समारोह में वर्ष 2021-22 और 2022-23 बैच के विद्यार्थियों को पीजी डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, दोनों बैचों के 65 विद्यार्थियों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
देश के प्रतिष्ठित मीडिया एवं संचार शिक्षण संस्थान ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) का 55वां दीक्षांत समारोह 10 जनवरी 2024 को दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा।
बुधवार की सुबह दस बजे से शुरू होने वाले समारोह के मुख्य अतिथि देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद होंगे और दीक्षांत भाषण देंगे। ‘आईआईएमसी’ के चेयरमैन आर जगन्नाथन और महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर समेत आईआईएमसी, नई दिल्ली और इसके पांच क्षेत्रीय केंद्रों ढेंकनाल, आइजोल, अमरावती, कोट्टायम और जम्मू के संकाय सदस्य भी इस समारोह में शामिल होंगे।
दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-22 और 2022-23 बैच के विद्यार्थियों (आईआईएमसी दिल्ली और उसके सभी केंद्र) को पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, दोनों बैचों के 65 विद्यार्थियों को अलग-अलग पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा।
बता दें कि वर्ष 1965 में स्थापित आईआईएमसी हिंदी पत्रकारिता, अंग्रेजी पत्रकारिता, विज्ञापन एवं जनसंपर्क, रेडियो एवं टेलीविजन, डिजिटल मीडिया, ओड़िया, मराठी, मलयालम और उर्दू पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करता है।
मोना जैन यहां चीफ रेवेन्यू ऑफिसर और पूजा दुग्गल एचआर हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं, जहां से उन्होंने कुछ समय पहले ही मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) ने चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद से मोना जैन और एचआर हेड के पद से पूजा दुग्गल के इस्तीफे के बाद उनके लिए 30 सितंबर को विदाई समारोह का आयोजन किया। इस फेयरवेल पार्टी में सहकर्मियों ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया और दोनों ने मिलकर केक काटा।
बता दें कि मोना जैन और पूजा दुग्गल ने कुछ समय पहले ही मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। दोनों इस्तीफे उस समय हुए, जब संगठन के भीतर महत्वपूर्ण उथल-पुथल चल रही थी।
गौरतलब है कि ‘जी’ में अपने कार्यकाल के दौरान, मोना जैन ने नेटवर्क के रेवेन्यू मैंडेट की जिम्मेदारी संभाली, जिसमें लीनियर व डिजिटल दोनों प्लेटफॉर्म शामिल थे। उन्होंने ब्रैंडेड कंटेंट के जरिए विज्ञापनदाताओं को आकर्षित करने की रणनीतियों पर भी काम किया।
‘जी मीडिया’ से पहले, मोना जैन ‘एबीपी नेटवर्क’ की चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के तौर पर कार्यरत थीं। नवंबर 2019 में ‘एबीपी नेटवर्क’ में शामिल होने से पहले, जैन ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (ऐड सेल्स) के पद पर साल 2014 से कार्यरत थीं। यहां अपने करीब पांच साल नौ महीने के कार्यकाल में नेटवर्क की दिल्ली ब्रांच की कमान उन्हीं के हाथों में थी। इसके अलावा वह ‘Zee Café’, ‘Zee Studio’, ‘Anmol, Zindagi’, ‘Salaam’ और ‘Jagran’ की नेशनल क्लस्टर हेड भी रह चुकी हैं1।
मोना जैन को मीडिया इंडस्ट्री में तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। ‘ZEEL’ में अपनी जिम्मेदारी निभाने से पहले वह ‘Vivaki Exchange’ की सीईओ और ‘Cheil Communications’ में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर भी रह चुकी हैं।
