हालिया संवैधानिक संशोधन पिछले साल के 26वें संशोधन की तरह, कानूनविदों और बड़े सिविल सोसाइटी के साथ बिना किसी सलाह और बहस के जल्दबाजी में अपनाया गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
पाकिस्तान की सरकार हालिया 27वें संविधान संशोधन को लेकर न सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी सवालों के घेरे में है। पाक आर्मी के इशारों पर हुए एमेंडमेंट की चौतरफा आलोचना हो रही हैं। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार दीपक दीपक चौरसिया ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, पाकिस्तान के जबरदस्ती सर्वे सर्वा बने मुल्ला आसिम मुनीर को देखकर UN इस समय गुस्से में है। अब जब UN ने लताड़ा तो पाकिस्तान सहम गया है। पाकिस्तान मुनीर की 'तानाशाही' पर सफाई देता फिर रहा है। पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर का रवैया तानाशाही वाला होता जा रहा है।
एक ओर इमरान खान की मौत की ख़बर उड़ रही है तो दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र की ओर से पाकिस्तान को बुरी तरह से लताड़ा गया है। हालांकि यूएन की प्रतिक्रिया का कारण पाक का 27वां संवैधानिक संशोधन है। UN की चिंता है कि पाकिस्तान अब तानाशानी की तरफ बढ़ रहा है।
ऐसे में सवाल ये है कि मुल्ला मुनीर जितना पाकिस्तान के लिए संकट बनता जा रहा है उतना ही दुनिया के लिए भी। हो सकता है अपनी तानाशाही बढ़ाने के चक्कर में मुनीर पाकिस्तान को पहले से ज्यादा बर्बाद कर दे, जो भविष्य में एशिया की राजनीतिक अस्थिरता का कारण बन सकता है।
आपको बता दें, जिनेवा से जारी बयान में, ह्यूमन राइट्स चीफ ने कहा कि हालिया संवैधानिक संशोधन पिछले साल के 26वें संशोधन की तरह, कानूनविदों और बड़े सिविल सोसाइटी के साथ बिना किसी सलाह और बहस के जल्दबाजी में अपनाया गया है।
भारत में सेकेंड-हैंड मोबाइल डिवाइस का एक बड़ा बाजार है। चोरी हुए या ब्लैकलिस्ट किए गए उपकरणों को फिर से बेचे जाने के मामले भी सामने आए हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दूरसंचार विभाग ने सभी नए मोबाइल फोनों में ‘संचार साथी’ ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया है। यह ऐप फोन सेटअप के दौरान दिखना चाहिए और इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा और 90 दिन की समय सीमा तय की गई है। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार संकेत उपाध्याय ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, सरकार ने मोबाइल कंपनियों से कहा है कि वे सभी फ़ोन में इस ऐप को पहले से इंस्टॉल करके दें और उसे हटाने (डिलीट करने) का विकल्प भी न हो। मेरा मानना है कि इसके बजाय सरकार को इस ऐप के फ़ायदों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुँचानी चाहिए थी और लोगों को खुद इसे डाउनलोड करने का मौक़ा देना चाहिए था।
आख़िर कौन नहीं चाहेगा कि वह सुरक्षित रहे? आपको बता दें, संचार साथी पोर्टल और ऐप नागरिकों को आईएमईआई नंबर के जरिए मोबाइल हैंडसेट की वास्तविकता की जांच करने की सुविधा देता है। डुप्लीकेट या स्पूफ्ड आईएमईआई वाले मोबाइल हैंडसेट दूरसंचार साइबर सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।
Govt has asked handset makers to pre install this app on all phones with no provisions of deleting. I think instead of this, the govt could have just discussed the virtues of this app through outreach and let people download it themselves. Who wouldn’t want to stay protected? https://t.co/rKp1aUEvdn
— Sanket Upadhyay (@sanket) December 2, 2025
