वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने कुछ इस तरह NDTV पर साधा निशाना...

लंबे समय तक एनडीटीवी समूह से जुड़ी रहीं वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने एनडीटीवी की विशवसनीयता पर सवाल उठाते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है...

Last Modified:
Monday, 23 October, 2017
Samachar4media

समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

लंबे समय तक एनडीटीवी समूह से जुड़ी रहीं वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त ने एनडीटीवी की विशवसनीयता पर सवाल उठाते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी है। उस पोस्ट के जरिए जिस तरह बरखा दत्त ने एनडीटीवी पर निशाना साधा है, वो आजकल मीडिया गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। आप भी उनकी वो पोस्ट ज्यों की त्यों नीचे पढ़े सकते हैं...

For the last few days I have observed with cynical amusement a public debate around NDTV taking down a story related to Amit Shah. I am not getting into the specifics of the story here and whether the story was right or wrong but I did point out when I first heard the controversy that the axing of stories at NDTV is hardly new and those seeking the higher moral ground today remained absolutely silent when some of us fought with the owners and management over these issues.

So when a former colleague calls this an "aberration" surely that is a knowing falsehood. The said former colleague and some others who have lately tried to claim the mantle of free speech crusaders- are all aware of the many different times stories were taken down or simply disallowed at NDTV. All of these people were totally silent then or rationalized the management decisions. An interview Nitin Gokhale did with the outgoing Navy Chief was taken down. There were other guests we were instructed not to call on the channel but the management did not want to put this in writing lest the mail leak. I was disallowed from pursuing a story on what was called the Jayanti Tax controversy. I was given hell for a story I did on Robert Vadra; the only reason that story was not taken down is because it was already published on the website and at the time the management was convinced that it would draw too much attention to take it down Later. Then an innocuous bread and butter interview I did with Chidambaram was taken off air during the aftermath of the surgical strikes. An internal memo was circulated to justify this and went so far as to say that no politician should be given air time - a diktat that lasted all of a day. Already on the wrong side of the network for my argument over the Vadra story I protested this censorship. I said while I worked at NDTV I could not criticise them in public but there was no way I could defend this strange axing either. When asked in public I would simply say it was a management decision above my pay grade. Over the next two months , for the stand I took, I was clearly punished with a hostile newsroom environment that sought to push me out of any big news story that the top bosses were anchoring. It was later told to me that my protest was seen as a "betrayal" and that I argued too much about the news. I was then offered a non daily- news arrangement at NDTV and was told that they - the owners -did not want to hear arguments of the kind I had on News stories like the Vadra issue or the PC axing or other stories. I said that a lack of engagement with the news or elections that were imminent did not suit me and I would rather exit....since my mails had just been hacked ( you can read the fight over the axed PC interview in them) I said I did not want my parting to be linked to that and we agreed I would leave a month later.

What I do know is this :

1. I was punished for taking a stand and speaking my mind on news - censorship. The fights I had applied to both BJP & Congress stories.

2. NDTV wanted me off daily news so that no one would question it's arbitrary decisions

3. Maybe at that stage NDTV was trying to make peace with the BJP. Incidentally it's Senior folks have approached a slew of govt ministers for help in the last few months while pretending to fight the BJP at Press Club and so on..so utterly fake. 4. Am adult enough to know that stories are censored in other newsrooms too but who else pretends to be this self righteous and morally Superior. It's the humbug and hypocrisy that really gets me : say one thing and do another. So forgive me if I laugh at the narrative the company is trying to claim as an anti establishment crusader. Even through this entire period they have repeatedly sought help from the BJP.

I took a stand on censorship and paid a price. So be it. But I don't see ex colleagues doing that. Nor did they speak up earlier though all were aware of these facts.

And I certainly don't see NDTV as either victim or crusader. Oh please. This is what is fake liberalism.