वहीं, पूजा दुग्गल की बात करें तो उन्होंने पिछले साल मई में इस मीडिया नेटवर्क में जॉइन किया था। पूजा दुग्गल को इंडस्ट्री में काम करने का 17 साल से ज्यादा का अनुभव है। ‘जी मीडिया’ से पहले वह ‘एचटी डिजिटल स्ट्रीम्स’ (HT Digital Streams) में एचआर हेड (डिजिटल बिजनेस) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रही थीं।
‘एचटी मीडिया’ से पहले वह ‘रेचैम आरपीजी प्रा. लि.’ (Raychem RPG Pvt Ltd) में करीब पांच साल तक एचआर हेड रह चुकी हैं। पूर्व में वह ‘जिंदल स्टील’ (Jindal Steel) में सीनियर मैनेजर (ग्लोबल, एचआर) के पद पर काम करने के अलावा SISTEMA Shyam Teleservices और Right Management में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं।
पूजा दुग्गल ने दिल्ली में ‘गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी’ से इंफॉर्मेशन सिस्टम्स में ग्रेजुएशन किया है। इसके अलावा उन्होंने मुंबई के NMIMS (Narsee Monjee Institute of Management Studies) से एमबीए (Human Resources and Finance) किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राजस्थान के माउंट आबू में ब्रह्माकुमारीज संस्था की ओर से आयोजित चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू में शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रह्माकुमारीज संस्था की ओर से आयोजित चार दिवसीय वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। यहां ‘भारत एक्सप्रेस' (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक और एडिटर-इन-चीफ उपेंद्र राय राय को ‘राष्ट्र चेतना अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपेंद्र राय ने कहा, ‘हमारे देश में अध्यात्म और धर्म को मिलाकर देखने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन मैंने जब से इस विषय को थोड़ा बहुत समझा और जाना, तो पाया कि आध्यात्मिकता और धर्म बिल्कुल अलग-अलग हैं, इसलिए थोड़ी बात धर्म पर और थोड़ी बात अध्यात्मिकता पर होनी चाहिए। धर्म जिन लोगों ने पाया, पैदा किया शायद उनके जीवन में कभी क्रांति का सूत्रपात हुआ होगा, तब कोई धर्म पैदा हुआ होगा, लेकिन हम जिस धर्म को मानते हैं, वह हमारा बपौती है, क्योंकि वह हमें मिला हुआ है।’
उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में न कभी कोई क्रांति हुई नहीं और न कोई परिवर्तन आया. इसलिए जब मैं सोचता हूं इस पड़ाव पर आकर तो मुझे लगता है कि अपने बच्चों को किसी धर्म की शिक्षा नहीं देनी चाहिए, बल्कि उसे वो सारी सुविधाएं मुहैया कराना चाहिए, जिससे वो सारे धर्मों को पढ़े। उसे मैं किसी भी धर्म का न बनाऊं, बल्कि ये आजादी दूं कि तुम जिस धर्म को चाहो वो पढ़ो और जिस दिन तु्म्हें मौज आ जाए, तुम्हारी आत्मा झूम उठे, उस दिन तुम उसी धर्म को अपना लेना, क्योंकि धर्म अनेक हैं और सभी धर्मों ने परमात्मा तक पहुंचने के रास्ते बताए हैं, लेकिन सभी रास्ते सही नहीं हैं, कोई एक रास्ता पकड़कर ही अंतिम तक पहुंचा जा सकता है। अगर मैं इसे दूसरे शब्दों में कहूं, तो साध्य और साधन महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि वो रास्ता महत्वपूर्ण है, जो एक दिन मंजिल में तब्दील हो जाता है।
उनका कहना था, ’जैसे कोई चित्रकार है, कोई कवि है या फिर कोई गणितज्ञ है और कवि को हम अगर गणित का धर्म दे दें तो शायद उसे उस रास्ते पर चला नहीं जाएगा। कवि का मन बड़ा निर्मल होता है, वो गणित के सवालों को, पहेलियों को शायद सुलझाते-सुलझाते फेल हो जाए, ठीक ऐसा ही हम सबके जीवन में भी होता है। हम अपने दिमाग में इतना ज्यादा कूड़ा-करकट भर लेते हैं कि मूल्यवान चीजों को रखने की जगह ही नहीं बचती है। अध्यात्म हमें सिखाता है कि जीवन में मूल्यवान चीजों के लिए कम मूल्यवान चीजों को जितनी तन्मयता से छोड़ता चला जाता है, वही जीवन में सही अर्थों में अध्यात्मिक संतुलन को प्राप्त करता है, लेकिन अक्सर हम देखते हैं कि जो हमने रहीम के दोहे में पढ़ा है कि ‘साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय, सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय’. रहीम कहते हैं कि साधु और सज्जन का स्वभाव सूप की तरह होना चाहिए. जो व्यर्थ को हटा दे और मूल्यवान चीजों को बचा ले, आध्यात्म भी हमें यही सिखाता है।’