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जल्द ही भारत में बिकने वाले हर नए स्मार्टफोन में ‘संचार साथी’ ऐप पहले से इंस्टॉल मिलेगा। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI और मोबाइल चोरी पर लगाम कसना है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। अब नए स्मार्टफोन में साइबर सेफ्टी ऐप संचार साथी प्री-इंस्टॉल होकर आएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनियों को 90 दिनों के भीतर इस बदलाव को लागू करने को कहा गया है।
इस फैसले के दायरे में Apple, Samsung सहित कई प्रमुख ब्रांड शामिल हैं। ऐप को यूजर न डिलीट कर पाएंगे और पुराने फोन्स में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह जोड़ा जाएगा। सरकार का उद्देश्य बढ़ते साइबर अपराधों, IMEI क्लोनिंग और चोरी के मामलों पर रोक लगाना है।
‘संचार साथी’ से यूजर संदिग्ध कॉल, मैसेज या चैट की रिपोर्ट कर सकेंगे, वहीं चोरी या गुम मोबाइल को IMEI के जरिए ब्लॉक भी किया जा सकेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 7 लाख से ज्यादा खोए फोन इस सिस्टम से रिकवर हो चुके हैं। 1.2 अरब से अधिक यूजर्स वाले भारत में डुप्लिकेट IMEI के चलते ठगी और ट्रैकिंग से बचने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
IMEI एक 15 अंकों का यूनिक कोड है, जिसे अपराधी क्लोन कर लेते हैं। यह ऐप पुलिस और नेटवर्क एजेंसियों को डिवाइस ट्रेस करने में मदद देगा। हालांकि, ऐप को अनिवार्य करने से प्राइवेसी पर बहस भी तेज हो सकती है, लेकिन सरकार का दावा है कि यह कदम यूजर्स की सुरक्षा और भरोसे को प्राथमिकता देता है।
विपक्ष ने संसत्र सत्र की शुरुआत हंगामे वाले एक्शन से की। SIR के मुद्दे पर विपक्ष काफी आक्रोशित है। वो सरकार पर SIR के बहाने वोट चोरी का आरोप लगा रहा है।
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संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है। इसके पहले दिन जमकर हंगामा हुआ। सत्र के पहले दिन बैठक शुरू होने से ठीक पहले पीएम मोदी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि संसद में ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। इस बीच एक टीवी डिबेट में बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने भी विपक्ष की आलोचना की।
उन्होंने कहा, जनता ने जो जनादेश दिया है पहले हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और अब बिहार उसके बाद कौन किसकी नजरों में चढ़ा है और कौन गिरा है, यह जनता भली-भांति जानती है। चुनावी हार-जीत अलग बात है, लेकिन चुनाव जीतने के लिए आप क्या-क्या हथकंडे अपनाएंगे?
परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना, भारतीय सेना में जाति का मुद्दा उठाना, इस तरह की बातें करने वाले लोग जनता की नजरों में गिरेंगे या चढ़ेंगे, यह मैं दर्शकों के विवेक पर छोड़ता हूं। जहां तक ड्रामे की बात है, हमारे विपक्ष के ही एक सांसद थे जो पूर्व उप-राष्ट्रपति महोदय की संसद की सीढ़ियों पर बैठकर मिमिक्री कर रहे थे और राहुल गांधी जी उसका वीडियो बना रहे थे।
यह ड्रामा नहीं तो क्या है? वक्फ बोर्ड की मीटिंग में बोतल उठाकर फेंक दी, यह ड्रामा नहीं तो और क्या था? नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जी, जिन्होंने संसद में ईश्वर के नाम की शपथ नहीं ली, लेकिन भगवान की फोटो दिखा रहे थे।
वक्फ बोर्ड की वोटिंग के समय पजामा और टी-शर्ट पहनकर आ गए थे, तो यह ड्रामा नहीं तो और क्या है? बता दें, विपक्ष ने संसत्र सत्र की शुरुआत हंगामे वाले एक्शन से की। SIR के मुद्दे पर विपक्ष काफी आक्रोशित है। वो सरकार पर SIR के बहाने वोट चोरी का आरोप लगा रहा है।
