‘वीणा’ के संपादक राकेश शर्मा को मिला पं. बृजलाल द्विवेदी साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान

प्रख्यात साहित्यकार गिरीश पंकज के मुख्य आतिथ्य में इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित हुआ सम्मान समारोह

Last Modified:
Monday, 03 April, 2023
Rakesh Sharma

देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘वीणा’ (इंदौर) के संपादक राकेश शर्मा को मीडिया विमर्श परिवार द्वारा रविवार को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान समारोह में 15वें पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि संपादक के पास ‘सम्यक दृष्टि’ होनी चाहिए, जो मोती चुने, लेकिन आज मोती चुनने वाले संपादक कम होते जा रहे हैं। ‘वीणा’ के संपादक राकेश शर्मा उसी ‘हंस दृष्टि’ के संपादक हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश लाल मेहरा ने की। आयोजन में प्रयागराज से प्रकाशित होने वाली प्रतिष्ठित पत्रिका ‘सरस्वती’ के संपादक रविनंदन सिंह, मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. सोनाली नरंगुदे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन एवं इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी भी मौजूद थे।

साहित्यिक पत्रकारिता के महत्व पर गिरीश पंकज ने कहा कि साहित्यिक पत्रकारिता न केवल हमें सूचित करती है और शिक्षित करती है, बल्कि हमें संस्कारित भी करती है। आज के साहित्यकारों को साहित्यिक पत्रकारिता की दिशा पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विचार, राष्ट्रीय महत्व के प्रश्नों एवं चिंताओं को लेकर ‘वीणा’ प्रकाशित हो रही है। इसीलिए ‘वीणा’ को साहित्यिक पत्रकारिता का ‘सुंदर कांड’ कहा जा सकता है।

अघोषित इतिहासकार होते हैं साहित्यकार: सिंह

प्रयागराज से प्रकाशित होने वाली प्रतिष्ठित पत्रिका ‘सरस्वती’ के संपादक रविनंदन सिंह ने कहा कि साहित्यकार के पास जो दृष्टि होती है, वह सबके पास नहीं होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया का प्राचीन साहित्य कवियों ने लिखा है। साहित्यकार अघोषित इतिहासकार होते हैं। साहित्य और साहित्यकार की कोई सीमा नहीं होती है। इसलिए हमारे वेदों में कहा गया है कि सभी दिशाओं से ज्ञान को आने दिया जाए।

सभ्य समाज में होता है साहित्यकारों का सम्मान: मेहरा

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश लाल मेहरा ने कहा कि वह समाज सभ्य समाज है, जो साहित्यकारों का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि साहित्य यशस्वी होगा, तो हमारा राष्ट्र यशस्वी होगा। उन्होंने बाबा भारती की कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि भरोसे को पैदा करना साहित्य का काम है और उसका संरक्षण करना पत्रकारिता की जिम्मेदारी है।

राष्ट्रीय धरोहर है वीणा: शर्मा

‘वीणा’ के संपादक एवं सम्मानमूर्ति राकेश शर्मा ने कहा कि वीणा श्री मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति, इंदौर की ही धरोहर नहीं है, अपितु राष्ट्रीय धरोहर है। समाज को इसे संभालने के लिए आगे आना चाहिए। ‘वीणा’ अब 100वें वर्ष में प्रवेश कर रही है। यह पहली साहित्यिक पत्रिका है, जो निरंतर प्रकाशित होते हुए 100 वर्ष पूर्ण कर रही है।

सम्मान के लिए राकेश शर्मा का चयन प्रशंसनीय: डॉ. दवे

मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान के लिए राकेश शर्मा जी का चयन प्रशंसनीय है। राकेश जी ने साहित्यिक पत्रकारिता के धर्म का बखूबी निर्वहन किया है।

मुख्यधारा की पत्रकारिता से आगे है साहित्यिक पत्रकारिता: डॉ. नरगुंदे

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर के पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. सोनाली नरंगुदे ने कहा कि साहित्यिक पत्रिका मुख्यधारा की पत्रकारिता के समानांतर ही नहीं, अपितु उससे आगे है। इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के बड़े प्रभाव के बाद भी प्रकाशित साहित्य का अपना महत्व है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के चेहरे भी साहित्य के माध्यम से पाठकों के बीच जाना चाहते हैं।

इंदौर के लिए यह सुखद संयोग: तिवारी

इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविन्द तिवारी ने कहा कि इंदौर के लिए यह आयोजन महत्वपूर्ण है। यह सुखद है कि इंदौर में यह आयोजन दूसरी बार हो रहा है। इस आयोजन के लिए इंदौर प्रेस क्लब का चयन करने के लिए उन्होंने मीडिया विमर्श के कार्यकारी संपादक प्रो. संजय द्विवेदी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता को सम्मानित करने का उत्सव: प्रो. संजय द्विवेदी

