जानें, 15 वाइस चांसलर समेत 300 से अधिक शिक्षाविद् क्यों पहुंचे उपराष्ट्रपति के 'दरबार' में

माखनलाल यूनिवर्सिटी में विवादों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2019
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2019
MAKHANLAL

माखनलाल यूनिवर्सिटी में विवादों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला सहित 20 प्रोफेसर व कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अकडेमिशियन्स फ़ॉर फ्रीडम, दिल्ली, के तत्वावधान में 300 से अधिक प्राध्यापकों सहित 15 से अधिक कुलपति, पूर्व कुलपति और प्रति कुलपतियों ने विश्वविद्यालय पर राजनैतिक दमन का आरोप लगाते हुए उपराष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है और इसमें हस्तक्षेप की मांग की है। ग़ौरतलब है कि उपराष्ट्रपति इस विश्वविद्यालय के विज़िटर (कुलाध्यक्ष) हैं और विश्वविद्यालय के अधिनियम के अंतर्गत उन्हें यह अधिकार प्राप्त है।

शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और अन्य 20 प्राध्यापकों पर बिना विधिसम्मत जाँच पड़ताल के गंभीर आरोपों पर एफआईआर दर्ज करवाई है। आरोपी प्राध्यापकों को अपना पक्ष रखने का या कोई स्पष्टीकरण देने का भी अवसर नहीं दिया गया। ज्ञापन में देने वाले लोगों में राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कुलदीपचन्द अग्निहोत्री, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज़ के अध्यक्ष प्रो. कपिल कपूर, बी पी एस महिला विश्वविद्यालय, सोनीपत की कुलपति प्रो. सुषमा यादव, सिद्धार्थनगर विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर के कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे, राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रो. के एन सिंह, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन के तनेजा, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय, नोएडा के कुलपति प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा, विश्वभारती विश्वविद्यालय, शांतिनिकेतन के कुलपति प्रो. बिद्युत चक्रबर्ती, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतीहारी के प्रति कुलपति प्रो. अनिल राय, कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय, रायपुर के पूर्व कुलपति प्रो. मानसिंह परमार, भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. प्रेमचंद पतंजलि इत्यादि के नाम शामिल हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘हम सभी शिक्षकगण, हतप्रभ और आहत हैं कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्विद्यालय, भोपाल की महापरिषद के अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को, पूर्व कुलपति एवं अन्य 20 वर्तमान शिक्षकों पर बिना जाँच के और कई अप्रमाणित आरोपों पर FIR करने का आदेश दिया। विश्वविद्यालय के शिक्षकों पर एफआईआर करने जैसा गंभीर कदम, एक सम्पूर्ण विधिसम्मत प्रक्रिया और स्पष्टीकरण के नोटिस भेजे जाने के पश्चात ही युक्तिसंगत माना जा सकता है। तब भी, उचित यही है, कि एक पूर्ण और पक्षपातरहित जाँच की जाए क्योंकि संबंधित व्यक्ति विश्वविद्यालय के शिक्षक हैं और अत्यन्त जिम्मेदार नागरिक हैं।‘

ज्ञापन में कहा गया है, ‘हम आशंकित हैं कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष के इस कदम से राजनैतिक प्रतिशोध की गंध आती है। क्योंकि आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ है, अतः यह कदम स्पष्टतः असमर्थनीय है और निश्चित रूप से एक लंबी कानूनी लड़ाई की ओर ले जा सकता है। सरकार को भले ही इससे कोई अंतर ना पड़ता हो परन्तु यह शिक्षकों और उनके परिवारों के लिए अत्यंत प्रताड़ित करने वाला होगा। इस संदर्भ को देखते हुए हमें संदेह है कि कोई भी जांच कमेटी जो विश्वविद्यालय द्वारा अपने कदम को तर्कसंगत सिद्ध करने के लिए स्थापित की जाती है या की जाएगी, वह पर्याप्त रूप से पक्षपातरहित और वस्तुनिष्ठ होगी। इससे विश्वविद्यालय और सरकार की विश्वसनीयता और छवि और भी अधिक धूमिल हो जाएगी।‘

