दो अप्रैल को इंदौर में होने वाले एक समारोह में राकेश शर्मा को इस सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।
इस साल ‘पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान’ के लिए देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक मैगजीन ‘वीणा’ (इंदौर) के संपादक राकेश शर्मा को चुना गया है। दो अप्रैल को इंदौर में होने वाले एक समारोह में उन्हें इस सम्मान से अलंकृत किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के गांव न्यामतपुर, जिला इटावा में एक जुलाई 1961 को जन्मे राकेश शर्मा लंबे समय से हिंदी साहित्य की सेवा कर रहे हैं। 15 से अधिक पुस्तकों के लेखक राकेश शर्मा अब तक 10 से अधिक पुस्तकों एवं पत्रिकाओं का संपादन भी कर चुके हैं। इनमें 'बहुरंग', 'विचार की अनवरत यात्रा', 'आरोग्यम' एवं 'मालव ज्योति' आदि विशेष हैं। भारत सरकार के श्रम मंत्रालय में करीब 31 वर्ष तक सहायक निदेशक (राजभाषा) के पद पर कार्यरत रहे राकेश शर्मा वर्तमान में वर्ष 1927 से निरंतर प्रकाशित हिंदी की सबसे पुरानी पत्रिका ‘वीणा' के संपादक हैं। साहित्यिक अवदान के लिए उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के ‘श्रीकृष्ण सरल’ सम्मान सहित अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं।
बता दें कि यह दूसरा मौका है, जब ‘वीणा’ के संपादक को पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान दिया जा रहा है। इससे पहले वर्ष 2007 में वीणा के तत्कालीन संपादक स्व. श्यामसुंदर व्यास को यह सम्मान प्रदान किया गया था।
त्रैमासिक पत्रिका ‘मीडिया विमर्श’ के सलाहकार संपादक प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि प्रतिवर्ष यह पुरस्कार हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है। इस अवॉर्ड का यह 15वां वर्ष है। ‘मीडिया विमर्श’ द्वारा शुरू किए गए इस अवॉर्ड के तहत ग्यारह हजार रुपये, शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिह्न और सम्मान पत्र दिया जाता है। पुरस्कार के निर्णायक मंडल में नवभारत टाइम्स, मुंबई के पूर्व संपादक विश्वनाथ सचदेव तथा इंदिरा गांधी कला केंद्र, दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी शामिल हैं।
इससे पूर्व यह सम्मान ‘दस्तावेज’ (गोरखपुर) के संपादक डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, ‘कथादेश’ (दिल्ली) के संपादक हरिनारायण, ‘अक्सर’ (जयपुर) के संपादक डॉ. हेतु भारद्वाज, ‘सद्भावना दर्पण’ (रायपुर) के संपादक गिरीश पंकज, ‘व्यंग्य यात्रा’ (दिल्ली) के संपादक डॉ. प्रेम जनमेजय, ‘कला समय’ (भोपाल) के संपादक विनय उपाध्याय, ‘संवेद’ (दिल्ली) के संपादक किशन कालजयी, ‘अक्षरा’ (भोपाल) के संपादक कैलाशचंद्र पंत, ‘अलाव’ (दिल्ली) के संपादक रामकुमार कृषक, ‘प्रेरणा’ (भोपाल) के संपादक अरुण तिवारी, ‘युगतेवर’ (सुल्तानपुर) के संपादक कमल नयन पाण्डेय, ‘अभिनव इमरोज़’ (दिल्ली) के संपादक देवेन्द्र कुमार बहल एवं ‘साहित्य परिक्रमा’ (राजस्थान) के संपादक डॉ. इंदुशेखर तत्पुरुष को दिया जा चुका है।
वह प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश का स्थान लेंगे और इस पद पर नियमति कुलगुरु की नियुक्ति होने तक यह जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार ने जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खाड़े को भोपाल स्थित ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय’ के कुलगुरु का अतिरिक्त प्रभार दिया है। राज्य सरकार की ओर से इस बारे में शुक्रवार को आदेश जारी हो गए हैं।
बता दें कि वर्तमान कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश का इस पद पर चार साल का कार्यकाल 15 सितंबर 2024 को पूर्ण हो रहा है। इसी वजह से सुदाम खाड़े को विश्वविद्यालय के कुलगुरु का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वह प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश का स्थान लेंगे और इस पद पर नियमति कुलगुरु की नियुक्ति होने तक यह जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।
