समाचार4मीडिया ब्यूरो अमर उजाला फाउंडेशन ने पिछले साल प्राकृतिक आपदा में तबाह हो चुके कश्मीर के लसजन प्राइमरी हेल्थ सेंटर को पुन: निर्मित किया है। इस मौके पर जम्मू-कश्मीर की स्वास्थ्य राज्य मंत्री आसिया नक्काश ने अमर उजाला के इस पहल का शुक्रियादा किया। आसिया ने कहा, जबसे उन्होंने मंत्री पद संभाला है तबसे अबतक अमर उजाला फाउंडेश
मनमोहन सिंह इन दिनों एक पीआर एजेंसी में काम कर रहे थे। घटना के दौरान मनमोहन सिंह की पत्नी मायके में थीं और घर पर सिर्फ तीन साल का बेटा था।
उत्तर प्रदेश के लखनऊ से वरिष्ठ पत्रकार मनमोहन सिंह की मौत की खबर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मनमोहन सिंह ने लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित आवास पर मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या की है। मनमोहन सिंह इन दिनों एक पीआर एजेंसी में काम कर रहे थे। घटना के दौरान मनमोहन सिंह की पत्नी मायके में थीं और घर पर सिर्फ तीन साल का बेटा था।
सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से मनमोहन सिंह को राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। फोरेंसिक टीम ने मौके पर छानबीन की है। पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार, इस मामले में परिजनों की ओर से यदि कोई तहरीर दी जाती है तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर भी जांच की जाएगी।
मनमोहन सिंह की मौत पर ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) ने एक ट्वीट पर अपना दुख जताया है और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। अपने ट्वीट में ‘आईआईएमसी’ ने लिखा है, ‘भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) को हमारे सम्मानित पूर्व छात्र मनमोहन सिंह (ईजे, दिल्ली | सत्र 2009-10) के असामयिक निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ है। यह दुखद समाचार लखनऊ से प्राप्त हुआ। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और मित्रों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’
IIMC is deeply saddened to learn about the untimely demise of our esteemed alumnus, Manmohan Singh (EJ, Delhi | Batch of 2009–10), in Lucknow. Our thoughts and prayers are with his family and friends during this difficult time. May his soul rest in peace. pic.twitter.com/mIpUX5Yi3F
— Indian Institute of Mass Communication (@IIMC_India) April 22, 2025
इसी के साथ ‘IIMC Alumni Association’ ने भी मनमोहन सिंह के निधन पर दुख जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। अपने ट्वीट में ‘IIMCAA’ ने लिखा है, ‘टीम IIMCAA को हमारे पूर्व छात्र श्री मनमोहन सिंह (ईजे, दिल्ली | 2009-10 बैच) के लखनऊ में असमय निधन की सूचना से गहरा आघात पहुंचा है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिवार व मित्रों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।’
Team IIMCAA is shocked to learn of the untimely demise of our alumnus, Mr. Manmohan Singh (EJ, Delhi | 2009-10 Batch), in Lucknow. May the Almighty grant him peace and give strength to his family and friends. pic.twitter.com/THm2QVez1z
— IIMC Alumni Association (@IIMCAA) April 22, 2025
