इन दिनों मीडिया जगत में ...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
इन दिनों मीडिया जगत में 'टाइम्स नाउ'
(Times Now) के सीनियर एडिटर आनंद नरसिंहम के चैनल छोड़ने की चर्चा
जोर-शोर से हो रही है। यदि सूत्रों की बात का भरोसा करें तो चैनल के साथ उनकी पारी
समाप्त हो चुकी है। इन दिनों वह नोटिस पीरियड पर काम कर रहे हैं। बताया तो यहां
तक जा रहा है कि वह 'सीएनएन-न्यूज18' (CNN-News18) जॉइन करने जा रहे हैं।
सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि संभवत: आनंद ने इस्तीफा दे दिया है और और करीब एक हफ्ते से वह ऑफिस नहीं आ रहे हैं। आनंद द्वारा होस्ट किए जाने वाले शो 'The Newshour10' को अब सीनियर एडिटर माधवदास गोपालकृष्णन और कंसल्टिंग एडिटर अतहर खान पेश कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आनंद ने चैनल के हिन्दी न्यूज शो 'The Morning Newshour' को भी होस्ट करना शुरू कर दिया था। सुबह साढ़े आठ बजे के इस शो ने उस टाइम स्लॉट में चैनल की व्युअरशिप को बढ़ाने में काफी मदद की थी।
मास कम्युनिकेशन में डिप्लोमा करने के साथ ही आनंद ने
एमबीए भी किया हुआ है। 27 साल की उम्र में आनंद उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने 'क्लोज-अप ड्रीम जॉब- हर्ष की खोज' (Close-up Dream Job-Harsha Ki
Khoj) नामक प्रतियोगिता जीती थी और इसकी बदौलत उन्हें 'र्इएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स' (ESPN Star Sports)
में नौकरी मिली थी। उन्होंने 'ईएसपीएन' के साथ बतौर स्पोर्ट्स एंकर अपनी पारी शुरू कर दी थी। इसके बाद वह 'टाइम्स नाउ' से जुड़ गए, जहां उन्होंने करीब एक दशक तक काम किया।
आनंद से फिलहाल बातचीत नहीं हो पाई है। हालांकि इस बारे
में प्रतिक्रिया के लिए 'एक्सचेंज4मीडिया' की ओर से 'टाइम्स नाउ' के एडिटर-इन-चीफ राहुल शिवशंकर और 'नेटवर्क 18' के ग्रुप एडिटर राहुल जोशी से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनकी तरफ
से मेल का जवाब नहीं मिला है।
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गूगल के वकील ने कथित तौर पर NCLAT को बताया कि GPBS कंपनी को सेवा शुल्क लागत-प्रभावी ढंग से वसूलने में मदद करता है
गूगल (Google) की मूल कंपनी एल्फाबेट इंक (Alphabet Inc) ने बुधवार को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) को सूचित किया कि उसके स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यू-ट्यूब (YouTube) भी अन्य थर्ड-पार्टी ऐप्स की तरह गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (GPBS) का उपयोग करता है।
ऐसा करके, तकनीकी दिग्गज ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आरोपों का खंडन किया, जिसमें गूगल पर GPBS के माध्यम से थर्ड-पार्टी ऐप्स पर अनुचित और भेदभावपूर्ण शर्तें लगाने का आरोप लगाया गया था।
गूगल के वकील ने कथित तौर पर NCLAT को बताया कि GPBS कंपनी को सेवा शुल्क लागत-प्रभावी ढंग से वसूलने में मदद करता है और सेवा शुल्क वसूलना CCI के नियमों के खिलाफ नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि GPBS भुगतान प्रक्रिया बाजार में प्रतिस्पर्धा को कम नहीं करता।
इससे पहले मार्च में, CCI ने भारतीय स्टार्टअप्स और ऐप्स को गूगल द्वारा हटाए जाने के मामले पर गूगल की जांच का आदेश दिया था। CCI का कहना है कि गूगल ने अपनी नीतियों को भेदभावपूर्ण तरीके से लागू किया।
CCI ने गूगल की जांच के लिए अपने महानिदेशक को 60 दिनों के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया है। भारत के स्टार्टअप्स जैसे Shaadi.com, Matrimony.com, Naukri.com आदि लंबे समय से इन-ऐप भुगतान के लिए गूगल द्वारा लिए जा रहे शुल्क पर काफी समय से नाराज हैं। गूगल ने मार्च में अपनी ऐप बिलिंग नीतियों का पालन न करने का हवाला देते हुए इन ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया था।