सुदाम खाड़े भारतीय प्रशासनिक सेवा 2006 बैच के अधिकारी हैं। वह मध्य प्रदेश में सीहोर और भोपाल की बतौर कलेक्टर कमान संभाल चुके हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में कमिश्नर के पद पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
आपको बता दें कि विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सात सितंबर 2020 को चार साल के लिए नियुक्ति आदेश जारी करते हुए प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश को विश्वविद्यालय का कुलगुरु नियुक्त किया था।
अब इस पूरे मामले पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) ने कड़ी निंदा की है।
राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से वापस आने के बाद भी इस यात्रा से जुड़े विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। इंडिया टुडे के संवाददाता रोहित शर्मा ने आरोप लगाया कि डलास में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की। मोबाइल फोन छीन लिया गया और उनसे इंटरव्यू डिलीट करने को कहा गया।
पत्रकार के मुताबिक, उनके साथ ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने सैम पित्रोदा से अपने साक्षात्कार में पूछा था कि क्या राहुल गांधी अमेरिका में सांसदों से मिलने के दौरान बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का मुद्दा उठाएंगे? इसके बाद राहुल की टीम ने उनका फोन छीन लिया और वीडियो डिलीट कर दिया और उन्हें 30 मिनट तक होटल के कमरे में बंद रखा।
वहीं, अब इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निंदा की है। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है- हमारा स्वतंत्र मीडिया। लेकिन अमेरिका में भारत के अखबार के एक प्रतिनिधि के साथ जिस प्रकार के जुल्म की बातें सामने आई हैं, वो लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं को तार-तार करने वाली हैं। विदेशी धरती पर भारतवासी का अपमान करने वालों के मुंह में ‘संविधान’ शब्द शोभा नहीं देता।'
लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है- हमारा स्वतंत्र मीडिया। लेकिन अमेरिका में भारत के अखबार के एक प्रतिनिधि के साथ जिस प्रकार के जुल्म की बातें सामने आई हैं, वो लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं को तार-तार करने वाली हैं। विदेशी धरती पर भारतवासी का अपमान करने वालों के मुंह में… pic.twitter.com/ln24Yq0q0D
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2024
वहीं, इस मामले पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) ने भी कड़ी निंदा की है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि हैरानी की बात है कि एक तरफ राहुल गांधी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत में मीडिया की घटती आजादी का मुद्दा उठाया और दूसरी तरफ उनकी टीम के सदस्यों ने भारतीय पत्रकार के साथ सवाल पूछने पर ही बदसुलूकी की और वीडियो को जबरन डिलीट कर दिया।
उन्होंने कहा का कि पत्रकार रोहित शर्मा ने घटना की आपबीती बताते हुए कहा कि यही सवाल एक पत्रकार ने राहुल गांधी से पूछा था और उसे कांग्रेस के एक्स पर पोस्ट किया गया था।
एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि सैम पित्रोदा से इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी की टीम के सदस्यों ने इंटरव्यू बंद करने के लिए हंगामा भी मचाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पहले भी पत्रकारों को निशाना बनाया है। कांग्रेस के तमाम प्रवक्ता मीडिया पैनिलिस्ट पर हमला बोलते रहते हैं। उससे पहले पत्रकारों की जाति पूछकर उनका अपमान किया गया।
रजनीश आहूजा को ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत तमाम अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।
देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में कार्यरत वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजनीश आहूजा मीडिया में जाना-माना नाम हैं। जब पत्रकारिता की दुनिया में खबरों पर मजबूत पकड़ और कुशल नेतृत्व क्षमता की बात होती है तो रजनीश आहूजा का नाम स्वाभाविक रूप से सामने आता है। हाल ही में ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) के पद से संत प्रसाद राय के इस्तीफे के बाद मैनेजमेंट ने रजनीश आहूजा का ‘कद’ बढ़ाते हुए उन्हें एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) की जिम्मेदारी सौंपी है।
संस्थान द्वारा जारी इंटररनल लेटर के अनुसार, अभी तक संस्थान में जो एंप्लॉयीज संत प्रसाद राय को रिपोर्ट कर रहे थे, वह अब रजनीश आहूजा को रिपोर्ट करेंगे। संत प्रसाद राय के स्थान पर पदभार ग्रहण करते हुए, आहूजा अपने साथ एक विशाल अनुभव का खजाना लेकर आए हैं, जो उन्होंने कई महत्वपूर्ण परिवर्तन, तकनीकी और संपादकीय दोनों ही स्तर पर, अपने नेतृत्व में देखे हैं।
रजनीश आहूजा फिलहाल यहां एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (स्पेशल प्रोजक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने इसी साल मार्च में यहां जॉइन किया था। ‘एबीपी नेटवर्क’ के साथ उनकी यह दूसरी पारी है।
आपको बता दें कि रजनीश आहूजा इससे पहले करीब ढाई साल से ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में कार्यरत थे। यहां वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) के एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से इस्तीफा देकर उन्होंने ‘एबीपी नेटवर्क’ जॉइन किया था।
रजनीश आहूजा करीब 32 साल से मीडिया में कार्यरत हैं और तमाम प्रमुख मीडिया संस्थानों में सीनियर लीडरशिप की भूमिका निभा चुके हैं। ‘जी मीडिया’ से पहले वह ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में बतौर सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
रजनीश आहूजा ‘एबीपी’ (पूर्व में स्टार न्यूज) के साथ करीब 17 साल से जुड़े हुए थे। रजनीश आहूजा की एबीपी नेटवर्क के साथ यह यात्रा उनकी नेतृत्व क्षमता और समय के साथ समाचार के विकसित होने की गहरी समझ को प्रमाणित करती है। अपनी पूर्व की पारी में तमाम प्रमुख पदों पर कार्य करने के दौरान रजनीश आहूजा ने एबीपी के न्यूज़ रूम को एक गतिशील, डिजिटल-प्रथम मंच में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, एबीपी ने ब्रेकिंग न्यूज़ और मुद्दों पर आधारित पत्रकारिता के बीच संतुलन बनाए रखा, जो आहूजा के संपादकीय कौशल का प्रतीक है।
‘एबीपी’ से पहले रजनीश आहूजा 'आजतक' चैनल का हिस्सा हुआ करते थे। वह वहां इनपुट टीम में अहम जिम्मेदारी निभाते थे। देश की प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी 'एएनआई' (ANI) को एक मुकाम तक पहुंचाने में भी रजनीश आहूजा की अहम भूमिका रही है।
पूर्व में वह ‘डीडी न्यूज’ (DD News) में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से पत्रकारिता की डिग्री ली है।
रजनीश आहूजा ने इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल और रिसर्च सेंटर ‘इनसीड’ (Inseed) से ‘INSEAD Leadership Programme for Senior Executives’ (ILPSE) भी किया है। ‘इनसीड’ के यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व में कैंपस हैं और इज़राइल में अनुसंधान केंद्र है। यह स्कूल पूर्णकालिक एमबीए प्रोग्राम और मैनेजमेंट में पीएचडी प्रोग्राम समेत कई शिक्षण प्रोग्राम कराता है।
बिहार के नए मुख्य सूचना आयुक्तों को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने गुरुवार को राज भवन में शपथ दिलाई।
बिहार के नए मुख्य सूचना आयुक्तों को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने गुरुवार को राज भवन में शपथ दिलाई। इस अवसर पर बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मौजूद थे। सबसे पहले सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने शपथ ली और उसके बाद ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के पूर्व वरिष्ठ संपादक प्रकाश कुमार ने शपथ ग्रहण की। अब दोनों अगले तीन साल के लिए बिहार के सूचना आयुक्त बन गए हैं।