त्रैमासिक पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ के सलाहकार संपादक प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि यह पुरस्कार प्रतिवर्ष हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। इस अवॉर्ड का यह 15वां वर्ष है। ‘मीडिया विमर्श’ द्वारा शुरू किए गए इस अवॉर्ड के तहत ग्यारह हजार रुपए, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह और सम्मान पत्र दिया जाता है। पुरस्कार के निर्णायक मंडल में नवभारत टाइम्स, मुंबई के पूर्व संपादक विश्वनाथ सचदेव तथा इंदिरा गांधी कला केंद्र, दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी शामिल हैं।

यह दूसरा मौका है, जब ‘वीणा’ के किसी संपादक को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान दिया गया है। इससे पहले वर्ष 2007 में वीणा के तत्कालीन संपादक स्व. श्यामसुंदर व्यास को यह सम्मान प्रदान किया गया था। इसके अलावा अब तक यह सम्मान ‘दस्तावेज’ (गोरखपुर) के संपादक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, ‘कथादेश’ (दिल्ली) के संपादक हरिनारायण, ‘अक्सर’ (जयपुर) के संपादक डॉ. हेतु भारद्वाज, ‘सद्भावना दर्पण’ (रायपुर) के संपादक गिरीश पंकज, ‘व्यंग्य यात्रा’ (दिल्ली) के संपादक डॉ. प्रेम जनमेजय, ‘कला समय’ (भोपाल) के संपादक विनय उपाध्याय, ‘संवेद’ (दिल्ली) के संपादक किशन कालजयी, ‘अक्षरा’ (भोपाल) के संपादक कैलाशचंद्र पंत, ‘अलाव’ (दिल्ली) के संपादक रामकुमार कृषक, ‘प्रेरणा’ (भोपाल) के संपादक अरुण तिवारी, ‘युगतेवर’ (सुल्तानपुर) के संपादक कमल नयन पाण्डेय, ‘अभिनव इमरोज़’ (दिल्ली) के संपादक देवेन्द्र कुमार बहल एवं ‘साहित्य परिक्रमा’ (राजस्थान) के संपादक डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष को दिया जा चुका है।

इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार कृष्णबिहारी मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक एवं अभय छजलानी तथा मीडिया शिक्षक पुष्पेंद्र पाल सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई। कार्यक्रम का संचालन अंकुर विजयवर्गीय ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन मुकेश तिवारी ने दिया।

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‘तिनका तिनका तिहाड़’ किताब ने पूरे किए दस साल, डॉ. वर्तिका नंदा ने यूं शेयर कीं फीलिंग्स

इस दस साल का जश्न मनाने के लिए बुधवार को तिहाड़ की महिला जेल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 28 September, 2023
Last Modified:
Thursday, 28 September, 2023
Tinka Tinka

जानी-मानी पत्रकार और जेल सुधार एक्टिविस्ट डॉ. वर्तिका नंदा और तिहाड़ जेल की पूर्व महानिदेशक विमला मेहरा की लिखी किताब ‘तिनका तिनका तिहाड़’ (Tinka Tinka Tihar) ने दस साल पूरे कर लिए हैं। इस दस साल का जश्न मनाने के लिए बुधवार को तिहाड़ की महिला जेल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इसके साथ ही इस मौके पर ‘तिनका तिनका फाउंडेशन’ द्वारा इस किताब की री-लॉन्चिंग भी की गई। इस किताब की री-लॉन्चिंग के मौके पर महानिदेशक (दिल्ली कारागार) संजय बेनीवाल, पूर्व महानिदेशक (कारागार) विमला मेहरा, अतिरिक्त महानिरीक्षक (कारागार) एच.पी.एस सरन, महिला जेल अधीक्षक कृष्णा शर्मा और डॉ. वर्तिका नंदा समेत जेल का तमाम स्टाफ मौजूद था। कार्यक्रम का खास आकर्षण एक कैदी थी, जिसने वर्ष 2013 में एक कवि के रूप में इस किताब में योगदान दिया था। करीब 12 साल से जेल में बंद इस कैदी ने दर्शकों को अपनी कविताएं सुनाईं।