‘नेशनल फोरम ऑफ फोटो जर्नलिस्ट्स’ (NFPJ) की ओर से आयोजित होने जा रहे इस अवॉर्ड समारोह का उद्देश्य फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को पहचान और सम्मान देना है।
नेपाल के फोटो पत्रकारों के सम्मान में हर साल आयोजित होने वाला प्रतिष्ठित ‘नेशनल फोटो जर्नलिज्म अवॉर्ड 2025’ इस बार 26 अप्रैल को राजधानी काठमांडू के पास होटल हिमालय, ललितपुर में आयोजित किया जाएगा।
‘नेशनल फोरम ऑफ फोटो जर्नलिस्ट्स’ (NFPJ) की ओर से यह कार्यक्रम 26 अप्रैल (शनिवार) को दोपहर 2 बजे से होटल हिमालय, कुपोंडोल, ललितपुर में शुरू होगा।
इस अवॉर्ड समारोह का उद्देश्य फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को पहचान और सम्मान देना है।
समाचार4मीडिया से बातचीत में नेशनल फोरम ऑफ फोटो जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष प्रदीपराज वन्त का कहना कि फोटो पत्रकारिता समाज के लिए एक आंख की तरह होती है, जो बिना शब्दों के बहुत कुछ कह जाती है।
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली के मीडिया बिजनेस स्टडीज विभाग की ओर से आयोजित पहले मीडिया वर्व फेस्टिवल में रचनात्मकता, कहानियों और मीडिया की दुनिया का जीवंत संगम देखने को मिला।
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC), नई दिल्ली के मीडिया बिजनेस स्टडीज विभाग की ओर से आयोजित पहले मीडिया वर्व फेस्टिवल (Media Verve) में रचनात्मकता, कहानियों और मीडिया की दुनिया का जीवंत संगम देखने को मिला। दिनभर चलने वाले इस आयोजन में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से आए लगभग 600 छात्रों ने हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
फेस्टिवल डायरेक्टर और विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. सुरभि दहिया ने कहा, “मीडिया वर्व की कल्पना एक ऐसे मंच के रूप में की गई थी जहां युवा प्रतिभाएं बदलते मीडिया परिदृश्य से जुड़ सकें। आज जिन प्रतिभाओं को देखा और महसूस किया, उससे साफ है कि मीडिया का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।”
समापन सत्र का शुभारंभ IIMC की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने किया। इस अवसर पर BW बिज़नेसवर्ल्ड के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने मुख्य भाषण दिया। साथ ही, बिग एफएम की जानी-मानी आरजे आकृति ने भी छात्रों से संवाद किया।
फेस्ट की सबसे खास प्रस्तुति रही पैनल चर्चा जिसका विषय था — ‘द बिजनेस ऑफ स्टोरीटेलिंग: भारत से कैसे बनाएं स्केलेबल मीडिया वेंचर्स’। इस चर्चा का संचालन डॉ. सुरभि दहिया ने किया। इसमें शामिल थे: आशिष एस. कुलकर्णी (चेयरमैन, AVGC, FICCI), ए. के. भट्टाचार्य (एडिटोरियल डायरेक्टर, बिजनेस स्टैंडर्ड), ऋचा अनिरुद्ध (एंकर और प्रोड्यूसर, 'जिंदगी विद ऋचा'), बृज पहवा (एडिटोरियल लीड, एक्सचेंज4मीडिया), अभिषेक गुल्याणी (एमडी, Zeno India और कॉर्पोरेट अफेयर्स हेड, Zeno APAC), मिमांसा मलिक (सीनियर टीवी पत्रकार), और डॉ. निमिष रुस्तगी (रजिस्ट्रार और एडिशनल डायरेक्टर जनरल, IIMC)।
छात्रों के लिए आयोजित छह प्रतियोगिताएं — Taair (स्पॉट फिल्म मेकिंग), AdVantage (एड मैड शो), लफ़्ज़ों की महफ़िल (ओपन माइक), संवाद (तात्कालिक भाषण और वाद-विवाद), The Fourth Wall (मीडिया क्विज) और Click-Off (ऑनलाइन फोटोग्राफी) को मीडिया और शिक्षा जगत के विशेषज्ञों ने जज किया। हर श्रेणी के शीर्ष तीन विजेताओं को क्रमश: ₹5000, ₹3000 और ₹2000 के नकद पुरस्कार प्रदान किए गए। फोटोग्राफी प्रविष्टियों को ओपन पवेलियन में प्रदर्शित भी किया गया।
