पत्रकारों को अपना काम करने के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। देश-दुनिया में चल रही महामारी ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।
पत्रकारों को अपना काम करने के दौरान तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। देश-दुनिया में चल रही महामारी ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से एक बड़ी खबर आई है।
खबर ये है कि यहां पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने का आरोप लगाते हुए जिले भर के तमाम पत्रकारों ने रविवार को गंगा व यमुना में विभिन्न घाटों पर जल सत्याग्रह किया। पत्रकारों का आरोप है कि जिलाधिकारी संजीव कुमार ने जिले में कोरोना की अव्यवस्था दिखाने पर कई पत्रकारों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
जिला पत्रकार एसो/संघ के जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार अजय सिंह भदौरिया ने कहा कि जिले में व्याप्त भ्रष्टाचार और कोरोना काल के दौरान ज़िले में हावी अव्यवस्थाओं की सच्चाई उज़ागर करने पर डीएम के इशारे पर पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उसे पत्रकार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पत्रकारों का कहना था कि इस बारे में उन्होंने 16 मई को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया था। इस पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने 30 मई को हिंदी पत्रकारिता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया था। पत्रकारों का कहना था कि यदि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज कराए गए ये फर्जी मुदकमे वापस नहीं हुए तो वह अपना विरोध प्रदर्शन करना जारी रखेंगे।
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। उन्होंने इस बारे में एक ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश सरकार सच्चाई से क्यों डर रही है।
पत्रकार साथियों ने आपदा के दौर में कोरोना से जुड़ी अव्यवस्थाओं को उजागर कर सकारात्मक हस्तक्षेप किया। हैरानी की बात है कि यूपी सरकार के प्रशासन ने फतेहपुर में पत्रकारों पर उनका कर्म करने के लिए मुकदमा कर दिया। पत्रकार सत्याग्रह कर रहे हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 8, 2020
सरकार सच्चाई से डर क्यों रही है? pic.twitter.com/GBWLnss4mU
पत्रकारों द्वारा किए गए विरोध-प्रदर्शन को आप यहां देख सकते हैं।
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हिंदी अखबार दैनिक जागरण के लखनऊ एडिशन में कार्यरत युवा पत्रकार अंकित शुक्ल का कोरोना से शुक्रवार की सुबह निधन हो गया।
हिंदी अखबार दैनिक जागरण के लखनऊ एडिशन में कार्यरत युवा पत्रकार अंकित शुक्ल का कोरोना से शुक्रवार की सुबह निधन हो गया। वे करीब 35 साल के थे और विधि संवाददाता के तौर पर दैनिक जागरण में कानूनी मामलों को कवर करते थे।
बताया जाता है कि कुछ दिनों पूर्व तबीयत खराब होने पर अंकित को लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उन्हें कोविड-19 के इलाज के लिए बने स्पेशल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार की सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक, अंकित लखनऊ में सुल्तानपुर रोड पर रहते थे। परिवार में पत्नी व एक बेटी है। पत्नी भी कोविड पॉजिटिव हैं और फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।देश में कोरोनावायरस (कोविड-19) का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। दिन प्रतिदिन आ रहे आंकड़े बेहद खौफनाक और डराने वाले हैं।
देश में कोरोनावायरस (कोविड-19) का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। दिन प्रतिदिन आ रहे आंकड़े बेहद खौफनाक और डराने वाले हैं। हालत यह है कि इस संक्रमण की चपेट में आकर तमाम लोग अपनी जान गंवा रहे हैं, वहीं विभिन्न अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों को भर्ती करने के लिए बेड की कमी भी बनी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना के खिलाफ ‘जंग’ में अपनी भागीदारी निभाते हुए छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव प्रेस क्लब ने अपने परिसर को अस्पताल में तब्दील कर दिया है। छत्तीसगढ़ के अस्पतालों में बेड की कमी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।