CCI के अनुसार, गूगल पर अपने प्ले स्टोर प्लेटफॉर्म के भीतर अनुचित शर्तें और भेदभावपूर्ण कार्रवाइयां लागू करने का आरोप है, जो कथित तौर पर भारत के एंटी-ट्रस्ट रेगुलेशन में उल्लिखित कई प्रावधानों का उल्लंघन करता है। आयोग का दावा है कि गूगल अपने प्लेटफॉर्म पर कुछ डेवलपर्स के लिए संभावित रूप से नुकसानदेह, मनमाने ढंग से भेदभाव कर रहा है।
सिंगापुर स्थित मीडिया कंटेंट व टेक्नोलॉजी कंपनी 'विस्टास मीडिया कैपिटल' (VMC) रिलायंस एंटरटेनमेंट का अधिग्रहण कर लिया है।
सिंगापुर स्थित मीडिया कंटेंट व टेक्नोलॉजी कंपनी 'विस्टास मीडिया कैपिटल' (VMC) रिलायंस एंटरटेनमेंट का अधिग्रहण कर लिया है। यह डील लगभग 700 से 800 करोड़ रुपये के बीच हुई है। एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप को सूत्रों से यह जानकारी मिली है।
यह अधिग्रहण विस्टास मीडिया कैपिटल (VMC) के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक स्तर पर अपने मीडिया पोर्टफोलियो का विस्तार कर रहा है।
इस खबर को सबसे पहले जुलाई 2024 में एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप द्वारा रिपोर्ट किया गया था।
फाउंडर अभयानंद सिंह और पीयूष सिंह के नेतृत्व वाली कंपनी VMC 2020 से कंटेंट और टेक्नोलॉजी में रणनीतिक निवेश करने के बाद से सुर्खियां बटोर रही हैं। इस अधिग्रहण से VMC की कंटेंट बनाने और डिस्ट्रीब्यूशन करने की क्षमता और बढ़ गई है, जो फिल्म निर्माण, एनिमेशन, डिजिटल मीडिया और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म में इसकी सफलता पर आधारित है।
2020 में VMC ने OTT प्लेटफॉर्म में स्ट्रैटजिक इक्विटी हासिल करते हुए 'प्लैनेट मराठी' (Planet Marathi) में 5 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। इसके अतिरिक्त, अगस्त 2020 में, VMC ने एशिया की पहली स्पेशल पर्पस एक्विजिशन कंपनी (SPAC) विस्टास मीडिया एक्विजशन कंपनी (Vistas Media Acquisition Company Inc.) लॉन्च की, जिसने फरवरी 2022 में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (MENA) के म्यूजिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म 'अंगामी' (Anghami) को नैस्डेक (Nasdaq) पर सार्वजनिक किया। इसके बाद अंगामी ने MENA के प्रमुख वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म OSN+ के साथ विलय की घोषणा की, जिसके चलते यह इस क्षेत्र के म्यूजिक व वीडियो स्ट्रीमिंग मार्केट में एक शक्तिशाली इकाई बन गई।
2021 में VMC ने एनीमेशन व डिजाइन कंपनी 'पेपरबोट डिजाइन स्टूडियो (Paperboat Design Studios) में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल की, जिससे इसके पोर्टफोलियो का और विस्तार हुआ।
अपने फिल्म कंटेंट व प्रॉडक्शन बैनर 'गोल्डन रेशियो फिल्म्स' के तहत, VMC ने भारत और हॉलीवुड दोनों में फिल्मों व डिजिटल कंटेंट की एक विस्तृत सीरीज का निर्माण और डिस्ट्रीब्यूट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी हिंदी स्लेट में 'भोंसले', 'अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है', 'नक्काश' और 'JL-50' जैसी फिल्में शामिल हैं।
कंपनी ने 'द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ़ द फ़कीर' और 'सन' जैसी उल्लेखनीय अंतरराष्ट्रीय फिल्मों का सह-निर्माण (co-produced) भी किया।