Taair प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमन की छात्रा मन्नत जोशी ने कहा, “यह अनुभव बेहद सशक्त बनाने वाला था। सोच से लेकर क्रियान्वयन तक, इस फेस्ट ने हमें असल मीडिया दुनिया का एहसास कराया। मेरी टीम ने सीमित समय में जो रचा, उस पर गर्व है।”
फेस्टिवल को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और अडानी ग्रुप का सहयोग प्राप्त था, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि उद्योग और शिक्षा जगत के बीच मजबूत होती साझेदारी भविष्य के मीडिया प्रोफेशनल्स को तैयार करने में अहम भूमिका निभा रही है।
मीडिया वर्व 2025 ने जोश, विचार और रचनात्मकता के साथ एक प्रेरणादायक समापन किया और यह भरोसा भी दिया कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी बड़ी उड़ान भरेगा।
यह घाटा कंपनी की प्रमुख इकाइयों- Viacom18 और IndiaCast के स्टार इंडिया के साथ हुए विलय के परिणामस्वरूप हुआ। कंपनी ने इस घाटे को अपने वित्तीय नतीजों में एक "असाधारण" (exceptional) मामला बताया है
नेटवर्क18 मीडिया व इन्वेंस्टमेंट्स (Network18 Media & Investments) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में ₹1,435.79 करोड़ का घाटा दर्ज किया है। यह घाटा कंपनी की प्रमुख इकाइयों- Viacom18 और IndiaCast के स्टार इंडिया (Star India) के साथ हुए विलय के परिणामस्वरूप हुआ। कंपनी ने इस घाटे को अपने वित्तीय नतीजों में एक "असाधारण" (exceptional) मामला बताया है, यानी ये आम नुकसान नहीं बल्कि किसी विशेष घटना (यहां विलय) के कारण हुआ नुकसान है।
इसके अलावा, इस तिमाही में Network18 की कुल आय ₹564.5 करोड़ रही, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में ये ₹2,580 करोड़ थी। यह फर्क इसलिए दिखाई पड़ा क्योंकि अब Viacom18 और TV18 कंपनी की सब्सिडियरी (अर्थात अधीनस्थ कंपनियां) नहीं रहीं, इसलिए उनकी कमाई को अब Network18 की कमाई में नहीं गिना गया।
विलय प्रक्रिया के तहत सबसे पहले Viacom18 की मीडिया गतिविधियां और उसका ओटीटी प्लेटफॉर्म JioCinema को Digital18 में स्थानांतरित किया गया। इसके बाद इन इकाइयों को Digital18 से अलग कर Star India में मिला दिया गया। साथ ही, Network18 ने IndiaCast में अपनी हिस्सेदारी Viacom18 को बेच दी। इन कार्रवाइयों के बाद Viacom18 और IndiaCast अब Network18 की सहायक कंपनियां नहीं रहीं।
इसके अलावा, 30 दिसंबर 2024 को, Network18 की मूल कंपनी Reliance Industries Ltd ने Viacom18 में 24.6 करोड़ compulsorily convertible preference shares को इक्विटी में बदल दिया। इस बदलाव के बाद Viacom18 को अब एक सहयोगी कंपनी (associate company) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, न कि सहायक कंपनी (subsidiary) के रूप में। इसी पुनर्वर्गीकरण और IndiaCast की बिक्री के चलते, Network18 को अपनी बैलेंस शीट से नेट एसेट्स (जिसमें goodwill और non-controlling interests भी शामिल हैं) हटाने पड़े, जिससे ₹1,435.79 करोड़ का विशेष घाटा दर्ज हुआ।
कंपनी के मुताबिक, “पिछले साल चुनावों के चलते विज्ञापन से हुई मजबूत आय के मुकाबले इस बार राजस्व में मामूली गिरावट आई है। कुल मिलाकर विज्ञापन माहौल कमजोर रहा क्योंकि टीवी न्यूज़ उद्योग में विज्ञापन इन्वेंट्री की खपत में 15% की गिरावट आई, जिससे टीवी राजस्व पर दबाव पड़ा।”
