राहुल गांधी के इस लेख पर भड़के अमिश देवगन, बोले- इतिहास का ज्ञान कम है

कांग्रेस सांसद के इस आर्टिकल पर केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिन्हा, जयपुर राजपरिवार की राजकुमारी और राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी सिंह ने आपत्ति जताई।

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Published - Friday, 08 November, 2024
Last Modified:
Friday, 08 November, 2024
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कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक लेख को लेकर सियासी हंगामा मचा हुआ है। उन्होंने लिखा, ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के राजा- महाराजाओं को डराकर-धमकाकर और उन्हें घूस देकर भारत पर राज किया था।

इसके बाद, कांग्रेस सांसद के इस आर्टिकल पर केंद्रीय मंत्री और ग्वालियर के महाराज ज्योतिरादित्य सिन्हा, जयपुर राजपरिवार की राजकुमारी और राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी सिंह ने आपत्ति जताई। वहीं वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन ने भी अपने शो में राहुल गांधी के इस बयान पर आपत्ति जताई है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी ने अब देश के राजा-महाराजाओं का अपमान किया है ? राहुल ने देश के महाराजाओं को दब्बू बताया है। दब्बू यानी ऐसा व्यक्ति जिसे आसानी से वश में किया जा सके। लगता है उन्होंने महाराणा प्रताप के शौर्य की गाथाएं नहीं सुनी। ना ही उन्हें राणा रतन सिंह का पराक्रम याद है और ना ही पृथ्वीराज चौहान के शब्दभेदी बाणों की कहानी का ज्ञान है। अगर होता तो वो ऐसा कभी नहीं बोलते।

आपको बता दें, राहुल गांधी ने अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' में 6 नवंबर को एक लेख में लिखा, ईस्ट इंडिया कंपनी ने हमारे ज्यादा लचीले महाराजाओं और नवाबों के साथ पार्टनरशिप की। उन्हें रिश्वत दी और उनको धमकाकर भारत का गला घोंटा। इस कंपनी ने हमारे बैंकिंग, नौकरशाही, सूचना नेटवर्क को कंट्रोल किया। हमने अपनी आजादी किसी अन्य राष्ट्र से नहीं खोई, हमने इसे एक एकाधिकारवादी निगम से खो दिया था।

 

 

 

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बांग्लादेश का दौरा करेंगे विदेश सचिव विक्रम मिस्री, राहुल शिवशंकर ने कही ये बड़ी बात ?>

संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस मामले में निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करता है।

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Published - Saturday, 07 December, 2024
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Saturday, 07 December, 2024
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों के बीच विदेश सचिव विक्रम मिस्री अगले हफ्ते 9 दिसंबर को बांग्लादेश दौरे पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया को यह जानकारी दी। इस दौरे में मिस्री अपने बांग्लादेशी समकक्ष से मुलाकात करेंगे इसके अलावा कई अन्य बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और सवाल पूछा कि कही भारत सरकार ने देर तो नहीं कर दी। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, हिंदुओं पर व्यापक हमलों के बीच, विदेश सचिव विक्रम मिस्री बांग्लादेश दौरे पर जा रहे हैं। सवाल ये है कि क्या मोदी सरकार ने इस मुद्दे को बहुत समय से छोड़ा हुआ है? हर एक दिन जो बर्बाद हो रहा है वह हिंदुओं के खून को गिरा रहा है।

आपको बता दें, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद हिंदुओं पर हमले बहुत बढ़ गये है। पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में हिंदू समुदाय समेत अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस मामले में निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया की उम्मीद करता है।

 

 

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अकु श्रीवास्तव की नई किताब 'मोदी 3.0 और आगे पटरी पर साख' का विमोचन 9 दिसंबर को ?>

अकु श्रीवास्तव की नई किताब का विमोचन 9 दिसंबर शाम 4:30 बजे किया जायेगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी जी होंगे।

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Published - Saturday, 07 December, 2024
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Saturday, 07 December, 2024
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‘पंजाब केसरी’ ग्रुप के हिंदी अखबार 'नवोदय टाइम्‍स' के एडिटर अकु श्रीवास्तव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। देश के बड़े पत्रकारों में उनकी गिनती होती है। उन्होंने न सिर्फ पत्रकारिता बल्कि लेखन के क्षेत्र में भी अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त की है।