जनता ने जो जनादेश दिया है पहले हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली और अब बिहार उसके बाद कौन किसकी नजरों में चढ़ा है और कौन गिरा है, यह जनता भली-भांति जानती है। चुनावी हार-जीत अलग बात है, लेकिन चुनाव जीतने के लिए आप क्या-क्या हथकंडे अपनाएंगे? परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देना,… pic.twitter.com/Yzpk0V1Jks
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) December 1, 2025
सेंगोट्टयन की पिछले महीने ही अमित शाह से मुलाकात हुई थी। अब सवाल उठता है -क्या 2026 में तमिलनाडु की राजनीति में DMK बनाम विजय बनाम AIADMK का त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के निष्कासित वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के.ए. सेंगोट्टैयन तमिलगा वेत्रि कझगम (टीवीके) में शामिल हो गए हैं। उन्हें टीवीके संस्थापक और अभिनेता से नेता बने विजय की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दी गई।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, एक खबर जो सबका ध्यान खींच रही हैं। जहाँ कर्नाटक में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान सुर्खियाँ बना रही है, वहीं तमिलनाडु में चुनाव से पहले बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
AIADMK के 9 बार के विधायक और बड़े रणनीतिकार के. सेंगोट्टयन का अभिनेता विजय की पार्टी TVK में शामिल होना यह साफ़ संकेत है कि विजय अब राजनीति के एक अहम खिलाड़ी बन चुके हैं। दिलचस्प बात यह है कि सेंगोट्टयन की पिछले महीने ही अमित शाह से मुलाकात हुई थी।
अब सवाल उठता है -क्या 2026 में तमिलनाडु की राजनीति में DMK बनाम विजय बनाम AIADMK का त्रिकोणीय मुकाबला होगा, और भाजपा अपने विकल्प खुले रखेगी?और इससे सबसे ज़्यादा फ़ायदा किसे होगा? तमिलनाडु में अभी तक इस तरह का साफ़ तौर पर तीन-तरफ़ा चुनावी मुकाबला बहुत कम देखने को मिला है।
Story that caught the eye: while Cong power tussle in Karnataka grabs the headlines, major political moves in TN ahead of elections. With 9 time AIADMK MLA and key strategist K Sengottayan joining Vijay’s TVK, it’s clear that the actor is now an important political player.…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 28, 2025
कंपनी का कहना है कि इससे प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ेगी। जैसे ही यह फीचर लॉन्च हुआ, कई यूजर्स हैरान रह गए। दरअसल, भारत के कई बड़े राजनीतिक अकाउंट विदेशों से ऑपरेट हो रहे हैं।
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भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि कांग्रेस विदेशी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए भारत में गृहयुद्ध भड़काने की साजिश रच रही है। ये अकाउंट पाकिस्तान, बांग्लादेश, मलेशिया, सिंगापुर और अमेरिकी सहित अन्य देशों से चल रहे हैं वहीं कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने भी एक टीवी डिबेट में अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने डिबेट में कहा, कांग्रेस का विदेशी कनेक्शन कुछ नया नहीं है। यह बहुत पुराना और बहुआयामी है। भारत का कौन सा बड़ा नेता है, जो कभी ऐसा नहीं होता कि मौसम बदले और वह हर एक ऋतु में एक बार विदेश न चला जाए। हर पार्लियामेंट सत्र के बाद विदेश चले जाते हैं।
क्या करने जाते हैं, यह भी बताना चाहिए। बहुत सारी चीजें रहस्यमयी हैं। अभी कुछ दिन पहले मलेशिया गए थे और लौटकर आए तो कहा कि हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। फिर कोलंबिया में लेक्चर देने जाते हैं। भारत में आपको कोई यूनिवर्सिटी क्यों नहीं बुलाती? बीजेपी शासित राज्य छोड़िए, कांग्रेस शासित राज्य के विश्वविद्यालय भी क्यों नहीं बुलाते?
