। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को बताया कि कुल 71.34 प्रतिशत मतदान हुआ।
तेलंगाना के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, मुनुगोडे विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 91.89 प्रतिशत मतदान हुआ।
Battle for Telangana: @AxisMyIndia poll for @IndiaToday Cong 63-73; BRS 34-44; BJP 4-8; AIMIM: 5-7; others 0-1.. Congress set to win Telangana as per exit poll.. southern comfort for a party struggling in Hindi heartland ..
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) December 1, 2023