अकु श्रीवास्तव की नई किताब 'मोदी 3.0 और आगे: पटरी पर साख' का विमोचन 9 दिसंबर शाम 4:30 बजे किया जायेगा। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद श्री सुधांशु त्रिवेदी जी होंगे। इसके अलावा वरिष्ठ पत्रकार यशवंत देशमुख और अशोक श्रीवास्तव भी मंच की गरिमा बढ़ाने का कार्य करेंगे।

किताब का लोकार्पण कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में किया जाएगा। अकु श्रीवास्तव ने अपनी नई किताब के बारे में एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि, यों तो नरेंद्र मोदी  के तीसरे कार्यकाल के 6 महीने से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार कैसे लगातार तीसरी बार सत्ता में आई, कैसे अपेक्षाकृत उसकी सीटें कम रह गईं, कुछ बातें अब भी सामने नहीं आ पाई हैं।

चुनावों के दौरान कैसे संविधान के नाम पर उसके खिलाफ भावनाओं को भड़काने का काम किया गया, यह अब सब कुछ धीरे-धीरे साफ हो रहा है। विश्लेषक अलग-अलग तरीके से इनको विश्लेषित कर रहे हैं। लेकिन असली खेल तो चुनावों के बाद के 6 महीनों में ही हो गया।

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प्रियंका ही राहुल गांधी के लिए बड़ी सियासी चुनौती: सुशांत सिन्हा ?>

प्रियंका वाड्रा ने संसद पहुंचते राहुल गांधी की छवि से अलग ये दिखा दिया है कि वो अपने संसदीय क्षेत्र के काम कराने के लिए अपना इगो बीच में नहीं लाने जा रहीं।

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Published - Friday, 06 December, 2024
Last Modified:
Friday, 06 December, 2024
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को केरल के कई लोकसभा सदस्यों के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और वायनाड में भूस्खलन प्रभावित लोगों की मदद का आग्रह किया। संसद भवन परिसर स्थित शाह के कार्यालय में यह मुलाकात हुई। वरिष्ठ पत्रकार सुशांत सिन्हा का कहना है कि इस मुलाक़ात के कई सियासी मायने है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर अपनी राय दी।

उन्होंने लिखा, बहन प्रियंका ही राहुल गांधी के लिए बड़ी सियासी चुनौती साबित होने वाली हैं और इसके संकेत कल उस वक्त मिल गए जब वो अपने संसदीय क्षेत्र के काम के लिए टीम लेकर सीधा गृहमंत्री अमित शाह के पास चली गईं। राहुल गांधी से ऐसी उम्मीद भी करना मुश्किल है।

प्रियंका वाड्रा ने संसद पहुंचते राहुल गांधी की छवि से अलग ये दिखा दिया है कि वो अपने संसदीय क्षेत्र के काम कराने के लिए अपना इगो बीच में नहीं लाने जा रहीं जो कि राहुल गांधी की इगोइस्टिक छवि से एकदम उलट है। ऐसे में चुनाव पर चुनाव हराते राहुल गांधी को उनके गठबंधन के साथी तो नकार ही रहे हैं, कल को खुद के लोग भी नकारना शुरु ना कर दें। ये प्रतिस्पर्धा दिलचस्प होगी।

आपको बता दें, यह मुलाकात इस वजह से भी अहम कही जा सकती है क्योंकि गांधी परिवार की तरफ से केंद्र सरकार के किसी मंत्री और खास और पर गृह मंत्री से अपने लोकसभा क्षेत्र को लेकर इस तरह की मुलाकातें कम ही याद आती है।

 

 

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एकनाथ शिंदे को बचकाने व्यवहार से बचना चाहिए: हर्षवर्धन त्रिपाठी ?>

भाजपा और शिवसेना दोनों के लिए बेहतर यही था कि, एकनाथ शिंदे स्वयं उप मुख्यमंत्री बनें। अच्छा हुआ कि, शिंदे जी को देर से ही सही, लेकिन यह बात समझ आ गई।

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Published - Friday, 06 December, 2024
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Friday, 06 December, 2024
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महाराष्ट्र को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली है। उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम के पद पर शपथ ली। आखिरी समय तक एकनाथ शिंदे को लेकर सस्पेंस बना रहा कि वो राज्य की नई सरकार में शामिल होंगे या नहीं।

इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, यही होना था और यह बात लगातार मैं कह रहा था कि, इसके अलावा कोई विकल्प ही नहीं है। भाजपा और शिवसेना दोनों के लिए बेहतर यही था कि, एकनाथ शिंदे स्वयं उप मुख्यमंत्री बनें। अच्छा हुआ कि, शिंदे जी को देर से ही सही, लेकिन यह बात समझ आ गई। हालाँकि, उन्होंने बेवजह का रहस्य बनाकर अपना ही नुकसान किया। आगे उन्हें अपरिपक्व, बचकाना व्यवहार करने से बचना चाहिए।

आपको बता दें, महाराष्ट्र की राजनीति पर नज़र रखने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक़ पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के पास इसके अलावा कोई विकल्प भी नहीं था और उनके गुट के लिए बहुत ज़रूरी है कि वो राज्य की सत्ता में बना रहे। शिंदे को किसी भी हालत में, बीजेपी जो भी कहे, वो मानना ही पड़ता, क्योंकि बीजेपी के विधायकों की संख्या सबसे ज्यादा है।

 

 

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वातावरण ऐसा नहीं कि लोग कांग्रेस के साथ खड़े हो जाएं: अवधेश कुमार ?>

2014 में देश ने पैराडाइम शिफ्ट लिया था और देश अब उससे पीछे जाने को तैयार नहीं है। 2024 का परिणाम एक अल्पविराम था। उसके बाद हरियाणा ,महाराष्ट्र में बहुत कुछ दिखा है।

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Published - Friday, 06 December, 2024
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Friday, 06 December, 2024
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देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए नेताओं की मौजूदगी में भव्य समारोह में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने फडणवीस को शपथ दिलाई। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किये।

उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट कर लिखा, 2014 में देश ने पैराडाइम शिफ्ट लिया था और देश अब उससे पीछे जाने को तैयार नहीं है। 2024 का परिणाम एक अल्पविराम था। उसके बाद हरियाणा ,महाराष्ट्र में बहुत कुछ दिखा है। भाजपा यदि कहीं निराश करती है तो दिक्कतें आतीं हैं लेकिन वातावरण ऐसा नहीं है कि लोग कांग्रेस के साथ खड़े हो जाएं।

आपको बता दें, शपथ लें के बाद सीएम फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि कहा कि कुछ लोग महाराष्ट्र की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे, तो मैं खुद इसपर बारीकी से नजर रखूंगा। 

 

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अकु श्रीवास्तव की नई किताब 'मोदी 3.0 और आगे पटरी पर साख' का विमोचन अगले हफ्ते ?>

भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार कैसे लगातार तीसरी बार सत्ता में आई, कैसे अपेक्षाकृत उसकी सीटें कम रह गईं, कुछ बातें अब भी सामने नहीं आ पाई हैं।

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Published - Thursday, 05 December, 2024
Last Modified:
Thursday, 05 December, 2024
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‘पंजाब केसरी’ ग्रुप के हिंदी अखबार 'नवोदय टाइम्‍स' के एडिटर अकु श्रीवास्तव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। देश के बड़े पत्रकारों में उनकी गिनती होती है। उन्होंने न सिर्फ पत्रकारिता बल्कि लेखन के क्षेत्र में भी अच्छी प्रसिद्धि प्राप्त की है। अकु श्रीवास्तव की नई किताब भी अब जल्द आ रही है। इस बात की जानकारी उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिये दी है।

उन्होंने लिखा, यों तो नरेंद्र मोदी  के तीसरे कार्यकाल के 6 महीने से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और एनडीए की सरकार कैसे लगातार तीसरी बार सत्ता में आई, कैसे अपेक्षाकृत उसकी सीटें कम रह गईं, कुछ बातें अब भी सामने नहीं आ पाई हैं।

चुनावों के दौरान कैसे संविधान के नाम पर उसके खिलाफ भावनाओं को भड़काने का काम किया गया, यह अब सब कुछ धीरे-धीरे साफ हो रहा है। विश्लेषक अलग-अलग तरीके से इनको विश्लेषित कर रहे हैं। लेकिन असली खेल तो चुनावों के बाद के 6 महीनों में ही हो गया।