शिक्षकों का यह भी कहना है, ‘हमारी मांग है कि शिक्षकों के विरुद्ध FIR तुरंत वापस ली जाए। यद्यपि किसी संस्था की जाँच करना सरकार का विशेषाधिकार है, उसी प्रकार यह भी सरकार का ही दायित्व है कि वह पक्षपातरहित रहे जिससे शिक्षकों के प्रति न्याय होना सुनिश्चित हो। अतः, विश्वविद्यालय केविजिटर, भारत के उपराष्ट्रपति से प्रार्थना है कि वे यथाशीघ्र इस विषय में हस्तक्षेप करें और इस विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष को परामर्श दें कि एफआईआर वापस लें और शिक्षकों को प्रताड़ित करना बंद करें।‘

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जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खाड़े संभालेंगे ‘माखनलाल यूनिवर्सिटी’ के कुलगुरु का अतिरिक्त प्रभार

वह प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश का स्थान लेंगे और इस पद पर नियमति कुलगुरु की नियुक्ति होने तक यह जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 14 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 14 September, 2024
Sudam Khade

मध्य प्रदेश सरकार ने जनसंपर्क आयुक्त सुदाम खाड़े को भोपाल स्थित ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय’ के कुलगुरु का अतिरिक्त प्रभार दिया है। राज्य सरकार की ओर से इस बारे में शुक्रवार को आदेश जारी हो गए हैं।

बता दें कि वर्तमान कुलगुरु प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश का इस पद पर चार साल का कार्यकाल 15 सितंबर 2024 को पूर्ण हो रहा है। इसी वजह से सुदाम खाड़े को विश्वविद्यालय के कुलगुरु का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वह प्रो. (डॉ.) केजी सुरेश का स्थान लेंगे और इस पद पर नियमति कुलगुरु की नियुक्ति होने तक यह जिम्मेदारी संभालते रहेंगे।

सुदाम खाड़े भारतीय प्रशासनिक सेवा 2006 बैच के अधिकारी हैं। वह मध्य प्रदेश में सीहोर और भोपाल की बतौर कलेक्टर कमान संभाल चुके हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में कमिश्नर के पद पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

आपको बता दें कि विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष और मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सात सितंबर 2020 को चार साल के लिए नियुक्ति आदेश जारी करते हुए प्रो. (डॉ.) के.जी सुरेश को विश्वविद्यालय का कुलगुरु नियुक्त किया था।

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने की पत्रकार से बदसलूकी, प्रधानमंत्री समेत NUJI ने की कड़ी निंदा

अब इस पूरे मामले पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) ने कड़ी निंदा की है। 

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 14 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 14 September, 2024
RohitSharma78547

राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से वापस आने के बाद भी इस यात्रा से जुड़े विवाद उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। इंडिया टुडे के संवाददाता रोहित शर्मा ने आरोप लगाया कि डलास में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की। मोबाइल फोन छीन लिया गया और उनसे इंटरव्यू डिलीट करने को कहा गया। 

पत्रकार के मुताबिक, उनके साथ ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उन्होंने सैम पित्रोदा से अपने साक्षात्कार में पूछा था कि क्या राहुल गांधी अमेरिका में सांसदों से मिलने के दौरान बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का मुद्दा उठाएंगे? इसके बाद राहुल की टीम ने उनका फोन छीन लिया और  वीडियो डिलीट कर दिया और उन्हें 30 मिनट तक होटल के कमरे में बंद रखा।

