मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने और ऊंचाइयों को छूने वालों को हर साल ‘एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप...
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में
बेहतरीन योगदान देने और ऊंचाइयों को छूने वालों को हर साल ‘एक्सचेंज4मीडिया
ग्रुप’ द्वारा दिए जाने वाले बहुप्रतीक्षित 14वें इंपैक्ट
पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड (IMPACT Person of the Year award) के
विजेता के नाम से शुक्रवार को पर्दा उठ गया। मुंबई के ताज सांताक्रूज में ‘गूगल’ के वाइस प्रेजिडेंट (दक्षिण पूर्व एशिया और
भारत) राजन आनंदनको यह अवॉर्ड दिया गया।
इस बार इस अवॉर्ड के लिए
नौ नॉमिनी ‘InMobi’ के फाउंडर और सीईओ नवीन तिवारी, ‘Parle Agro’ की जॉइंट
एमडी और सीएमओ नाडिया चौहान, ‘Star India’ के मैनेजिंग
डायरेक्टर संजय गुप्ता, ‘Mondelez India’ के मैनेजिंग
डायरेक्टर दीपक अय्यर, ‘Google’ के वाइस प्रेजिडेंट (दक्षिण
पूर्व एशिया और भारत) राजन आनंदन, ‘Oyo’ के फाउंडर रितेश
अग्रवाल, ‘Hindustan Unilever Limited’ के चेयरमैन और एमडी
संजीव मेहता, ‘Ogilvy’ (South Asia) के
एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और क्रिएटिव डायरेक्टर पीयूष पांडे व ‘Corcoise Films’ के डायरेक्टर प्रसून पांडे और ‘Swiggy’ के
को-फाउंडर्स श्रीहर्ष मजेटी, राहुल जैमिनी व नंदन रेड्डी मैदान में थे।
कार्यक्रम के दौरान ‘बिजनेसवर्ल्ड’
और एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के चेयरमैन व
एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने अपने संबोधन की शुरुआत की जानी-मानी आर्टिस्ट Charlotte
Eriksson की पंक्तियों से की।
‘You have to believe that
your voice can mean something. You have to believe that what you do matters.
And you have to keep going even on days you can't find that belief. If you
can't do it for yourself, you do it for all the other young souls who need to
be shown that things are possible. That they too can do that thing they dream
of. You do it despite the doubts and the struggles. You do it because it's what
you came here to do. That's what makes an artist.’
उन्होंने कहा, ‘इंपैक्ट
पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड (IMPACT Person of the Year award) के
लिए इस साल जितने भी नॉमिनी चुने गए, सभी नई ऊंचाइयां छूने में विश्वास रखते हैं।
सभी अपने-अपने फील्ड में महारथी हैं, ऐसे में इनके बारे में किसी तरह का परिचय देना
इनकी शान में गुस्ताखी ही कहा जाएगा। हालांकि, मैं बहुत ही थोड़े शब्दों में बता दूं
कि आखिर इस अवॉर्ड के लिए इन्हें नॉमिनेट क्यों किया गया।’
रितेश अग्रवालः‘इस लिस्ट
में शामिल रितेश सबसे युवा है। रितेश ने दिखा दिया है कि भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी
और ग्लोबल प्लेयर कैसे तैयार होता है। चीन जैसे प्रतिस्पर्धी मार्केट के बावजूद वह
सफलता के नए आयाम गढ़ रहे हैं। ओयो के रेवेन्यू, सर्विस और प्रॉडक्ट/सर्विस को लेकर कई प्लेयर्स और इनवेस्टर्स काफी कुछ लिख चुके हैं। रितेश
ने साबित कर दिया है कि यह तो अभी शुरुआत है, वह इसे और नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
यही कारण है कि रितेश को इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया।’
नाडिया चौहानः‘नाडिया
चौहान ने पारले एग्रो ब्रैंड और बिजनेस को एक तरह से पुनर्जीवित किया है। आज यह
बिजनेस काफी बढ़ चुका है और ब्रैंड की बात करें तो इसने अपनी मजबूत पकड़ बना रखी
है। सही मायनों में नाडिया एक लीडर हैं और तरक्की को नया आयाम देने वाली शख्सियत
हैं, जो भविष्य में इस ब्रैंड को और आगे ले जाएंगी। यही कारण है कि उन्हें इस
लिस्ट में शामिल किया गया।’
संजीव मेहताः‘मेहता मेरे
फेवरेट हैं। वह HUL को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। HUL के प्रॉफिट और कामकाज की बात करें तो यह विश्वस्तरीय है और मेहता की
लीडरशिप तो वाकई काबिले तारीफ है। HUL द्वारा ‘GlaxoSmithKline’