Network18 के न्यूज़ व्यवसाय से प्राप्त परिचालन राजस्व Q4 FY24 में ₹535 करोड़ था, जो कि Q4 FY25 में घटकर ₹522 करोड़ रह गया—जो साल दर साल 2.5% की गिरावट है। हालांकि पूरे वित्तीय वर्ष में यह राजस्व ₹1,818 करोड़ (FY24) से बढ़कर ₹1,896 करोड़ (FY25) हो गया, जो कि 4.3% की वृद्धि है।
कंपनी ने आगे कहा, “पूरे वित्त वर्ष FY25 के दौरान, भले ही टीवी न्यूज़ उद्योग में विज्ञापन इन्वेंट्री की खपत 15% घटी, Network18 का राजस्व 4.3% की दर से बढ़कर ₹1,896 करोड़ रहा। यह वृद्धि विज्ञापन दरों में इजाफे के कारण संभव हुई, जो कि कई बाजारों में मजबूत व्यूअरशिप शेयर की वजह से आया।”
कंपनी का यह भी मानना है कि मराठी, बंगाली और कन्नड़ जैसे क्षेत्रों में चैनलों की रैंकिंग और हिस्सेदारी में हालिया सुधार को देखते हुए आगे और भी वृद्धि की संभावना है। वर्षभर में EBITDA में भी हल्का सुधार देखा गया क्योंकि परिचालन लागत केवल 3.5% बढ़ी।
Q4 FY24 के लिए, Network18 की कुल आय ₹564.5 करोड़ रही (Viacom18/TV18 को शामिल किए बिना), जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह ₹2,580 करोड़ थी, जब ये दोनों कंपनियां Network18 की सहायक थीं। पूरे वित्तीय वर्ष के लिए Network18 की कुल आय FY24 में ₹9,994 करोड़ थी, जो FY25 में घटकर ₹7,358 करोड़ हो गई।
चौथी तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च ₹630 करोड़ रहा, जो कि पिछले साल की समान अवधि में ₹2,792 करोड़ था।
कंपनी के marketing, distribution और promotional खर्च Q4 FY25 में ₹159.4 करोड़ रहे, जबकि Q4 FY24 में यह ₹453.6 करोड़ थे। पूरे साल के लिए, FY25 में यह खर्च ₹1,511 करोड़ रहा, जो FY24 में ₹1,741 करोड़ था।
वहीं, पूरे साल के दौरान यानी वित्तीय वर्ष में, कंपनी के "depreciation and amortisation" से जुड़ी खर्चे ₹210 करोड़ से बढ़कर ₹223 करोड़ हो गए हैं। आसान भाषा में कहें तो कंपनी की कुछ संपत्तियां (जैसे मशीनें, सॉफ्टवेयर, बिल्डिंग आदि) समय के साथ पुरानी होती हैं और उनका मूल्य घटता है। इस घटते मूल्य को ही depreciation और amortisation कहते हैं।
19 अप्रैल 2000 को परिणय सूत्र में बंधे इस युगल ने जीवन के दो दशक से अधिक की यात्रा में साथ मिलकर निजी, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक मोर्चों पर अनेक सफलताएं अर्जित की हैं।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘नेटवर्क18 समूह’ में ग्रुप एडिटर (कंवर्जेंस) ब्रजेश कुमार सिंह की आज शादी की सालगिरह है। 19 अप्रैल 2000 को परिणय सूत्र में बंधे इस युगल ने जीवन के दो दशक से अधिक की यात्रा में साथ मिलकर निजी, पारिवारिक, सामाजिक और व्यावसायिक मोर्चों पर अनेक सफलताएं अर्जित की हैं।
इस विशेष अवसर पर ब्रजेश कुमार सिंह ने एक के बाद एक कई भावुक ट्वीट्स के माध्यम से न सिर्फ जीवनसाथी पूनम के योगदान को स्मरण किया, बल्कि उन सभी परिजनों, मित्रों और शुभचिंतकों के प्रति आभार भी प्रकट किया, जिन्होंने हर पड़ाव पर उनका साथ दिया। अपने ‘एक्स’ (X) हैंडल पर किए गए ट्वीट्स में उन्होंने लिखा, ‘25 साल का ये दांपत्य जीवन अत्यंत सुखद रहा है। इस यात्रा के दौरान जो कुछ भी हासिल हुआ, उसमें पूनम की बड़ी भूमिका रही है।’