इस मौके पर उपेंद्र राय ने कहा, ’अगर हम रास्ते पर पड़ा कंकड़-पत्थर या फिर कांटा किसी दूसरे के लिए उठाकर फेंक दें या फिर किसी के आंगन में जाकर वहां पर झाड़ू लगा दें, यही अध्यात्म है। इसके अलावा जो भी है वो सिर्फ कर्मकांड है, जिससे जीवन में सिर्फ कूड़ा-कचरा के अलावा कुछ भी इकट्ठा नहीं होता है। अध्यात्म हमारे रोज के जीवन का हिस्सा है, लेकिन संतत्व उसकी मंजिल है।’
पूर्व पत्रकार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य सुप्रिया श्रीनेत ने दिवंगत पिता हर्षवर्धन श्रीनेत को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है।
पूर्व पत्रकार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की सदस्य सुप्रिया श्रीनेत ने अपने दिवंगत पिता हर्षवर्धन श्रीनेत को याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की है।
अपनी पोस्ट में सुप्रियया श्रीनेत ने लिखा है, ‘आठ साल पहले आज ही के दिन आप एक अनंत यात्रा पर निकल गये। लेकिन आप वास्तव में कभी कहीं गए ही नहीं। आपका वजूद मेरे हर ओर मौजूद है। मेरे निर्णयों में, मेरे साहस में, मेरी मुस्कान में और सबसे बढ़कर मेरी लड़ने की ताक़त में। आपकी याद आती है पापा। आप हमेशा वह शख़्स रहेंगे, जिसके जैसा मैं बनना चाहती हूं।’
8 years ago on this day, you travelled onwards
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) October 4, 2024
But you’ve never really been gone
You have been around in spirit
In my choices
In my courage
In my smile
And most of all in my good fights
Miss you Papa - you will always be the person I aspire to be ❤️ pic.twitter.com/EqdPWjV2p2
विमला पाटिल ने वर्ष 1959 में इस मैगजीन की लॉन्चिंग के समय बतौर एडिटर यहां जॉइन किया था और वर्ष 1993 तक कार्यरत रही थीं।
जानी मानी मैगजीन ‘फेमिना’ (Femina) की पूर्व एडिटर विमला पाटिल का निधन हो गया है। वह करीब 91 साल की थीं। विमला पाटिल ने वर्ष 1959 में इस मैगजीन की लॉन्चिंग के समय बतौर एडिटर यहां जॉइन किया था और वर्ष 1993 तक कार्यरत रही थीं।
फेमिना मिस इंडिया प्रतियोगिता शुरू करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसके जरिये भारतीय मॉडल्स को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भेजा गया। किताब लिखने के अलावा उन्होंने महिलाओं से जुड़े व सामाजिक मुद्दों पर भी काफी लिखा।
विमला पाटिल के निधन पर मीडिया जगत से जुड़े तमाम लोगों और उनके शुभचिंतकों ने दुख जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
राज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय रविवार को भोपाल में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि आज के दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में तेजी से बदलाव आ रहा है। इस दौर में कई कारणों से पत्रकारों की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में भी पत्रकार अपनी निष्पक्ष खबरों से जनता में अपनी विश्वसनीयता और मजबूत कर सकते हैं।