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इस अहम पद पर News18 से जुड़े अमितोष पाल

अमितोष पाल 'न्यूज18' से पहले ‘एबीपी नेटवर्क’ के साथ जुड़े हुए थे, जहां वह बंगाली न्यूज चैनल ‘एबीपी आनंद’ में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट और नेशनल हेड के तौर पर कार्यरत थे

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
Amitosh Pal

'न्यूज18' (News18) में अमितोष पाल की नियुक्ति की खबर आयी है। उन्हें भारतीय भाषाओं (हिंदी + भाषा क्लस्टर) (ईस्ट) का ब्रांच हेच और न्यूज18 बांग्ला, उड़िया, असम का बिजनेस हेड नियुक्त किया गया है।

अमितोष पाल 'न्यूज18' से पहले ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) के साथ जुड़े हुए थे, जहां वह बंगाली न्यूज चैनल ‘एबीपी आनंद’ (ABP Ananda) में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट और नेशनल हेड के तौर पर कार्यरत थे। अमितोष पाल इस मीडिया समूह से करीब 19 साल से जुड़े हुए थे।

अमितोष पाल एक अनुभवी मीडिया सेल्स प्रोफेशनल हैं, उनका करियर 25 साल का है। ‘एबीपी’ (ABP) से पहले वह ‘जी टेलीफिल्म्स’ (Zee Telefilms) और उससे पहले ‘सिटी केबल नेटवर्क’ (Siti Cable Network) और टाटा इंफोमीडिया (Tata Infomedia) के साथ अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

 

नेटवर्क18 में, वह असम और उड़िया के लिए सेल्स का नेतृत्व करने के साथ-साथ सभी ब्रैंड्स व एजेंसियों के लिए विज्ञापन के तौर पर 'न्यूज18 बांग्ला' को पसंदीदा विकल्प के तौर पर स्थापित करने के प्रयास करेंगे। वह ईस्ट मार्केट्स के लिए 'न्यूज18 इंडिया' के मॉनेटाइजेशन इनीशिएटिव्स का भी नेतृत्व करेंगे और इन राज्यों से 'न्यूज18 इंडिया' के लिए रेवेन्यू स्केल तय करेगे। इन मार्केट्स से बांग्ला, असम, उड़िया और हिंदी स्पीकिंग मार्केट्स की सभी मौजूदा रेवेन्यू टीमें उनके साथ मिलकर काम करेंगी। अमितोष पाल फिलहाल मुनीश अत्रे को रिपोर्ट करेंगे।

 

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PTI की महिला रिपोर्टर से मारपीट, ANI के पत्रकार पर लगा आरोप

कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दो पत्रकारों के आपस में भिड़ने की खबर सामने आयी है।

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
PTI78545

कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दो पत्रकारों के आपस में भिड़ने की खबर सामने आयी है। दरअसल, पीटीआई (PTI) ने आरोप लगाया है कि उनकी महिला पत्रकार के साथ एएनआई (ANI) के पत्रकार ने मारपीट की है।

यह घटना गुरुवार को बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घटी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद ANI और PTI की महिला रिपोर्टर के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई और देखते ही देखते ANI के युवा रिपोर्टर ने PTI की महिला संवाददाता को थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।

PTI के मुताबिक, बेंगलुरु में एक प्रेस कार्यक्रम में एक युवा PTI  महिला रिपोर्टर के साथ शारीरिक रूप से मारपीट की और मौखिक रूप से यौन अपशब्द कहे गए।

PTI मैनेजमेंट अपनी महिला रिपोर्टर के साथ हुए इस दुर्वव्यवहार से खफा है और इस मामले को महिला आयोग के समक्ष ले जाने का फैसला किया है। ट्विटर पर वीडियो पोस्ट कर PTI ने डीके शिवकार और ANI की एडिटर स्मिता प्रकाश को पोस्ट में टैग किया है। PTI ने स्मिता प्रकाश से सवाल किया है कि क्या वह अपने रिपोर्टर के इस व्यवहार की निंदा और उचित कार्रवाई करेंगी? PTI के मुताबिक, ANI के संवाददाता ने महिला रिपोर्टर को अपशब्द भी कहे।

PTI मैनेजमेंट ने कहा है कि हम अपने एम्प्लॉयीज की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। इस घटना को लेकर PTI की पत्रकार ने बेंगलुरु में ANI के रिपोर्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। 

 

 

 

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‘शेयरचैट’ ने कार्तिक पटियार को किया नियुक्त, सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

कार्तिक पटियार इससे पहले 'डिज्नी+हॉटस्टार’ (Disney+Hotstar) से जुड़े हुए थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
Kartik Patiar

भारतीय सोशल मीडिया कंपनी 'शेयरचैट' (ShareChat) ने कार्तिक पटियार को सीनियर डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया है। अपनी इस भूमिका में वह राष्ट्रीय स्तर पर 'शेयरचैट' (ShareChat) और 'मोज' (Moj) के ऑनलाइन व मीडिया-एंटरटेनमेंट वर्टिकल्स का नेतृत्व करेंगे। वह 'शेयरचैट' की बिजनेस टीम का हिस्सा होंगे।  