30 बेड वाले कोरोना देखभाल केंद्र में तब्दील प्रेस क्लब के इस परिसर में कोविड-19 पीड़ितों का मुफ्त इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा उनके नाश्ते व खाने का भी मुफ्त इंतजाम किया गया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।Chhattisgarh: In view of the shortage of beds in hospitals, Rajnandgaon Press Club has converted its premises into a 30-bedded COVID care centre where asymptomatic patients are being treated free of cost. pic.twitter.com/t0k8r22Nso
— ANI (@ANI) April 13, 2021
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में शनिवार शाम एक पत्रकार की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले में शनिवार शाम एक पत्रकार की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना करक पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र के भीतर बथानी खेल क्षेत्र में हुई।
डॉन न्यूज की एक रिपोर्ट में बताया गया कि मृतक की पहचान स्थानीय अखबार Sada-e-lawaghir के संयुक्त संपादक वसीम आलम के रूप में हुई है।
पीड़िता की मां की ओर से दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, आलम पर यह हमला तब हुआ, जब वह अपनी बाइक से घर लौट रहा था। उसे बथानी खेल स्थित एक सरकारी स्कूल के पास निशाना बनाया गया। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
करक पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। इस हमले में संदिग्ध के तौर पर मृतक के पिता का नाम भी सामने आया है।
डॉन के मुताबिक, वसीम आलम के पिता न तो अस्पताल में मौजूद थे और न ही अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे। अधिकारी ने आगे कहा कि वसीम आलम अपने परिवार से अलग रह रहे थे। हालांकि पत्रकार की मां ने एफआईआर में किसी का नाम नहीं लिया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें अब तक कोई भी ऐसा सुराग नहीं मिला है जिससे पता चलता है कि पत्रकार की हत्या पत्रकारिता के काम के लिए की गई है।’
बता दें कि दुनिया में पत्रकारों के लिए पाकिस्तान सबसे खतरनाक जगहों में से एक माना जाता है। काउंसिल ऑफ पाकिस्तान न्यूजपेपर एडिटर्स (CPNE) की मीडिया फ्रीडम रिपोर्ट 2020 के मुताबिक, पिछले साल पेशेवर जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए कम से कम 10 पत्रकारों की हत्या कर दी गई और कई अन्य को धमकी दी गई, कुछ का अपहरण किया गया, प्रताड़ित किया गया और गिरफ्तार किया गया था।
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वयोवृद्ध पत्रकार जी.एन. श्रीनिवासन का सोमवार को तमिलनाडु के मायलापुर में उनके बेटे के घर पर निधन हो गया। उन्होंने साल 1953 से 30 साल तक अंग्रेजी दैनिक ‘द हिन्दू’ को अपना योगदान दिया।
दोस्तों के बीच उन्हें जीएनएस के नाम से जाना जाता था। उन्होंने अक्टूबर 2020 में अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश किया।
उनकी बेटी संध्या रवि मोहन ने कहा कि श्रीनिवासन की आयु से संबंधित बीमारियों से मृत्यु हुई है। वे अंत तक अपने काम को लेकर सक्रिय रहे। उन्होंने मीडिया को बताया कि उनके पिताजी ने पूर्व मुख्यमंत्री कामराज, एम. करुणानिधि और एम.जी. रामचंद्रन का साक्षात्कार किया और उनके साथ यात्रा भी की थी। उन्होंने 1976 में स्थापित सरकारिया आयोग की कार्यवाही को भी कवर किया था, जिसे लेकर उनकी संतुलित रिपोर्टिंग की सराहना भी की गई थी।
श्रीनिवासन ने त्रिपलीकेन स्थित ‘द हिन्दू हाई स्कूल’ से अध्ययन किया और पचायप्पा कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
जीएनएस ने अपने करियर की शुरुआत की ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ से स्टेनोग्राफर के तौर पर शुरू की थी। बाद में वे यहां रिपोर्टर बन गए थे। इसके बाद में उन्होंने ‘द हिन्दू’ जॉइन किया और सबसे पहले 1953 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की चेन्नई यात्रा को कवर किया। ‘द हिन्दू’ से रिटायर होने के बाद, उन्होंने पांच साल तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ कानूनी संवाददाता के तौर पर काम किया। जीएनएस ने मद्रास रिपोर्टर्स गिल्ड के अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के रूप में भी अपना योगदान दिया है।
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तमाम उपलब्धियों के बीच वह अगस्त 2019 में ‘FCB Worldwide’ (Foote, Cone & Belding) बोर्ड, न्यूयॉर्क के मेंबर नियुक्त किए गए थे।