वहीं, अब इस पूरे मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निंदा की है। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है- हमारा स्वतंत्र मीडिया। लेकिन अमेरिका में भारत के अखबार के एक प्रतिनिधि के साथ जिस प्रकार के जुल्म की बातें सामने आई हैं, वो लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं को तार-तार करने वाली हैं। विदेशी धरती पर भारतवासी का अपमान करने वालों के मुंह में ‘संविधान’ शब्द शोभा नहीं देता।' 

वहीं, इस मामले पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) ने भी कड़ी निंदा की है। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स इंडिया के अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि हैरानी की बात है कि एक तरफ राहुल गांधी ने अमेरिका की यात्रा के दौरान भारत में मीडिया की घटती आजादी का मुद्दा उठाया और दूसरी तरफ उनकी टीम के सदस्यों ने भारतीय पत्रकार के साथ सवाल पूछने पर ही बदसुलूकी की और वीडियो को जबरन डिलीट कर दिया।

उन्होंने कहा का कि पत्रकार रोहित शर्मा ने घटना की आपबीती बताते हुए कहा कि यही सवाल एक पत्रकार ने राहुल गांधी से पूछा था और उसे कांग्रेस के एक्स पर पोस्ट किया गया था।

एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि सैम पित्रोदा से इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी की टीम के सदस्यों ने इंटरव्यू बंद करने के लिए हंगामा भी मचाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पहले भी पत्रकारों को निशाना बनाया है। कांग्रेस के तमाम प्रवक्ता मीडिया पैनिलिस्ट पर हमला बोलते रहते हैं। उससे पहले पत्रकारों की जाति पूछकर उनका अपमान किया गया।

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रजनीश आहूजा: खबरों पर मजबूत पकड़ व कुशल नेतृत्व क्षमता से आपने पाया यह मुकाम

रजनीश आहूजा को ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) समेत तमाम अवॉर्ड्स मिल चुके हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 14 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 14 September, 2024
Rajnish Ahuja ABP

देश के प्रमुख मीडिया नेटवर्क ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network)  में कार्यरत वरिष्ठ टीवी पत्रकार रजनीश आहूजा मीडिया में जाना-माना नाम हैं। जब पत्रकारिता की दुनिया में खबरों पर मजबूत पकड़ और कुशल नेतृत्व क्षमता की बात होती है तो रजनीश आहूजा का नाम स्वाभाविक रूप से सामने आता है। हाल ही में ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) के पद से संत प्रसाद राय के इस्तीफे के बाद मैनेजमेंट ने रजनीश आहूजा का ‘कद’ बढ़ाते हुए उन्हें एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) की जिम्मेदारी सौंपी है।

संस्थान द्वारा जारी इंटररनल लेटर के अनुसार, अभी तक संस्थान में जो एंप्लॉयीज संत प्रसाद राय को रिपोर्ट कर रहे थे, वह अब रजनीश आहूजा को रिपोर्ट करेंगे। संत प्रसाद राय के स्थान पर पदभार ग्रहण करते हुए, आहूजा अपने साथ एक विशाल अनुभव का खजाना लेकर आए हैं, जो उन्होंने कई महत्वपूर्ण परिवर्तन, तकनीकी और संपादकीय दोनों ही स्तर पर, अपने नेतृत्व में देखे हैं।

रजनीश आहूजा फिलहाल यहां एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (स्पेशल प्रोजक्ट्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने इसी साल मार्च में यहां जॉइन किया था। ‘एबीपी नेटवर्क’ के साथ उनकी यह दूसरी पारी है।

आपको बता दें कि रजनीश आहूजा इससे पहले करीब ढाई साल से ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में कार्यरत थे। यहां वह ‘जी न्यूज’ (Zee News) के एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां से इस्तीफा देकर उन्होंने ‘एबीपी नेटवर्क’ जॉइन किया था।

रजनीश आहूजा करीब 32 साल से मीडिया में कार्यरत हैं और तमाम प्रमुख मीडिया संस्थानों में सीनियर लीडरशिप की भूमिका निभा चुके हैं। ‘जी मीडिया’ से पहले वह ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में बतौर सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज एंड प्रॉडक्शन) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