कार्तिक को विभिन्न सेक्टर्स और इंडस्ट्रीज के साथ काम करने का 16 साल से ज्यादा का अनुभव है। इससे पहले वह 'डिज्नी+हॉटस्टार’ (Disney+Hotstar) से जुड़े हुए थे और डायरेक्टर (LCS Sales) के तौर पर रेवेन्यू चार्टर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

इससे पहले वह फ्लिपकार्ट, ओएलएक्स और स्विगी से जुड़े रहे हैं, जहां उन्होंने बिजनेस, ग्रोथ और मार्केटिंग में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं। इसके अलावा वह लेनोवो (एशिया पैसिफिक) के साथ भी जुड़े रहे हैं, जहां उन्होंने एशिया पैसिफिक के लिए मार्केटिंग स्ट्रैटेजी का नेतृत्व किया था। इसके अलावा करियर के शुरुआती दिनों में वह ‘मॉन्डलेज’ के साथ भी काम कर चुके हैं।  

कार्तिक पटियार की नियुक्ति के बारे में शेयरचैट और मोज के चीफ बिजनेस ऑफिसर गौरव जैन का कहना है, ‘कार्तिक ने सेल्स और मार्केटिंग में एक दशक से ज्यादा काम किया है। इंडस्ट्री की गतिशीलता और ग्राहक भावना के बारे में उनकी मजबूत समझ शेयरचैट पर हमारे लिए एक अमूल्य अनुभव होगी। उनकी अंतर्दृष्टि हमें देश की सबसे बड़ी घरेलू सोशल मीडिया कंपनी में बिजनेस टीम को और सशक्त बनाने में मदद करेगी। हम अपने सभी पार्टनर्स के लिए एक उत्कृष्ट सामाजिक अनुभव (social experience) तैयार करने के लिए तत्पर हैं।’

वहीं अपनी नई भूमिका के बारे में कार्तिक पटियार का कहना है, ‘मैं शेयरचैट के साथ इस नए सफर को शुरू करने के लिए काफी उत्साहित हूं और कुछ सबसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों व टीमों के साथ काम करना वास्तव में सौभाग्य की बात है। मैं कंपनी में योगदान देने और हमारे व्यावसायिक प्रयासों को अधिकतम करने के लिए उत्सुक हूं। मेरा लक्ष्य हमारे बिक्री प्रयासों, ग्राहक संबंधों और व्यवसाय के लिए विकास के नए अवसरों पर सकारात्मक प्रभाव डालना है।’

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मीडिया की स्वतंत्रता बनाए रखने पर निचली अदालतों को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्देश

देश के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने मीडिया की स्वतंत्रता बनाए रखने को लेकर निचली अदालतों को बड़ा निर्देश दिया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
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देश के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने मीडिया की स्वतंत्रता बनाए रखने को लेकर निचली अदालतों को बड़ा निर्देश दिया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह 'ब्लूमबर्ग' से जुड़ी अवमानना याचिका के मामले में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने अदालतों से मीडिया घरानों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश पारित करते समय "सावधानीपूर्वक चलने" के लिए कहा है।

पीठ ने कहा कि अदालत को प्रथम दृष्टया आरोपों की गुणवत्ता की जांच किए बिना मीडिया घरानों के खिलाफ एकतरफा प्रतिबंध आदेश पारित करने से बचना चाहिए। इसमें कहा गया है, "किसी आर्टिकल के छपने के खिलाफ प्री-ट्रायल निषेधाज्ञा देने से लेखक की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जनता के जानने के अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।।"

इस टिप्पणी के साथ शीर्ष अदालत ने देश की मशहूर मीडिया समूह के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक समाचार लेख का प्रकाशन रोकने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को भी निरस्त कर दिया। 

अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह 'ब्लूमबर्ग' पर 'जी एंटरटेनमेंट' के खिलाफ अपमानजनक लेख लिखने का आरोप है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने कहा, ‘‘समाचार के खिलाफ सुनवाई पूर्व निषेधाज्ञा प्रदान करने से इसे लिखने वाले की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जानकारी प्राप्त करने के लोगों के अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।’’

सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। न्यायालय ने कहा कि यह तय किए बिना एक पक्षीय निषेधाज्ञा जारी (Ex-Parte Injunction) नहीं की जानी चाहिए कि जिस सामग्री को निषिद्ध करने का अनुरोध किया गया है वह दुर्भावनापूर्ण एवं झूठी है।  

पीठ ने कहा कि दूसरे शब्दों में मुकदमे का ट्रायल शुरू होने से पहले लापरवाही से (cavalier manner) अंतरिम निषेधाज्ञा जैसे आदेश 'सार्वजनिक बहस का गला घोंटने की तरह' हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ की पीठ ने साफ किया कि अदालतों को असाधारण मामलों को छोड़कर एकपक्षीय निषेधाज्ञा नहीं देनी चाहिए। ऐसा करने पर मुकदमे की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी की तरफ से बचाव में पेश की गई दलीलें निस्संदेह असफल होंगी।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आरोप साबित होने से पहले प्रकाशित होने वाली सामग्री के खिलाफ अंतरिम निषेधाज्ञा, वह भी मुकदमा शुरू होने से पहले 'मौत की सजा' की तरह है। न्यायालय ने कहा कि मानहानि के मुकदमों में अंतरिम निषेधाज्ञा देते समय, स्वतंत्र भाषण और सार्वजनिक भागीदारी पर रोक जैसे पहलुओं पर भी ध्यान रखना चाहिए। अदालतों को लंबी मुकदमेबाजी (prolonged litigation) का उपयोग करने की क्षमता पर भी ध्यान देना चाहिए।   

शीर्ष अदालत ने कहा कि ट्रायल जज की गलती को उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा। ट्रायल जज के आदेश में केवल यह दर्ज करना कि 'निषेधाज्ञा के लिए प्रथम दृष्टया मामला बनता है,' पर्याप्त नहीं। इसमें सुविधा के संतुलन (balance of convenience) या अपूरणीय कठिनाई (irreparable hardship) को भी अनदेखा किया गया है। ट्रायल जज के सामने तथ्यात्मक आधार और प्रतिवादी की दलीलें पेश करने के बाद ट्रायल जज को यह विश्लेषण करना चाहिए था कि इस मामले में एकपक्षीय निषेधाज्ञा क्यों जरूरी है।

पीठ ने कहा, यह एक मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही में दी गई निषेधाज्ञा का मामला है। संवैधानिक रूप से संरक्षित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार पर निषेधाज्ञा का गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इस कारण निचले अदालत के आदेश में हस्तक्षेप की जरूरत है।
  

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मीडिया संगठनों ने की फोटो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा फोटो पत्रकारों से कथित तौर पर हाथापाई किये जाने की मंगलवार को मीडिया संगठनों ने निंदा की

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 27 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 27 March, 2024
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आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा फोटो पत्रकारों से कथित तौर पर हाथापाई किये जाने की मंगलवार को मीडिया संगठनों ने निंदा की और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से विषय की जांच कराने की मांग की। 

इस मामले को लेकर ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (पीसीआई) और ‘दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ ने हैरानगी जताई और उन फोटो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की, जो राष्ट्रीय राजधानी में आप के प्रदर्शन को कवर कर रहे थे। 

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ ने एक बयान में कहा कि वह दिल्ली पुलिस द्वारा फोटो पत्रकारों पर किये गए हमले की निंदा करता है। 

‘वर्किंग न्यूज कैमरामैन्स एसोसिएशन’ ने घटना की तस्वीरें जारी की हैं, जिनमें कुछ पुलिस अधिकारियों को फोटो पत्रकारों का गला पकड़े और अन्य को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी देते देखा जा सकता है।

बयान में कहा गया है, ‘‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया दिल्ली पुलिस के बल प्रयोग की एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करता है ताकि पीड़ित फोटो पत्रकारों को न्याय मिले और वे पुलिस की बर्बरता का सामना किये बिना अपना पेशेवर काम कर पाएं।’’

दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने निर्वाचन आयोग और केंद्रीय गृह मंत्रालय से दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

बता दें कि आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रर्दशन का आयोजन किया था।

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दुनिया को अलविदा कह गए वरिष्ठ पत्रकार बीसी जोजो

मलयालम दैनिक 'केरल कौमुदी' (Kerala Kaumudi) के एग्जिक्यूटिव एडिटर रहे वरिष्ठ पत्रकार बीसी जोजो का संक्षिप्त बीमारी के बाद तिरुवंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया

Last Modified:
Tuesday, 26 March, 2024
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मलयालम दैनिक 'केरल कौमुदी' (Kerala Kaumudi) के एग्जिक्यूटिव एडिटर रहे वरिष्ठ पत्रकार बीसी जोजो का संक्षिप्त बीमारी के बाद तिरुवंतपुरम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 66 साल के थे।

अपनी खोजी रिपोर्ट्स के लिए पहचाने जाने वाले जोजो सरकारी स्तर पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करने वाली कई स्टोरीज को सामने लेकर आ चुके हैं।

1985 में 'केरल कौमुदी' अखबार से जुड़ने के बाद, जोजो ने 2003 से 2012 तक एक दशक से अधिक समय तक इसके एग्जिक्यूटिव एडिटर के रूप में कार्य किया। 

जोजो के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। 

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बेहतरी की दिशा में ‘जी एंटरटेनमेंट’ के बोर्ड का बड़ा कदम, शुरू किया ‘3M’ प्रोग्राम

3एम कार्यक्रम के तहत कंपनी के बोर्ड ने मैनेजमेंट की बिजनेस परफॉर्मेंस की समीक्षा करने और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए एक विशेष समिति का गठन भी किया है।

Last Modified:
Tuesday, 26 March, 2024
Zee

‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) के बोर्ड ने ‘मंथली मैनेजमेंट मेंटरशिप’ (3M) प्रोग्राम शुरू किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मैनेजमेंट टीम को एमडी और सीईओ द्वारा लक्षित 20% EBITDA मार्जिन सहित प्रमुख मेट्रिक्स प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना और सक्षम बनाना है।

कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ‘ZEE’  के चेयरमैन आर. गोपालन के नेतृत्व में यह कदम सभी हितधारकों को उच्च मूल्य प्रदान करने के प्रति बोर्ड की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। प्रेस और निवेशकों के साथ अपनी हालिया बातचीत में गोपालन ने कंपनी के सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए बोर्ड द्वारा अपनाए गए विस्तृत दृष्टिकोण को मजबूती से रखा है। 3एम कार्यक्रम की स्थापना इस दिशा में एक मजबूत कदम है।

3एम कार्यक्रम के तहत कंपनी के बोर्ड ने मैनेजमेंट की बिजनेस परफॉर्मेंस की समीक्षा करने और आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। विशेष समिति में ‘ZEE’ के चेयरमैन आर. गोपालन और ऑडिट समिति के चेयरमैन उत्तम प्रकाश अग्रवाल शामिल हैं।

3एम प्रोग्राम की विशेष समिति ने बिजनेस वर्टिकल योजनाओं का मूल्यांकन करने, रेवेन्यू जुटाने के दृष्टिकोण और कंपनी में बेहतर दक्षता के लिए संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने के लिए मैनेजमेंट के साथ व्यापक समीक्षा सत्रों का पहला दौर शुरू कर दिया है।

3M कार्यक्रम के पहले चरण के पूरा होने के बाद ZEE के चेयरमैन आर. गोपालन ने कहा, ‘विभिन्न व्यावसायिक कार्यक्षेत्रों, कॉर्पोरेट कार्यों और मैनेजमेंट टीम के लीडर्स के साथ 33 बैठकों के दौर के बाद, लक्षित परिणाम देने की कंपनी की क्षमता में हमारा विश्वास निश्चित रूप से और मजबूत हुआ है। कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में पुनीत गोयनका के कुशल नेतृत्व में बिजनेस अच्छी तरह से संरेखित हैं और भविष्य के लिए निर्धारित लक्ष्यों की ओर केंद्रित हैं। समिति ने बिजनेस लीडर्स को अपने स्वतंत्र, तटस्थ और नए विचार प्रदान किए हैं, जिससे वे अपनी दक्षता और प्रदर्शन को और बेहतर बनाने में सक्षम हो सकें। बोर्ड ने एमडी और सीईओ को मैनेजमेंट स्ट्रक्चर को और सरल बनाने व ह्यूमन कैपिटल (मानव पूंजी) के उपयोग को अनुकूलित करने की भी सलाह दी है।’

3एम कार्यक्रम की विशेष समिति ने उन बिजनेस क्षेत्रों की भी पहचान की है जिनके लिए एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन की आवश्यकता है। इनमें 1) Margo Networks (Sugarbox), 2) Teleplay & Zindagi, 3) Hipi, 4) Weyyak और 5) English Cluster of Linear TV Business शामिल हैं।