कंपनी ने मराठी सिनेमा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें 'एबी आनी सीडी' (AB Aani CD), चंद्रमुखी (Chadramukhi) और नेशनल अवॉर्ड विनिंग 'पैठनी' (Paithni) जैसी फिल्में शामिल हैं और 'राइटर' (Writer) और 'जे-बेबी' (J-Baby) जैसी को-प्रॉडक्शंस वाली फिल्मों को लेकर तमिल सिनेमा में कदम रखा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, VMC ने अन्य उल्लेखनीय परियोजनाओं के अलावा 'द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ़ द फ़कीर' और 'सन' फिल्मों का सह-निर्माण किया है।
VMC का विविध संचालन ग्लोबल कंटेंट प्रॉडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स, एनीमेशन और VFX, ब्लॉकचेन टेक्नोलजॉजी और NFT, गेमिंग, डिजिटल मीडिया मार्केटिंग व इवेंट और अवॉर्ड IPs तक फैले हुए हैं।
अभयानंद सिंह और पीयूष सिंह द्वारा स्थापित VMC का विजन एक ग्लोबल वेंचर स्थापित करना है, जो मीडिया व एंटरटेनमेंट की संपूर्ण वैल्यू चेन को एकीकृत करता है, जिसमें कंटेंट, इंटेलैक्चुअल प्रॉपर्टीज और मीडिया टेक्नोलॉजी पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
अपने जॉइंट वेंचर बिजनेस मॉडल के लिए जाना जाने वाले 'रिलायंस एंटरटेनमेंट' के पास 300 से अधिक फिल्मों का पोर्टफोलियो है। कंपनी की भारत और 100 से अधिक देशों में फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूशन और सिंडिकेटिंग में मजबूत उपस्थिति है और इसके प्रॉडक्शंस ने 28 नेशनल अवॉर्ड और विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में मान्यता हासिल की है।
विस्टास मीडिया कैपिटल द्वारा इस अधिग्रहण से मीडिया व एंटरटेनमेंट परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, जिससे दोनों कंपनियों की दुनियाभर में उच्च क्वॉलिटी वाले कंटेंट का उत्पादन और डिस्ट्रीब्यूशन करने की क्षमता में वृद्धि होगी।
जोगज्योति अभी तक ‘Times Global Broadcasting Co. Ltd’ में वाइस प्रेजिडेंट-रेवेन्यू (उत्तर-पूर्व) अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है।
‘टाइम्स नेटवर्क’ में अपनी पारी को विराम देने के बाद जोगज्योति पाटी (Jogjyoti Pati) अब ‘डेलीहंट’ (Dailyhunt) में बड़ी भूमिका संभाल सकते हैं। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक वह यहां बतौर सीनियर डायरेक्टर (Govt. & New Business) अपनी नई जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।
बता दें कि जोगज्योति अभी तक ‘Times Global Broadcasting Co. Ltd’ में वाइस प्रेजिडेंट-रेवेन्यू (उत्तर-पूर्व) अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे, जहां से उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। वह इस कंपनी के साथ एक दशक से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे और ‘टाइम्स नेटवर्क’ के रेवेन्यू की ग्रोथ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
जोगज्योति को देश के विभिन्न मीडिया संस्थानों में रेवेन्यू और सेल्स की जिम्मेदारी संभालने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। ‘टाइम्स’ से पहले वह ‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ में वाइस प्रेजिडेंट (सेल्स हेड-जी बिजनेस) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे, जहां उन्होंने कंपनी की सेल्स को बढ़ाने में अहम योगदान दिया। इसके अलावा वह वर्ष 1999 से 2004 तक ETV (Ushodaya Enterprises Ltd.) में भी प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं।
डेबोलिन सेन ने 'कोरस कलेक्टिव' नामक एक नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य डिजाइन, टेक्नोलॉजी, डिजिटल और प्रॉडक्शन सेवाओं की गुणवत्ता की खोज को आसान बनाना है।
इंडस्ट्री के अनुभवी प्रोफेशनल डेबोलिन सेन ने 'कोरस कलेक्टिव' नामक एक नए प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य डिजाइन, टेक्नोलॉजी, डिजिटल और प्रॉडक्शन सेवाओं की गुणवत्ता की खोज को आसान बनाना है। 'कोरस कलेक्टिव' का "कम्युनिटी कॉलिंग" पहल विभिन्न क्षेत्रों में बुटीक एजेंसियों के बढ़ते नेटवर्क को एक साथ लाता है, जो अलग-अलग इंडस्ट्रीज में व्यवसायों के अनुरूप सॉल्यूशंस देती है।
