वरिष्ठ पत्रकार व राज्योत्सव पुरस्कार विजेता मत्तिहल्ली मदन मोहन का रविवार सुबह हुबली में निधन हो गया। वह 83 साल क थे
वरिष्ठ पत्रकार व राज्योत्सव पुरस्कार विजेता मत्तिहल्ली मदन मोहन का रविवार सुबह हुबली में निधन हो गया। वह 83 साल क थे। उन्होंने साढ़े चार दशक से भी अधिक समय तक राष्ट्रीय दैनिक 'द हिन्दू' में काम किया और उत्तर कर्नाटक के प्रमुख मुद्दों को उजागर किया।
उनके परिवार में पत्नी सुजाता, पुत्र राघव एम., जो स्वयं भी पत्रकार हैं और पुत्री सुहासिनी हैं।
बल्लारी जिले के मूल निवासी मदन मोहन ने बेलगावी, गोवा और फिर हुबली में 'द हिन्दू' के लिए काम किया, जिसमें उन्होंने पूरे उत्तरी कर्नाटक और गोवा को कवर किया। उन्होंने पंचायत राज व्यवस्था और अंतर-राज्यीय नदी जल विवादों पर कई लेख लिखे।
उन्होंने 18 साल की उम्र में पत्रकारिता में अपना करियर शुरू किया। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही वह रिपोर्टर के तौर पर जुड़ गए थे और 2005 में 'द हिन्दू' से विशेष संवाददाता के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता राघवेंद्र राव भी 'द हिन्दू' में पत्रकार के रूप में काम करते थे। उनके बड़े भाई एम. नागराज राव कन्नड़ दैनिक संयुक्त कर्नाटक के स्थानीय संपादक के रूप में सेवानिवृत्त हुए।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी और पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मदन मोहन के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की।
सिद्धारमैया ने अपने शोक संदेश में कहा कि वह मदन मोहन के निधन से दुखी हूं, जिनके आलोचनात्मक विश्लेषण वाले लेख सरकार के लिए आंखें खोलने वाले होते थे।
उन्होंने कन्नड़ के कई प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में कॉलम भी लिखे।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि समोसे, जलेबी और वड़ा पाव जैसे स्नैक्स पर शीघ्र ही स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी दिखाई देगी जैसे सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी होती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसे, जलेबी जैसे खाद्य पदार्थों पर चेतावनी प्रदर्शित करने के निर्देश की खबरों को भ्रामक बताया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह सलाह विक्रेताओं को चेतावनी प्रदर्शित करने का निर्देश नहीं है, बल्कि लोगों को वसा और अतिरिक्त चीनी के बारे में जागरूक करने के लिए है। साथ ही यह भी कहा कि निर्देश भारत की समृद्ध 'स्ट्रीट फूड' संस्कृति को निशाना बनाने के लिए जारी नहीं किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों से आग्रह किया है कि वे समोसा, कचौड़ी, पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़ और वड़ापाव समेत अन्य खाद्य सामग्री में चीनी और तेल की मात्रा का उल्लेख करते हुए 'तेल और चीनी बोर्ड' प्रदर्शित करें ताकि स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा दिया जा सके तथा मोटापे और गैर-संचारी रोगों से निपटा जा सके।
आपको बता दें, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि समोसे, जलेबी और वड़ा पाव जैसे स्नैक्स पर शीघ्र ही स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी दिखाई देगी जैसे सिगरेट के पैकेट पर चेतावनी होती है।
Some media reports claim that the @MoHFW_INDIA has issued a health warning on food products such as samosas, jalebi, and laddoo.#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 15, 2025
✅This claim is #fake
✅The advisory of the Union Health Ministry does not carry any warning labels on food products sold by vendors,… pic.twitter.com/brZBGeAgzs