DraftFCB+ Ulka के चेयरमैन एमरेटस (Chairman Emeritus) अनिल कपूर का निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रहे थे। वह ‘एफसीबी-उलका’ (FCB-Ulka) ग्रुप के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ (former Managing Director & CEO) थे। तमाम उपलब्धियों के बीच वह अगस्त 2019 में ‘FCB Worldwide’ (Foote, Cone & Belding) बोर्ड, न्यूयॉर्क के मेंबर नियुक्त किए गए थे।
अनिल कपूर को याद करते हुए ‘आईपीजी मीडियाब्रैंड्स’ (IPG Mediabrands) के सीईओ शशि सिन्हा का कहना है, ‘वह मेरे मार्गदर्शक और मित्र से भी बढ़कर थे, जिन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुंचाने में काफी मदद की। इस दुख की भरपाई नहीं की जा सकती है। दुख की इस घड़ी में मैं पीड़ित परिवार के साथ हूं और भगवान से पीड़ित परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।’
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उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में आजतक के पत्रकार शिवनंदन साहू का निधन हो गया है। कौशाम्बी जिले के दारानगर नगर पंचायत के रहने वाले शिवनंदन साहू को बुखार और सांस लेने में दिक्कत के कारण जिला अस्पताल, मंझनपुर में भर्ती करवाया गया था।
यहां उपचार के बाद साहू को प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल रेफर किया गया था, जहां शनिवार शाम को अस्पताल के बाहर ही उनकी मौत हो गई। शिवनंदन साहू के निधन पर तमाम लोगों ने दिवंगत आत्मा को सद्गति और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
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जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार कपिल दत्ता का शुक्रवार सुबह दिल्ली के एक अस्पताल में कोरोना की वजह से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह करीब 10 दिन पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आ गए थे, जिसके बाद उन्हें दिल्ली के विमहंस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उपचार के दौरान उन्हें निमोनिया हुआ और शुक्रवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
मीडिया के उनके सहकर्मियों ने यह जानकारी दी। नोएडा मीडिया क्लब के अध्यक्ष पंकज पराशर ने कहा कि दत्ता को हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दुखद समाचार
— Pankaj Parashar (@PANKAJPARASHAR_) April 9, 2021
नोएडा के वरिष्ठ पत्रकार श्री कपिल दत्ता का कोविड के चलते निधन हो गया है। श्री दत्ता लंबे समय से अंग्रेजी पत्रकारिता से जुड़े रहे। इस समय हिंदुस्तान टाइम्स और पीटीआई के लिए अपनी सेवाएं दे रहे थे।
भगवान उनकी आत्मा को शांति दें और परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति। pic.twitter.com/Z14Zs8NWyk
नोएडा मीडिया क्लब ने एक बयान में कहा, ‘वरिष्ठ पत्रकार और एक अच्छे इंसान कपिल दत्ता सर का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। आज सुबह उनकी मृत्यु हो गई। भगवान उनके परिवार और दोस्तों को इस नुकसान को सहने की ताकत दें। वह हम में से कई लोगों के लिए पिता तुल्य थे।’
बता दें कि कपिल दत्ता 65 वर्ष के थे और करीब 3 दशकों से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में रिपोर्टिंग कर रहे थे। वह अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के लंबे अरसे से संवाददाता थे और आज कल पीटीआई से जुड़े हुए थे। कपिल दत्ता के निधन से दिल्ली-एनसीआर के पत्रकारों में शोक की लहर है। सोशल मीडिया के जरिए तमाम लोग शोक संदेश जारी कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है-
नोएडा के वरिष्ठ पत्रकार श्री कपिल दत्ता का निधन हमारे जनपद की अपूरणीय क्षति है।दो दशकों से मेरा उनसे संपर्क रहा और समय समय पर उन्होंने स्थानीय शिक्षा संस्थानों पर लगातार रिपोर्ट लिखीं जो की हिंदुस्तान टाइम्स में छपती रहीं। उन के इस असामयिक निधन पर शोक संतप्त परिवार को संवेदनाएं । https://t.co/772PFGNn9l
— HARIVANSH CHATURVEDI (@directorBIMTECH) April 9, 2021
He was like a father figure to me. He advised me to join Noida team as I was in HT Gurugram then. He was always helpful, affectionate and polite. Everyone in Noida used to say only one thing about him- he is a real gentleman. I’m extremely sad to hear this..?? https://t.co/hkyUZl12h2
— vinod rajput (@vinodrajputs) April 9, 2021
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शुक्रवार की देर रात लखनऊ में एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली।