कोरस कलेक्टिव ने 200 से अधिक ब्रैंड्स के साथ पार्टनरशिप की है, जिनमें जावा येजदी मोटरसाइकल्स, पेटीएम, मर्सिडीज बेंज, यूनिलीवर, और गूगल जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। यह सहयोग-आधारित प्लेटफॉर्म लचीली, रचनात्मक और ग्राहक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करता है, जो छोटे और दीर्घकालिक प्रोजेक्ट्स दोनों के लिए उपयुक्त हैं।
डेबोलिन सेन ने KOGO, The Social Loan Company, Cox and Kings, Haymarket SAC Publishing और Worldwide Media जैसी बड़ी कंपनियों में लीडरशिप की भूमिकाएं निभायी हैं। उनके पास बिजनेस स्ट्रैटजी, ब्रैंड कम्युनिकेशन और पार्टनर रिलेशनशिप मैनेजमेंट में गहरा अनुभव है, जो कोरस कलेक्टिव की सफलता में सहायक रहा है।
प्लेटफॉर्म के लॉन्च के बारे में बात करते हुए, सेन ने उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ महीनों में बहुत सारी मीटिंग्स हुई हैं, नए परिचय हुए हैं और ताजगी से भरे ब्रीफ मिले हैं। हम स्वतंत्र, बहु-आयामी और डिजिटल-फर्स्ट हैं। हमें पता है कि क्या चाहिए और हम उसे पूरा कर लेते हैं। अब तक का सफर शानदार रहा है और भविष्य और भी बेहतर दिख रहा है।"
कोरस कलेक्टिव की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह व्यवसायों को अनुभवी पेशेवरों से जोड़ता है, जो कई उद्योगों में सहयोग करते हैं और व्यवसायिक चुनौतियों का तुरंत और प्रभावी ढंग से समाधान देते हैं। सेन के शब्दों में, "हम जुड़ते हैं, आप जुड़ते हैं। हमें आपके काम करने के तरीके को समझने में देर नहीं लगती और हम जल्दी ही आपकी शैली अपना लेते हैं।"
कोरस कलेक्टिव का उद्देश्य ब्रैंड्स के लिए एक नया, सहज अनुभव प्रदान करना है, जहां बुटीक एजेंसियों का समुदाय रचनात्मक और क्लाइंट-केंद्रित सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है। सहयोग और अत्याधुनिक समाधानों पर जोर देने के साथ, यह प्लेटफॉर्म विभिन्न इंडस्ट्री में व्यवसायों की सफलता को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) से खबर है कि यहां राजेश सरीन को चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया गया है।
जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ZMCL) से खबर है कि यहां राजेश सरीन को चीफ रेवेन्यू ऑफिसर के तौर पर नियुक्त किया गया है।
मीडिया व ऐडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले सरीन ZMCL में अपनी नई भूमिका में ज्ञान और विशेषज्ञता का खजाना लेकर आएंगे।
राजेश सरीन के पास दो दशकों से अधिक का अनुभव है, जिसमें उन्होंने कई प्रतिष्ठित मीडिया कंपनियों में रेवेन्यू ग्रोथ के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान में, वह नेटवर्क18 मीडिया में CNBC और CNN न्यूज क्लस्टर के रेवेन्यू हेड के रूप में कार्यरत हैं, जहां वह टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए रेवेन्यू का संचालन करते हैं। उनकी स्ट्रैटजिक लीडरशिप अत्यधिक प्रतिस्पर्धी मीडिया परिदृश्य को नेविगेट करने में सहायक रही है।
नेटवर्क18 में अपने पूर्व पद पर, उन्होंने लैंग्वेजेज न्यूज क्लस्टर के लिए ईवीपी और नेशनल रेवेन्यू हेड के तौर पर काम किया, जहां उन्होंने आठ रीजनल चैनल्स के रेवेन्यू ऑपरेशंस का नेतृत्व किया। इस दौरान अपनी भूमिका में वह टीवी व डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए सेल्स को संभालना, ऐडवर्टाइजर्स के साथ रिलेशन बनाना व मजबूत करना और मार्केट की ग्रोथ को बढ़ावा देना इत्यादि शामिल था।