जेल अधीक्षक कृष्णा शर्मा और उनकी टीम ने वर्ष 2013 से 2023 तक की 10 साल की यात्रा को दर्शाते हुए तिनका तिनका तिहाड़ की थीम पर महिला कैदियों की अभिनव अभिव्यक्तियों के साथ विशेष प्रदर्शनी का प्रदर्शन किया। कैदियों ने एक नाटक के माध्यम से अपने अनुभव बयां किए और तिनका तिनका तिहाड़ सॉन्ग गाया।  ‘तिनका तिनका तिहाड़’ के अब तक के सफर का वीडियो भी प्रोजेक्टर पर कैदियों को दिखाया गया।

बता दें कि इस किताब में एशिया की सबसे बड़ी इस जेल के अंदर  कैदियों की जिंदगी और उन्हें सुधारने की अनूठी कोशिश के बारे में बताया गया है। इस किताब को वर्ष 2013 में तत्कालीन गृहमंत्री द्वारा लॉन्च किया गया था। तिनका तिनका तिहाड़ एक लंबी यात्रा है, जिसमें एक किताब, थीम गीत और जेलों की बाहरी दीवारों पर कविता के रूप में पेंटिंग शामिल है। तिहाड़ की बाहरी दीवार पर लिखी कविता ‘सुबह लिखती हूं शाम लिखती हूं इस चारदीवारी मैं बैठके तेरा नाम लिखती हूं’ को भी इस किताब में जगह दी गई है, जिसे तिहाड़ में बंद सीमा रघुवंशी ने लिखा है।

इस किताब का छह भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है और इसे जेल जीवन का प्रामाणिक संस्करण माना जाता है। इस दीवार का उद्घाटन वर्ष 2014 में तत्कालीन उपराज्यपाल ने किया था और इस थीम सॉन्ग को तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने जारी किया था। इस किताब और थीम सॉन्ग को अपनी मौलिकता के लिए ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज किया गया है। वर्ष 2015 में प्रिजन स्टैटिस्टिक्स इंडिया में ‘तिनका तिनका तिहाड़’ का विशेष उल्लेख किया गया था।

इस बारे में वर्तिका नंदा का कहना है, ‘कोई सोच भी नहीं सकता है कि मेरे लिए इसके क्या मायने हैं। मुझे आगे आने और इन लोगों की स्टोरी के कुछ हिस्से शेयर करने में 30 साल लग गए। यह वर्ष 1993 की बात है, जब मैं तिहाड़ जेल के बाहर खड़े होकर जिंदगी के बारे में सोच रही थी। मैंने इंटरव्यू लिया और वापस आ गई। इसके बाद एक पत्रकार के रूप में जेल के बंदियों के दर्द को महसूस करने और इस बारे में लिखने के कई अन्य अवसर मिले। इसके बाद वर्ष 2013 में तिनका तिनका तिहाड़ लिखी। आज इस किताब के दस साल पूरे हो चुके हैं।’

इस बारे में वर्तिका नंदा की फेसबुक पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं।

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‘साउथ एशिया कम्युनिकेशन एसोसिएशन’ की एग्जिक्यूटिव कमेटी के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू

चार प्रमुख पदों के लिए यह चुनाव वर्ष 2023-24 के लिए होने हैं। 10 अक्टूबर 2023 तक कराया जा सकता है नॉमिनेशन

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 September, 2023
Last Modified:
Wednesday, 27 September, 2023
SACA

‘साउथ एशिया कम्युनिकेशन एसोसिएशन’ (SACA) की एग्जिक्यूटिव कमेटी के लिए चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चुनाव वर्ष 2023-24 के लिए होने हैं। एग्जिक्यूटिव कमेटी के जिन पदों पर चुनाव होना है, उनमें प्रेजिडेंट, वाइस प्रेजिडेंट, सेक्रेटरी और ट्रेजरार का पद शामिल है।

इन पदों पर चुने गए पदाधिकारियों का कार्यकाल एक अक्टूबर 2023 से 30 सितंबर 2024 तक होगा। इन पदों पर चुनाव के लिए आवेदक 10 अक्टूबर 2023 तक खुद अथवा किसी अन्य द्वारा अपना नॉमिनेशन जमा कर सकते हैं।

इस बारे में दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2023-24 के लिए ‘साउथ एशिया कम्युनिकेशन एसोसिएशन’ का कोई भी मेंबर इस चुनाव के लिए पात्र है। अगस्त-सितंबर 2023 में शुरू हुए ऑनलाइन सदस्यता अभियान के दौरान पंजीकरण कराने वालों को ‘साउथ एशिया कम्युनिकेशन एसोसिएशन’ का औपचारिक मेंबर माना जाएगा।