देश के जाने-माने पत्रकार व यूट्यूबर अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने व बिना अनुमति सरकारी दफ्तर में घुसने का आरोप है।
पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश (पीडब्लयूए) ने वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) पर गंभीर चिंता जताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेन्द्र बच्चन ने एक बयान में कहा है कि तथ्यों को सामने लाना हर पत्रकार की जिम्मेदारी होती है। यह उसका प्राथमिक व नैतिक कर्तव्य है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना स्वतंत्र पत्रकारिता व जनता के सच जानने के अधिकार पर सीधा हमला है।
विजय नगर स्थित पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार जितेन्द्र बच्चन ने कहा कि पीडब्ल्यूए उन सभी पत्रकारों के साथ खड़ा है, जो अपने पेशे के चलते उत्पीड़न या भय का सामना कर रहे हैं। निडर व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के अधिकार की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों से अपील की है कि अजीत अंजुम के मामले में न्यायिक प्रक्रिया का पूरा पालन होना चाहिए। एक पत्रकार और उसके अधिकारों की किसी भी स्थिति में अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि बिहार के बेगूसराय जिले में देश के जाने-माने पत्रकार व यूट्यूबर अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर सरकारी काम में बाधा डालने व बिना अनुमति सरकारी दफ्तर में घुसने का आरोप है। यह मामला बलिया थाना में दर्ज है। एफआईआर भाग संख्या 16, साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) मो. अंसारुल हक ने दर्ज करवाई है।
बीएलओ का कहना है कि 12 जुलाई की सुबह करीब साढ़े 9 बजे वह बलिया प्रखंड सभागार में बीएलओ एप से वोटर लिस्ट की जानकारी अपलोड कर रहा था, तभी अजीत अंजुम अपने सहयोगी व कैमरामैन के साथ बिना अनुमति अंदर घुस आए।
दरअसल, अजीत अंजुम ने मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान से जुड़ी एक रिपोर्टिंग की और उसे अपने चैनल पर अपलोड कर बिहार में विशेष संवीक्षा अभियान (SIR) के दौरान चुनावी प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को उजागर किया था। इसी को लेकर बेगूसराय जिला प्रशासन ने आपत्ति जताई है और एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अजीत अंजुम पर झूठी व भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है।
प्रशासन का कहना है कि बलिया अनुमंडल में चल रहे वोटर लिस्ट सुधार कार्य के दौरान अजीत अंजुम ने बिना अनुमति सरकारी दफ्तर में जाकर वीडियो बनाया और इसे यूट्यूब चैनल पर प्रसारित कर दिया। इस वीडियो में कुछ गलत जानकारियां दी गई हैं, जिससे समाज में भ्रम और तनाव फैल सकता है।
पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जितेन्द्र बच्चन और वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने कहा है कि अजीत अंजुम एक अनुभवी और प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिनका रिकॉर्ड जिम्मेदार और प्रभावशाली रिपोर्टिंग का रहा है। उन्होंने कहा कि तथ्यों को सामने लाना किसी भी पत्रकार का प्राथमिक और नैतिक कर्तव्य होता है और इसे किसी भी हाल में ‘भ्रामक जानकारी फैलाना’ नहीं कहा जा सकता।
निष्पक्ष पत्रकारिता स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला होती है, इसलिए इस तरह की कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करती है और अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए एक बड़ी चुनौती भी है। उन्होंने सवाल भी उठाया है कि अगर इसी तरह एफआईआर दर्ज कराकर उत्पीड़न किया जाता रहा तो एक पत्रकार कोई ‘सच’ कैसे उजागर कर पाएगा?
