जानी मानी पत्रकार वर्तिका नंदा ने इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर किया देश का प्रतिनिधित्व

जेल सुधार एक्टिविस्ट वर्तिका नंदा ने कार्यक्रम में अपनी बात की शुरुआत करते हुए कहा, ‘नमस्ते! मैं वर्तिका नंदा हूं, जो जेल की सलाखों के पीछे 'इंद्रधनुषी रंग' (rainbows) बिखेरने का प्रयास कर रही हूं।’

Last Modified:
Saturday, 25 June, 2022
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जानी-मानी पत्रकार और जेल सुधार एक्टिविस्ट वर्तिका नंदा ने नार्वे की राजधानी ओस्लो में 15 जून को आयोजित पहले ‘अंतरराष्ट्रीय जेल रेडियो सम्मेलन‘ (International Prison Radio Conference) में भारत का प्रतिनिधित्व किया है।

‘तिनका तिनका’ फाउंडेशन की संस्‍थापिका वर्तिका नंदा ने कार्यक्रम में अपनी बात की शुरुआत करते हुए कहा, ‘नमस्ते! मैं वर्तिका नंदा हूं, जो जेल की सलाखों के पीछे 'इंद्रधनुषी रंग' (rainbows) बिखेरने का प्रयास कर रही हूं।’  

‘प्रिजन रेडियो एसोसिएशन’ (Prison Radio Association) ने ‘नॉर्वेजियन सुधार सेवाओं‘ (Norwegian Correctional Services) के निदेशालय के सहयोग से इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जेलों के मानवीकरण और कैदियों के पुनर्वास में जेल रेडियो के महत्व पर वैश्विक जानकारी और अनुभव साझा करना था।

अपने करीब 30 मिनट के संबोधन में वर्तिका नंदा ने भारत में जेल रेडियो और अपने गैर-लाभकारी संगठन ‘तिनका तिनका फाउंडेशन’ द्वारा आगरा और देहरादून की जिला जेलों के साथ-साथ हरियाणा की आठ जेलों में लागू जेल रेडियो पहल के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने बताया कि ‘तिनका तिनका‘ फाउंडेशन के तत्वावधान में 100 से अधिक कैदियों को रेडियो जॉकी (आरजे) के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। जेल रेडियो प्रशिक्षण और इसके कार्यान्वयन के दौरान लगभग एक दर्जन गाने जारी किए गए हैं।

इसके साथ ही वर्तिका नंदा ने 'जेल सुधारों के तिनका मॉडल' के बारे में भी बताया, जो मीडिया की शक्ति और रचनात्मकता के इस्तेमाल से जेल के कैदियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास है। इस दौरान उन्होंने अपने प्रयासों में सरकारी अधिकारियों से मिले समर्थन का भी उल्लेख किया।

नंदा ने समाज के समग्र प्रगतिशील विकास के लिए सलाखों के पीछे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ‘तिनका तिनका‘ जेल रेडियो की मदद से जेलों में कैदियों के जीवन के बारे में बाहरी दुनिया को संवेदनशील बनाने की कोशिश कर रहा है।

इस दो दिवसीय सम्मेलन में ओस्लो जेल के दौरे के साथ उसमें जेल रेडियो परियोजना के बारे में प्रतिनिधियों को जानने-समझने का मौका मिला। कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों ने इस दौरान जेल रेडियो परियोजनाओं से संबंधित तमाम पहलुओं पर भी अपने विचार साझा किए। प्रतिभागियों के बीच एक आम सहमति थी कि जेल रेडियो दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता को मजबूत कर सकता है।

बता दें कि वर्तिका नंदा दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष हैं और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में अपराध बीट की प्रमुख पत्रकार रही हैं। उनके कामों को दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में शामिल किया जा चुका है। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें 2014 में स्त्री शक्ति पुरस्कार दिया था।

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अमर उजाला के डिजिटल हेड जयदीप कर्णिक के पिता का निधन

वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला डिजिटल के हेड जयदीप कर्णिक के पिता सुभाष कर्णिक का मंगलवार को निधन हो गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 September, 2024
Subhashkarnik78451

वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला डिजिटल के हेड जयदीप कर्णिक के पिता सुभाष कर्णिक का मंगलवार को निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा बुधवार सुबह 11 बजे उनके इंदौर स्थित निवास 23 राजश्री वाटिका तिलक नगर से निकलेगी।

बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया जाएगा। सुभाष कर्णिक के निधन पर पत्रकार, नेतागण और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। 

 

आपको बता दें कि सुभाष कर्णिक नर्मदा आंदोलन से जुड़ें रहे। इसके अलावा इंदौर में कुश्ती और अन्य खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

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वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की याद में दिल्ली में प्रार्थना सभा 13 सितंबर को

नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 07 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 07 September, 2024
Umesh Upadhyay

जाने-माने पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय की याद में 13 सितंबर 2024 को दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है। नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर 2024 की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा।

गौरतलब है कि करीब 64 वर्षीय उमेश उपाध्याय का एक सितंबर को निधन हो गया था। दिल्ली में वसंत कुंज स्थित उमेश उपाध्याय के घर पर कुछ निर्माण काम चल रहा था, इसी दौरान निरीक्षण करते समय वह गिरकर घायल हो गए थे। तत्काल ही उमेश उपाध्याय को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया था।

एक अनुभवी पत्रकार व कम्युनिकेटर उमेश उपाध्याय को प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया में करीब चार दशकों का अनुभव था। उन्होंने एक ग्राउंड रिपोर्टर से एक अनुभवी संपादक तक का सफर तय किया था।

इस दौरान उन्होंने 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया', 'ऑल इंडिया रेडियो', 'डीडी न्यूज', 'नेटवर्क18' और 'जी न्यूज' सहित कई अन्य न्यूज नेटवर्क के साथ काम किया। जेएनयू, डीयू और FTII के छात्र रह चुके उमेश उपाध्याय ने कई न्यूज व टॉक शो को प्रड्यूस किया और उसकी एंकरिंग भी की थी।

उमेश उपाध्याय ने कुछ समय पहले ही एक किताब ‘वेस्टर्न मीडिया नरेटिव्स ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ (WESTERN MEDIA NARRATIVES ON INDIA FROM GANDHI TO MODI) लिखी थी।

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महिला पत्रकार ने SDM पर लगाया ये आरोप, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक महिला पत्रकार ने एसडीएम प्रीति तिवारी पर उनके घर की जमीन पर कब्जा कराने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 06 September, 2024
Last Modified:
Friday, 06 September, 2024
PreetiTiwari87451

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक महिला पत्रकार ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला पत्रकार का दावा है कि शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने विपक्षी पक्ष को उनके घर पर कब्जा दिलवा दिया और जब उन्होंने न्याय की मांग की, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।

ये है पूरा मामला 

यह मामला अमेठी के मुसाफिरखाना तहसील के गाईमऊ गांव से जुड़ा है। पीड़िता इसरत जहां ने 22 अप्रैल 2019 को सबीरुल निशा से एक मकान खरीदा था, जिसमें वह अपनी बेटी और बेटे के साथ रहती हैं। उनकी बेटी एक पत्रकार हैं। मामले की जड़ तब शुरू हुई जब विपक्षी पक्ष ने दावा किया कि यह मकान उनकी जमीन पर बनाया गया है। आरोप है कि अधिकारियों के निर्देश पर विपक्षी पक्ष को मकान पर कब्जा दिलवा दिया गया।

मकान पर कब्जा होने के बाद महिला पत्रकार लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाती रहीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, 2 सितंबर को उन्होंने एसडीएम प्रीति तिवारी से मिलकर न्याय की मांग की। महिला पत्रकार का आरोप है कि इस दौरान एसडीएम ने उनके साथ अभद्रता की, जिसका एक वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

महिला पत्रकार ने आरोप लगाया कि जब वह एसडीएम कार्यालय पहुंची, तो एसडीएम प्रीति तिवारी ने कार्यालय से बाहर निकलवा दिया और गुस्से में कहा कि मैं आपका काम नहीं कर पाऊंगी। मेरा मूड खराब है। पीड़ित महिला पत्रकार एक न्यूज चैनल की पत्रकार बताई जा रही है।