(GSK) के अधिग्रहण ने साबित कर दिया है कि मेहता इसे कितना आगे तक
ले जाएंगे। पिछले साल बिजनेसवर्ल्ड की मार्केटिंग व्हाइट बुक की लॉन्चिंग के दौरान
मैंने जब मेहता से पतंजलि के बारे में बात की तो उनका कहना था कि एक पत्रकार के
रूप में मुझे इस बारे में और गहराई में जाना चाहिए। मेहता का यह भी कहना था कि वे
प्रतिस्पर्धा का स्वागत करते हैं लेकिन वह अभी HUL को मजबूती
देने और इसके भविष्य पर फोकस कर रहे हैं। मेहता की लीडरशिप अनुकरणीय है और HUL को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के कारण ही उनका नाम इस लिस्ट में
शामिल किया गया।’
दीपक अय्यरः‘दीपक ने
कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। नोटबंदी और जीएसटी के बावजूद दीपक के
नेतृत्व में मोंडेलेज लगातार सफलता की सीढियां चढ़ती जा रही है। इसलिए इंपैक्ट
पर्सन ऑफ द ईयर अवॉर्ड के नॉमिनी की लिस्ट में दीपक का नाम भी शामिल किया गया।’
पीयूष पांडे और प्रसून
पांडेः‘ये हमारे
बिजनेस के क्रिएटिव पावरहाउस हैं। पीयूष काफी दूरदर्शी हैं। वह ऐसी क्रिएटिविटी
दिखाते हैं, जो ब्रैंड्स को अपने क्षेत्र में सबसे आगे ले जाती है। पीयूष को हाल
ही में Ogilvy का ग्लोबल सीसीओ बनाया गया है और यदि भारतीय
ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में उनके योगदान की बात करें तो वह विज्ञापन की दुनिया के
चमकते हुए सूरज हैं। वहीं, प्रसून भी काफी बेहतरीन क्रिएटर और डायरेक्टर है। दोनों
भाइयों ने मिलकर काफी क्रिएटिविटी दिखाई है। यह एक तरह से जुगलबंदी है और दोनों की
तमाम उपलब्धियों को देखते हुए उनहें नॉमिनेट किया गया।’
संजय गुप्ताः‘संजय जितने
मृदुभाषी हैं, उससे भी ज्यादा मेहनती हैं और उन्होंने स्टार को चमकाने में काफी
मेहनत की है। उदय शंकर (जो पहले IMPACT Person of the Year
के साथ ही इंपैक्ट पर्सन ऑफ द डिकेड रह चुके हैं) की तरह संजय ने भी अपनी काबिलियत
साबित कर दी है। स्टार इंडिया को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए ही संजय को इस
अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया।’
श्रीहर्ष मजेटी, राहुल
जैमिनी व नंदन रेड्डीः‘तीनों ने ई-कॉमर्स और सर्विस
को एक नई पहचान दी है। फूड डिलीवरी के मामले में वाकई में स्विगी ने काफी बेहतरीन
काम किया है। तीनों ने अपने काम से बता दिया है कि किस तरह इनोवेशन से सफलता हासिल
की जा सकती है और दूसरों से अलग हटकर अपनी पहचान बनाई जा सकती है।’
नवीन तिवारीः‘नवीन से
मेरी पहली मुलाकात अगस्त 2016 में हुई थी। वह काफी बड़े सपने देखने वाले और उन्हें
पूरा करने वालों में हैं। ‘इनमोबी’ ही
ऐसी भारतीय प्रॉडक्ट टेक्नोलॉजी मीडिया कंपनी है जो ग्लोबल स्तर पर काम कर रही है।
आज जब मार्केट में गूगल, फेसबुक और अन्य इंटरनेशनल प्लेयर्स का बोलबाला है, उसमें नवीन
तिवारी के नेतृत्व में इनमोबी ने अपनी अलग पहचान बनाई है और इन कंपनियों को कड़ी
टक्कर दी है।’
राजन आनंदनः‘राजन से
मेरी मुलाकात प्रवीण शर्मा ने कराई थी, तब उन्हें गूगल को जॉइन किए हुए मुश्किल से
छह महीने ही हुए थे। हालांकि इस बात को अब लगभग आठ साल हो चुके हैं। इस मुलाकात के
दौरान राजन ने मुझसे इंडस्ट्री के बारे में तमाम सवाल पूछे। वह हमेशा बड़ा सोचते
हैं। उन्होंने कंपनी को मजबूत स्थिति में पहुंचाने में काफी योगदान दिया है। इसी
वजह से इस अवॉर्ड के लिए उन्हें नॉमिनेट किया गया।’
आलोक नायर पूर्व में ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘नेटवर्क18’ और ‘ब्लूमबर्ग’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया ब्रैंड्स में विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
म्यूजिक टेलिविजन नेटवर्क ‘9एक्स मीडिया’ (9X Media) ने आलोक नायर को चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। वह पवन जेलखानी के स्थान पर यह जिम्मेदारी संभालेंगे, जिन्होंने पिछले दिनों अपनी एंटरप्रिन्योरशिप पारी शुरू करने के लिए यहां से इस्तीफा दे दिया है। आलोक नायर ‘9एक्स मीडिया’ के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रदीप गुहा को रिपोर्ट करेंगे। नेटवर्क को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आलोक नायर ‘9एक्स मीडिया’ की एग्जिक्यूटिव टीम और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ मिलकर काम करेंगे।