सूचना अधिकार को सशक्त बनाना प्राथमिकता
शपथ ग्रहण के बाद, सूचना आयुक्त प्रकाश कुमार ने कहा कि उनका लक्ष्य सूचना के अधिकार को मजबूत बनाना है ताकि सरकार का कामकाज पारदर्शी दिखे। उन्होंने कहा, "मैं पूरी मेहनत और लगन से काम करूंगा ताकि सूचना से जुड़ी हर जानकारी में पारदर्शिता बनी रहे।"
वहीं, बृजेश मेहरोत्रा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता लोगों तक सही और समय पर सूचना पहुंचाना होगी।
सीएम नीतीश कुमार ने दी थी मंजूरी
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए गठित समिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल थे। इस समिति की बैठक के बाद बृजेश मेहरोत्रा और प्रकाश कुमार की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसके बाद बिहार सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी।
आपको बता दें कि ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के विद्यार्थी रहे प्रकाश कुमार को मीडिया इंडस्ट्री में काम करने का लंबा अनुभव हासिल है। प्रकाश कुमार ‘जी न्यूज’ और ‘एएनआई’ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, उन्हें एक्सचेंज4मीडिया समूह की ओर से दिया जाने वाला प्रतिष्ठित ‘exchange4media news broadcasting award’ (enba) अवॉर्ड भी मिल चुका है। बिहार की राजनीति और प्रशासन के मामलों पर उनकी गहरी पकड़ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी उनका करीबी संबंध रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला डिजिटल के हेड जयदीप कर्णिक के पिता सुभाष कर्णिक का मंगलवार को निधन हो गया।
वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला डिजिटल के हेड जयदीप कर्णिक के पिता सुभाष कर्णिक का मंगलवार को निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा बुधवार सुबह 11 बजे उनके इंदौर स्थित निवास 23 राजश्री वाटिका तिलक नगर से निकलेगी।
बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया जाएगा। सुभाष कर्णिक के निधन पर पत्रकार, नेतागण और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है।
वरिष्ठ पत्रकार श्री जयदीप कर्णिक जी के पूज्य पिताजी श्री सुभाष कर्णिक जी के निधन का समाचार दु:खद है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 11, 2024
दुःख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
ॐ शांति!
वरिष्ठ पत्रकार और अमर उजाला डिजिटल के हेड श्री जयदीप कर्णिक के पूज्य पिता जी एवं इंदौर शहर से जुड़े मुद्दों को लेकर हमेशा सक्रिय रहने वाले श्री सुभाष कर्णिक जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 10, 2024
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें एवं परिवार को यह दुख सहन करने…
वरिष्ठ पत्रकार श्री जयदीप कर्णिक के पूज्य पिताजी श्री सुभाष कर्णिक जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।
— विश्वास कैलाश सारंग (@VishvasSarang) September 10, 2024
ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें तथा शोकमय परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
|| ॐ शांति ||
वरिष्ठ पत्रकार , अमर उजाला डिजिटल के नेशनल हेड श्री जयदीप कर्णिक जी के पिताजी श्री सुभाष कर्णिक जी के निधन का समाचार बेहद दुखद है।
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) September 10, 2024
ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान व पीछे परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करे। pic.twitter.com/JR8S2OqjFf
आपको बता दें कि सुभाष कर्णिक नर्मदा आंदोलन से जुड़ें रहे। इसके अलावा इंदौर में कुश्ती और अन्य खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
जाने-माने पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय की याद में 13 सितंबर 2024 को दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है। नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर 2024 की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा।