एसडीएम का बयान

एसडीएम प्रीति तिवारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "महिला पत्रकार द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मैंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह एक जमीन का मामला है, जिसका पहले ही सुलहनामा हो चुका है। महिला पत्रकार ने मेरे कार्यालय में आकर मेरे खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया।"

यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।

वहीं इस मामले में यूपी कांग्रेस ने एक ट्वीट कर शासनपक्ष पर सवाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि योगीराज में महिला पत्रकार को न्याय मांगने के लिए अपनी बूढ़ी मां के साथ दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। जब जनता की समस्याओं की आवाज उठाने वाली को बेघर होकर भटकना पड़ रहा है तो क्या आप सपने में भी सोच सकते हैं कि यहां आम आदमी को न्याय मिलेगा?

 

 

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जानी-मानी फिल्म समीक्षक व लेखिका अरुणा वासुदेव का निधन, श्रद्धांजलि सभा आठ सितंबर को

करीब 88 वर्षीय अरुणा वासुदेव कुछ समय से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 06 September, 2024
Last Modified:
Friday, 06 September, 2024
Aruna Vasudev

जानी-मानी फिल्म समीक्षक और लेखिका अरुणा वासुदेव का गुरुवार की सुबह निधन हो गया है। अरुणा वासुदेव करीब 88 साल की थीं और काफी समय से अल्जाइमर समेत उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। वह करीब तीन हफ्ते से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

अरुणा वासुदेव की याद में आठ सितंबर, रविवार को दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के कमला देवी ऑडिटोरियम में शाम छह बजे से रात नौ बजे तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।

बता दें कि अरुणा वासुदेव का विवाह राजनयिक सुनील रॉय चौधरी से हुआ था। उनकी बेटी यामिनी रॉय चौधरी राजनीतिक नेता वरुण गांधी की पत्नी हैं। दिल्ली की रहने वाली वासुदेव एशियाई फिल्मों के लिए काम करने वाले विश्वव्यापी संगठन “सिनेमाया: द एशियन फिल्म क्वार्टरली” की संस्थापक-संपादक थीं।

उन्हें करीब 29 साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ‘नेटपैक’ की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है। अरुणा वासुदेव ने समीक्षक, लेखिका, संपादक, चित्रकार, डॉक्यूमेंट्री निर्माता व ट्रस्टी के साथ-साथ एशियाई सिनेमा के पथप्रदर्शक के रूप अपनी खास पहचान बनाई।

अरुणा वासुदेव ने करीब 20 डॉक्यूमेंट्रीज का निर्देशन किया या वह उनकी निर्माता रहीं। इसके साथ ही उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन या सह-संपादन किया, जिनमें ज्यां-क्लाउड कैरियर की ‘इन सर्च ऑफ महाभारत: नोट्स ऑफ ट्रैवल्स इन इंडिया विद पीटर ब्रुक” का फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद भी शामिल है।

फ्रांस सरकार ने सिनेमा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान को काफी सराहा था और पुरस्कृत किया था। वह फ्रेंच भाषा और संस्कृति से संबंधित एक प्रमुख भारत-फ्रांसीसी सांस्कृतिक केंद्र ‘एलायंस फ्रांसेइस डी दिल्ली’ की बोर्ड सदस्य भी थीं।

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‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ में फोटो प्रदर्शनी छह सितंबर से, देखने को मिलेंगी बेहतरीन तस्वीरें

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (Press Club Of India) के साथ मिलकर ‘मीडिया फोटोजर्नलिस्ट ट्रस्ट’ (Media PhotoJournalist Trust) इस फोटो प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 04 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 04 September, 2024
Photo Exhibition

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (Press Club Of India) के साथ मिलकर ‘मीडिया फोटोजर्नलिस्ट ट्रस्ट’ (Media PhotoJournalist Trust) एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।

दिल्ली में रायसीना रोड पर स्थित ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ परिसर में छह सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजे इस प्रदर्शनी का शुभारंभ किया जाएगा। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक मेडलिस्ट गगन नारंग करेंगे।

यह फोटो प्रदर्शनी छह से नौ सितंबर तक दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।

बता दें कि इस प्रदर्शनी में दिल्ली-एनसीआर के फोटो पत्रकारों द्वारा कैद किए गए समाज, राजनीति, और संस्कृति के विविध पहलुओं को उजागर करने वाली छवियों को प्रदर्शित किया जाएगा।