आलोक को मीडिया और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने का काफी अनुभव है। पूर्व में वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘नेटवर्क18’ और ‘ब्लूमबर्ग’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया ब्रैंड्स में विभिन्न पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
आलोक नायर की नियुक्ति के बारे में प्रदीप गुहा का कहना है, ‘महामारी के कारण तमाम उद्धोग धंधे प्रभावित हुए हैं। 9X मीडिया में हमने नई वास्तविकता को अपनाने और प्रतिकूलताओं के ढेर में छिपे अवसरों को तलाश करने के लिए कमर कस ली है। आलोक की नियुक्ति इसी स्ट्रैटेजी का हिस्सा है और कंपनी को उनके अनुभवों का काफी लाभ मिलेगा।’
वहीं, आलोक नायर का कहना है, ‘9X मीडिया की युवा और प्रतिभाशाली टीम में शामिल होने पर मैं बहुत खुश हूं। मैं प्रदीप गुहा के साथ काम करने को लेकर काफी उत्सुक हूं और पवन जेलखानी को उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।अंग्रेजी अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में अमेरिकी प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है। वहीं, सऊदी की सरकार ने इस रिपोर्ट को खारिज किया है।
अंग्रेजी अखबार ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के मामले में अमेरिकी प्रशासन ने बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, अमेरिकी खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने ही निर्वासन में रह रहे सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की मंज़ूरी दी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बाइडन प्रशासन ने शुक्रवार को जारी एक खुफिया रिपोर्ट में कहा है कि सऊदी युवराज ने उस योजना को अपनी सहमति दी थी, जिसके तहत अमेरिका में रह रहे खशोगी को या तो जिंदा पकड़ने या मारने का फैसला किया गया था। यह पहला मौका है जब अमेरिका ने खशोगी की हत्या के लिए सीधे पर तौर सऊदी क्राउन प्रिंस का नाम लिया है, हालांकि सऊदी युवराज इनकार करते रहे हैं कि उन्होंने खशोगी की हत्या के आदेश दिए थे।
वहीं, सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट को लेकर बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है, 'सऊदी की सरकार जमाल खशोगी के मामले में अपमानजनक और गलत निष्कर्ष तक पहुंचने वाली अमेरिकी रिपोर्ट को सिरे से खारिज करती है। हम इस रिपोर्ट को अस्वीकार करते हैं। इस रिपोर्ट में गलत निष्कर्ष निकाला गया है।'
गौरतलब है कि सऊदी अरब के शहजादे के आलोचक रहे खशोगी की दो अक्टूबर 2018 में उस समय हत्या कर दी गई थी, जब वह अपनी मंगेतर से शादी रचाने के लिए आवश्यक कागजात लेने इस्तांबुल में अपने देश के वाणिज्य दूतावास में गए थे। इसके बाद से वह लापता हो गए थे। शुरू में उनके लापता होने पर रहस्य बन गया था। तुर्की के अधिकारियों ने सऊदी अरब पर उनकी हत्या करने और उनके शव को ठिकाने लगा देने का आरोप लगाया था। हालांकि सऊदी अरब ने बाद में यह माना कि खशोगी की हत्या की गई, लेकिन उनकी हत्या में खुद की किसी संलिप्तता से इनकार किया था।
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‘सोनी म्यूजिक इंडिया’ (SMI) ने संगीता अय्यर को डायरेक्टर (प्रमोशंस) के पद पर नियुक्त करने की घोषणा की है। अपनी इस भूमिका में संगीता अय्यर मीडिया चैनल्स में ‘सोनी म्यूजिक इंडिया’ की प्रमोशन स्ट्रैटेजी और एक्टिविटीज का नेतृत्व करेंगी। वह ‘सोनी म्यूजिक इंडिया’ के मैनेजिंग डायरेक्टर रजत कक्कड़ को रिपोर्ट करेंगी।
इस बारे में रजत कक्कड़ का कहना है, ‘कंपनी में संगीता के शामिल होने पर हम बहुत उत्साहित हैं। संगीता को देश के उभरते हुए मीडिया परिदृश्य की गहरी समझ है और कंपनी को उनके अनुभवों का काफी लाभ मिलेगा।’
वहीं, संगीता अय्यर का कहना है, ‘सोनी म्यूजिक इंडिया और इसकी बेहतरीन टीम में शामिल होने पर मैं बहुत खुश हूं। सोनी म्यूजिक के नेतृत्व में भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री एक नए युग का निर्माण करने में जुटी है। यह देश भर में तमाम शैलियों और भाषाओं में गहरी भागीदारी प्रदान करने के साथ ही कलाकारों और प्रशंसकों के लिए आकर्षक कंटेंट प्रदान करती है।’