19 अप्रैल 2000 को पूनम और मैं परिणय सूत्र में बंधे थे! 25 साल का ये दांपत्य जीवन अत्यंत सुखद रहा है! अभी तक की इस यात्रा के दौरान निजी, पारिवारिक, शैक्षणिक, सामाजिक व व्यावसायिक मोर्चे पर जो भी हासिल हुआ, उसमें पूनम की बड़ी भूमिका रही है! हे ईश्वर, आप अपनी कृपा हम पर बनाए रखें!? pic.twitter.com/PbsbJJQ5R5
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) April 19, 2025
इस महत्वपूर्ण अवसर को और भी खास बना दिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई उनकी मुलाकात ने। ब्रजेश कुमार सिंह ने ट्वीट करते हुए बताया, ’हमारे वैवाहिक जीवन की सिल्वर जुबली की पूर्व संध्या पर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मुलाकात हुई, और उनका शुभकामना संदेश भी प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकाल कर हमसे मिलने और जीवन के इस बड़े पड़ाव पर शुभकामनाओं के लिए आभार, नरेंद्रभाई! ’
हमारे वैवाहिक जीवन की Silver Jubilee की पूर्व संध्या
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) April 19, 2025
पर आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi जी से मुलाकात हुई, इसके साथ ही उनका शुभकामना संदेश भी प्राप्त हुआ! अपनी व्यस्त दिनचर्या में से समय निकाल कर हमसे मिलने और जीवन के इस बड़े पड़ाव पर आपकी शुभकामनाओं के लिए आभार, नरेंद्रभाई!? https://t.co/Diid7ZlPdF pic.twitter.com/4LhnUbXjIO
इस अवसर पर उन्होंने अपनी दिवंगत मां को भी याद किया और लिखा कि वे भले ही भौतिक रूप से मौजूद नहीं हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा साथ है।
दांपत्य जीवन की इस यात्रा में हम अपने परिवार के सभी सदस्यों, संबंधियों, शुभचिंतकों और मित्रों के भी आभारी हैं, जिन्होंने हर चुनौती में हमारा साथ दिया, मार्गदर्शन किया और तमाम ख़ुशियां हमारे साथ बांटी! मां भौतिक तौर पर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ है! ? https://t.co/0KFNJNscvd pic.twitter.com/l9tHDqmf1G
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) April 19, 2025
लखनऊ में आयोजित ‘अमर उजाला संवाद 2025’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री का कहना था कि जहां संवाद बाधित होता है, वहीं से संघर्ष के रास्ते प्रारंभ होते हैं।
अमर उजाला संवाद 2025 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित किया गया। 17 अप्रैल से शुरू हुए दो दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, यूपी के राज्यमंत्री असीम अरुण के साथ-साथ खेल और फिल्म जगत के कई प्रमुख चेहरों ने तमाम मुद्दों पर अपने विचार रखे।
‘अमर उजाला संवाद के मंच’ पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने इस कार्यक्रम को लेकर अमर उजाला को बधाई भी दी। मुख्यमंत्री का कहना था, ‘77 वर्षों की शानदार यात्रा के लिए अमर उजाला को हृदय से बधाई देता हूं और अभिनंदन करता हूं।’ उन्होंने कहा- 'संवाद' लोकतंत्र की सशक्त आवाज है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जहां संवाद बाधित होता है, वहीं से संघर्ष के रास्ते प्रारंभ होते हैं। भारत का लोकतंत्र इतना सशक्त है कि उसने अपने सभी स्तंभों के लिए लक्ष्मण रेखाएं भी तय की हैं।’