श्रीनिवासन स्वामी का जीवन सिर्फ पेशेवर उपलब्धियों तक सीमित नहीं है। उन्होंने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया है।
विज्ञापन और मार्केटिंग कम्युनिकेशन की दुनिया में अपनी गहरी छाप छोड़ने वाले और आर के स्वामी लिमिटेड (R K Swamy Ltd) के चेयरमैन श्रीनिवासन के. स्वामी ने अपने जीवन का एक और प्रेरणादायी वर्ष पूरा कर लिया है। यह अवसर न केवल उनके व्यक्तिगत सफर का उत्सव है, बल्कि उस निरंतर योगदान का भी, जो उन्होंने देश की विज्ञापन और प्रबंधन इंडस्ट्री को दिया है।
श्रीनिवासन स्वामी ने अगस्त 2019 से मई 2024 तक R K Swamy Ltd. के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्य किया। मई 2024 में वे कंपनी के चेयरमैन बने। उनके नेतृत्व में R K Swamy हंसा ग्रुप ने विभिन्न विपणन सेवाओं (marketing services) में अपनी पहचान बनाते हुए व्यापक विस्तार किया।
कॉरपोरेट जगत में योगदान के अलावा स्वामी ने कई प्रमुख इंडस्ट्री निकायों में लीडरशिप भूमिकाएं निभाईं हैं। वे वर्तमान में एशियन फेडरेशन ऑफ एडवर्टाइजिंग एसोसिएशंस के वाइस चेयरमैन हैं। वे इंटरनेशनल एडवर्टाइजिंग एसोसिएशन (IAA) के चेयरमैन और वर्ल्ड प्रेजिडेंट रह चुके हैं। बता दें कि यह पद संभालने वाले वे पहले भारतीय हैं।
इसके अलावा, वे एडवर्टाइजिंग एजेंसीज़ एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) के तीन कार्यकालों तक अध्यक्ष रहे हैं। वे एडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) और ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (AIMA) के भी प्रमुख रह चुके हैं। वर्ष 2023-2024 में उन्हें ऑडिट ब्यूरो ऑफ सर्कुलेशन्स (ABC) का चेयरमैन चुना गया।
इंडस्ट्री में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मान भी हासिल हुए हैं, जिनमें AAAI लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, IAA गोल्डन कंपास अवॉर्ड (जिसे पाने वाले वे पहले भारतीय इंडस्ट्री लीडर बने) और IAA हॉल ऑफ फेम में स्थान प्राप्त करना शामिल है।
श्रीनिवासन स्वामी का जीवन सिर्फ पेशेवर उपलब्धियों तक सीमित नहीं है। उन्होंने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। वे चेन्नई स्थित 200-बेड वाले हिंदू मिशन अस्पताल के अध्यक्ष हैं, जो शहरी गरीबों और ग्रामीण इलाकों को समर्पित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
वे वल्लुवर गुरुकुलम स्कूल सोसायटी के उपाध्यक्ष भी हैं, जो मुख्य रूप से वंचित वर्ग की छात्राओं को शिक्षा प्रदान करती है। इसके साथ ही, वे AIM for Seva के ट्रस्टी हैं — यह संस्था देशभर में गरीब बच्चों के लिए छात्रावास और शिक्षा केंद्र चलाती है।
श्रीनिवासन के. स्वामी का जीवन पेशेवर उत्कृष्टता और सामाजिक जिम्मेदारी का अद्वितीय संगम है, जो उन्हें विज्ञापन और प्रबंधन क्षेत्र के साथ-साथ समाज के लिए भी प्रेरणास्रोत बनाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, जहां उन्होंने 15 जुलाई को अंतिम सांस ली।
जाने-माने अभिनेता और ‘क्रिएटिव आई लिमिटेड’ (Creative Eye Limited) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक धीरज कुमार का निधन हो गया है। वह करीब 79 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से न्यूमोनिया से पीड़ित थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था, जहां उन्होंने 15 जुलाई को अंतिम सांस ली।
धीरज कुमार न सिर्फ हिंदी सिनेमा के जाने-माने अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने टेलीविजन निर्देशन और निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे लंबे समय तक भारतीय मीडिया जगत से जुड़े रहे और क्रिएटिव आई लिमिटेड जैसे प्रतिष्ठित मीडिया समूह के शीर्ष पद पर रहे।