मंत्री विजयवर्गीय रविवार को भोपाल में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट (इंडिया) की राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर संगोष्ठी के माध्यम से "मीडिया के बदलते परिदृश्य और चुनौतियों" के संबंध में विचार विमर्श किया गया। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राधा सिंह व विधायक सिंगरौली रामनिवास शाह भी मौजूद थे।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि लोकतंत्र के जरिये समाज में सभी को समान अधिकार मिले हैं। इस वजह से पत्रकारों के अधिकारों की भी सीमा है। उन्होंने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया का भी विस्तार हुआ है। इस विस्तार में खबरों की जिम्मेदारी को लेकर समाज में खतरे भी बढ़े हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि पत्रकार स्वयं अपने मानक तैयार कर समाज में आदर्श प्रस्तुत करें।
राज्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि देश की आजादी के बाद नवगठित सरकारों ने देश में तुष्टिकरण को बढ़ाया है। इससे समाज में असमानता का माहौल निर्मित हुआ। वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देशहित में धारा 370 को समाप्त कर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। उन्होंने कहा कि संविधान के माध्यम से देश के प्रत्येक राज्य के नागरिकों को एक समान अधिकार दिये गये हैं।
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। इस वजह से दुनिया में भारत की साख मजबूत हुई है और भारत की आवाज को दुनिया पूरी गंभीरता से सुनती है।
राज्य मंत्री राधा सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय पत्रकारिता का अपना अलग महत्व है। क्षेत्रीय खबरों से ही राष्ट्रीय स्तर की खबरें बनती है। उन्होंने क्षेत्रीय पत्रकारों के लगातार प्रशिक्षण पर भी जोर दिया। कार्यक्रम को एनयूजे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रासबिहारी, राष्ट्रीय महासचिव प्रदीप तिवारी, एब्सोल्यूट ग्राम्य के डॉ. पंकज शुक्ला, जोनल कोऑर्डिनेटर एवं मीडिया इंचार्ज डॉ. बी.के. रीना, एसओआर सुप्रीम कोर्ट अश्वनी दुबे ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में देशभर के 13 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस अवसर पर आर्टिकल 32 पर लिखित अश्विनी दुबे की पुस्तक का विमोचन भी किया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन और पूर्व मंत्री डॉ.सीपी राय ने इस बाबत ‘जी न्यूज’ के मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा को एक लेटर लिखा है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) के बारे में अपने प्रवक्ताओं की शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है। इसके साथ ही अगले आदेश तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के किसी भी प्रवक्ता को इस चैनल पर होने वाली डिबेट्स में शामिल होने और किसी भी मुद्दे पर बाइट (बयान) देने से रोक दिया है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के चेयरमैन और पूर्व मंत्री डॉ.सीपी राय ने इस बाबत ‘जी न्यूज’ के मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा को एक लेटर लिखा है। इस लेटर की एक कॉपी ‘जी न्यूज’ के यूपी हेड रमेश चंद्रा को भी भेजी गई है।
इस लेटर में डॉ. सीपी राय का कहना है, ’उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं द्वारा लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि आपके चैनल पर आयोजित की जाने वाली डिबेट्स में कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखने के लिए प्रवक्तागण जाते हैं। मगर अफसोस है कि उन्हें अपनी बात कहने नहीं दिया जाता और उनका माइक भी बंद कर दिया जाता है।