करीब दो दशक के अपने करियर में संगीता रेडियो, रिटेल और एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं। पूर्व में वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘रिलायंस मीडिया नेटवर्क’ और ‘स्टार नेटवर्क’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुकी हैं।
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केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया और ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म्स के लिए गुरुवार को गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार की दोपहर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की। नई गाइडलाइंस के दायरे में फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और नेटफ्लिकस, अमेजॉन प्राइम और हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स आएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मौके पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना था, 'सरकार का मानना है कि मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए एक लेवल-प्लेइंग फील्ड होना चाहिए इसलिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा। लोगों की मांग भी बहुत थी।' प्रकाश जावड़ेकर ने कहा जिस तरह फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड हैं, टीवी के लिए अलग काउंसिल बना है उसी तरह ओटीटी के लिए भी नियम लाए जा रहे हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सरकार ने नए नियम लागू करने पर विचार किया है। उनका कहना था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के पास किसी तरह का कोई बंधन नहीं है। इसलिए तमाम आपत्तिजनक सामाग्रियां बिना किसी रोकटोक के दिखाई जाती हैं। इसी के मद्दे नजर सरकार को ये लगता है कि सभी लोगों को कुछ नियमों का पालन करना होगा।
We have decided to have 3 tier mechanism for OTT platforms;
— PIB India (@PIB_India) February 25, 2021
▪️OTT and Digital news media have to disclosed their details
▪️Grievance redressal system for Digital and OTT platforms
▪️Self regulatory body headed by retired SC or HC judge
Union Minister @PrakashJavdekar pic.twitter.com/6QdCK44yxA
वहीं, रविशंकर प्रसाद का कहना था, ‘सोशल मीडिया कंपनियों का भारत में कारोबार करने के लिए स्वागत है। इसकी हम तारीफ करते हैं। व्यापार करें और पैसे कमांए। सरकार असहमति के अधिकार का सम्मान करती है लेकिन यह बेहद जरूरी है कि यूजर्स को सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर सवाल उठाने के लिए फोरम दिया जाए।’ प्रसाद ने कहा, ’हमारे पास कई शिकायतें आईं कि सोशल मीडिया पर मार्फ्ड तस्वीरें शेयर की जा रही हैं। आतंकी गतिविधियों के लिए इनका इस्तेमाल हो रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग का मसला सिविल सोसायटी से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।’
Guidelines for Social Media Platforms
— PIB India (@PIB_India) February 25, 2021
A Grievance redressal mechanism should be developed and there should be a Grievance Redressal Officer
Should be registered within 24 hours and disposed in 15 days: Union Minister @rsprasad#ResponsibleFreedom #OTTGuideline pic.twitter.com/8A0DQycQqe
सोशल मीडिया के लिए गाइडलाइंस
- इसमें दो तरह की कैटिगरी हैं: सोशल मीडिया इंटरमीडियरी और सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरी।
- सबको शिकायत निवारण व्यवस्था (ग्रीवांस रीड्रेसल मैकेनिज्म) बनानी पड़ेगी। 24 घंटे में शिकायत दर्ज करनी होगी और 14 दिन में निपटाना होगा।
- अगर यूजर्स खासकर महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ की शिकायत हुई तो 24 घंटें में कंटेंट हटाना होगा।
- सिग्निफिकेंड सोशल मीडिया को चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर रखना होगा जो भारत का निवासी होगा।
- एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन रखना होगा जो कानूनी एजेंसियों के चौबीसों घंटे संपर्क में रहेगा।
- मंथली कम्प्लायंस रिपोर्ट जारी करनी होगी।
- सोशल मीडिया पर कोई खुराफात सबसे पहले किसने की, इसके बारे में सोशल मीडिया कंपनी को बताना पड़ेगा।
- हर सोशल मीडिया कंपनी का भारत में एक पता होना चाहिए।
- हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के पास यूजर्स वेरिफिकेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।
- सोशल मीडिया के लिए नियम आज से ही लागू हो जाएंगे। सिग्निफिकेंड सोशल मीडिया इंटरमीडियरी को तीन महीने का वक्त मिलेगा।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस
- ओटीटी और डिजिटल न्यूज मीडिया को अपने बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी। रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है।
- दोनों को ग्रीवांस रीड्रेसल सिस्टम लागू करना होगा। अगर गलती पाई गई तो खुद से रेगुलेट करना होगा।
- ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ रेगुलेशन बॉडी बनानी होगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई नामी हस्ती हेड करेगी।
- सेंसर बोर्ड की तरह ओटीटी पर भी उम्र के हिसाब से सर्टिफिकेशन की व्यवस्था हो। एथिक्स कोड टीवी, सिनेमा जैसा ही रहेगा।
- डिजिटल मीडिया पोर्टल्स को अफवाह और झूठ फैलाने का कोई अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि लंबे समय से नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने पर बहस चल रही थी। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर केंद्र सरकार से अब तक की गई कार्रवाइयों पर जवाब दाखिल करने को कहा था।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि वह ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने के मुद्दे पर कुछ कदम उठाने पर विचार कर रही है।
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पुलिस ने मध्य प्रदेश के दतिया जिले में एक फर्जी पत्रकार को गिरफ्तार किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पकड़ा गया फर्जी पत्रकार कई बड़े न्यूज चैनल्स और अखबारों के फर्जी आईडी बनवाकर क्षेत्र में अवैध रूप से वसूली कर रहा था।
आरोपी ने अपना एक होर्डिंग भी छपवाकर दतिया व्यापार मेले के बाहर लगा दिया था, जिसमें उसने खुद को मीडिया पार्टनर बताया था। अन्य पत्रकारों ने जब अपने चैनलों का नाम और फर्जी पत्रकार का नाम देखा तो कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने करीब 21 वर्षीय इस फर्जी पत्रकार को उसके घर से कई दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार देर रात स्थानीय पत्रकार ने राजघाट कॉलोनी महावीर वाटिका निवासी अनुज पुत्र अनिल गुप्ता पर फर्जी पत्रकार बनकर लोगों से अवैध वसूली करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसपी अमन सिंह राठौड़ के निर्देश पर सोमवार को पुलिस ने आरोपी के घर दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ करने पर अनुज के पास कई चैनलों और अखबारों के साथ पीआरओ का लेटर फ्रेम में जड़ा हुआ मिला। कई युवक-युवतियों को पत्रकार बनाने संबंधी दस्तावेज व नियुक्ति पत्र भी आरोपी के घर से जब्त किए गए। पुलिस अनुज से पूछताछ कर रही है।
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डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म thequint.com के स्वामित्व वाली और संचालक कंपनी ‘क्विंट डिजिटल मीडिया’ (Quint Digital Media) को कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर रितु कपूर को पुन: नामित (re-designate) किए जाने के प्रस्ताव को शेयरहोल्डर्स (Shareholders) की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही कंपनी को वंदना मलिक को नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव को भी शेयरहोल्डर्स से मंजूरी मिल गई है। यह नियुक्ति पांच साल के लिए होगी।