इस मौके पर मुख्यमंत्री का कहना था, 'शासन की सभी प्रणालियों में लोकतंत्र को सबसे अच्छा इसलिए माना गया है क्योंकि हर व्यक्ति को बिना भेदभाव के समान अवसर और मूल्यों के साथ जीवन जीने की स्वतंत्रता होती है। अगर हमें कहीं स्वतंत्रता या अधिकार मिले हैं तो आवश्यक है कि हम अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी करें।'
सीएम ने कहा, ‘पश्चिम के लोग इस बात के लिए उत्तर प्रदेश के साथ जुड़ने को उत्सुक रहते हैं कि यहीं से भगवान कृष्ण द्वारका में आए थे। दक्षिण के लोग भी इस बात को मानते हैं कि बजरंग बली कर्नाटक में जन्मे और अयोध्या में पूजे जाते हैं। गंगोत्री से गंगासागर तक मां गंगा सभी को समभाव से आशीर्वाद देती हैं।’
कवि मनोज मुंतशिर ने संवाद के मंच पर चर्चा के दौरान कहा कि मुझे जीवन का पहला बड़ा मंच 2017 में अमर उजाला ने कानपुर में दिया था।
अमर उजाला संवाद के मंच पर गीतकार एवं कवि मनोज मुंतशिर ने अपने विचार व्यक्त किये है। कवि मनोज मुंतशिर ने संवाद के मंच पर चर्चा के दौरान कहा कि मुझे जीवन का पहला बड़ा मंच 2017 में अमर उजाला ने कानपुर में दिया था। मैं आज तक इस बात के लिए ऋणी हूं कि पहली बार हजारों लोगों के सामने बोलने का अवसर मुझे अमर उजाला ने दिया।
इसका मैं शुक्रगुजार हूं। कवि मनोज मुंतशिर ने कहा, आदिपुरुष के संवाद लिखने का दुख हमेशा मुझे रहा। हालांकि, फिल्म के गीत हिट हुए। उसके लिए थोड़ा-सा श्रेय मुझे मिल जाता तो अच्छा तो लगता। आदिपुरुष एक गलती थी, एक भूल थी। एक ऐसी भूल जिसके लिए मुझे मेरे देश ने, अवध की इस मिट्टी ने बहुत बड़ा दिल दिखाते हुए मुझे माफ कर दिया।
अब आज मुझसे पूछेंगे तो मुझे लगता है कि क्या याद रखूं कि मुझ पर कितने पत्थर फेंके गए कि ये याद रखूं कि कैसे मुझे लोगों ने फिर से गले लगा लिया। अब लगता है कि मेरे जीवन में आदिपुरुष भी जरूरी थी, जिससे मैं सही और गलत का फर्क जान सकूं।
छह साल में करीब 18 लाख करोड़ रुपये का बाजार में मुनाफा आया। ऐसे में बाजार में निवेशकों की आकांक्षाओं को पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा था।
कोटक म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक, नीलेश शाह ने आज अमर उजाला संवाद 2025 में शिरकत की। उन्होंने कहा, कि हमारा बाजार ऐसा है जहां हमें शोर को दरकिनार कर जो वास्तव में हो रहा उस पर ध्यान रखने की जरूरत है। हमें कंपनी के कैशफ्लो पर ध्यान रखने की जरूरत है। ट्रंप के बारे में नीलेश ने कहा कि उनका हाल हिंदी सिनेमा के डॉयलॉग जैसा है।
वह डॉयलॉग है- मैं दिल में आता हूं समझ में नहीं आता। विदेशी निवेशकों की बिकवाली पर शाह ने कहा कि मार्केट की उम्मीदें बहुत बढ़ गईं थीं। 10 वर्षों में भारत दसवीं बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। छह साल में करीब 18 लाख करोड़ रुपये का बाजार में मुनाफा आया।
ऐसे में बाजार में निवेशकों की आकांक्षाओं को पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए बाजार में करेक्शन आया। नीलेश शाह ने कहा कि बाजार में दूसरे पर भरोसा सबसे बड़ी गलती होती है। खुद के रिसर्च के आधार पर निवेश किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्र के साथ-साथ निवेश का रुख भी बदल जाता है। आजकल बाजार मनोविज्ञान के आधार पर काम कर रहा है। गीता पढ़ने की जरूरत है। उससे मनोविज्ञान से जुड़ी बारीकी समझ में आती है।
रणवीर अल्लाहबादिया मामले पर बोलते हुए स्नेहिल ने आगे कहा, 'बोलने की आजादी जरूरी है। लेकिन, क्या बोलना है यह जिम्मेदारी आपकी है। वायरल होने का एक चस्का लग जाता है।