उनका फिल्मी करियर मुख्य रूप से 1970 से 1984 के बीच पंजाबी सिनेमा में सक्रिय रहा, जहां उन्होंने कई यादगार भूमिकाएं निभाईं। हिंदी सिनेमा में भी उनकी उपस्थिति दर्ज रही, जहां उन्होंने ‘सरगम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ और ‘बहुरूपिया’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
इसके अलावा उन्होंने कई लोकप्रिय टेलीविजन शोज का निर्देशन भी किया, जो दर्शकों के बीच खासे सराहे गए। एक कलाकार, निर्देशक और निर्माता के रूप में धीरज कुमार ने भारतीय मीडिया और एंटरटेनमेंट जगत को अपनी बहुआयामी प्रतिभा से समृद्ध किया।
उनके निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर है। कई वरिष्ठ कलाकारों और सहयोगियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें एक मृदुभाषी, दूरदर्शी और समर्पित सृजनकर्ता के रूप में याद किया।
प्रेस क्लब ने स्पष्ट किया कि वह उन सभी पत्रकारों के साथ खड़ा है, जो अपने पेशे के चलते उत्पीड़न या भय का सामना कर रहे हैं।
‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (PCI) और ‘इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स’ (IWPC) ने वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) पर गंभीर चिंता जताई है। यह एफआईआर उनके खिलाफ पत्रकारिता कार्य से जुड़ी एक रिपोर्टिंग के सिलसिले में दर्ज की गई है, जिसमें उन्होंने बिहार में विशेष संवीक्षा अभियान (SIR) के दौरान चुनावी प्रक्रिया में संभावित अनियमितताओं को उजागर किया था।
प्रेस क्लब की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अजीत अंजुम एक अनुभवी और प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिनका रिकॉर्ड जिम्मेदार और प्रभावशाली रिपोर्टिंग का रहा है। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से यह दिखाया कि बिहार के बेगूसराय जिले में SIR अभियान के दौरान कई मतदाता फार्म बिना ज़रूरी दस्तावेज़ या फोटो के भरे और अपलोड किए जा रहे थे, जो चुनाव आयोग के नियमों का उल्लंघन है।
बयान में जोर दिया गया है कि तथ्यों को सामने लाना हर पत्रकार का प्राथमिक और नैतिक कर्तव्य होता है और इसे किसी भी हाल में "भ्रामक जानकारी फैलाना" नहीं कहा जा सकता। प्रेस क्लब ने प्रशासन द्वारा इस विषय पर स्पष्टीकरण जारी करने की बजाय अजीत अंजुम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने को अस्वीकार्य बताया।
प्रेस क्लब ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़े करती है और भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए बड़ी चुनौती है।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी और महासचिव नीरज ठाकुर की ओर से जारी इस बयान में संबंधित अधिकारियों से अपील की गई है कि इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का पूरा पालन हो और अजीत अंजुम के पत्रकार और नागरिक अधिकारों की पूरी तरह रक्षा की जाए। इसके साथ ही, प्रेस क्लब ने सभी हितधारकों से अपील की है कि वे मीडिया की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराएं, जो किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला होती है।
प्रेस क्लब ने स्पष्ट किया कि वह उन सभी पत्रकारों के साथ खड़ा है, जो अपने पेशे के चलते उत्पीड़न या भय का सामना कर रहे हैं। साथ ही यह भी दोहराया कि वह पत्रकारों के निडर और स्वतंत्र रिपोर्टिंग के अधिकार की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रसार भारती और हैंडबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) ने तीन साल की साझेदारी के तहत समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं
प्रसार भारती और हैंडबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (HAI) ने तीन साल की साझेदारी के तहत समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत अब HAI द्वारा आयोजित सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिताओं का प्रसारण दूरदर्शन स्पोर्ट्स (DD Sports), वेव्स ओटीटी (Waves OTT) और प्रसार भारती के अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर किया जाएगा।