पहले हरियाणा चुनाव, जिसे भारतीय जनता पार्टी के लिए हारी हुई बाजी माना जा रहा था, वहां लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने दम पर सत्ता पर आ गई और उसके 2 महीने के भीतर ही देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र की सत्ता भी उसके पास दूसरी बार आ गई।

झारखंड का चुनाव जिसको भाजपा के लिए आसान समझा जा रहा था, वहां की सत्ता उसके हाथ से फिसल गई। सरकार संभालने के 6 महीनों में नरेंद्र मोदी ने गठबंधन की नई इबारत लिखने की कोशिश की। कई भ्रम को तोड़ा।

इन्हीं सब मुद्दों पर प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित मेरी नई किताब 'मोदी 3.0 और आगे: पटरी पर साख' आपके सामने अगले हफ्ते तक होगी। विमोचन समारोह दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में होना तय हुआ है और वहां आपको कुछ चर्चित और महत्वपूर्ण हस्तियों से बातचीत का मौका भी मिलेगा।

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शरद शर्मा के साथ जुड़े पत्रकार विक्रांत यादव: 'एक्स' पर पोस्ट कर दी जानकारी ?>

आईआईएमसी में पढ़ाई के दौरान एक ही सपना था कि किसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान से जुड़ जाएं और जबर काम करें। इंटर्नशिप के दौरान ही अमर उजाला जैसे बड़े संस्थान में नौकरी लग गई।

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Published - Thursday, 05 December, 2024
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Thursday, 05 December, 2024
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देश के जाने माने टीवी पत्रकार शरद शर्मा ने 17 साल के बाद एनडीटीवी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये बताया था कि वो अब अपना खुद का डिजिटल चैनल शुरू कर रहे हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार विक्रांत यादव ने भी शरद शर्मा के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है।

इस बात की जानकारी उन्होंने खुद अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट करके दी है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, आईआईएमसी में पढ़ाई के दौरान एक ही सपना था कि किसी प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान से जुड़ जाएं और जबर काम करें। इंटर्नशिप के दौरान ही अमर उजाला जैसे बड़े संस्थान में नौकरी लग गई।

अपने बैच में सबसे पहले नौकरी मिली थी। जितनी ख़ुशी पहली नौकरी मिलने पर हुई थी, पच्चीस साल नौकरी करने के बाद उसे छोड़ने पर तब के मुक़ाबले कई गुना संतोष हो रहा है। लग रहा है कि अब आगे का सफ़र थोड़ा मुश्किल लेकिन सुकून भरा होगा। आगे उन्होंने बताया कि 'The  Swatantra' के साथ वो जुड़ रहे हैं। समाचार4मीडिया की टीम की ओर से विक्रांत यादव को अनेक बधाई।

 

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रजत शर्मा हुए डीपफेक वीडियो के शिकार, मांगी जनता की मदद ?>

ये लोग मेरे वीडियो इस्तेमाल करते हैं, उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है। मैं कोई दवाई नहीं बेचता। किसी शुगर की दवा को प्रचारित नहीं करता।

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Published - Thursday, 05 December, 2024
Last Modified:
Thursday, 05 December, 2024
rajatsharma

इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा ने कल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया कि वो डीपफेक का शिकार हो रहे हैं। दरअसल उनके वीडियो और आवाज का इस्तेमाल करके लोग नकली दवाई बेच रहे हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट कर लिखा, आजकल नकली दवाईयां बेचने वाले मेरे कई फेक वीडियो पोस्ट करते हैं।

ये डीपफेक हैं, फ़र्ज़ी हैं। ये लोग मेरे वीडियो इस्तेमाल करते हैं, उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है। मैं कोई दवाई नहीं बेचता। किसी शुगर की दवा को, किसी वजन घटाने की दवा को, किसी घुटनों के दर्द की दवा को प्रचारित नहीं करता। ये सारे वीडियो झूठे हैं। इन पर विश्वास न करें।