रजनीश आहूजा ‘एबीपी’ (पूर्व में स्टार न्यूज) के साथ करीब 17 साल से जुड़े हुए थे। रजनीश आहूजा की एबीपी नेटवर्क के साथ यह यात्रा उनकी नेतृत्व क्षमता और समय के साथ समाचार के विकसित होने की गहरी समझ को प्रमाणित करती है। अपनी पूर्व की पारी में तमाम प्रमुख पदों पर कार्य करने के दौरान रजनीश आहूजा ने एबीपी के न्यूज़ रूम को एक गतिशील, डिजिटल-प्रथम मंच में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में, एबीपी ने ब्रेकिंग न्यूज़ और मुद्दों पर आधारित पत्रकारिता के बीच संतुलन बनाए रखा, जो आहूजा के संपादकीय कौशल का प्रतीक है।

‘एबीपी’ से पहले रजनीश आहूजा 'आजतक' चैनल का हिस्सा हुआ करते थे। वह वहां इनपुट टीम में अहम जिम्मेदारी निभाते थे। देश की प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी 'एएनआई' (ANI) को एक मुकाम तक पहुंचाने में भी रजनीश आहूजा की अहम भूमिका रही है।

पूर्व में वह ‘डीडी न्यूज’ (DD News) में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से पत्रकारिता की डिग्री ली है।

रजनीश आहूजा ने इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल और रिसर्च सेंटर ‘इनसीड’ (Inseed) से ‘INSEAD Leadership Programme for Senior Executives’ (ILPSE) भी किया है। ‘इनसीड’ के यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व में कैंपस हैं और इज़राइल में अनुसंधान केंद्र है। यह स्कूल पूर्णकालिक एमबीए प्रोग्राम और मैनेजमेंट में पीएचडी प्रोग्राम समेत कई शिक्षण प्रोग्राम कराता है।

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वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश कुमार ने बिहार के नए सूचना आयुक्त की ली शपथ

बिहार के नए मुख्य सूचना आयुक्तों को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने गुरुवार को राज भवन में शपथ दिलाई।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 14 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 14 September, 2024
PrakashKumar8547

बिहार के नए मुख्य सूचना आयुक्तों को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने गुरुवार को राज भवन में शपथ दिलाई। इस अवसर पर बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मौजूद थे। सबसे पहले सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और पूर्व मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने शपथ ली और उसके बाद ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के पूर्व वरिष्ठ संपादक प्रकाश कुमार ने शपथ ग्रहण की। अब दोनों अगले तीन साल के लिए बिहार के सूचना आयुक्त बन गए हैं।

सूचना अधिकार को सशक्त बनाना प्राथमिकता

शपथ ग्रहण के बाद, सूचना आयुक्त प्रकाश कुमार ने कहा कि उनका लक्ष्य सूचना के अधिकार को मजबूत बनाना है ताकि सरकार का कामकाज पारदर्शी दिखे। उन्होंने कहा, "मैं पूरी मेहनत और लगन से काम करूंगा ताकि सूचना से जुड़ी हर जानकारी में पारदर्शिता बनी रहे।"

वहीं, बृजेश मेहरोत्रा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता लोगों तक सही और समय पर सूचना पहुंचाना होगी।

सीएम नीतीश कुमार ने दी थी मंजूरी

सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए गठित समिति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल थे। इस समिति की बैठक के बाद बृजेश मेहरोत्रा और प्रकाश कुमार की नियुक्ति का फैसला लिया गया। इसके बाद बिहार सरकार ने अधिसूचना जारी कर इसकी जानकारी दी।