नॉमिनेशन और चुनाव प्रक्रिया के बारे में किसी भी तरह की जानकारी ‘साउथ एशिया कम्युनिकेशन एसोसिएशन’ की संचालन समिति के सदस्य डॉ. देब ऐकत (Dr. Deb Aikat )से उनके ईमेल da@unc.edu पर प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. ऐकत 2023 की चुनाव प्रक्रिया का पर्यवेक्षण/समन्वय करेंगे।

इस बारे में अधिक जानकारी अथवा नॉमिनेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं। 

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दिल्ली कोर्ट ने 'द वायर' के संपादकों से जब्त किए उपकरणों को वापस करने का दिया आदेश

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली पुलिस को उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जारी करने का निर्देश दिए

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 26 September, 2023
Last Modified:
Tuesday, 26 September, 2023
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दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली पुलिस को उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जारी करने का निर्देश दिए, जो पिछले साल अक्टूबर में 'द वायर' के संपादकों के घरों और कार्यालयों पर की गई तलाशी के दौरान उनसे जब्त किए गए थे।

कोर्ट ने कहा कि इन उपकरणों को अनिश्चित काल तक नहीं रखा जा सकता। यह मामला पिछले साल बीजेपी नेता अमित मालवीय की शिकायत पर दर्ज किया गया था।

मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सीएमएम) सिद्धार्थ मलिक ने जांच अधिकारी को 15 दिनों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जारी करने का निर्देश दिया।
आदेश के अनुपालन के लिए मामले को 21 अक्टूबर, 2023 को सूचीबद्ध किया गया है।

तीस हजारी कोर्ट के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक ने पाया कि उपकरण बहुत लंबे समय से जांच अधिकारी (आईओ) के पास थे, अदालत ने उपकरणों को यह कहते हुए जारी करने का आदेश दिया कि उपकरणों की दर्पण छवियां पहले ही तैयार की जा चुकी हैं, जोकि आगे की जांच के लिए FSL के पास उपलब्ध है।लिहाजा डिजिटल/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जारी नहीं करने का कोई उचित आधार नहीं है।

वहीं, दिल्ली पुलिस ने इस आधार पर उपकरणों को जारी करने के आवेदन का विरोध किया था कि यदि आगे की जांच के दौरान कुछ नए तथ्य सामने आते हैं तो उपकरणों की दर्पण छवियां उक्त उपकरणों से डेटा पुन:प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती हैं। 

कोर्ट ने कहा कि केवल अनिश्चित भविष्य की घटना/खोज की अटकलों पर आईओ द्वारा आरोपी व्यक्तियों के उपकरणों को अनिश्चित काल तक अपने पास नहीं रखा जा सकता है।  

कोर्ट 'द वायर' के संपादकों द्वारा उनके उपकरणों को जारी करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

कोर्ट ने अब याचिकाकर्ताओं को अपने उपकरणों को वापस लेने के लिए आईओ के समक्ष एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है और आईओ को 21 अक्टूबर को एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि न्यूज पोर्टल द्वारा उनकी प्रतिष्ठा धूमिल की गई।  

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मीडिया को लेकर बीजेपी नेता चन्द्रशेखर बावनकुले ने कार्यकर्ताओं को दी ये 'सलाह', हंगामा

विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने अपनी सफाई में कहा है कि उनका मतलब केवल यह था कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता पत्रकारों से अच्छा व्यवहार करें।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 26 September, 2023
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Tuesday, 26 September, 2023
Chandrashekhar Bawankule

‘भारतीय जनता पार्टी’ (BJP) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले के वायरल हो रहे एक ऑडियो क्लिप ने इन दिनों पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जमकर वायरल हो रहे इस ऑडियो क्लिप में बावनकुले ने कथित तौर पर चुनाव से पहले नकारात्मक प्रचार से बचने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे पत्रकारों को ढाबों पर ले जाकर उनकी आवभगत करें और उनके साथ अच्छा व्यवहार करें।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑडियो क्लिप में बावनकुले को यह कहते हुए भी सुना गया कि न्यूज पोर्टल चलाने वाले और छोटे वीडियो पत्रकार कभी-कभी छोटी सी घटना को ऐसे पेश करते हैं जैसे कोई विस्फोट हुआ हो। ऐसे उपद्रव मचाने वाले पत्रकारों की सूची तैयार करें, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या प्रिंट के पत्रकार भी शामिल हों और उन्हें चाय पर ले जाएं। आप जानते हैं कि उन्हें एक कप चाय के लिए आमंत्रित करने से मेरा क्या मतलब है।