यहां तक शिकायत आई है कि कांग्रेस प्रवक्ताओं को पूरे टाइम सिर्फ बैठाए रखा गया और बोलने तक का मौका नहीं दिया गया। ऐसे में मैं यह निर्णय लेने के लिए विवश हूं कि मेरे अग्रिम आदेश तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी का कोई भी अधिकृत प्रवक्ता आपके चैनल पर होने वाली डिबेट्स में न तो शामिल होगा और न ही किसी मुद्दे पर बाइट देगा।’
डॉ. सीपी राय ने इस लेटर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर भी शेयर किया है।
— Dr C P Rai (@cprai) September 26, 2024
करीब डेढ़ साल पहले मेनस्ट्रीम मीडिया को अलविदा कहकर सोशल सेक्टर में शिफ्ट हो चुके हैं विजय रावत
मेनस्ट्रीम मीडिया छोड़कर सोशल सेक्टर में शिफ्ट हुए पत्रकार विजय रावत को ‘कटोरी फूड एंड बेवरेजेस प्राइवेट लिमिटेड’ में सीईओओ यानी चीफ एग्जिक्यूटिव ऑपरेटिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया गया है। कटोरी फूड एक एफएमसीजी ब्रैंड है, जो ग्रामीण महिलाओं के बनाए हुए प्रॉडक्ट्स की मार्केटिंग करता है।
बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले ‘जी न्यूज’ में मल्टीमीडिया हेड का पद छोड़कर विजय ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्यरत मंजरी फाउंडेशन में कम्युनिकेशन हेड के तौर पर जॉइन किया था।राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में सक्रिय मंजरी फाउंडेशन के फाउंडर और ईडी संजय कुमार फोर्ड फाउंडेशन के फेलो रहे हैं। मंजरी फाउंडेशन के तहत महिलाओं को माइक्रोइंटरप्राइजेज लगाने में मदद की जाती है फिर उन ग्रामीण महिलाओं के बनाए प्रॉडक्ट्स को मार्केट में कटोरी ब्रैंड के नाम से बेचा जाता हैं, ताकि ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण हो सके।
समाचार4मीडिया से बातचीत में विजय ने बताया कि अब वह मंजरी फाउंडेशन में कम्युनिकेशन हेड के साथ-साथ कटोरी फूड के सीईओओ का कामकाज संभालेंगे। विजय इससे ‘ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन’ में सीनियर एसोसिएट एडिटर के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन पॉलिसी मेकिंग रिसर्च पर कार्य करती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात और एग्जाम वॉरियर्स की किताब की टेक्निकल पार्टनर भी है।
इसके अलावा विजय ’जनसंदेश’ और ’इंडिया न्यूज’ हरियाणा में आउटपुट हेड की भूमिका निभा चुके हैं। इसके साथ ही वह ’इंडिया टीवी’ और ’टीवी9 ’ के बॉलीवुड चैनल लहरें में भी आउटपुट हेड की भूमिका निभा चुके हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में ग्रेजुएट विजय ने ‘माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी’, भोपाल से ब्रॉकास्ट जर्नलिज्म में मास्टर्स की डिग्री ली है।
बहुत बारीक अंतर से विजेता बनने से चूके आवेदकों को जूरी स्पेशल मेंशन अवार्ड के तहत प्रमाण पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
‘आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन’ (IIMCAA) ने रविवार को इमका अवार्ड्स 2024 के विजेताओं के नाम का ऐलान और सम्मान किया। दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में अनूप पांडेय को ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार मिला, जिसके तहत उन्हें ट्रॉफी और प्रमाण पत्र के अलावा डेढ़ लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। कृषि पत्रकारिता का अवार्ड शगुन कपिल को मिला, जिन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला। बाकी विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र के अलावा 50-50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