गौरतलब है कि करीब 64 वर्षीय उमेश उपाध्याय का एक सितंबर को निधन हो गया था। दिल्ली में वसंत कुंज स्थित उमेश उपाध्याय के घर पर कुछ निर्माण काम चल रहा था, इसी दौरान निरीक्षण करते समय वह गिरकर घायल हो गए थे। तत्काल ही उमेश उपाध्याय को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया था।
एक अनुभवी पत्रकार व कम्युनिकेटर उमेश उपाध्याय को प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया में करीब चार दशकों का अनुभव था। उन्होंने एक ग्राउंड रिपोर्टर से एक अनुभवी संपादक तक का सफर तय किया था।
इस दौरान उन्होंने 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया', 'ऑल इंडिया रेडियो', 'डीडी न्यूज', 'नेटवर्क18' और 'जी न्यूज' सहित कई अन्य न्यूज नेटवर्क के साथ काम किया। जेएनयू, डीयू और FTII के छात्र रह चुके उमेश उपाध्याय ने कई न्यूज व टॉक शो को प्रड्यूस किया और उसकी एंकरिंग भी की थी।
उमेश उपाध्याय ने कुछ समय पहले ही एक किताब ‘वेस्टर्न मीडिया नरेटिव्स ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ (WESTERN MEDIA NARRATIVES ON INDIA FROM GANDHI TO MODI) लिखी थी।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक महिला पत्रकार ने एसडीएम प्रीति तिवारी पर उनके घर की जमीन पर कब्जा कराने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक महिला पत्रकार ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला पत्रकार का दावा है कि शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने विपक्षी पक्ष को उनके घर पर कब्जा दिलवा दिया और जब उन्होंने न्याय की मांग की, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।
ये है पूरा मामला
यह मामला अमेठी के मुसाफिरखाना तहसील के गाईमऊ गांव से जुड़ा है। पीड़िता इसरत जहां ने 22 अप्रैल 2019 को सबीरुल निशा से एक मकान खरीदा था, जिसमें वह अपनी बेटी और बेटे के साथ रहती हैं। उनकी बेटी एक पत्रकार हैं। मामले की जड़ तब शुरू हुई जब विपक्षी पक्ष ने दावा किया कि यह मकान उनकी जमीन पर बनाया गया है। आरोप है कि अधिकारियों के निर्देश पर विपक्षी पक्ष को मकान पर कब्जा दिलवा दिया गया।
मकान पर कब्जा होने के बाद महिला पत्रकार लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाती रहीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, 2 सितंबर को उन्होंने एसडीएम प्रीति तिवारी से मिलकर न्याय की मांग की। महिला पत्रकार का आरोप है कि इस दौरान एसडीएम ने उनके साथ अभद्रता की, जिसका एक वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
महिला पत्रकार ने आरोप लगाया कि जब वह एसडीएम कार्यालय पहुंची, तो एसडीएम प्रीति तिवारी ने कार्यालय से बाहर निकलवा दिया और गुस्से में कहा कि मैं आपका काम नहीं कर पाऊंगी। मेरा मूड खराब है। पीड़ित महिला पत्रकार एक न्यूज चैनल की पत्रकार बताई जा रही है।
एसडीएम का बयान
एसडीएम प्रीति तिवारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "महिला पत्रकार द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मैंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह एक जमीन का मामला है, जिसका पहले ही सुलहनामा हो चुका है। महिला पत्रकार ने मेरे कार्यालय में आकर मेरे खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया।"
यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।
वहीं इस मामले में यूपी कांग्रेस ने एक ट्वीट कर शासनपक्ष पर सवाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि योगीराज में महिला पत्रकार को न्याय मांगने के लिए अपनी बूढ़ी मां के साथ दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। जब जनता की समस्याओं की आवाज उठाने वाली को बेघर होकर भटकना पड़ रहा है तो क्या आप सपने में भी सोच सकते हैं कि यहां आम आदमी को न्याय मिलेगा?