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लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. सौरभ मालवीय बने विद्या भारती के मंत्री

बता दें कि विद्या भारती ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वह इकाई हैं, जो देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर के नाम से विद्यालयों का संचालन करती है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 04 September, 2024
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Wednesday, 04 September, 2024
Sourabh Malviya

लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मालवीय को विद्या भारती पूर्वी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश का मंत्री बनाया गया है।

बता दें कि विद्या भारती ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वह इकाई हैं, जो देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर के नाम से विद्यालयों का संचालन करती है। इसका मुख्य कार्य युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रीय भावना से जोड़ना है।

विद्या भारती के संगठन पुनर्गठन में यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव दिव्यकांत शुक्ल को अध्यक्ष, डॉ. जय प्रताप सिंह व डॉ. रेनू माथुर को उपाध्यक्ष, रामनाथ गुप्ता, अनुग्रह मिश्रा को सह मंत्री, सुशील कुमार को कोषाध्यक्ष, हेमचंद्र को क्षेत्रीय संगठन मंत्री व डॉ. राममनोहर को सह संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया है। इसके साथ ही आठ लोगों को सदस्य नामित किया गया है।

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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी मंत्री का फूटा गुस्सा, पत्रकार को दी धमकी

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 04 September, 2024
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Wednesday, 04 September, 2024
UPMinister787451

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आया, जब विकास के मुद्दे पर सवाल पूछे गए तो राज्य मंत्री गिरीश चंद्र यादव अपना आपा खो बैठे। प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद मंत्री ने 'आजतक' के पत्रकार को देख लेने की धमकी भी दे डाली।

दरअसल, बीजेपी ने सदस्यता अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था, जिसमें मंत्री गिरीश चंद्र यादव भी मौजूद थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब 'आजतक' के पत्रकार ने जौनपुर में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत हो रहे विकास कार्यों और शीतला चौकिया धाम में पर्यटन विभाग द्वारा करोड़ों रुपये के सुंदरीकरण कार्य को लेकर सवाल उठाए, तो मंत्री भड़क उठे।

राज्यमंत्री यादव ने जवाब में कहा, "गोमती नदी पर रिवर फ्रंट का इतना बढ़िया काम हो रहा है, लेकिन मीडिया इसे दिखा नहीं रहा है। यह विकास कार्य मैंने कराया है और हम हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं।" 

चौकिया धाम के फंड को लेकर राज्य मंत्री गिरीश चंद्र याोदव ने कहा कि इतनी बड़ी स्वीकृत कराई गई है, 70 साल के इतिहास में इतना पैसा कभी नहीं आया है। आज अगर देखा जाए तो रिंग रोड बन रहा है। आज गोमती नदी पर शहर के अंदर दो पुलों का निर्माण हो रहा है, यही नहीं आईटीआई में महिलाओं का ट्रेड स्वीकृत कराया गया। फायर स्टेशन बना हुआ है। मेडिकल कॉलेज का शुभारंभ हो गया है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में ही बीजेपी के जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए पत्रकार को टोका और कहा कि यह कार्यक्रम सदस्यता अभियान के लिए है, आप बहुत ज्यादा सवाल पूछ रहे हैं। इसके बाद मंत्री यादव ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की बात करते हुए कहा कि हजारों लोग इस अभियान में शामिल हो रहे हैं।

हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस के समाप्त होने के बाद, तीखे सवालों से असहज हुए मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने पत्रकार राजकुमार सिंह को देख लेने की धमकी दे डाली। इस घटना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का माहौल गंभीर बना दिया और पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बन गई।

यहां देखें वीडियो:

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वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की याद में ‘माखनलाल विश्वविद्यालय’ में श्रद्धांजलि सभा आज

जाने-माने पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय का एक सितंबर को निधन हो गया था। उमेश उपाध्याय विश्वविद्यालय महापरिषद के माननीय सदस्य भी थे।

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Published - Wednesday, 04 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 04 September, 2024
Umesh Upadhyay

जाने-माने पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय की याद में ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय’ भोपाल में चार सितंबर को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।