क्या आपने कभी सुना है कि जब हम विपक्ष में थे तब भारत के विपक्ष के किसी नेता का बयान विदेश ने भारत के खिलाफ प्रयोग किया हो? पर अब पाकिस्तान ने कांग्रेस और राहुल गांधी का बयान UN में भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया है। हाफिज सईद का वीडियो है कि ये नरेंद्र मोदी और बीजेपी वाले इतना खिलाफ बोलते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने तो मुतालबा कर दिया है कि पाकिस्तान पर खामखा इल्ज़ाम लगा रहे हैं।
कांग्रेस के बारे में KGB के एक रिटायर्ड ऑफिसर ने अपनी किताब मित्रोखिन आर्काइव में यहां तक आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी को KGB से पैसा आता था। 1977 में कांग्रेस की हार के बाद क्रेमलिन में गंभीर बैठक हुई। आपको बता दें, एक्स ने हाल ही में नया फीचर शुरू किया, जिससे हर अकाउंट की लोकेशन (देश/क्षेत्र) दिखाई देने लगी है।
कंपनी का कहना है कि इससे प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ेगी। जैसे ही यह फीचर लॉन्च हुआ, कई यूजर्स हैरान रह गए। उन्हें पता चला कि भारत के कई बड़े राजनीतिक अकाउंट विदेशों से ऑपरेट हो रहे हैं।
कांग्रेस का विदेशी कनेक्शन कुछ नया नहीं है। यह बहुत पुराना और बहुआयामी है ।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) November 27, 2025
भारत का कौन सा बड़ा नेता है, जो कभी ऐसा नहीं होता कि मौसम बदले और वह हर एक ऋतु में एक बार विदेश न चला जाए। हर पार्लियामेंट सत्र के बाद विदेश चले जाते हैं। क्या करने जाते हैं, यह भी बताना चाहिए। बहुत सारी… pic.twitter.com/zUItVQMev5
निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा मतदाता सूची में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नाम 2002 की मतदाता सूची से मेल नहीं खा रहे हैं। निर्वाचन आयोग के सूत्रों के अनुसार, मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया के तहत बुधवार दोपहर तक पश्चिम बंगाल में छह करोड़ से अधिक गणना प्रपत्र अपलोड कर दिए गए थे।
इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बंगाल में 26 लाख वोटर संदिग्ध होने के चुनाव आयोग के दावे से हड़कम मच गया है। अब सवाल ये है कि SIR कैंपेन के दौरान 2002 की वोटर लिस्ट से मैच न करने वाले 26 लाख नामों का क्या होगा?
क्योंकि ये दावा BJP का नहीं बल्कि चुनाव आयोग का है। हालाकि ECI का कहना है कि सभी नामों की दस्तावेज़-आधारित जांच होगी। उधर ममता बनर्जी SIR अभियान के खिलाफ विरोध कर रही हैं, जबकि SIR के बाद बंगाल के सीमा क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों के बांग्लादेश लौटने की खबरें सामने आ रही हैं।
अब बड़ी बात ये है कि क्या SIR बंगाल की राजनीति में बड़ा भूचाल साबित होगा? आपको बता दें, शुरुआती निष्कर्षों से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में लगभग 26 लाख मतदाताओं के नामों का मिलान अब भी पिछले एसआईआर चक्र के आंकड़ों से नहीं किया जा सका है।
बंगाल में 26 लाख वोटर संदिग्ध होने के चुनाव आयोग के दावे से हड़कम मच गया है. अब सवाल ये है कि SIR कैंपेन के दौरान 2002 की वोटर लिस्ट से मैच न करने वाले 26 लाख नामों का क्या होगा? क्योंकि ये दावा BJP का नहीं बल्कि चुनाव आयोग का है. हालाकि ECI का कहना है कि सभी नामों की…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) November 27, 2025
इंडिया गेट पर प्रदूषण विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक नक्सल समर्थक नारे लगे। वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने युवाओं की सोच और दिशा पर कड़े सवाल उठाए।
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राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन ने अचानक एक विवादित मोड़ ले लिया, जब इंडिया गेट के पास जुटे कुछ युवाओं ने नक्सलियों के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी। प्रोटेस्ट का मुद्दा प्रदूषण था, लेकिन माहौल अचानक बदल गया और भीड़ में से ‘लाल सलाम’ तथा ‘जितने हिडमा मारोगे, हर घर से हिडमा निकलेगा’ जैसे नारे गूंजने लगे।
