समाचार4मीडिया ब्यूरो फीवर 104 एफएम पर साईंनाथ ‘सबका मालिक एक’ सीरीज शुरू हो रही है। खास बात यह है कि जैकी श्रॉफ की आवाज में इसे सुना जा सकेगा। साईंनाथ के पहले एपिसोड का प्रसारण गुरुवार 27 अगस्त को होगा। इसके बाद सोमवार से शुक्रवार इसे सुबह 7 बजे और दोपहर 1 बजे सुना जा सकेगा। इसके कुल 40 एपिसोड आएंगे। रेडियो प्ले को लेकर हु
देवरिया में भारतीय जनता पार्टी के विधायक शलभमणि त्रिपाठी को जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है।
देवरिया में भारतीय जनता पार्टी के विधायक शलभमणि त्रिपाठी को जान से मारने की धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। यह धमकी सीधे तौर पर नहीं, बल्कि जिले के एक पत्रकार को फोन कर दी गई, जिसमें विधायक का नाम लेकर गंभीर परिणाम भुगतने की बात कही गई। कॉल करने वाले ने धमकी भरे शब्दों में कहा कि "इतनी गोली मारेंगे कि कोई पहचान नहीं पाएगा" और इसके साथ ही शलभमणि त्रिपाठी को भी जान से मारने की बात कही। यह पूरी बातचीत अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है। पत्रकार संतोष विश्वकर्मा ने कोतवाली में तहरीर देकर मामले की शिकायत की है, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार की दोपहर पत्रकार संतोष को एक अनजान कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को रोहित यादव बताया और सीधे धमकी देते हुए कहा कि "तुम कहां हो, आज गोली मारनी है। इतना छेद करेंगे कि कोई पहचान भी न सके।" बातचीत के दौरान पत्रकार लगातार पूछते रहे कि आखिर समस्या क्या है, लेकिन कॉलर ने कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई।
इसके बाद धमकी देने वाले ने कहा, "तुम बस मिल जाओ, फिर देखो क्या करता हूं। लोड करके रखा हूं, आकर मारूंगा।" उसने न सिर्फ पत्रकार को निशाना बनाने की बात की, बल्कि भाजपा विधायक शलभमणि त्रिपाठी को भी "ठोकने" की धमकी दी और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
सिर्फ धमकी ही नहीं, कॉल करने वाले ने पत्रकार को मोबाइल पर एक हथियार की तस्वीर भी भेजी। मामला गंभीर होते देख पत्रकार ने तत्काल इसकी सूचना कोतवाली पुलिस और पुलिस अधीक्षक को दी।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कॉल करने वाले की लोकेशन ट्रेस कर ली गई है और जल्द ही गिरफ्तारी की उम्मीद है। एसओजी समेत अन्य टीमें भी उसकी तलाश में लगी हुई हैं।
फिलहाल मामले ने जिले की सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक माहौल को लेकर नई चिंता खड़ी कर दी है।
उन्होंने कभी अपने असूलों, ईमानदारी और विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं किया। पत्रकारिता में उनकी शानदार अर्ध शताब्दी पूरी होने पर मैं उन्हें सेल्यूट करता हूँ, उनका अभिनंदन करता हूँ।
बहुत लोग आते हैं, बहुत चले जाते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें लंबे समय तक याद किया जाता है। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं देश के ज्येष्ठ पत्रकार प्रदीप सरदाना, जो पिछले 50 वर्षों से ईमानदारी और कर्मठता से अपना पत्रकारिता धर्म निभा रहे हैं। परिस्थियाँ कैसी भी रहीं हों उन्होंने कभी अपने असूलों, ईमानदारी और विचारधारा के साथ कोई समझौता नहीं किया। पत्रकारिता में उनकी शानदार अर्ध शताब्दी पूरी होने पर मैं उन्हें सेल्यूट करता हूँ, उनका अभिनंदन करता हूँ।
उपरोक्त विचार केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली में आयोजित ‘प्रदीप सरदाना की पत्रकारिता में अर्ध शताब्दी’ के स्वर्ण जयंती समारोह में व्यक्त किए। समारोह में प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना और पूर्व सांसद सोनल मानसिंह, देश की वयोवृद्ध पत्रकार, साहित्यकार शीला झुनझुनवाला, केन्द्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, सांसद मनोज तिवारी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की पुत्री और वरिष्ठ टीवी प्रेजेंटर प्रतिभा आडवाणी, भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रमुख संजय मयूख और दैनिक ‘स्वदेश’ के समूह संपादक अतुल तारे भी मंच पर मौजूद थे।