स्वामी विवेकानंद सभागार, न्यू मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग, विक्रमशिला खंड, माखनपुरम, भोपाल में चार सितंबर की शाम चार बजे से होने वाली इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा। उमेश उपाध्याय विश्वविद्यालय महापरिषद के माननीय सदस्य भी थे।

बता दें कि करीब 64 वर्षीय उमेश उपाध्याय का एक सितंबर को निधन हो गया था। दिल्ली में वसंत कुंज स्थित उमेश उपाध्याय के घर पर कुछ निर्माण काम चल रहा था, इसी दौरान निरीक्षण करते समय वह गिरकर घायल हो गए थे। तत्काल ही उमेश उपाध्याय को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया था।

एक अनुभवी पत्रकार व कम्युनिकेटर उमेश उपाध्याय को प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया में करीब चार दशकों का अनुभव था। उन्होंने एक ग्राउंड रिपोर्टर से एक अनुभवी संपादक तक का सफर तय किया था।

इस दौरान उन्होंने 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया', 'ऑल इंडिया रेडियो', 'डीडी न्यूज', 'नेटवर्क18' और 'जी न्यूज' सहित कई अन्य न्यूज नेटवर्क के साथ काम किया। जेएनयू, डीयू और FTII के छात्र रह चुके उमेश उपाध्याय ने कई न्यूज व टॉक शो को प्रड्यूस किया और उसकी एंकरिंग भी की थी।

उमेश उपाध्याय ने कुछ समय पहले ही एक किताब ‘वेस्टर्न मीडिया नरेटिव्स ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ (WESTERN MEDIA NARRATIVES ON INDIA FROM GANDHI TO MODI) लिखी थी।

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दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन: अध्यक्ष पद पर राकेश थपलियाल निर्वाचित

इसके साथ ही प्रमोद कुमार सिंह (वरिष्ठ पत्रकार, प्रसार भारती) महासचिव और नरेश गुप्ता (पूर्व संपादक, राष्ट्रीय समाचार) कोषाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 02 September, 2024
Last Modified:
Monday, 02 September, 2024
DJA Election

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) से संबद्ध दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) के चुनाव 2024-26 में राकेश थपलियाल (प्रधान संपादक, खेल टुडे) को अध्यक्ष और प्रमोद कुमार सिंह (वरिष्ठ पत्रकार, प्रसार भारती) को महासचिव के पद पर निर्विरोध रूप से निर्वाचित किया गया है। इसके साथ ही नरेश गुप्ता (पूर्व संपादक, राष्ट्रीय समाचार) कोषाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं।

नामांकन की अंतिम तिथि के बाद चुनाव अधिकारी अशोक किंकर ने सोमवार को चुनाव परिणाम की घोषणा की। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के मुख्यालय और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के कार्यालय 7, जंतर मंतर रोड, दूसरी मंजिल, नई दिल्ली 110001 में हुए चुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए।

चुनाव में अध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, एक महासचिव, तीन सचिव, एक कोषाध्यक्ष और 15 कार्यकारिणी सदस्यों का चयन किया गया। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के अध्यक्ष रास बिहारी ने सभी निर्वाचित पत्रकारों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि डीजेए दिल्ली में मीडियाकर्मियों के उत्थान के लिए और तेजी से काम करेगा।

निर्वाचित डीजेए कार्यकारिणी 2024-26: अध्यक्ष: राकेश थपलियाल; महासचिव: प्रमोद कुमार सिंह; कोषाध्यक्ष: नरेश गुप्ता; उपाध्यक्ष: डॉ.रामेश्वर दयाल (पूर्व प्रमुख संवाददाता, नभाटा), केपी मलिक (राजनीतिक संपादक, दैनिक भास्कर), रणवीर सिंह (पूर्व खेल संपादक, इंडिया न्यूज), अनिता चौधरी (दैनिक स्वदेश) चुने गए हैं। वहीं, सचिव: अमरेन्द्र गुप्ता (वरिष्ठ संवाददाता, डीडी न्यूज), प्रियरंजन (वरिष्ठ संवाददाता, जनसत्ता) और कृष्ण देव पाठक (मुख्य संवाददाता, वीर अर्जुन) चुने गए हैं।। 