आपको बता दें कि ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के विद्यार्थी रहे प्रकाश कुमार को मीडिया इंडस्ट्री में काम करने का लंबा अनुभव हासिल है। प्रकाश कुमार ‘जी न्यूज’ और ‘एएनआई’ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यही नहीं, उन्हें एक्सचेंज4मीडिया समूह की ओर से दिया जाने वाला प्रतिष्ठित ‘exchange4media news broadcasting award’ (enba) अवॉर्ड भी मिल चुका है। बिहार की राजनीति और प्रशासन के मामलों पर उनकी गहरी पकड़ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी उनका करीबी संबंध रहा है।

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अमर उजाला के डिजिटल हेड जयदीप कर्णिक के पिता का निधन

वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला डिजिटल के हेड जयदीप कर्णिक के पिता सुभाष कर्णिक का मंगलवार को निधन हो गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 September, 2024
Subhashkarnik78451

वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला डिजिटल के हेड जयदीप कर्णिक के पिता सुभाष कर्णिक का मंगलवार को निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा बुधवार सुबह 11 बजे उनके इंदौर स्थित निवास 23 राजश्री वाटिका तिलक नगर से निकलेगी।

बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया जाएगा। सुभाष कर्णिक के निधन पर पत्रकार, नेतागण और अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। 

 

आपको बता दें कि सुभाष कर्णिक नर्मदा आंदोलन से जुड़ें रहे। इसके अलावा इंदौर में कुश्ती और अन्य खेलों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 

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वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय की याद में दिल्ली में प्रार्थना सभा 13 सितंबर को

नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 07 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 07 September, 2024
Umesh Upadhyay

जाने-माने पत्रकार और लेखक उमेश उपाध्याय की याद में 13 सितंबर 2024 को दिल्ली में प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है। नई दिल्ली में जे.एल.एन मार्ग स्थित एस.पी. मुखर्जी सिविक सेंटर के केदारनाथ साहनी सभागार में 13 सितंबर 2024 की शाम चार से पांच बजे के बीच इस प्रार्थना सभा में उमेश उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उन्हें याद किया जाएगा।

गौरतलब है कि करीब 64 वर्षीय उमेश उपाध्याय का एक सितंबर को निधन हो गया था। दिल्ली में वसंत कुंज स्थित उमेश उपाध्याय के घर पर कुछ निर्माण काम चल रहा था, इसी दौरान निरीक्षण करते समय वह गिरकर घायल हो गए थे। तत्काल ही उमेश उपाध्याय को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया था।

एक अनुभवी पत्रकार व कम्युनिकेटर उमेश उपाध्याय को प्रिंट, रेडियो, टीवी और डिजिटल मीडिया में करीब चार दशकों का अनुभव था। उन्होंने एक ग्राउंड रिपोर्टर से एक अनुभवी संपादक तक का सफर तय किया था।

इस दौरान उन्होंने 'प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया', 'ऑल इंडिया रेडियो', 'डीडी न्यूज', 'नेटवर्क18' और 'जी न्यूज' सहित कई अन्य न्यूज नेटवर्क के साथ काम किया। जेएनयू, डीयू और FTII के छात्र रह चुके उमेश उपाध्याय ने कई न्यूज व टॉक शो को प्रड्यूस किया और उसकी एंकरिंग भी की थी।

उमेश उपाध्याय ने कुछ समय पहले ही एक किताब ‘वेस्टर्न मीडिया नरेटिव्स ऑन इंडिया फ्रॉम गांधी टू मोदी’ (WESTERN MEDIA NARRATIVES ON INDIA FROM GANDHI TO MODI) लिखी थी।

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महिला पत्रकार ने SDM पर लगाया ये आरोप, वीडियो वायरल

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक महिला पत्रकार ने एसडीएम प्रीति तिवारी पर उनके घर की जमीन पर कब्जा कराने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 06 September, 2024
Last Modified:
Friday, 06 September, 2024
PreetiTiwari87451