मनोरंजन जगत में अपनी कॉमेडी और क्रिएटिविटी के लिए मशहूर अभिनेत्री और कंटेंट क्रिएटर स्नेहिल दीक्षित मेहरा आज अमर उजाला संवाद में शामिल हुईं। यहां उन्होंने रणवीर अल्लाहबादिया मामले पर भी बात की। स्नेहिल ने कहा कि बेतुकी बातें कहकर लोकप्रिय होने का चस्का गड़बड़ है। बोलने की आजादी जरूरी है। लेकिन, क्या बोलना है यह जिम्मेदारी आपकी है।
स्नेहिल से पूछा गया कंटेंट क्रिएशन में क्या सीमा नहीं होनी चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि, बतौर इन्फ्लुएंसर मेरे राजनीतिक विचार या किसी भी चीज पर विचार, किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं। जैसे पत्रकारों को निष्पक्ष रहना होता है। उसी तरह इन्फ्लुएंसर को भी रहना होता है। मगर, सीमा कहां लांघ दी पता भी नहीं चलता।
पैपराजी मुझे देखते हैं तो कहते हैं, 'एजी, गाली नहीं दी'। मैं हमेशा कहती हूं, 'कल दूंगी' और ऐसे कहकर टाल देती हूं, क्योंकि मैंने गाली फिल्म में एक किरदार निभाते हुए दी थी। मैं रियल लाइफ में ऐसा नहीं कर सकती।
फिर, जहां माता-पिता को प्रभु तुल्य माना जाता है, वहां और जिम्मेदारी बढ़ जाती है। रणवीर अल्लाहबादिया मामले पर बोलते हुए स्नेहिल ने आगे कहा, 'बोलने की आजादी जरूरी है। लेकिन, क्या बोलना है यह जिम्मेदारी आपकी है। वायरल होने का एक चस्का लग जाता है। लोग सोचते हैं कि ऐसा कुछ कह दें कि लोग कमेंट बॉक्स में आकर लड़ लें। लेकिन, कई बार एक कही गई बात दूर तलक जा सकती है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे पास पैसे से अधिक महत्व इंफ्रास्ट्रक्चर का है। मान लीजिए आपने पैसे रखे हुए हैं, आपके पास दाल-चावल है, प्रेशर कुकर बनाने के लिए नहीं है तो क्या करोगे।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने 'संवाद' में अपने विचार रखते हुए कहा कि 2017 से तुलना की जाए तो आज 80 मेडिकल कॉलेज पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं और यह कार्य मात्र 8 वर्षों में हुआ। कुछ जिले बचे हैं उन पर भी हम प्रदेश की जनता के समक्ष जाने वाले हैं। पीपीपी मोड पर हमने टेंडर और एग्रीमेंट भी कर दिया है।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, जब 2017 में हमें काम करने का अवसर मिला, हमारे पास 12 मेडिकल कॉलेज सरकारी क्षेत्र में थे। निजी क्षेत्र में भी कुछ मेडिकल कॉलेज थे। हमारे सामने सबसे पहले ये चुनौती थी कि चिकित्सकों की तैनाती और उनकी उपलब्धता। पूरे देश के पैमाने पर इस बात की चर्चा है कि चिकित्सकों की भारी कमी थी।
लेकिन मैं कह सकता हूं, 2017 से प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में हर जिले में मेडिकल कॉलेज बने उस दिशा में हमारी सरकार ने गंभीर काम किया है। डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारे पास पैसे से अधिक महत्व इंफ्रास्ट्रक्चर का है। मान लीजिए आपने पैसे रखे हुए हैं, आपके पास दाल-चावल है, प्रेशर कुकर बनाने के लिए नहीं है तो क्या करोगे।
पहले तो हम डॉक्टर बनाएंगे। फिर भवन बनाएंगे। फिर उसके बाद पैसे खर्च करेंगे। जिस गति से स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तर प्रदेश में बढ़ा है, तुलनात्मक अध्यन 2017 से पहले की और आज की स्थिति का करें तो आप मानेंगे कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आमूल-चूल परिवर्तन हेल्थ सेक्टर में किया है।