इसके साथ ही कार्यकारिणी में राजेश कुमार भसीन (विराट वैभव), सुशील देव (फ्रीलांस पत्रकार), प्रतिभा शुक्ल (जनसत्ता), सुजान सिंह (फोटो जर्नलिस्ट), नवीन गौतम (पूर्व प्रमुख संवाददाता, दैनिक जागरण), मानवेंद्र कुमार (लाइव इंडिया न्यूज 24/संपूर्ण माया), सगीर अहमद (संसद टीवी), निवेदिता मदाने (फ्रीलांस-‘मराठी पत्रकार), राजेंद्र स्वामी (वरिष्ठ पत्रकार), दीप्ति अंगरीश (वरिष्ठ पत्रकार), कृष्न कुमार तिवारी (पहल टुडे), अमित कुमार गौड़ (बियांड इंडिया), आलोक मोहन नायक (वरिष्ठ पत्रकार), डाक्टर अशोक बर्थवाल (धनुष्टंकार डॉट कॉम) और प्रदीप श्रीवास्तव (जी मीडिया) को शामिल किया गया है।

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उमेश जी से जो कुछ सीखा, उसे शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है: बालेन्दु शर्मा दाधीच

मैंने हमेशा युवा पत्रकारों और दूसरे पेशेवरों को कड़ी मेहनत के मामले में उनकी मिसाल दी। इतने बड़े पदों पर रहने के बावज़ूद कभी उनमें अहं का भाव नहीं आया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Sunday, 01 September, 2024
Last Modified:
Sunday, 01 September, 2024
UmeshUpadhyay87451

बालेन्दु शर्मा दाधीच।।

उमेश उपाध्याय जी के आकस्मिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। अकल्पनीय और अविश्वसनीय घटित हुआ है। उन्हें इस तरह, इतनी जल्दी श्रद्धांजलि देनी होगी, यह सोचकर ही दिल बैठ जाता है। उमेश उपाध्याय जी से मेरा परिचय बहुत पुराना था। पहली बार उनके ‘जी टीवी’ के कार्यकाल के दिनों से, जब वे वहां एक साप्ताहिक शो का संचालन करते थे। ‘होम टीवी’ में लगभग ढाई साल तक मेरे बॉस रहे। हमने दर्जनों कार्यक्रम उनके निर्देशन में बनाए।

उनके साथ मेरे संबंध कामकाजी नहीं, बल्कि निजी और पारिवारिक थे। टेलीविजन की दुनिया में वे मेरे पहले बॉस और मेन्टर थे, जिन्होंने मुझे सदा प्रोत्साहित किया, स्नेह और मार्गदर्शन दिया। मेरे तकनीकी दुनिया में चले जाने के बाद भी उनसे लगातार जुड़ाव बना रहा और कई मौकों पर हम अपने-अपने संस्थानों के प्रतिनिधियों के रूप में भी मिले (चित्र इंडियन मोबाइल कांग्रेस का)।

वे कहते थे- "बालेन्दु तुमने अच्छा किया जो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में चले गए। भविष्य इसी का है।" मैं कहता कि मैंने जो कुछ किया उसके पीछे आपकी प्रेरणा का भी हाथ है- ख़ासकर अथक परिश्रम और डिटेल के मामले में। वे मुस्कुराकर टाल जाते।

टेलीविजन के दिनों में उमेश जी से जो कुछ सीखा, उसे शब्दों में अभिव्यक्त करना मुश्किल है। मैंने हमेशा युवा पत्रकारों और दूसरे पेशेवरों को कड़ी मेहनत के मामले में उनकी मिसाल दी। इतने बड़े पदों पर रहने के बावज़ूद कभी उनमें अहं का भाव नहीं आया। वे सरल, सहज, सहृदय थे और हर विचार के लोगों के साथ समान गर्मजोशी तथा लगाव के साथ मिलते थे। उनका अवसान मेरे तथा हमारे परिवार के लिए उतना ही दुःखद और शोकपूर्ण है जितना किसी परिजन का चले जाना होता है। ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करे और परिवार को शक्ति दे। सादर श्रद्धांजलि। ओम् शांति

(लेखक पूर्व संपादक और वर्तमान में 'माइक्रोसॉफ्ट' में निदेशक हैं।)

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