समारोह का आयोजन लेखकों, पत्रकारों और कलाकारों की संस्था ‘आधारशिला’ ने किया था। इस अवसर पर श्री गडकरी ने यह भी कहा, प्रदीप सरदाना देश के ऐसे पत्रकार हैं जो राजनीति, स्वास्थ, परिवहन, पर्यटन, साहित्य, कला, संस्कृति, सिनेमा सहित सभी विषयों पर लिख रहे हैं। पिछले 50 वर्षों से लगातार चिंतन करते हुए वह अपने लेखन से जिस तरह सामाजिक चेतना और जन जागरण का कार्य कर रहे हैं। उनके लेखन को हम सभी ने स्वीकारा है। हम देखते हैं जब कभी प्रबल बाढ़ आती है तो सब कुछ बह जाता है।
लेकिन प्रदीप सरदाना ऐसे पत्रकार हैं जो हर बाढ़, हर आँधी हर संघर्ष में मजबूती से खड़े रहे हैं। उनके काम हम सभी को याद रहते हैं। इसलिए हम सभी को उनका सम्मान करना चाहिए। मैं ऐसे कर्मठ और प्रामाणिक पत्रकार प्रदीप सरदाना को शुभेच्छा देता हूँ। केन्द्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, प्रदीप सरदाना वह हस्ती हैं जो पत्रकारिता के हर क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल। वह पत्रकारिता के साथ रचनात्मक लेखन भी करते हैं। वह लिविंग लिजेंड हैं। देश के सबसे कम उम्र के संपादक हैं। समारोह में प्रदीप सरदाना की पत्रकारिता में स्वर्ण जयंती के मौके पर कुछ विशिष्ट व्यक्तियों के वीडियो संदेश भी दिखाये गए।
जिनमें गूगल के एशियाई अध्यक्ष संजय गुप्ता, दिग्गज अभिनेत्री मुमताज़, अभिनेता अनुपम खेर, तारक मेहता के जेठा लाल फेम अभिनेता दिलीप जोशी, भजन सम्राट अनूप जलोटा, सुप्रसिद्द गायक उदित नारायण और सुखविंदर सिंह, प्रसिद्द हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा और फिल्म निर्माता, अभिनेता धीरज कुमार प्रमुख हैं। कार्यक्रम का बेहद खूबसूरत संचालन स्तुति सरदाना ने किया। सांसद मनोज तिवारी ने समारोह में कहा, इतनी चर्चित और बड़ी हस्तियाँ एक साथ बहुत मुश्किल से मिलती हैं।
प्रदीप सरदाना का लेखन ही नहीं व्यक्तित्व भी महान है। जबकि सोनल मानसिंह ने कहा, प्रदीप सरदाना जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उधर 99 वर्षीय पत्रकार शीला झुनझुनवाला ने कहा, प्रदीप सरदाना की 50 बरस की बेमिसाल पत्रकारिता यात्रा में 44 बरस की मैं भी साक्षी रही हूँ। वह अनेक लोगों के लिए प्रेरणा हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सरदाना की विगत 50 वर्षों की लेखन-पत्रकारिता की स्वर्णिम यात्रा पर एक चित्रमय स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
साथ ही देश भर से आए कई विशिष्ट पत्रकारों, साहित्यकारों, कलाकारों और संस्थाओं ने समारोह में प्रदीप सरदाना को सम्मानित करने के साथ उन पर अपने विचार भी व्यक्त किए। कुल मिलकर यह एक अविस्मरणीय समारोह रहा।
लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव से पहले कुछ ऑनलाइन न्यूज चैनलों द्वारा कथित तौर पर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण प्रसारित करने के मामले में कानूनी कार्रवाई की गई है।
लुधियाना पश्चिम विधानसभा उपचुनाव से पहले कुछ ऑनलाइन न्यूज चैनलों द्वारा कथित तौर पर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण प्रसारित करने के मामले में कानूनी कार्रवाई की गई है। यह प्रसारण चुनाव आयोग के उस निर्देश के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है, जो मतदान से 48 घंटे पहले के समय को “प्रतिबंधित अवधि” घोषित करता है और इस दौरान किसी भी प्रकार के ओपिनियन पोल या सर्वेक्षण के प्रकाशन व प्रसारण पर रोक लगाता है।
चुनाव अधिकारी की शिकायत पर हुई कार्रवाई
लुधियाना पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव अधिकारी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस तरह के सर्वेक्षण मतदाताओं की सोच को प्रभावित कर सकते हैं और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता व विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इन चैनलों पर लगे आरोप