विशेष समिति ने सलाह दी है कि पहचाने गए बिजनेस क्षेत्रों को घाटे को काफी हद तक कम करने और अपने प्रदर्शन के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता है। 3एम प्रोग्राम स्पेशल कमेटी ने ‘टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सेंटर’ (TIC) का विस्तृत मूल्यांकन भी किया, जिस पर लगभग 600 करोड़ रुपये का खर्च आया था। विशेष समिति ने गेमिंग और उत्पाद विकास के क्षेत्र में ‘टीआईसी’ द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, लेकिन उसका यह भी मानना ​​है कि कई विकास परियोजनाएं अपनी परिपक्वता के स्तर तक पहुंच गई हैं।

समिति ने सलाह दी है कि मैनेजमेंट को अपनी मूल विशेषज्ञता, लोकाचार और डीएनए यानी कंटेंट पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। इसलिए, इसने प्रबंधन को अपनी सामग्री विकास और वितरण प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए ‘टीआईसी’ की सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी है। 3एम कार्यक्रम की विशेष समिति ने कंपनी के म्यूजिक बिजनेस की भी समीक्षा की है और अपनी लीडरशिप टीम को मुद्रीकरण के तरीकों को बढ़ाने और बाद में कंपनी की निचली रेखा में कार्यक्षेत्र के योगदान को बढ़ाने की सलाह दी है।

कंपनी की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि 15 मार्च 2024 को शेयरधारकों की मंजूरी के बाद तीन स्वतंत्र निदेशकों की हालिया नियुक्ति कंपनी के बोर्ड में शेयरधारकों के विश्वास को रेखांकित करती है। बोर्ड इस दिशा में आगे बढ़ते हुए कंपनी के निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में मैनेजमेंट को मार्गदर्शन और सलाह प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है।

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इस अहम पद पर 'माइंडशेयर' से जुड़े प्रियदर्शी बनर्जी

प्रियदर्शी बनर्जी को माइंडशेयर, 'ग्रुपएम' (GroupM) में प्रिंसिपल पार्टनर/ लीड- कंटेंट+ (यूनिलीवर) के रूप में नियुक्त किया गया है।

Last Modified:
Tuesday, 26 March, 2024
PriyadarshiBanerjee884521

प्रियदर्शी बनर्जी को माइंडशेयर, 'ग्रुपएम' (GroupM) में प्रिंसिपल पार्टनर/ लीड- कंटेंट+ (यूनिलीवर) के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने लिंक्डइन पर इस खबर की घोषणा की। उनके लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैं माइंडशेयर, ग्रुपएम में प्रिंसिपल पार्टनर/लीड - कंटेंट+ (यूनिलीवर) के तौर पर एक नई शुरुआत कर रहा हूं।"

इससे पहले, प्रियदर्शी बनर्जी कोफ्लुएंस (Kofluence) में अकाउंट मैनेजमेंट में वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर कार्यरत थे।

प्रियदर्शी एक क्रॉस-फंक्शनल लीडर हैं, जो ब्रैंड मैनेजमेंट, बिजनेस डेवलपमेंट, ग्रोथ हैकिंग, कंटेंट स्ट्रैटेजी, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर मार्केटिंग, कैंपेन मैनेजमेंट आदि में विशेषज्ञता रखते हैं।

अपने पिछले कार्यकाल में, प्रियदर्शी बनर्जी ने नियोमा वेंचर्स, वन डिजिटल एंटरटेनमेंट, बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) सहित अन्य कंपनियों के साथ काम किया है।

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enba 2023: विजेताओं के नाम से 30 मार्च को उठेगा पर्दा

इससे पहले सुबह नौ बजे से ‘न्यूज नेक्स्ट’ (News Next) 2024 कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर जाने-माने पत्रकार और इंडस्ट्री लीडर्स अपनी बात रखेंगे।

Last Modified:
Friday, 29 March, 2024
enba

‘एक्सचेंज4मीडिया’ समूह द्वारा प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले बहुप्रतिष्ठित ‘एक्‍सचेंज4मीडिया न्‍यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) 2023 के विजेताओं के नाम से जल्द पर्दा उठने वाला है। 30 मार्च 2024 को दिल्ली स्थित ‘द इंपीरियल’ (The Imperial) होटल में होने वाले एक समारोह में इन विजेताओं के नामों की घोषणा की जाएगी और उन्हें सम्मानित किया जाएगा। इससे पहले सुबह नौ बजे से ‘न्यूज नेक्स्ट’ (News Next) 2024 कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर जाने-माने पत्रकार और इंडस्ट्री लीडर्स अपनी बात रखेंगे। इनबा का 16वां एडिशन है।