इस MoU का औपचारिक आदान-प्रदान प्रसार भारती के CEO गौरव द्विवेदी और HAI के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आनंदेश्वर पांडेय के बीच हुआ। इस मौके पर प्रसार भारती के चेयरमैन नवीन कुमार सहगल समेत कई विशिष्ट हस्तियां उपस्थित रहीं।
समझौते पर हस्ताक्षर के अवसर पर प्रसार भारती के चेयरमैन नवीन कुमार सहगल ने कहा, “यह भारत में हैंडबॉल के एक नए युग की शुरुआत भर है। हमें उम्मीद है कि मजबूत मीडिया और संस्थागत भागीदारी के सहयोग से भारतीय खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे। माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, DD Sports ने लगातार उभरती प्रतिभाओं, जमीनी स्तर के टूर्नामेंट्स और समावेशी खेलों को मंच प्रदान किया है और देश के युवा खिलाड़ियों को वह पहचान दिलाई है जिसके वे हकदार हैं।”
प्रसार भारती के CEO गौरव द्विवेदी ने कहा, “यह साझेदारी भारत में उभरते खेलों को समर्थन देने और उन्हें संवारने की प्रसार भारती की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। हमारे व्यापक नेटवर्क और राष्ट्रीय पहुंच के माध्यम से, हम हैंडबॉल को वह मंच और दृश्यता प्रदान करना चाहते हैं जिसकी उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जरूरत है।”
हैंडबॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ओर से बोलते हुए एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आनंदेश्वर पांडेय ने कहा, “यह MoU जमीनी स्तर से लेकर उच्च स्तरीय प्रतिस्पर्धा तक हैंडबॉल को लोकप्रिय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। DD Sports पर निरंतर कवरेज से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी और देशभर में खेल का विकास तेज होगा।”
HAI के महासचिव तेजराज सिंह ने कहा, “प्रसार भारती के सहयोग से अब हैंडबॉल देश के करोड़ों दर्शकों तक पहुंचेगा। यह पहल न केवल प्रतिभा को खोजने में मदद करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति को भी मजबूत बनाएगी।”
इस समझौते को लेकर खेल जगत में इसे एक सकारात्मक और दूरगामी असर वाली पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे हैंडबॉल जैसे कम चर्चित खेल को भी देश में नई पहचान और ऊर्जा मिलने की उम्मीद है।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘स्टार ऑफ मैसूर’ व ‘मैसुरु मित्र’ के संस्थापक-संपादक के. बी. गणपति का रविवार को मैसूरु के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे।
वरिष्ठ पत्रकार और ‘स्टार ऑफ मैसूर’ व ‘मैसुरु मित्र’ के संस्थापक-संपादक के. बी. गणपति का रविवार को मैसूरु के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उनके पीछे पत्नी और दो संतानें हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने के. बी. गणपति के निधन पर शोक जताया और उन्हें न सिर्फ पत्रकारिता का एक मजबूत स्तंभ, बल्कि व्यक्तिगत रूप से एक करीबी मित्र भी बताया। उन्होंने 'X' (पूर्ववर्ती ट्विटर) पर लिखा, "मेरे गृहनगर के वरिष्ठ पत्रकार और मेरे मित्र के. बी. गणपति के निधन से गहरा दुख पहुंचा है। उनके जाने से राज्य की पत्रकारिता जगत की एक बड़ी क्षति हुई है।"
मुख्यमंत्री ने गणपति के पांच दशकों के लंबे करियर को याद करते हुए कहा कि वे निष्पक्ष और व्यावसायिक लेखन के लिए जाने जाते थे। "स्टार ऑफ मैसूर के माध्यम से उन्होंने मैसूरु जैसे सांस्कृतिक शहर में एक व्यापक पाठक वर्ग तैयार किया। साथ ही, उन्होंने दैनिक ‘मैसुरु मित्र’ के संस्थापक संपादक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ी के पत्रकारों के लिए प्रेरणा होनी चाहिए।"
उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने भी 'X' पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, "स्टार ऑफ मैसूर अस्त हो गया।" उन्होंने गणपति को एक गहरे ज्ञान वाले व्यक्ति के रूप में याद किया और कहा, "उनके कलम से निकला हर शब्द समाज को प्रभावित करने की शक्ति रखता था। उन्होंने मैसुरु ही नहीं, बल्कि पूरे भारत और विदेशों में भी एक समर्पित पाठक वर्ग तैयार किया।"
विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी के. बी. गणपति के लगभग 50 वर्षों तक पत्रकारिता में दिए गए योगदान को याद करते हुए उनके रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन की सराहना की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि गणपति एक उपन्यासकार के रूप में भी उल्लेखनीय रचनात्मक कार्य कर चुके थे।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी. एल. संतोष ने अपनी श्रद्धांजलि में लिखा, "वरिष्ठ पत्रकार के. बी. गणपति के निधन से दुखी हूं। वे एक सज्जन और गुणवत्तापूर्ण पत्रकारिता के प्रतीक थे। उन्होंने दशकों पहले Mysuru Mithra और Star of Mysore की शुरुआत की थी। उनकी आत्मा को शांति मिले। ॐ शांति।"
के. बी. गणपति के निधन से न सिर्फ मैसूरु, बल्कि समूची भारतीय पत्रकारिता ने एक सजग, निर्भीक और सुसंस्कृत आवाज को खो दिया है।
एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा है कि चुनाव आयोग स्वयं सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है कि ताकि इसकी आड़ में खेला जा सके।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के सोशल मीडिया पोस्ट में मीडिया के सूत्रों को मूत्र बताने की कड़ी निंदा की है। एनयूजेआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रास बिहारी और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने मीडिया पर इस तरह की भद्दी टिप्पणी करने पर माफी मांगने की मांग की है।
माफी न मांगने पर राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी ने एक प्रेस बयान में बताया कि तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखा है कि चुनाव आयोग स्वयं सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है कि ताकि इसकी आड़ में खेला जा सके। ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे।
तेजस्वी ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते हैं। मूत्र यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध फैलाता है। तेजस्वी की इस पोस्ट पर इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने गहरी नाराजगी जताई है।एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी और डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा है कि तेजस्वी यादव के एक्स पोस्ट में मीडिया पर की गई भद्दी टिप्पणी को वापस न लेने और माफी न मांगने पर राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर शिकायत की जाएगी।
दोनों संगठनो का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही हार की आशंका से डरकर तेजस्वी यादव बौखलाहट में इस तरह की भद्दी टिप्पणी कर रहे हैं।एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी और डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा का लालू परिवार की मीडिया से पुरानी रंजिश हैं। मीडिया में खुलासों के कारण ही राजद अध्यक्ष को चारा घोटाले में सजा सुनाई गई थी। मीडिया में लगातार लालू परिवार के अन्य घोटाले के खुलासे के कारण ही लालू परिवार हमेशा मीडिया को निशाना बनाता रहा है। दोनों संगठनों ने तेजस्वी यादव के माफी मांगने पर आंदोलन भी छेड़ा जा सकता है।
आदरणीय वेंकैया नायडू जी का वही स्नेह। पुरानी आत्मीयता। अपनापन का भाव हमेशा अंतर्मन को अभिभूत करता है। ऊर्जा देता है।