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक महिला पत्रकार ने उनके साथ अभद्र व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है। महिला पत्रकार का दावा है कि शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने विपक्षी पक्ष को उनके घर पर कब्जा दिलवा दिया और जब उन्होंने न्याय की मांग की, तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।

ये है पूरा मामला 

यह मामला अमेठी के मुसाफिरखाना तहसील के गाईमऊ गांव से जुड़ा है। पीड़िता इसरत जहां ने 22 अप्रैल 2019 को सबीरुल निशा से एक मकान खरीदा था, जिसमें वह अपनी बेटी और बेटे के साथ रहती हैं। उनकी बेटी एक पत्रकार हैं। मामले की जड़ तब शुरू हुई जब विपक्षी पक्ष ने दावा किया कि यह मकान उनकी जमीन पर बनाया गया है। आरोप है कि अधिकारियों के निर्देश पर विपक्षी पक्ष को मकान पर कब्जा दिलवा दिया गया।

मकान पर कब्जा होने के बाद महिला पत्रकार लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाती रहीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार, 2 सितंबर को उन्होंने एसडीएम प्रीति तिवारी से मिलकर न्याय की मांग की। महिला पत्रकार का आरोप है कि इस दौरान एसडीएम ने उनके साथ अभद्रता की, जिसका एक वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

महिला पत्रकार ने आरोप लगाया कि जब वह एसडीएम कार्यालय पहुंची, तो एसडीएम प्रीति तिवारी ने कार्यालय से बाहर निकलवा दिया और गुस्से में कहा कि मैं आपका काम नहीं कर पाऊंगी। मेरा मूड खराब है। पीड़ित महिला पत्रकार एक न्यूज चैनल की पत्रकार बताई जा रही है।

एसडीएम का बयान

एसडीएम प्रीति तिवारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "महिला पत्रकार द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि मैंने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह एक जमीन का मामला है, जिसका पहले ही सुलहनामा हो चुका है। महिला पत्रकार ने मेरे कार्यालय में आकर मेरे खिलाफ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया।"

यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।

वहीं इस मामले में यूपी कांग्रेस ने एक ट्वीट कर शासनपक्ष पर सवाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि योगीराज में महिला पत्रकार को न्याय मांगने के लिए अपनी बूढ़ी मां के साथ दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर होना पड़ रहा है। जब जनता की समस्याओं की आवाज उठाने वाली को बेघर होकर भटकना पड़ रहा है तो क्या आप सपने में भी सोच सकते हैं कि यहां आम आदमी को न्याय मिलेगा?

 

 

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जानी-मानी फिल्म समीक्षक व लेखिका अरुणा वासुदेव का निधन, श्रद्धांजलि सभा आठ सितंबर को

करीब 88 वर्षीय अरुणा वासुदेव कुछ समय से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 06 September, 2024
Last Modified:
Friday, 06 September, 2024
Aruna Vasudev

जानी-मानी फिल्म समीक्षक और लेखिका अरुणा वासुदेव का गुरुवार की सुबह निधन हो गया है। अरुणा वासुदेव करीब 88 साल की थीं और काफी समय से अल्जाइमर समेत उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रही थीं। वह करीब तीन हफ्ते से मल्टी-स्पेशिलिटी अस्पताल में भर्ती थीं, जहां गुरुवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

अरुणा वासुदेव की याद में आठ सितंबर, रविवार को दिल्ली स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के कमला देवी ऑडिटोरियम में शाम छह बजे से रात नौ बजे तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।

बता दें कि अरुणा वासुदेव का विवाह राजनयिक सुनील रॉय चौधरी से हुआ था। उनकी बेटी यामिनी रॉय चौधरी राजनीतिक नेता वरुण गांधी की पत्नी हैं। दिल्ली की रहने वाली वासुदेव एशियाई फिल्मों के लिए काम करने वाले विश्वव्यापी संगठन “सिनेमाया: द एशियन फिल्म क्वार्टरली” की संस्थापक-संपादक थीं।