विज्ञप्ति में कहा गया है कि टर्न टाइम्स, जन हितैषी, द सिटी हेडलाइंस और ई-न्यूज़ पंजाब जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंधित समय में चुनाव सर्वे प्रकाशित किए जाने को लेकर कई शिकायतें मिली थीं। इस पर लुधियाना स्थित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126A और भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
19 जून को मतदान, 23 जून को मतगणना
उल्लेखनीय है कि लुधियाना पश्चिम सीट पर 19 जून को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा और मतगणना 23 जून को की जाएगी। यह सीट आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद रिक्त हुई थी। चुनाव आयोग ने सभी मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे निर्धारित आचार संहिता का सख्ती से पालन करें, ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के पत्रकार नंदकुमार टीपी को एक महिला राजनीतिक नेता के खिलाफ कथित आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के पत्रकार नंदकुमार टीपी को एक महिला राजनीतिक नेता के खिलाफ कथित आपत्तिजनक वीडियो पोस्ट करने के मामले में अंतरिम जमानत प्रदान की है। यह वीडियो पत्रकार द्वारा संचालित यूट्यूब चैनल ‘क्राइम ऑनलाइन’ पर अपलोड किया गया था।
न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने इस मामले में पत्रकार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल सरकार और संबंधित पुलिस थाने के प्रभारी को नोटिस जारी किया है। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किया जाता है, तो वह निचली अदालत में प्रस्तुत होकर निर्धारित शर्तों के तहत जमानत ले सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार को जांच में पूरा सहयोग देने का भी निर्देश दिया है।
नंदकुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले आरोप शामिल हैं। राज्य पुलिस के अनुसार, संबंधित यूट्यूब वीडियो में कथित तौर पर आपत्तिजनक, अशोभनीय और धमकी भरे बयान शामिल थे, जिनका उद्देश्य महिला नेता की छवि को नुकसान पहुंचाना था।
इससे पहले, केरल हाई कोर्ट ने 9 जून को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए नंदकुमार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जहां अब शीर्ष अदालत ने इस मामले को छह सप्ताह बाद विस्तृत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को लेकर उपजे विवाद के बाद राज्य सरकार ने आखिरकार कदम पीछे खींच लिए हैं।
छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को लेकर उपजे विवाद के बाद राज्य सरकार ने आखिरकार कदम पीछे खींच लिए हैं। पत्रकारों के तीव्र विरोध और आंदोलन की चेतावनी के बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि विवादित आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि संबंधित आदेश को वापस लेने के निर्देश दिए जा चुके हैं और अधिकारियों को इस बाबत सूचित कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सचिव इस समय विदेश दौरे पर हैं। उनके लौटने के बाद आपत्तिजनक बिंदुओं पर पत्रकार संगठनों के साथ चर्चा की जाएगी और सभी पक्षों की सहमति से संशोधित आदेश जारी किया जाएगा।
‘मीडिया की भूमिका को हम सम्मान देते हैं’
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया की भूमिका को सराहते हुए कहा, "मीडिया हमारा आईना है। वह हमारी कमियों को सामने लाता है, जिन्हें हम तुरंत सुधारने का प्रयास करते हैं। हमारा उद्देश्य कभी भी मीडिया कवरेज को रोकना नहीं था।" उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि भविष्य में प्रेस क्लब और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ संवाद के बाद ही कोई भी नया दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा।