‘क्विंट डिजिटल मीडिया’ ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को इस बारे में जानकारी दी है। बताया जाता है कि 20 जनवरी को एक मीटिंग में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने रितु कपूर को कंपनी के एमडी और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर पद पर नियुक्त किए जाने को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी थी। इस निर्णय पर शेयरधारकों की मुहर लगनी बाकी थी।
बता दें कि कंपनी ने 30 दिसंबर 2020 को जानकारी दी थी कि राघव बहल ने कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी का कहना था कि 29 दिसंबर 2020 के बाद मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से राघव बहल का इस्तीफा प्रभावी हो गया है। हालांकि, बहल कंपनी के बोर्ड में नॉन-एग्जिक्यूटिव प्रमोटर डायरेक्टर के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे। 29 दिसंबर को कंपनी के एमडी राघव बहल के इस्तीफे के बाद क्विंट डिजिटल मीडिया की सीईओ रितु कपूर को एमडी का अतिरिक्त पद सौंपा गया था।
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चीन ने पिछले साल गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या पर सवाल उठाने वाले अपने ही तीन पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के अधिकारियों का कहना है कि तीनों को पूछताछ के लिए गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार किए गए पत्रकारों में इकनॉमिक ऑब्जर्वर के साथ काम कर चुके 38 वर्षीय किउ जिमिंग भी शामिल हैं। किउ के अलावा एक ब्लॉगर को बीजिंग से अरेस्ट किया गया है, वहीं 25 वर्ष के एक ब्लॉगर यांग को दक्षिण पश्चिमी सूबे सिचुआन से अरेस्ट किया गया है। किउ पर आरोप है कि उन्होंने आंकड़ों पर सवाल उठाकर सेना की शहादत का अपमान किया है। तीनों को समाज में गलत प्रभाव डालने वाली जानकारी देने के आरोप में अरेस्ट किया गया है।
दरअसल, कुछ दिनों पूर्व ही चीनी सेना ने आधिकारिक तौर पर बताया था कि पिछले साल 15 जून को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में हुई झड़प में उसके चार सैनिकों की मौत हुई थी और एक सैनिक की मौत बाद में हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
उस वक्त चीनी सेना ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया था, लेकिन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में 40 से 50 सैनिकों की मौत की बात कही गई थी। हालांकि चीन ने अब करीब आठ महीने बाद अपने सैनिकों की मौत की बात तो स्वीकारी, लेकिन आंकड़ा सिर्फ चार का ही दिया। चीन सरकार के इसी आंकड़े पर किउ ने सवाल उठाया था। उन्होंने यह आंकड़ा कुछ ज्यादा होने की बात कही थी। इसके साथ ही किउ ने चीन सरकार की ओर आठ महीनों के बाद आंकड़ा जारी करने पर भी सवाल उठाया था।
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‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (TRAI) ने समयबद्ध फैसले के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट से न्यू टैरिफ ऑर्डर-2.0 (NTO 2.0) के मामले को तत्काल सूचीबद्ध (Listing) करने की गुजारिश की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ‘ट्राई’ ने न्यू टैरिफ ऑर्डर-2.0 के मामले को इसी महीने सूचीबद्ध करने के लिए कहा है, ताकि इस पर फैसला आ सके। रिपोर्ट के अनुसार, ‘ट्राई’ के चेयरमैन पीडी वाघेला उपभोक्ताओं के हितों को मद्देनजर नए टैरिफ ऑर्डर को जल्द से जल्द लागू कराना चाहते हैं।
बता दें कि पिछले साल जनवरी में ट्राई ने नए न्यू टैरिफ ऑर्डर (NTO 2.0) को लागू करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ब्रॉडकास्टर्स के ग्रुप ने बॉम्बे हाई कोर्ट में ट्राई के आदेश को चुनौती दी थी। फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
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अर्जेंटीना (Argentina) में कोराना वायरस टीकाकरण (Corona Vaccination) को लेकर प्राथमिकता समूह से बाहर के लोगों को टीका दिए जाने पर विवाद इस कदर गहरा गया कि यहां के स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ गया। दरअसल, विवाद के बीच अर्जेंटीना (Argentina) के राष्ट्रपति अल्बर्टों फर्नांडीज ने स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देने को कहा दिया था, जिसके बाद उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगा है कि उन्होंने टीकाकरण के लिए प्राथमिकता समूह में नाम न होने के बावजूद एक मशहूर स्थानीय पत्रकार को टीका दिए जाने की सिफारिश की।