वरिष्ठ पत्रकार और लेखक राजीव मित्तल का निधन हो गया है। उन्होंने शुक्रवार की देर रात लखनऊ में एक निजी अस्पताल में आखिरी सांस ली।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजीव मित्तल को कई वर्षों से अस्थमा की समस्या थी। पत्रकारिता में 35 वर्ष से अधिक समय तक सक्रिय रहे राजीव मित्तल हिंदुस्तान, नई दुनिया, सहारा, जनसत्ता, दैनिक जागरण, अमर उजाला आदि अखबारों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे। वह 15 साल से भी ज्यादा समय तक संपादक रहे।
राजीव मित्तल के निधन पर तमाम लोगों ने दिवंगत आत्मा को सद्गति और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
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युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपित मुंबई के न्यूज एंकर वरुण हिरेमथ (28) को 9 अप्रैल को दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत देते हुए गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। कोर्ट ने ये राहत इस शर्त पर दी है कि जब भी जरूरत होगी, वे पुलिस जांच में शामिल होंगे।
बता दें कि हिरेमथ की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली की एक अदालत ने गैरजमानती वारंट (NBW) जारी किया था। साथ ही पुलिस ने वरुण की गिरफ्तारी के लिए इनाम की घोषणा करने का भी फैसला किया था और इस संबंध में मंजूरी के लिए एक फाइल दिल्ली पुलिस मुख्यालय भेजी गई है।
वहीं इससे पहले मार्च में दिल्ली की एक अदालत ने वरुण की अग्रिम जमानत की अर्जी को खारिज कर दी थी। पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LoC) जारी कर दिया था, जिसके तहत उन्हें देश छोड़ने से रोक दिया गया था। बता दें कि दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में दर्ज एफआईआर में एक युवती ने आरोप लगाया था कि एक अंग्रेजी न्यूज चैनल में कार्यरत वरुण हिरेमथ उसे दोस्ती के नाम पर दिल्ली के एक होटल में ले गया था और उसके साथ रेप किया।
यह भी पढ़ें: युवती ने न्यूज एंकर पर लगाया गंभीर आरोप, दर्ज कराई FIR
अपनी शिकायत में करीब 22 वर्षीय इस युवती का कहना है कि वह पुणे में कॉलेज के दिनों से वरुण को करीब तीन सालों से जानती है। मामले के सामने आने के बाद से ही वरुण फरार हैं।
वरुण हिरेमठ के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 376 (रेप के लिए सजा), सेक्शन 342 (गलत तरह से बंदी बनाने की सजा) और 509 (महिला की गरिमा का अपमान करने के शब्द या हरकत) के तहत चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ था।
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महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में एक पत्रकार का अपहरण और हत्या की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी कि राहुरी नगर में स्थानीय साप्ताहिक अखबार के एक पत्रकार का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद हत्या कर दी गई।
राहुरी पुलिस थाने के उपनिरीक्षक गणेश शेलके ने बताया कि 49 वर्षीय रोहिदास दातिर का मंगलवार दोपहर कॉलेज रोड इलाके से अपहरण कर लिया गया, जहां वह अपने दोपहिया वाहन से जा रहे थे और बाद में देर रात उसी जगह से उनका शव मिला जिसपर चोट के कई निशान थे।
अधिकारी ने बताया कि दातिर राहुरी में एक साप्ताहिक अखबार निकालता था। उन्होंने कहा कि वह एक आरटीआई कार्यकर्ता भी था।
उन्होंने बताया कि अपहरण के बाद एक मामला दर्ज किया गया और दातिर की तलाश शुरू की गई।
अधिकारी ने बताया कि एक संदिग्ध की पहचान की गई है और यह हमला पुरानी दुश्मनी का नतीजा लगता है। उन्होंने बताया कि मामले में आगे की जांच जारी है।
रोहिदास दतिर, अहमदनगर जिले के राहुरी में एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स और विजिलेंट जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष थे। रोहिदास की पत्नी ने राहुरी पुलिस स्टेशन में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी और वाहन की तलाश शुरू की थी। हालांकि, मंगलवार आधी रात के आसपास कॉलेज रोड पर रोहिदास दतिर का शव मिला था। पहली नजर में बताया गया कि उसके सिर पर पत्थर फेंककर मारा गया था।
रोहिदास दतिर ने राहुरी तालुका में कई घटनाओं की कवरेज की थी और कई लोगों को न्याय दिलाने का काम किया। कुछ मामले औरंगाबाद कोर्ट में लंबित हैं। रोहित दक्ष पत्रकार संघ के संस्थापक व अध्यक्ष थे और आरटीआई के माध्यम से कई भ्रष्टाचारों को उजागर किया था।
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