बता दें कि इन अवॉर्ड्स के तहत विभिन्न श्रेणियों में तमाम एंट्रीज में से विजेताओं का चुनाव करने के लिए 19 मार्च 2024 को दिल्ली के ‘द लीला पैलेस’ होटल में जूरी मीट का आयोजन किया गया था। इस जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिष्ठित नाम शामिल हुए।

enba 2023: तस्वीरों में देखिए जूरी मीट की झलकियां

गौरतलब है कि वर्ष 2008 में अपनी शुरुआत के बाद से ही हर साल ये अवॉर्ड्स मीडिया में कार्यरत उन शख्सियतों को दिए जाते हैं, जिन्‍होंने देश में टेलिविजन न्‍यूज इंडस्‍ट्री को एक नई दिशा दी है और अपने योगदान से इस इंडस्‍ट्री को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

इसके तहत बेस्ट न्यूज चैनल ऑफ द ईयर इन हिंदी/अंग्रेजी से लेकर बेस्ट सीईओ ऑफ द ईयर और बेस्ट एडिटर-इन-चीफ जैसी कई श्रेणियों में अवॉर्ड दिए जाते हैं। इनबा के 15वें एडिशन में चेयरपर्सन की भूमिका देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने निभाई थी।

पूर्व के वर्षों में इनबा की जूरी में हरिवंश नारायण सिंह-राज्य सभा के डिप्टी चेयरमैन;  डॉ. किरण कार्णिक-पूर्व प्रेजिडेंट, नैसकॉम; डॉ. नसीम जैदी-भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त; एस.वाई. कुरैशी-भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त;  एन. राम-चेयरमैन, कस्तूरी एंड संस लिमिटेड, पूर्व एडिटर-इन-चीफ द हिंदू एंड ग्रुप न्यूजपेपर्स; संजय गुप्ता-मैनेजिंग डायरेक्टर, स्टार इंडिया जैसे जाने-माने नाम शामिल रहे हैं।

विजेताओं का चयन करने के लिए 19 मार्च को हुई जूरी मीट में ये प्रमुख नाम शामिल रहे।