कहा जा रहा है कि ये निर्देश उन्होंने अहमदनगर में मतदान केंद्रों के प्रबंधन पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिए थे। इस ऑडियो क्लिप के वायरल होने के बाद भाजपा पर मीडिया को मैनेज करने की कोशिश का आरोप लग रहा है और विपक्ष ने भाजपा के खिलाफ हल्ला बोल दिया है।

वहीं, विपक्ष के आरोपों पर बावनकुले ने अपनी सफाई दी है। अपनी सफाई में बावनकुले का कहना है कि उनका मतलब केवल यह था कि पार्टी के सभी कार्यकर्ता पत्रकारों से अच्छा व्यवहार करें। पार्टी कार्यकर्ताओं को आवंटित बूथों के बारे में उनकी राय को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए।

इस मामले पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस का कहना है कि बावनकुले ने क्या कहा और उसे कैसे समझा गया, ये दो अलग-अलग बातें हैं। फडणवीस का कहना है, ‘उनकी टिप्पणियों की किसी अन्य तरीके से व्याख्या करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कभी-कभी, जब आप अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात कर रहे होते हैं तो कुछ बातें हल्के-फुल्के अंदाज में कही जाती हैं। विवाद पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है।’ वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बावनकुले के बयान को मीडिया बिरादरी के लिए अपमानजनक करार दिया है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार जो विपक्ष के नेता भी हैं का कहना है, 'सभी पत्रकार नहीं बिके हैं। मैं आपकी और आपके नेताओं की परेशानी समझ सकता हूं। ये आवाज नहीं दबा सकते इसलिए अब सीधे तौर पर प्रस्ताव देना शुरू कर दिया है।'

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कोरोनकाल में जान गंवाने वाले पत्रकारों की याद में बने स्मारक का लोकार्पण दो अक्टूबर को

दिल्ली-एनसीआर के पत्रकारों के सामाजिक संगठन ‘नोएडा मीडिया क्लब’ ने कोविड-19 महामारी के दौरान कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों को समर्पित इस राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण कराया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 26 September, 2023
Last Modified:
Tuesday, 26 September, 2023
Journalist Memorial

कोविड-19 महामारी के दौरान जान गंवाने वाले पत्रकारों की याद में बनाए गए स्मारक का लोकार्पण दो अक्टूबर को गांधी जयंती पर किया जाएगा। ‘नोएडा मीडिया क्लब’ (Noida Media Club) ने इसका निर्माण करवाया है।

बता दें कि दिल्ली-एनसीआर के पत्रकारों के सामाजिक संगठन ‘नोएडा मीडिया क्लब’ ने कोविड-19 महामारी के दौरान कर्तव्य निभाते हुए अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों को समर्पित इस राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण कराया है।

‘नोएडा मीडिया क्लब’ के अध्यक्ष पंकज पाराशर ने बताया, ‘महामारी के दौरान देश के 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 497 पत्रकारों की मृत्यु हो गई थी। यह स्मारक दुनिया भर में अपनी तरह का एकमात्र स्मारक है। स्मारक पर सभी 497 पत्रकारों के नाम अंकित हैं। इनमें सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश के 138 पत्रकारों और इसके बाद उत्तर प्रदेश के 96 पत्रकारों के नाम शामिल हैं।‘

पंकज पाराशर ने बताया कि यह स्मारक त्रिकोणीय आकार का है, जिसके गोलाकार आधार पर तीन मुख हैं। इसकी ऊंचाई छह मीटर है। त्रिकोणीयता मीडिया की तीन धाराओं प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल को संदर्भित करती है। पूरा स्मारक काले संगमरमर से बना है, जो दिवंगत साथियों को हार्दिक श्रद्धांजलि का प्रतीक है। यह स्मारक कर्तव्य के प्रति समर्पण की भावना, भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की इच्छा और 'पहले समाचार' की भावना को दर्शाता है।

पंकज पाराशर ने बताया कि इस स्मारक का उद्घाटन दो अक्टूबर 2023 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर किया जाएगा। इस दौरान श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया जाएगा। इसके लिए देशभर के राज्यों को निमंत्रण भेजा गया है। इसमें बड़ी संख्या में पत्रकार, राजनेता, सामाजिक संगठन और मीडिया जगत के लोग भाग लेंगे।

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'क्रिकेट ज्ञान' में इस बड़े पद से जुड़े राजीव मिश्रा

क्रिकेट की दुनिया में तेजी से उभर रही वेबसाइट और मोबाइल ऐप ‘क्रिकेट ज्ञान’ की अगुआई अब टीवी खेल पत्रकारिता में बीस साल का अनुभव रखने वाले राजीव मिश्रा करेंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 22 September, 2023
Last Modified:
Friday, 22 September, 2023
Rajeev7451