अमेठी में एक महिला पत्रकार SDM मुसाफिरखाना के दफ्तर में अपने मकान पर दबंग द्वारा किए गए कब्जे की शिकायत लेकर गई थी।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) September 4, 2024
उसने जब SDM साहिबा से उनके द्वारा दिए गए मौखिक आदेश पर मकान पर हुए कब्जे की बात कही तो साहिबा भड़क उठीं और बोलीं, "मैं आपका काम नही कर पाऊंगी, मेरा मूड खराब हो… pic.twitter.com/thxYOtzwyE
करीब 88 वर्षीय अरुणा वासुदेव कुछ समय से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
जानी-मानी फिल्म समीक्षक और लेखिका अरुणा वासुदेव का गुरुवार की सुबह निधन हो गया है। अरुणा वासुदेव करीब 88 साल की थीं और काफी समय से अल्जाइमर समेत उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। वह करीब तीन हफ्ते से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
अरुणा वासुदेव की याद में आठ सितंबर, रविवार को दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के कमला देवी ऑडिटोरियम में शाम छह बजे से रात नौ बजे तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।
बता दें कि अरुणा वासुदेव का विवाह राजनयिक सुनील रॉय चौधरी से हुआ था। उनकी बेटी यामिनी रॉय चौधरी राजनीतिक नेता वरुण गांधी की पत्नी हैं। दिल्ली की रहने वाली वासुदेव एशियाई फिल्मों के लिए काम करने वाले विश्वव्यापी संगठन “सिनेमाया: द एशियन फिल्म क्वार्टरली” की संस्थापक-संपादक थीं।
उन्हें करीब 29 साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ‘नेटपैक’ की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है। अरुणा वासुदेव ने समीक्षक, लेखिका, संपादक, चित्रकार, डॉक्यूमेंट्री निर्माता व ट्रस्टी के साथ-साथ एशियाई सिनेमा के पथप्रदर्शक के रूप अपनी खास पहचान बनाई।
अरुणा वासुदेव ने करीब 20 डॉक्यूमेंट्रीज का निर्देशन किया या वह उनकी निर्माता रहीं। इसके साथ ही उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन या सह-संपादन किया, जिनमें ज्यां-क्लाउड कैरियर की ‘इन सर्च ऑफ महाभारत: नोट्स ऑफ ट्रैवल्स इन इंडिया विद पीटर ब्रुक” का फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद भी शामिल है।
फ्रांस सरकार ने सिनेमा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान को काफी सराहा था और पुरस्कृत किया था। वह फ्रेंच भाषा और संस्कृति से संबंधित एक प्रमुख भारत-फ्रांसीसी सांस्कृतिक केंद्र ‘एलायंस फ्रांसेइस डी दिल्ली’ की बोर्ड सदस्य भी थीं।
‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (Press Club Of India) के साथ मिलकर ‘मीडिया फोटोजर्नलिस्ट ट्रस्ट’ (Media PhotoJournalist Trust) इस फोटो प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।
‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (Press Club Of India) के साथ मिलकर ‘मीडिया फोटोजर्नलिस्ट ट्रस्ट’ (Media PhotoJournalist Trust) एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।
दिल्ली में रायसीना रोड पर स्थित ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ परिसर में छह सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजे इस प्रदर्शनी का शुभारंभ किया जाएगा। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक मेडलिस्ट गगन नारंग करेंगे।
यह फोटो प्रदर्शनी छह से नौ सितंबर तक दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।
बता दें कि इस प्रदर्शनी में दिल्ली-एनसीआर के फोटो पत्रकारों द्वारा कैद किए गए समाज, राजनीति, और संस्कृति के विविध पहलुओं को उजागर करने वाली छवियों को प्रदर्शित किया जाएगा।
बता दें कि विद्या भारती ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वह इकाई हैं, जो देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर के नाम से विद्यालयों का संचालन करती है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मालवीय को विद्या भारती पूर्वी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश का मंत्री बनाया गया है।
बता दें कि विद्या भारती ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वह इकाई हैं, जो देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर के नाम से विद्यालयों का संचालन करती है। इसका मुख्य कार्य युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रीय भावना से जोड़ना है।
विद्या भारती के संगठन पुनर्गठन में यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव दिव्यकांत शुक्ल को अध्यक्ष, डॉ. जय प्रताप सिंह व डॉ. रेनू माथुर को उपाध्यक्ष, रामनाथ गुप्ता, अनुग्रह मिश्रा को सह मंत्री, सुशील कुमार को कोषाध्यक्ष, हेमचंद्र को क्षेत्रीय संगठन मंत्री व डॉ. राममनोहर को सह संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया है। इसके साथ ही आठ लोगों को सदस्य नामित किया गया है।