राष्ट्रपति ने अपने ‘चीफ ऑफ स्टाफ’ से स्वास्थ्य मंत्री गिनीज गोंजालेज गार्सिया को तुरंत इस्तीफा देने का आदेश देने को कहा, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। कोरोना वायरस से निपटने को लेकर गार्सिया प्रभार संभाल रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्रकार होरासिओ वेरबिट्सकी ने मंत्री गार्सिया से टीकाकरण का अनुरोध किया था और मंत्री ने उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय बुलाया था। वहां शुक्रवार को उन्हें स्पूतनिक वी के टीके की खुराक दी गई थी।
वैसे यहां ऐसे कई मामले आए हैं जब मेयर, सांसदों, कार्यकर्ताओं, सत्ता के करीबी लोगों को टीके दिए गए, जबकि प्राथमिकता समूह में उनका नाम नहीं था। हालांकि प्राथमिकता के तहत देश में सबसे पहले डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को टीके दिए जाने हैं। अर्जेंटीना में कोविड-19 से 20 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 50,857 लोगों की मौत हुई है।
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80 देशों के 203 से ज्यादा खोजी पत्रकार संगठनों की सर्वोच्च संस्था ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी को हिंदी भाषा के लिए संपादक नियुक्त किया गया है
80 देशों के 203 से ज्यादा खोजी पत्रकार संगठनों की सर्वोच्च संस्था ‘ग्लोबल इंवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क’ (जीआईजीएन) ने वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी को हिंदी भाषा के लिए संपादक नियुक्त किया गया है और वे भोपाल से ही अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
वरिष्ठ पत्रकार दीपक तिवारी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं। दीपक तिवारी ढाई दशक से भी अधिक समय से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हैं। साहित्य और लेखन में रुचि रखने वाले तिवारी ने इस दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा विदेश यात्राएं भी की हैं।
तिवारी मूल रूप से मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले हैं। वे देश की प्रमुख अंग्रेजी पत्रिका ‘द वीक’ के विशेष संवाददाता के रूप में भोपाल में अपनी सेवाएं भी दी हैं। वह देश की प्रतिष्ठित संवाद समिति के दिल्ली मुख्यालय में भी काम कर चुके हैं। उन्हें पंचायती राज से संबंधित मुद्दों पर श्रेष्ठ रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वह देश-विदेश में कई पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। तिवारी ने सागर के डॉ. सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से पत्रकारिता में स्नातक किया है।
विश्व की प्रतिष्ठित संस्था जीआईजीएन पूरी दुनिया में खोजी पत्रकारिता के नए-नए आयामों की आपस में चर्चा करके उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करती है। इस संगठन का मुख्यालय वॉशिंगटन में है, जबकि इसकी सेवाएं फ्रेंच, स्पेनिश, रूसी, अफ्रीकी, चीनी, अरबी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी भाषा में चलती है और प्रत्येक भाषा का एक अलग संपादक है।
जीआईजीएन पत्रकारिता की नई तकनीकों और पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारियों के आधार पर एक रिसोर्स सेन्टर चलता है, जिसे कोई भी पत्रकार उपयोग कर सकता है। दीपक तिवारी को हिंदी भाषा में इस तरह की पत्रकारिता को विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई है। जीआईजीएन का हर दो वर्ष में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होता है जिसमें भारत समेत पूरी दुनिया के पत्रकार हिस्सा लेते हैं। यह संस्था आने वाले समय में हिंदी के पत्रकारों के लिए फेलोशिप भी प्रदान करेगी।
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