क्रिकेट की दुनिया में तेजी से उभर रही वेबसाइट और मोबाइल ऐप ‘क्रिकेट ज्ञान’ की अगुआई अब टीवी खेल पत्रकारिता में बीस साल का अनुभव रखने वाले राजीव मिश्रा करेंगे। उन्हें 'क्रिकेट ज्ञान' का एडिटर-इन-चीफ नियुक्त किया गया है।

राजीव इंडिया टीवी ‘आजतक’, ‘न्यूज24’ व ‘इंडिया न्यूज’ जैसे बड़े चैनलों के साथ काम कर चुके हैं। राजीव ने IVM podcast के लिए चर्चित खेलनीति शो का संचालन भी लंबे समय तक किया।

लगभग 13 वर्षों तक ‘इंडिया न्यूज’ के साथ बतौर स्पोर्ट्स एडिटर और एंकर काम करने का बाद राजीव ने हाल ही में टीवी को बाय कहते हुए डिजिटल की दुनिया में उतरने का फ़ैसला किया। राजीव क्रिकेट की अच्छी समझ रखते हैं और खुद खिलाड़ी होने के नाते उनका खेल की खबरो के दर्शकों के सामने रखने का तरीक़ा अलग रहता है। राजीव की गिनती देश के उन गिने चुने टीवी के खेल पत्रकारों में होती है, जो कई वर्ल्ड कप और आईसीसी टूर्नामेंट कवर कर चुके हैं और कई देशों में क्रिकेट कवरेज करने का अपार अनुभव है।

‘क्रिकेट ज्ञान’ के बारे में बात करते हुए राजीव ने बताया कि ये अलग तरीके का चैलेंज है, जहां आपको आज की जनरेशन के हिसाब से शो बनाना है और खबरों के साथ चलना है। राजीव ने बातचीत में यह भी बताया हम एक युवा टीम के साथ एक ऐसा बुके लेकर दर्शकों के सामने आएंगे, जहां क्रिकेट देखने वाले, खेलने वाले और सीखने वाले सब के लिए कुछ ना कुछ होगा। वर्ल्ड कप से नए तेवर-फ़्लेवर के साथ क्रिकेट ‘ज्ञान दर्शकों’ के सामने आने को तैयार है।

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तेजी से घटते घटनाक्रमों का जीवंत चित्रण है कविता संकलन ‘बहुत कुछ कहा हमने’

देश के छह प्रसिद्ध कवि और कवयित्रियों के कविता संकलन 'बहुत कुछ कहा हमने: अकविता की वापसी’ का विमोचन 18 सितंबर को भोपाल में किया गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 22 September, 2023
Last Modified:
Friday, 22 September, 2023
Book Release

देश के छह कवि और कवयित्रियों के कविता संकलन 'बहुत कुछ कहा हमने: अकविता की वापसी’ का विमोचन 18 सितंबर को किया गया। भोपाल में शिवाजी नगर के साढ़े छह नंबर तिराहा स्थित दुष्यंत कुमार स्मारक पांडुलिपि संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता माधव राव सप्रे राष्ट्रीय समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान, भोपाल के संस्थापक विजयदत्त श्रीधर (पद्मश्री विभूषित) ने की। वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी दैनिक सुबह-सवेरे के प्रधान संपादक उमेश त्रिवेदी कार्यक्रम में विशेष अतिथि थे। कार्यक्रम में सुश्री अनुभूति ने प्रतीक रूप में अपनी दो कविताओं का पाठ भी किया। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘हम विक्रम’ के संदीप सरन और संदर्भ प्रकाशन के राकेश सिंह ने मिलकर किया।

संकलन के संपादक जानेमाने कवि-लेखक तथा वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाठक हैं। उनके साथ संकलन के अन्य कवियों में अनुभूति चतुर्वेदी (नई दिल्ली), शिल्पा शर्मा (मुंबई), ऋचा चतुर्वेदी (नई दिल्ली), डॉ. संतोष व्यास (होशंगाबाद) और युगांक चतुर्वेदी (नई दिल्ली) शामिल हैं।

लोकार्पण समारोह में जुटे अतिथियों का कहना था कि इस कविता संकलन की कविताओं में हमारे समय, समाज और परिस्थितयों को केंद्र में रखकर जो लिखा गया है, वह वास्तव में आज की दुनिया, देश तथा अपने आसपास के तेजी से घटते घटनाक्रमों का जीवंत चित्रण है, जो हमें सोचने और समझने के लिए विवश करता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विजयदत्त श्रीधर ने परंपरा से हटकर अतिथि कवियों का सम्मान किया और कहा कि कवि समाज का वास्तविक चित्र प्रस्तुत करते हैं। वे आम आदमी की जिंदगी को कविता में पिरो देते हैं। उनके कवि-मन के उमड़ते भावों की अभिव्यक्ति है। उमेश त्रिवेदी ने कहा कि आमतौर पर हर व्यक्ति कवि होता है, लेकिन वह कवियों की तरह अपने को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। पर उसके पास कवि की ही तरह संवेदनाएं होती हैं।