हैदराबाद में (11 जुलाई) था। गुरु पूर्णिमा के एक दिन बाद। अवसर था, राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय, भारत सरकार) का स्वर्ण जयंती समारोह,'दक्षिण संवाद'। इस कार्यक्रम में सहभागी बनने की योजना बनी, तभी तय किया कि उस शाम रुककर आदरणीय वेंकैया नायडू जी M. Venkaiah Naidu से मिलूंगा। मिला। उनका वही स्नेह। पुरानी आत्मीयता। अपनापन का भाव हमेशा अंतर्मन को अभिभूत करता है। ऊर्जा देता है। संसदीय राजनीति में, सदन में आने के बाद, उच्च सदन की गरिमा, मर्यादा, अनुशासन, संसदीय परंपरा, मूल्य उनसे सीखा। उनके संवाद में 'वन लाइनर' मुहावरे या देशज लोकोक्तियां, कमेंट्स, हमेशा बड़े ज्ञानप्रद रहें। सदन में आने के बाद उनके प्रति गहरे आदर और सम्मान के साथ गुरु भाव भी रहा। इसलिए गुरुपूर्णिमा के अगले दिन मिलकर,अंतर्मन को प्रसन्नता हुई।
आदरणीय वेंकैया जी आजादी की लड़ाई के श्रेष्ठ मूल्यों के मुखर वक्ता हैं। देश के कोने- कोने में विस्मृत आजादी के नायकों का लगातार स्मरण, उन पर लिखना, उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है। गांव, ग्रामीण विकास, छात्र, युवा,खेती,किसानी समेत ऐसे महत्वपूर्ण और जमीनी विषयों पर लगातार चिंतन करते हैं। फिर मौलिक और नए ढंग से लिखते हैं। उनका यह रचनात्मक सरोकार, सृजनात्मक सक्रियता, सार्वजनिक जीवन में हम सबको प्रेरित करता है। वेंकैया जी के व्यक्तित्व की अनेक खूबियां हम जैसे न जाने कितने असंख्य लोगों को प्रेरित करती हैं। हम सब इन पक्षों पर अक्सर चर्चा करते हैं।
सार्वजनिक जीवन में वेंकैया जी की सक्रियता लगातार बनी हुई है। यह जानकर प्रेरणा मिली। युवाओं, महिलाओं को कम्प्यूटर शिक्षा, तकनीक से जोड़ने का काम, उनका वर्षों से जारी अभियान है। यह उनकी दूरदर्शिता का ही प्रमाण है कि कंप्यूटर और सूचना तकनीक के नए युग की शुरुआत होते ही इन्होंने ग्रामीण नौजवानों को इससे जोड़ने व जुड़ने के लिए प्रेरित करने और मुफ्त कंप्यूटर शिक्षा देने का अभियान शुरू कर दिया था। समय के अनुरूप समाज, देश को गढ़ने का अभियान। मालूम हुआ कि महीने में एक बार अपने मूल गांव नेल्लूर जाते हैं। वहां स्थानीय लोगों से संवाद करते हैं।
हैदराबाद उनके घर पर आंध्रप्रदेश,तेलंगाना, दक्षिण भारत के अन्य हिस्से के सुदूर इलाके से लोग नियमित मिलने आते हैं। देश के अलग- अलग हिस्से से भी। वेंकैया जी सबको समय देते हैं। अपने अनुभव से समाज को सुंदर बनाने, देश को आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं।
वेंकैया जी का सार्वजनिक जीवन लंबा रहा है। इमरजेंसी के दिनों में जेल में बंद रहकर भी इनकी बड़ी सक्रियाता रही। जिस पार्टी से इनका जुड़ाव रहा,उसके विचारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहे। पार्टी में अध्यक्ष पद तक पहुंचे। फिर संवैधानिक पदों पर आए।। प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ,संवैधानिक दायित्व का निर्वहन किया। यह स्वअनुशासन, नैतिक मूल्य प्रेरक है।
वेंकैया जी की लिखने-पढ़ने में शुरू से ही गहरी रुचि रही है। भारतीय इतिहास, परंपरा,संस्कृति विषयों में उनकी दिलचस्पी और ज्ञान, दोनों अदभुत है। इसलिए उनसे मिलने गया तो उनकी रुचि के अनुरूप उन्हें एक महत्वपूर्ण किताब भेंट की। हाल में आई दुनिया के मशहूर इतिहासकार विलियम डेलरिंपल की बहुचर्चित किताब, The Golden Road : How Ancient India Transformed the World। यह पुस्तक वेंकैया जी के रुचि के अनुरूप लगी। इसमें भारत के हजारों वर्षों की सांस्कृतिक यात्रा का प्रामाणिक विवरण है। यह भी है कि हजारों वर्षों का भारत का इतिहास, दुनिया को कैसे प्रभावित करता रहा है। अनेक अनसुने प्रसंग हैं। भारत की मिट्टी की ताकत, समृद्ध परंपरा,सांस्कृतिक वैभव और विरासत का तथ्यात्मक रूप में, रोचक तरीके से वर्णन है, इस किताब में। वेंकैया जी ऐसे विषयों में गहरी रुचि रखते हैं। भारत की हर भाषा,संस्कृति,परंपरा से उनका आत्मीय अनुराग है।
उन्हें जो किताब भेंट की, उस पर अपनी ओर से लिखा, ‘With deep respect and gratitude to sri M.Venkaiah Naidu jee, who has been guiding light, source of inspiration and igniting the best within me.’
(राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की फेसबुक वॉल से साभार)
यह इवेंट न केवल एनीमे फैंस के लिए एक उत्सव है, बल्कि भारत में जापानी पॉप-कल्चर के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक भी है।
जापानी एनिमेटेड फिल्मों, शोज और किरदारों को समर्पित भारत का सबसे बड़ा एनीमे कन्वेंशन ‘Anime India’ इस साल 22 से 24 अगस्त के बीच मुंबई के NESCO बॉम्बे एग्जिबिशन सेंटर में आयोजित होने जा रहा है। यह इवेंट न केवल एनीमे फैंस के लिए एक उत्सव है, बल्कि भारत में जापानी पॉप-कल्चर के बढ़ते प्रभाव का प्रतीक भी है।
इस कन्वेंशन में एनीमे डायरेक्टर्स, वॉइसओवर आर्टिस्ट्स, फैन पैनल्स, फिल्म स्क्रीनिंग्स, कॉस्प्ले कॉम्पिटीशन्स, कॉन्सर्ट्स, क्विज, सिंगिंग कॉन्टेस्ट्स और कई इमर्सिव एक्सपीरियंस का आयोजन किया जाएगा। प्रशंसक यहां अपने पसंदीदा किरदारों की ऑफिशियल मर्चेंडाइज और कलेक्टिबल्स भी खरीद सकेंगे।
‘डेथ नोट’, ‘अटैक ऑन टाइटन’ और ‘स्पाय x फैमिली’ जैसे आइकॉनिक एनीमे शोज के डायरेक्टर और जापानी एनिमेटर तेत्सुरो अराकी इस इवेंट के स्पेशल गेस्ट होंगे। अराकी की क्लासिक एनीमे सीरीज में की गई क्रिएटिव कंट्रीब्यूशंस ने दुनियाभर के दर्शकों को मोहित किया है। इस कन्वेंशन में अराकी के साथ एक Q&A सेशन भी होगा, जिसमें फैंस को उनके रचनात्मक दृष्टिकोण, प्रेरणाओं और वर्कफ्लो के बारे में सीधे उनसे सुनने का दुर्लभ मौका मिलेगा।
Anime India कन्वेंशन की आधिकारिक आयोजक नेहा मेहता ने कहा, “हम तेत्सुरो अराकी की भारत में पहली यात्रा की मेजबानी करके बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उनकी मौजूदगी Anime India को एक वैश्विक मंच पर ले जाती है और यह दर्शाती है कि भारत में एनीमे के लिए कितना गहरा जुनून है। यह उन अनगिनत प्रशंसकों के लिए एक सपना सच होने जैसा है, जो उनके काम से प्रेरित हुए हैं।”
कन्वेंशन के को-ऑर्गेनाइजर मिशाल वानवारी ने कहा, “हम भारत में पहला एनीमे कन्वेंशन लाकर बेहद उत्साहित हैं। एक एनीमे फैन के तौर पर मैं खुद लंबे समय से चाहता था कि ऐसा कुछ यहां हो।”
इतने बड़े स्तर का आयोजन इस बात का प्रमाण है कि एनीमे ने न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में किस हद तक प्रभाव डाला है और उसकी लोकप्रियता लगातार कैसे बढ़ रही है।
टिकट्स Zomato के District प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत ₹199, ₹299, ₹799 और ₹1499 रखी गई है।