नक्सली कमांडर हिडमा के समर्थन में उठी इस आवाज़ ने सुरक्षा एजेंसियों से लेकर सामाजिक हलकों तक चिंता बढ़ा दी है। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने एक्स पर कड़ा रिएक्शन देते हुए कहा कि इन युवाओं को परिवार ने पढ़ने भेजा था ताकि वे समाज और देश के काम आएं, लेकिन वे गलत दिशा में भटक गए हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि दिल्ली के प्रदूषण का नक्सली हिडमा के मारे जाने से क्या संबंध? क्या ये युवा उसे हीरो मानते हैं? उन्होंने आगे लिखा कि अगर नक्सलवाद इतनी अच्छी व्यवस्था देता है, तो इन लोगों को पहले बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों में जाकर देखना चाहिए।
राणा यशवंत ने कहा कि किसी भी विचारधारा का समर्थन करना व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, लेकिन खून-खराबे और हिंसा वाली राह को सही मानना इस बात का संकेत है कि युवाओं को भटका दिया गया है। घटना ने एक बड़े सवाल को जन्म दिया है -क्या कुछ युवा सोशल मीडिया और बहकावे में आकर हिंसक विचारधारा को ग्लोरिफाई करने लगे हैं?
इन सभी को माता-पिता ने पढ़ने भेजा कि काबिल बनेंगे, परिवार और देश के काम आयेंगे. लेकिन अफ़सोस कि ये दिमाग़ी तौर पर ही बीमार निकले.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) November 24, 2025
- दिल्ली में प्रदूषण का दुर्दांत नक्सली हिडमा को मारे जाने से क्या लेना देना?
- क्या इनके लिए हिडमा हीरो है? फिर तो बड़ा सवाल है!
- उसके लिए छाती… pic.twitter.com/699ZG1fXfC
यशस्वी ने 97 गेंदों का सामना किया और 58 रन बनाए। उनके बल्ले से 7 चौके और 1 छक्का निकला। उनकी स्ट्राइक रेट 59.79 की रही। मार्को यानसन ने सबसे ज्यादा 6 विकेट चटकाए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम ने गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक उनकी बढ़त 314 रनों की हो गई है। भारत की पहली पारी 489 रन के जवाब में केवल 201 रन पर समाप्त हो गईं। जवाब में स्टंप्स तक दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में 26 रन बना लिए थे।
इस बीच वरिष्ठ खेल पत्रकार विक्रांत गुप्ता ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी राय दी। उन्होंने लिखा, दक्षिण अफ्रीका की बढ़त 314 रन की हो गई है। तकनीकी तौर पर मैच में अभी दो दिन बचे हैं। हर दिन खराब रोशनी (Bad Light) के कारण अगर 10–12 ओवर निकल भी जाएँ, तो मेरा मानना है कि बावुमा शायद कल लंच से लगभग एक घंटा पहले भारत को बल्लेबाज़ी के लिए भेज देंगे।
शायद वे 314 की बढ़त में लगभग 160–170 रन और जोड़कर भारत को करीब 480–490 रन का लक्ष्य देंगे जो कि लगभग 120 ओवरों में हासिल करना होगा। आपकी क्या राय है? आपको बता दें, भारत ने दूसरे दिन 9 रन से आगे खेलना शुरू किया और टीम का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया। भारत की पारी 201 रन पर समाप्त हो गईं।
South Africa lead by 314 runs, technically two days left. And if you take out 10-12 overs to bad light each day, I suppose Bavuma would look at putting India in an hour before lunch tomorrow- maybe try and add 160-170 to 314 and ask India about 480-490 in a possible 120 overs…
— Vikrant Gupta (@vikrantgupta73) November 24, 2025
इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि आज भारतीय सिनेमा ने अपना सबसे पवित्र हृदय खो दिया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
भारतीय सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित और प्रिय चेहरों में से एक धर्मेंद्र अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे धर्मेंद्र को कुछ दिन पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में सुधार के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था और घर पर ही उनका उपचार जारी था।