पंकज पाठक का कहना था कि स्व. जगदीश चतुर्वेदी और स्व. हरीश पाठक ने अकविता के माध्यम से जो अभिव्यक्त किया था, वह आज भी पूरी दुनिया में हमारे सामने है। जानी-मानी कवयित्री, लेखिका और नृत्यांगना तथा पल्लवी आर्ट सेंटर, नई दिल्ली की अध्यक्ष सुश्री अनुभूति चतुर्वेदी ने कहा कि नई कविता के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर पंकज पाठक ने इस संकलन के माध्यम से हिंदी की कविता के प्रख्यात और लोकप्रिय अकविता आंदोलन को फिर से जीवंत कर दिया है। इसके लिए मैं उन्हें साधुवाद देती हूं। मैं आशा व्यक्त करती हूं कि सन साठ के दशक में प्रख्यात कवि स्व. जगदीश चतुर्वेदी, जो स्वयं मध्यप्रदेश के थे, ने अकविता का जो तूर्यनाद किया था, उसका गुंजन आज के समाज, समय और संवेदनाओं के वायुमंडल में अभी भी सुनाई देता है। 'बहुत कुछ कहा हमने’—की कविताएं इसी का एक महत्वपूर्ण और संग्रहणीय है।

आकाशवाणी, नई दिल्ली की सेवानिवृत्त निदेशक ऋचा चतुर्वेदी ने कहा कि हम अकविता के आंदोलन को अपनी कविता के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे। प्रख्यात लेखक और समाजसेवी डॉ. संतोष व्यास ने अकविता के शिल्प और उसकी भाव-भंगिमा की चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन जानेमाने उद्घोषक एवं कला समीक्षक दीपक पगारे ने किया और भारतीय शिक्षण मंडल के प्रांत संपर्क प्रमुख विनोद शर्मा ने आभार माना।

कार्यक्रम में उस वक्त एक विलक्षण गरिमापूर्ण वातावरण उत्पन्न हो गया, जब श्रोताओं ने देखा कि मंच पर और मंच के सामने दोनों ओर पद्मश्री से अलंकृत विभूतियां विराजमान हैं। एक ओर जहां विजयदत्त श्रीधर मंच पर थे, वहीं दूसरी ओर अग्रिम पंक्ति में वैश्विक ख्याति के ध्रुपद गायक उमाकांत गुंदेचा और अखिलेश गुंदेचा भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विधायक पीसी शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र शर्मा और रामभुवन सिंह कुशवाह, पूर्व महापौर दीपचंद यादव, मप्र पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष एड. जेपी धनोपिया, उद्योगपति गोविंद गोयल, कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा, फिल्म लेखक विनोद नागर, प्रख्यात शायर और उर्दू के शिक्षाविद बद्र वास्ती सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, आरएसएस के अधिकारी एवं गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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वरिष्ठ पत्रकार और CPI नेता यू. विक्रमन का निधन

यू. विक्रमन दैनिक अखबार ‘जनयुगम’ (Janayugam) के पूर्व को-ऑर्डिनेटर थे। वह ‘केरल जर्नलिस्ट यूनियन’ (Kerala Journalists Union) के फाउंडर लीडर्स में शामिल थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 22 September, 2023
Last Modified:
Friday, 22 September, 2023
U Vikraman

केरल के वरिष्ठ पत्रकार और ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया’ (CPI) के नेता यू. विक्रमन का गुरुवार को निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने तिरुवनंतपुरम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह करीब 66 साल के थे।

बता दें कि यू. विक्रमन दैनिक अखबार ‘जनयुगम’ (Janayugam) के पूर्व को-ऑर्डिनेटर थे। वह ‘केरल जर्नलिस्ट यूनियन’ (Kerala Journalists Union) के फाउंडर लीडर्स में शामिल थे। इसके अलावा वह ‘इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन’ (Indian Journalists Union) के वाइस प्रेजिडेंट और नेशनल एग्जिक्यूटिव मेंबर भी थे।