पब्लिशिंग रिपोर्टिंग कैटेगरी में रजत मिश्रा, ब्रॉडकास्ट रिपोर्टिंग में अभिनव गोयल, प्रोड्यूसर में सुरभि सिंह, भारतीय भाषाओं की पब्लिशिंग रिपोर्टिंग में मोहम्मद साबिथ यू एम, भारतीय भाषाओं की ब्रॉडकास्ट रिपोर्टिंग में सतरूपा सामांतरे, विज्ञापन में सारांश जैन, पीआर में शिल्पी सिंह, एड एजेंसी में ओफैक्टर और पीआर एजेंसी में काइजन को विजेता का पुरस्कार मिला।
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इनके अलावा बहुत बारीक अंतर से विजेता बनने से चूके आवेदकों को जूरी स्पेशल मेंशन अवार्ड के तहत प्रमाण पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। जूरी स्पेशल अवार्ड की जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर कैटेगरी में अभिषेक अंगद, ऋत्विका मित्रा, आशुतोष मिश्रा, मनीष मिश्रा और निधि तिवारी, कृषि पत्रकारिता में दिवाश गहटराज, ब्रॉडकास्ट रिपोर्टिंग में परिमल कुमार और विष्णुकांत तिवारी, प्रोड्यूसर में रोहन कथपालिया, पीआर में सुप्रिया सुंद्रियाल और निखिल स्वामी को पुरस्कार मिला।
समारोह में पीआईबी के पूर्व प्रमुख महानिदेशक कुलदीप सिंह धतवालिया, एडीजी राज कुमार, दिल्ली सरकार के विशेष आयुक्त सुशील सिंह, भारत अमेरिका व्यापार परिषद के एमडी राहुल शर्मा, पत्रकार प्रो. गोविंद सिंह, नीलेश मिसरा, रूपा झा, अपर्णा द्विवेदी, लोला नायर, ज्ञानेश्वर, नितिन प्रधान, राजेश प्रियदर्शी, प्रभाष झा, आलोक कुमार, प्रियदर्शन, अनुपम श्रीवास्तव, सुमित अवस्थी, मनोज मलयानिल, प्रमोद चौहान, मिहिर रंजन, प्रसाद सान्याल, मनोज रूरकीवाल, हरवीर सिंह, एसपी सिंह, शिशिर सिन्हा, ओमप्रकाश, पीआर विशेषज्ञ समीर कपूर, हर्षेंद्र वर्धन, मार्केटिंग विशेषज्ञ श्रुति जैन, कल्याण रंजन, रोहित दुबे, सोनिया सरीन समेत अन्य लोग मौजूद रहे। इनमें ज्यादातर विजेता चुनने वाली जूरी का हिस्सा थे।
समरोह की अध्यक्षता इमका अध्यक्ष सिमरत गुलाटी ने की जबकि संचालन कार्यकारी अध्यक्ष गायत्री श्रीवास्तव ने किया। अवार्ड के ऑडिटर उन्नी राजन शंकर, संयोजक विनीत हांडा, समन्वयिका पूजा मिश्रा और महासचिव दीक्षा सक्सेना ने समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
इमका अवॉर्ड्स के विजेताओं की लिस्ट आप यहां देख सकते हैं।
Journalist of the Year – Mr. Anup Pandey
Agriculture Reporter of the Year – Ms. Shagun Kapil
Reporter of the Year (Publishing) – Mr. Rajat Mishra
Reporter of the Year (Broadcast) – Mr. Abhinav Goel
Producer of the Year (Broadcast) – Mr. Surabhi Singh
Indian Language Reporter of the Year (Publishing) - Muhammad Sabith U M
Indian Language Reporter of the Year (Broadcast) – Ms. Shatarupa Samantaraya
Ad Person of the Year – Mr. Saransh Jain
PR Person of the Year – Ms. Shillpi A Singh
Ad Agency of the Year - Ofactor
PR Agency of the Year – Kaizzen
JURY SPECIAL MENTION
Journalist of the Year – Mr. Abhishek Angad
Journalist of the Year – Ms. Ritwika Mitra
Journalist of the Year – Mr. Ashutosh Mishra
Journalist of the Year – Mr. Manish Mishra
Journalist of the Year – Ms. Nidhi Tiwary
Agriculture Reporter of the Year – Mr. Diwash Gahatraj
Reporter of the Year (Broadcast) – Mr. Parimal Kumar
Reporter of the Year (Broadcast) – Mr. Vishnukant Tiwari
Producer of the Year (Broadcast) - Mr. Rohan Kathpalia
PR Person of the Year – Ms. Supriya Sundriyal
PR Person of the Year – Mr. Nikhil Swami
‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ के पूर्व चेयरमैन और एडवाइजरी व अकाउंटेंसी फर्म ‘रवि रंजन एंड कंपनी’ के फाउंडर व मैनेजिंग पार्टनर सेतुरत्नम रवि की मां शकुंतला सेतुरत्नम अब इस दुनिया में नहीं रही।
‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) के पूर्व चेयरमैन और एडवाइजरी व अकाउंटेंसी फर्म ‘रवि रंजन एंड कंपनी’ (Ravi Rajan & Co) के फाउंडर व मैनेजिंग पार्टनर सेतुरत्नम रवि की मां शकुंतला सेतुरत्नम अब इस दुनिया में नहीं रही। उनका निधन सोमवार तड़के तीन बजे हुआ।
शकुंतला सेतुरत्नम का अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर 12 बजे दिल्ली के ग्रीन पार्क श्मशान घाट पर किया जाएगा।
परिवार और करीबियों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
बता दें कि एस रवि के नाम से लोकप्रिय सेतुरत्नम रवि ‘एलआईसी’ (LIC), ‘भेल’ (BHEL), ‘आईडीबीआई बैंक’ (IDBI Bank), ‘ओएनजीसी’ (ONGC) और ‘टूरिज्म फाइनेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (Tourism Finance Corporation of India Limited) जैसे 45 से अधिक प्रतिष्ठित संस्थानों के बोर्ड में डायरेक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा वह तमाम पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों की ऑडिट कमेटियों, स्ट्रैटेजिक रिवाइवल कमेटियों और रिस्क मैनेजमेंट कमेटियों के साथ भी काम कर चुके हैं।
भारत सरकार अगले साल 5 से 9 फरवरी तक ‘विश्व श्रव्य-दृश्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन’ (वेव्स) की मेजबानी करने की पुरजोर तैयारी कर रही है
भारत सरकार अगले साल 5 से 9 फरवरी तक ‘विश्व श्रव्य-दृश्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन’ (वेव्स) की मेजबानी करने की पुरजोर तैयारी कर रही है, ताकि भारत के मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग को और ज्यादा बढ़ावा दिया जा सके और इसके वैश्विक प्रभाव को बढ़ाया जा सके।
हैदराबाद स्थित जवाहरलाल नेहरू वास्तुकला और ललित कला विश्वविद्यालय (जेएनएएफएयू) में ‘वेव्स’ का प्रचार-प्रसार करने के लिए हाल ही में आयोजित रोड शो में सूचना-प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि ‘वेव्स’ मीडिया और मनोरंजन उद्योग के समस्त दायरे को कवर करने वाला प्रथम वैश्विक शिखर सम्मेलन होगा।
संजय जाजू ने कहा कि वेव्स के दौरान मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग और प्रौद्योगिकी के बीच गहन समन्वित प्रयास देखने को मिलेंगे। वेव्स का उद्देश्य एक ऐसा प्रमुख फोरम बनना है जो उभरते मीडिया और मनोरंजन उद्योग परिदृश्य में आपसी संवाद, व्यापार सहयोग एवं नवाचार को काफी बढ़ावा दे। इस शिखर सम्मेलन में उद्योग जगत की हस्तियों, हितधारकों और अन्वेषकों को अवसर तलाशने, चुनौतियों से निपटने, भारत में व्यापार को आकर्षित करने एवं इस सेक्टर के भविष्य को सटीक स्वरूप देने के लिए बुलाया जाएगा।
वहीं, इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए तेलंगाना सरकार के आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार विभाग के विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन ने कहा कि राज्य के पास इस सेक्टर में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए एक सुव्यवस्थित इकोसिस्टम है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में अत्यंत खुशी होगी।
इससे पहले सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू ने फिल्म एसोसिएशनों और एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) सेक्टर की औद्योगिक हस्तियों से भेंट की। हैदराबाद के सीबीएफसी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा आयोजित इस बैठक में उन्होंने फिल्म उद्योग द्वारा सामना की जा रही पायरेसी की समस्या से निपटने के लिए दंडात्मक उपायों को सख्ती से लागू करने का वादा किया। इसके साथ ही संजय जाजू ने गेमिंग उद्योग के हितधारकों को सरकारी सहायता का आश्वासन दिया।