कल उनकी हालत बिगड़ी और इस महान अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया। यह खबर सामने आते ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री, उनके प्रशंसक और देशभर में फैले उनके चाहने वाले गहरे सदमे में डूब गए। इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने एक्स पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा - भारतीय सिनेमा ने अपना सबसे पवित्र हृदय खो दिया है।
धर्मेंद्र जी हमें धीरे से, शालीनता से छोड़कर चले गए जैसे वे जिए थे। वे बिना अहंकार की शक्ति थे, बिना शोर की प्रसिद्धि। ऐसा नायक जिसने दयालुता को वीरता बना दिया और सादगी को दिव्यता। धर्मेंद्र के निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड के कई सितारे, जिनमें अमिताभ बच्चन, आमिर खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, सलमान खान और अन्य बड़े नाम शामिल हैं, मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान घाट पहुंचे और उन्हें भावभीनी विदाई दी। बेटे सनी देओल ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार की सभी रस्में निभाईं।
धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म ‘इक्कीस’ होगी। इससे पहले वे ‘तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया’ में दादू की भूमिका में नजर आए थे। धर्मेंद्र भले ही दुनिया से चले गए हों, लेकिन उनकी मुस्कान, उनका सादापन और उनकी अदाकारी आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा बनकर जीवित रहेगी।
इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले 16 साल के स्टूडेंट ने मंगलवार को सुसाइड कर लिया। वो अशोक पैलेस इलाके के सेंट कोलंबिया स्कूल में पढ़ता था। छात्र ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने लिखा कि उसके अंग दान कर दिए जाएं और उसके जैसी पीड़ा किसी भी बच्चों को नहीं मिलनी चाहिए। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मीनाक्षी जोशी ने भी एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी पीड़ा व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था। टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे। बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। यह मन अपशब्दों को सहन नहीं कर पाता है। परिवार और टीचर दोनों की भूमिका होती है की बच्चों की परेशानियों को मामूली समझकर नज़रअंदाज़ ना करें।
बच्चों से बात करें, समस्या का हल ढूँढे। इमोशनल बैटल को लड़ते हुए भी उनकी भावुकता कम नहीं होनी चाहिए। यह काम परिवार और टीचर ही कर सकते हैं। मैं जयपुर में नौ साल की बच्ची की मौत की खबर को भी पहले दिन से ट्रैक कर रही हूँ। मेरे जो-जो डर थे वह सब सही साबित होते जा रहे हैं।
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 9 साल की छात्रा की मौत की सीबीएसई की जाँच में सुरक्षा, बाल संरक्षण और स्कूल की प्रतिक्रिया में गंभीर खामियाँ पाई गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी मंजिल से कूदने के बाद मरने वाली चौथी कक्षा की छात्रा को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था, जिसमें यौन संदर्भों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार भी शामिल था, और घटना वाले दिन अपनी शिक्षिका से दो बार संपर्क करने के बावजूद, उसे कभी भी काउंसलर के पास नहीं भेजा गया।
बच्ची परेशान थी माँ बाप ने उस से बात क्यों नहीं की? टीचर जानती थी तो बच्ची की काउंसलिंग क्यों नहीं कराई? स्कूल सिर्फ़ सर्विस प्रोवाइडर नहीं होना चाहिए। टीचर का 40-45 छात्रों के साथ इमोशनल कनेक्ट बनाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन बच्चा परेशान है फिर भी टीचर आँख बंद कर ले ऐसे टीचर स्कूल में कभी भी नहीं होने चाहिए।
मैं #शौर्य की खबर पढ़ रही हूँ । दसवी के बच्चे ने मेट्रो स्टेशन से कूद कर आत्महत्या कर ली ।
— Meenakshi Joshi (@IMinakshiJoshi) November 21, 2025
उस बच्चे पर परफ़ॉर्मेंस का प्रेशर था । टीचर बच्चों की परेशानियों का हल उनके लेवल पर आकर सुलझाने की कोशिश नहीं कर रहे थे, वह शौर्य पर मानसिक दबाव बना रहे थे ।
बच्चों का मन बहुत कोमल होता…