मैंने साइबर क्राइम सेल में शिकायतें की हैं, पुलिस में शिकायत भी दी है। हाई कोर्ट में केस भी किया है लेकिन एक वीडियो हटवाते हैं, तो दूसरा आ जाता है। कभी अमिताभ बच्चन के साथ, तो कभी डॉ नरेश त्रेहन के साथ। ये सारे फेक है, फर्ज़ी हैं। इनको एक्सपोज करने में मुझे आपकी मदद चाहिए। आपको कहीं ऐसे फ़र्ज़ी वीडियो दिखाई दें, तो मुझे 9350593505 पर फौरन सूचित करें।

 

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उपराष्ट्रपति के इस बयान पर बोले अजय कुमार : किसानों की समस्या वास्तविक है ?>

पद पर रहते किसी उपराष्ट्रपति ने शायद, अपनी सरकार से पहली बार इतने कड़े सवाल पुछे और कृषि मंत्री से मंच पर ही समस्या के निदान के लिए आग्रह किया।

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Published - Thursday, 05 December, 2024
Last Modified:
Thursday, 05 December, 2024
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किसान आंदोलन को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीधे केंद्र सरकार से सवाल उठाए हैं। उन्होंने मंगलवार को कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीधा सवाल पूछा कि आखिर किसानों से जो लिखित में वादे किए गए गए थे, उनका क्या हुआ। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर अपनी राय दी।

उन्होंने एक्स पर लिखा, उपराष्ट्रपति ने बातें काफ़ी गंभीरता से सामने रखते हुए, सरकार से किसानों की समस्याओं के निवारण और किसानों की मदद की गुहार लगाई है। पद पर रहते किसी उपराष्ट्रपति ने शायद, अपनी सरकार से पहली बार इतने कड़े सवाल पुछे और कृषि मंत्री से मंच पर ही समस्या के निदान के लिए आग्रह किया।

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तो पद से हटने के बाद किसानों के मुद्दे पर सरकार पर सवाल उठाये थे। किसानों की समस्या वास्तविक है। ये किसी एक सरकार की वजह से नहीं है। लेकिन समस्या का समाधान निकालने वाली तो कोई एक सरकार ही होगी, तो मौजूदा सरकार क्यों नहीं?

आपको बता दें, उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है। इसके आगे वह कहते हैं कि मान कर चलिए अपने रास्ता भटक गए हैं। हम उस रास्ते पर गए हैं जो खतरनाक है।

 

 

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भारत को बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अब जल्द खड़ा होना होगा: अमिश देवगन ?>

बांग्लादेश में जो लोग प्रताड़ित हो रहे हैं वो हिंदू हैं और हिंदुओं के लिए दुनिया में 56 या 57 देश नहीं हैं। उनके लिए सिर्फ भारत हैं। उनकी उम्मीदें सिर्फ भारत पर टिकी है।

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Published - Wednesday, 04 December, 2024
Last Modified:
Wednesday, 04 December, 2024
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बांग्लादेश में हिंदुओं और इस्कॉन पुजारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को देखते हुए इस्कॉन कोलकाता ने हिंदुओं और पुजारियों को एक सलाह दी है कि वे तिलक मिटा दें और तुलसी की माला छिपा लें, अपना सिर ढक लें और भगवा पहनने से बचें। जानकारी के मुताबिक हिंदुओं पर हमले बढ़ते ही जा रहे हैं।

इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अमिश देवगन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी बात रखी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, बांग्लादेश में जो लोग प्रताड़ित हो रहे हैं वो हिंदू हैं और हिंदुओं के लिए दुनिया में 56 या 57 देश नहीं हैं। उनके लिए सिर्फ भारत हैं। उनकी उम्मीदें सिर्फ भारत पर टिकी है। ऐसे में भारत को बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अब जल्द से जल्द खड़ा हो जाना चाहिए, क्योंकि हिंदुओं की जान की भी कीमत है।

आपको बता दें, बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चुप्पी निंदनीय है। तख्ता पलट के बाद से नई सरकार हिंदुओं पर अत्याचार रोकने पर पूरी तरह से नाकाम रही है। बांग्लादेश में चिन्मय दास प्रभु समेत कई पुजारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। राधारमण दास ने ये भी दावा किया कि चिन्मय दास के वकील रमण रॉय को इतना पीटा गया कि वह आईसीयू में जिंदगी मौत की जंग लड़ रहे हैं।

 

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