  NAME DESIGNATION  COMPANY
1 Acharya Praveen Chauhan Astrologer, Palmist, Occultist, Author, Research Scholar(Psychology)  
2 Acharya Shailesh Tiwary Vedic Tantra Guru  
3 Alok Mehta (Padma Shri) Former President EGI  
4 Amit Gujral Chief Marketing Officer JK Tyre & Industries Ltd.
5 Anu Sehgal Founder Digital Mill Consultants and Social Media Influencer
6 Anurag Bhadouria National Spokesperson Samajwadi Party
7 Arjan Kumar Sikri Jurist and Former Judge  
8 Ashish Shelar President Maharashtra BJP  
9 Atif Rasheed National Executive Member Bharatiya Janata Party OBC Morcha
10 Atul Hegde Co-founder Rainmaker Ventures
11 Charu Pragya Spokesperson BJP
12 Deepali Naair Group CMO CK Birla Group
13 Dhanendra Kumar Chairman Competition Advisory Services (India) LLP
14 Dikshu C. Kukreja Honorary Consul General of The Republic of Albania, New Delhi  
15 Dr Arvind Kumar Goel Renowned Educationist and Philanthropist  
16 Dr. Amit Goel Editorial Director The Pioneer
17 Dr. Annurag Batra Chairman & Editor in chief exchange4media & Businessworld
18 Dr. Bhuvan Lall Author & Film Producer  
19 Dr. Shama Mohamed National Spokesperson Indian National Congress
20 Dr. Vishal Talwar Director IMT Ghaziabad
21 Gaurav Khullar Honorary Emeritus, Khullar Group of Companies & Enterpreneur  
22 Harsha Razdan CEO - South Asia Dentsu
23 Harvannsh Chawla Founder & Managing Partner K R Chawla & Co. Advocates
24 Ishank Joshi CEO Mobavenue Media
25 Jaiveer Shergill National Spokesperson BJP
26 Jamal Shaikh Chief Operating Officer - Lifestyle Media Businesses RP Sanjiv Goenka Group
27 Janardan Pandey Founder & Managing Director Nett Value Media
28 Kunal Katyal Managing Director Konig Group
29 Kunal Tandon Counsel, Delhi High Court and Supreme Court of India  
30 M.Q. SYED C.M.D. Exhicon Events Media Solutions Ltd.
31 Markand Adhikari Chairman & MD SRI ADHIKARI BROTHERS (SABGROUP)
32 Mohit Saraf Founder & Managing Partner Saraf and Partners
33 Namita Chaddha Founder & Managing Partner Chadha & Co.
34 Naziya Alvi Rahman Editor exchange4media
35 Noor Fathima Warsia Group Editorial Director BW Businessworld
36 Pramod Dubey Senior Advocate Supreme Court of India
37 Prateek Bhatt Writer, Astrologer, Face Reader, Numerologist, Spiritual Guru  
38 Pulkit Narayan
Founder & CEO
DangleAds Technologies
39 Rahul Suri Founder Rabaan Enterprises
40 Rajeev Jain Sr. Vice President- Corporate Marketing DS Group
41 Rajesh Lalwani CEO Scenario Consulting
42 Rajiv Dubey Senior GM Head of Media Dabur India
43 Rohit Ohri FCB Global Partner  
44 Ruby Sinha Founder, sheatwork.com and President, BRICS CCI WE  
45 S. Ravi Managing Partner Ravi Rajan & Company,Chairman- TFCI
46 Salil Kapoor Independent director on board , ESSCI ( Electronic Sector Skill Council of India )  
47 Sandeep Dahiya Founder & CEO Branquila Brand Ventures
48 Sandeep Mahajan Chairman & Managing Director Goodyear India Limited
49 Saurav Banerjee Managing Director & Founder MyyTake
50 Shalabh Mani Tripathi Media Advisor, Hon. CM, Uttar Pradesh  
51 Shashank Bajpai Counsel for Union of India Supreme Court and Managing Partner Vardharma chambers  
52 Shazia Ilmi National Spokesperson BJP
53 Shivani Malik Founder Mother's Kitchen
54 Shubhranshu Singh Chief Marketing Officer Tata Motors CV
55 Sudhir Mishra Founder & Managing Partner Trust Legal
56 Suman Saraf Managing Director Radha TMT
57 Sunil Bhargava IAS (Retired) and Cultural Entrepreneur  
58 Sunil Chauhan Founder Fabcafe by Fabindia
59 Syed Zafar Islam Former MP Rajya Sabha
60 Vaibhav Dange Former Advisor National Highways Authority of India, Ministry of Road Transport & Highways
61 Vandana Bhargava Founder and Chairperson House of VSB
62 Veer Sagar Chairman Selectronic India
63 Vinit Goenka Spokesperson BJP Delhi
64 Vinod Agnihotri Consulting editor Amar Ujala
65 Sanjay Jha Head of Newsgathering (South Asia) ITV News, London
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‘Dish TV’ के शेयरहोल्डर्स ने खारिज की तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की उम्मीदवारी: रिपोर्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शेयरधारकों की एक्सट्रा-ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGOM) में सुनील खन्ना, सोनल बंकिम पारेख और रवि भूषण पुरी की दावेदारी के खिलाफ 80 प्रतिशत वोट पड़े

Last Modified:
Saturday, 23 March, 2024
Dish TV

भारत की डायरेक्ट-टू-होम टेलीविजन सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ‘डिश टीवी’ (Dish TV) के शेयरहोल्डर्स ने तीन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से मिली इस खबर के अनुसार, डिश टीवी कंपनी के शेयरधारकों की एक्सट्रा-ऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGOM) में यह निर्णय लिया गया। इस मीटिंग में डायरेक्टर के रूप में सुनील खन्ना, सोनल बंकिम पारेख और रवि भूषण पुरी की दावेदारी के खिलाफ 80 प्रतिशत वोट पड़े।

बता दें कि कंपनी के बोर्ड से अब तक 16 डायरेक्टर्स को बाहर किया जा चुका है। पिछले साल दिसंबर में डिश टीवी के शेयरधारकों ने चार स्वतंत्र निदेशकों की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया था। उस समय डिश टीवी प्रभावी रूप से फंक्शनल बोर्ड के बिना हो गया था।

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