पत्रकारों के आंदोलन के बाद बदला सरकार का रुख
गौरतलब है कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक आदेश में पत्रकारों के अस्पतालों में प्रवेश पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगा दी गई थी। आदेश में कहा गया था कि अस्पतालों में नियुक्त पीआरओ (जनसंपर्क अधिकारी) ही मीडिया को जानकारी देंगे और कोई अन्य कर्मचारी या डॉक्टर मीडिया से बात नहीं करेगा। इस आदेश को पत्रकार संगठनों ने ‘तानाशाही’ करार देते हुए काला कानून बताया था।
राजधानी रायपुर समेत प्रदेशभर में पत्रकारों ने इस फरमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। रायपुर के अंबेडकर चौक पर पत्रकारों ने आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज किया और चेतावनी दी थी कि यदि तीन दिनों में आदेश वापस नहीं लिया गया, तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
प्रेस क्लब ने सरकार के फैसले को बताया 'स्वागत योग्य'
रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ने स्वास्थ्य मंत्री के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "हमारी मांग सिर्फ इतनी थी कि मीडिया पर लगाए गए अनुचित प्रतिबंधों को हटाया जाए। मंत्री ने हमारी बात सुनी और लोकतांत्रिक भावना के अनुरूप निर्णय लिया, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं।"
क्या था विवादित आदेश का सार
स्वास्थ्य विभाग के आदेश में कहा गया था कि अस्पतालों में जनसंपर्क अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी और वही मीडिया से संवाद करेंगे। किसी भी कर्मचारी या डॉक्टर को सीधे पत्रकारों से बात करने की अनुमति नहीं होगी। मीडिया को केवल पीआरओ से जानकारी लेने की अनुमति होगी। इसे पत्रकारों ने ‘मीडिया सेंसरशिप’ का प्रयास बताते हुए लोकतंत्र विरोधी कदम करार दिया था।
अब जबकि सरकार ने यह आदेश वापस ले लिया है, पत्रकार संगठनों ने स्पष्ट किया है कि वे जनहित से जुड़े विषयों पर अपनी जिम्मेदार भूमिका निभाते रहेंगे, लेकिन किसी भी तरह की अभिव्यक्ति पर बंदिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार को पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मंगलवार को पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। सूचना निदेशालय परिसर में लगे इस शिविर का उद्देश्य पत्रकारों की व्यस्त दिनचर्या के बीच उनके स्वास्थ्य की देखभाल सुनिश्चित करना था।
इस पहल का उद्घाटन राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार और सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने किया। डॉ. कुमार ने कहा कि पत्रकारों की लगातार भागदौड़ और काम के दबाव को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को एक ही स्थान पर उपलब्ध कराया गया, ताकि उन्हें बेहतर स्वास्थ्य परामर्श मिल सके।
शिविर में दून मेडिकल कॉलेज के अनुभवी चिकित्सकों ने भाग लिया और विभिन्न विभागों से जुड़े डॉक्टरों ने सेवाएं दीं। इसमें हृदय, नेत्र, दंत, अस्थि, स्त्री रोग, बाल रोग और ईएनटी से जुड़े विशेषज्ञ शामिल रहे। साथ ही, पैथोलॉजी जांच, आभा आईडी और वय वंदन कार्ड निर्माण जैसी सुविधाएं भी मौके पर प्रदान की गईं।
डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा, ने बताया कि 350 से अधिक पत्रकारों और उनके परिजनों की जांच की गई। इनमें से कई लोगों में पहली बार डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और दृष्टि से संबंधित समस्याएं सामने आईं, जिन्हें आगे की चिकित्सा सलाह और दवाइयों के साथ इलाज की दिशा में मार्गदर्शन दिया गया।
इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आश्वासन दिया कि पत्रकारों के कल्याण के लिए इस प्रकार के शिविर भविष्य में भी आयोजित किए जाएंगे। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पत्रकार समाज की धुरी हैं और उनकी सेहत को लेकर राज्य सरकार हमेशा सजग रहेगी। पत्रकारों के हित में समय-समय पर ऐसी पहलों को बढ़ावा दिया जाता रहेगा।
इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पत्रकारों का चयन करने के लिए एक जूरी का गठन किया गया है। इस वर्ष कुल बारह पुरस्कार श्रेणियां हैं।
‘इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र’ (IVSK) द्वारा वर्ष 2025 में प्रदान किए जाने वाले देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान (पत्रकारिता पुरस्कार) के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। आवेदन के लिए दिल्ली एनसीआर (नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद एवं गुरुग्राम में निवास लेकिन कार्यक्षेत्र दिल्ली) में स्थित पत्रकार पात्र हैं। इस पुरस्कार के लिए केवल वर्ष 2024 में किए गए कार्यों को मान्यता दी जाएगी।
इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पत्रकारों का चयन करने के लिए एक जूरी का गठन किया गया है, जिसमें प्रख्यात पत्रकार और शिक्षाविद शामिल हैं। यह जूरी योग्यता के आधार पर सभी प्रविष्टियों पर विचार करेगी। इस वर्ष कुल बारह पुरस्कार श्रेणियां हैं। जूरी का चयन और निर्णय अंतिम होगा।
आप देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान 2025 के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 जून 2025 है।
बता दें कि देवऋषि नारद जी की जयंती के अवसर पर समाज में मीडिया एवं पत्रकारिता जगत के अमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए ‘इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र’ द्वारा हर साल देवऋषि नारद पत्रकार सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। यह एक ऐसा कार्यक्रम है, जो पत्रकारों द्वारा पत्रकारों के लिए आयोजित किया जाता है।
इस बारे में ज्यादा जानकारी अथवा आवेदन करने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण समूह के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी को आगामी 21 जून को प्रतिष्ठित 'माधवराव सप्रे सम्मान' से सम्मानित किया जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण समूह के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी को आगामी 21 जून को प्रतिष्ठित 'माधवराव सप्रे सम्मान' से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान भोपाल स्थित माधवराव सप्रे स्मृति समाचारपत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान की ओर से उन पत्रकारों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता को नई दिशा दी है।
सम्मान समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश दुबे करेंगे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति विजय मनोहर तिवारी शिरकत करेंगे।
इस अवसर पर संग्रहालय द्वारा हिंदी पत्रकारिता की द्विशताब्दी के उपलक्ष्य में वर्षभर चलने वाले समारोह की शुरुआत भी की जाएगी। संस्थान के निदेशक अरविंद श्रीधर के अनुसार, 'माधवराव सप्रे सम्मान' की शुरुआत वर्ष 2008 में हुई थी और तब से यह सम्मान उन पत्रकारों को प्रदान किया जा रहा है जिन्होंने निष्पक्षता, जिम्मेदारी और मूल्यों से जुड़ी पत्रकारिता को आगे बढ़ाया है।
इस समारोह को पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वालों के लिए एक प्रेरणास्रोत माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभ्यता हर युग में बदली है, लेकिन इस पीढ़ी में परिवर्तन की गति अभूतपूर्व है। विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है, लेकिन यह बदलाव हमारी संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है।