उन्हें करीब 29 साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ‘नेटपैक’ की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है। अरुणा वासुदेव ने समीक्षक, लेखिका, संपादक, चित्रकार, डॉक्यूमेंट्री निर्माता व ट्रस्टी के साथ-साथ एशियाई सिनेमा के पथप्रदर्शक के रूप अपनी खास पहचान बनाई।

अरुणा वासुदेव ने करीब 20 डॉक्यूमेंट्रीज का निर्देशन किया या वह उनकी निर्माता रहीं। इसके साथ ही उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन या सह-संपादन किया, जिनमें ज्यां-क्लाउड कैरियर की ‘इन सर्च ऑफ महाभारत: नोट्स ऑफ ट्रैवल्स इन इंडिया विद पीटर ब्रुक” का फ्रेंच से अंग्रेजी में अनुवाद भी शामिल है।

फ्रांस सरकार ने सिनेमा और कला के क्षेत्र में उनके योगदान को काफी सराहा था और पुरस्कृत किया था। वह फ्रेंच भाषा और संस्कृति से संबंधित एक प्रमुख भारत-फ्रांसीसी सांस्कृतिक केंद्र ‘एलायंस फ्रांसेइस डी दिल्ली’ की बोर्ड सदस्य भी थीं।

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‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ में फोटो प्रदर्शनी छह सितंबर से, देखने को मिलेंगी बेहतरीन तस्वीरें

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (Press Club Of India) के साथ मिलकर ‘मीडिया फोटोजर्नलिस्ट ट्रस्ट’ (Media PhotoJournalist Trust) इस फोटो प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 04 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 04 September, 2024
Photo Exhibition

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (Press Club Of India) के साथ मिलकर ‘मीडिया फोटोजर्नलिस्ट ट्रस्ट’ (Media PhotoJournalist Trust) एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है।

दिल्ली में रायसीना रोड पर स्थित ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ परिसर में छह सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजे इस प्रदर्शनी का शुभारंभ किया जाएगा। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भारतीय निशानेबाज और ओलंपिक मेडलिस्ट गगन नारंग करेंगे।

यह फोटो प्रदर्शनी छह से नौ सितंबर तक दोपहर 12 बजे से शाम पांच बजे तक दर्शकों के लिए खुली रहेगी।

बता दें कि इस प्रदर्शनी में दिल्ली-एनसीआर के फोटो पत्रकारों द्वारा कैद किए गए समाज, राजनीति, और संस्कृति के विविध पहलुओं को उजागर करने वाली छवियों को प्रदर्शित किया जाएगा।

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लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. सौरभ मालवीय बने विद्या भारती के मंत्री

बता दें कि विद्या भारती ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वह इकाई हैं, जो देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर के नाम से विद्यालयों का संचालन करती है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 04 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 04 September, 2024
Sourabh Malviya

लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मालवीय को विद्या भारती पूर्वी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश का मंत्री बनाया गया है।

बता दें कि विद्या भारती ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की वह इकाई हैं, जो देश भर में सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या मंदिर के नाम से विद्यालयों का संचालन करती है। इसका मुख्य कार्य युवाओं को भारतीय ज्ञान परंपरा, संस्कृति, संस्कार और राष्ट्रीय भावना से जोड़ना है।

विद्या भारती के संगठन पुनर्गठन में यूपी बोर्ड के पूर्व सचिव दिव्यकांत शुक्ल को अध्यक्ष, डॉ. जय प्रताप सिंह व डॉ. रेनू माथुर को उपाध्यक्ष, रामनाथ गुप्ता, अनुग्रह मिश्रा को सह मंत्री, सुशील कुमार को कोषाध्यक्ष, हेमचंद्र को क्षेत्रीय संगठन मंत्री व डॉ. राममनोहर को सह संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया है। इसके साथ ही आठ लोगों को सदस्य नामित किया गया है।

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