कम्युनिस्ट लीडर सी. उन्नीराजा के बेटे यू. विक्रमन छात्र आंदोलन के माध्यम से राजनीति में आए थे। उनके परिवार में पत्नी और बेटा है।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कम्युनिस्ट विचारधारा के प्रचार-प्रसार में विक्रमन की भूमिका और पत्रकारिता के प्रति उनके दृष्टिकोण को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

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ट्राई ने 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति' के इनपुट के लिए जारी किया पूर्व-परामर्श पत्र

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी कि ट्राई ने गुरुवार को 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति' के निर्माण हेतु इनपुट से संबंधित पूर्व-परामर्श पत्र जारी किया

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 22 September, 2023
Last Modified:
Friday, 22 September, 2023
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने गुरुवार को 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति' के निर्माण हेतु इनपुट से संबंधित पूर्व-परामर्श पत्र जारी किया।

13 जुलाई 2023 के पत्र के माध्यम से सूचना-प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई से 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति' के निर्माण हेतु ट्राई अधिनियम, 1997 की धारा 11 के तहत अपने सुविचारित इनपुट देने का अनुरोध किया।

अपने पत्र में, एमआईबी ने इस बात का उल्लेख किया कि प्रसारण नीति को एक ऐसे कार्यात्मक, जीवंत एवं सुदृढ़ प्रसारण क्षेत्र के दृष्टिकोण की पहचान करने की आवश्यकता है जो भारत की विविध संस्कृति एवं समृद्ध विरासत को प्रस्तुत कर सके और भारत को एक डिजिटल एवं सशक्त अर्थव्यवस्था के रूप में रूपांतरित होने में मदद कर सके। राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संभाव्यता एवं सम्मिलन के आलोक में, दृष्टिकोण, मिशन, रणनीतियों व कार्य बिंदुओं को निर्धारित करने वाली एक राष्ट्रीय प्रसारण नीति नई एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के युग में देश में प्रसारण क्षेत्र के नियोजित विकास एवं वृद्धि के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकती है।

इस पृष्ठभूमि में, 'राष्ट्रीय प्रसारण नीति' के निर्माण हेतु जिन मुद्दों पर विचार किया जाना आवश्यक है, उन्हें जानने के लिए सभी हितधारकों के साथ पूर्व-परामर्श किया गया है। पूर्व-परामर्श पत्र पर सभी हितधारकों से 10 अक्टूबर 2023 तक लिखित टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। इन टिप्पणियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में ईमेल आईडी advbcs-2@trai.gov.in और jtadvbcs-1@trai.gov  पर भेजना होगा।

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पत्रकारों की आजादी को लेकर नीतीश कुमार ने जताई चिंता, कहा- बंधन में नहीं रहना चाहिए

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को फिर पत्रकारों से बातचीत में उनकी आजादी को लेकर चिंता जताई।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 21 September, 2023
Last Modified:
Thursday, 21 September, 2023
Nitishkumar84554

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को फिर पत्रकारों से बातचीत में उनकी आजादी को लेकर चिंता जताई। इस बार उन्होंने कहा कि पत्रकार को आजाद रहना चाहिए। पत्रकार को बंधन में नहीं रहना चाहिए। 

नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि आप लोग चाहकर भी कुछ बेहतर और सच्चाई नहीं लिख पाते हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि कुछ मीडिया वर्गों पर उन लोगों का नियंत्रण है, इसलिए चाहकर भी आप लोग सही बात नहीं रख पाते हैं। हम लोगों का पत्रकारों से काफी बेहतर संबंध रहा है। हम लोग किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं। हम सबकी इज्जत करते हैं। सभी के लिए हम काम करते हैं। 

इससे पहले नीतीश कुमार ने बीते शनिवार को कहा था कि वह पत्रकारों के समर्थन में हैं और सभी के अपने अधिकार हैं। उनकी यह टिप्पणी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A द्वारा  प्रतिष्ठित 14 टीवी न्यूज एंकर्स के बहिष्कार की घोषणा के दो ही दिन बाद आई थी। तब पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें I.N.D.I.A गठबंधन द्वारा टीवी न्यूज एंकर्स के बहिष्कार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और  वह पत्रकारों के समर्थन में हैं। जब पत्रकारों को पूरी आजादी है, तो वे वही लिखेंगे जो उन्हें पसंद है। सबके अपने अधिकार हैं। क्या वे नियंत्रित हैं? क्या मैंने कभी ऐसा किया है? उनके पास अधिकार हैं, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं। अभी जो लोग केंद्र में हैं, उन्होंने कुछ लोगों को नियंत्रित किया है। जो हमारे साथ हैं उन्हें लगा होगा कि कुछ हो रहा है। हालांकि, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं।   

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