राजस्थान पत्रिका के संस्थापक श्रद्धेय कर्पूरचंद्र कुलिश के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में उदयपुर में ‘स्त्री देह से आगे’ विषय पर एक विचारोत्तेजक विचार-विमर्श कार्यक्रम आयोजित हुआ। यह आयोजन नगर निगम टाउनहॉल परिसर में स्थित सुखाड़िया रंगमंच में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन करके किया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों की महिलाएं और गणमान्य लोग उपस्थित थे। गुलाब कोठारी ने अपने संबोधन में सभ्यता के तेजी से बदलते स्वरूप पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सभ्यता हर युग में बदली है, लेकिन इस पीढ़ी में परिवर्तन की गति अभूतपूर्व है। विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है, लेकिन यह बदलाव हमारी संवेदनाओं को नष्ट कर रहा है।
मोबाइल ने हमारे दिमाग को जकड़ लिया है, जिससे बचपन के संवाद, संस्कृति और पारिवारिक मूल्य लुप्त हो रहे हैं। यह हमारे मानसिक विकास के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित करने के लिए गंभीर चिंतन करना होगा। गुलाब कोठारी ने कहा कि आधुनिक शिक्षा ने अर्धनारीश्वर की अवधारणा को नष्ट कर दिया है।
पुरुष के भीतर स्त्री का भाव होता है, लेकिन उसे समझने की शिक्षा नहीं दी जाती। लड़कियों को मातृत्व और संवेदनशीलता में पकाया जाता है, इसलिए वे पुरुष के भाव को समझ लेती हैं। लेकिन पुरुष को स्त्री की शक्ति, उसका मोल और अर्थ नहीं सिखाया जाता। यही कारण है कि वह उनका अपमान करता है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वरिष्ठ पत्रकार कोम्मिनेनी श्रीनिवास राव (Kommineni Srinivasa Rao) को अंतरिम जमानत देते हुए तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वरिष्ठ पत्रकार कोम्मिनेनी श्रीनिवास राव (Kommineni Srinivasa Rao) को अंतरिम जमानत देते हुए तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है। राव को 9 जून को उस लाइव डिबेट शो के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें एक पैनलिस्ट द्वारा अमरावती की महिलाओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। यह कार्यक्रम 'साक्षी टीवी' (Sakshi TV) पर प्रसारित हुआ था, जिसकी मेजबानी राव कर रहे थे।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और मनमोहन की आंशिक अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पत्रकार राव ने खुद ऐसा कोई बयान नहीं दिया था, बल्कि यह टिप्पणी कार्यक्रम में शामिल एक पैनलिस्ट ने की थी। कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में राव के पत्रकारिता अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा आवश्यक है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, "याचिकाकर्ता ने स्वयं उस टीवी शो में आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की थी, इसलिए उनके पत्रकारिता अधिकारों को सुरक्षित रखना आवश्यक है ताकि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी बनी रहे। हम ट्रायल कोर्ट द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन याचिकाकर्ता की रिहाई का आदेश देते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि श्रीनिवास राव आगे किसी भी शो में इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियां न करें और न ही किसी को ऐसी बात कहने की अनुमति दें।
9 जून को आंध्र प्रदेश पुलिस ने हैदराबाद से राव को उस शो के लिए गिरफ्तार किया था जिसमें 6 जून को अमरावती को लेकर कथित अपमानजनक टिप्पणियां की गई थीं। पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली थीं जिनमें कहा गया कि अमरावती क्षेत्र की महिलाओं के बारे में शो में आपत्तिजनक बातें कही गईं।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पहले एक बयान में कहा था कि राजनीतिक द्वेष या मीडिया विश्लेषण के नाम पर महिलाओं के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणियां अक्षम्य अपराध हैं। उन्होंने चेतावनी दी थी कि राजधानी अमरावती के खिलाफ सुनियोजित साजिश के तहत महिलाओं की भावनाओं को आहत करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।