नेटवर्क18 से पहले, सरीन ने डिज्नी स्टार में विभिन्न उच्च पदों पर कार्य किया है, जिसमें एजेंसी बिजनेस के लिए नेशनल हेड का पद भी शामिल है, जहां उन्होंने एंटरटेनमेंट बिजनेस के लिए मीडिया एजेंसी पार्टनर्स का नेतृत्व किया। बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (टाइम्स ग्रुप) में लैंग्वेज बिजनेस के नेशनल सेल्स हेड के रूप में उनके कार्यकाल ने प्रिंट ब्रैंड्स में बड़ी टीम्स और रेवेन्यू पोर्टफोलियो को मैनेज करने में उनकी विशेषज्ञता को और मजबूत किया।
सरीन ने एचटी मीडिया लिमिटेड में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, जहां उन्होंने FMCG, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों के लिए मीडिया मार्केटिंग का नेतृत्व किया। उन्हें सेल्स व मार्केटिंग टीम्स को मैनेज करने, रेवेन्यू ग्रोथ के लिए स्ट्रैटजी को विकसित करने और टेलीविजन व प्रिंट मीडिया दोनों इंडस्ट्री में चुनौतियों का सामना करने का व्यापक अनुभव है।
अपने पूरे करियर के दौरान, सरीन ने भारत के कुछ सबसे प्रतिष्ठित मीडिया घरानों के साथ काम किया है, जिनमें 'द इंडियन एक्सप्रेस' और 'ओपन मीडिया नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड' शामिल हैं, जो मीडिया परिदृश्य की उनकी बहुमुखी प्रतिभा और गहरी समझ को दर्शाता है। VCK कैपिटल मार्केट सर्विसेज लिमिटेड में ऋण उपकरणों जैसे विविध क्षेत्रों के लिए मार्केटिंग ऑपरेशंस को मैनेज करने में उनका काम और SRG इन्फोटेक (इंडिया) लिमिटेड में सार्वजनिक दिक्कतों का समाधान करना उनके व्यापक अनुभव में इजाफा करता है।
उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया है। सरीन की नियुक्ति से जी मीडिया को नई ऊंचाईयों तक पहुंचने की उम्मीद है।
एस्सेल ग्रुप की एजुकेशन कंपनी 'ZEE लर्न' के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) हिमांशु याग्निक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
एस्सेल ग्रुप की एजुकेशन कंपनी 'ZEE लर्न' के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) हिमांशु याग्निक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने इसकी जानकारी स्टॉक एक्सचेंज को दे दी है।
याग्निक ने 6 सितंबर, 2024 को अपना इस्तीफा दिया था, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर लिया गया था। यानी कंपनी में 6 सितंबर उनका आखिरी कार्य दिवस भी था।
याग्निक ने कथित तौर पर ऑर्गनाइजेशन के बाहर नए मौकों की तलाश में खुद से इस्तीफा दिया है। उनके बाहर निकलने के बाद, 9 सितंबर को शुरुआती कारोबार में ZEE लर्न के शेयरों में 2% की गिरावट देखने को मिली।
हिमांशु याग्निक ने सीईओ को लिखे लेटर में कहा, "लंबे समय तक साथ रहने के बाद मैंने ऑर्गनाइजेशन से बाहर जाकर अपने हितों को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। मैं आपसे ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि कृपया इस लेटर को जी लर्न लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में मेरे पद से इस्तीफे की औपचारिक सूचना के रूप में स्वीकार करें।"
गूगल एशिया पैसिफिक के प्रेजिडेंट संजय गुप्ता ने 8 सितंबर, रविवार को अपने जन्मदिन का जश्न मनाया।
गूगल एशिया पैसिफिक के प्रेजिडेंट संजय गुप्ता ने 8 सितंबर, रविवार को अपने जन्मदिन का जश्न मनाया। तीन दशकों से अधिक के करियर में, संजय गुप्ता ने तकनीकी उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डिजिटल परिदृश्य को आकार देने में। गूगल में उनके नेतृत्व ने इनोवेशन को बढ़ावा देने, मार्केट रीच का विस्तार करने और कंपनी के भीतर समावेशिता और सहयोग की संस्कृति बनाने में अहम योगदान दिया है। उनकी रणनीतिक दृष्टि ने न केवल गूगल को इस क्षेत्र में अपनी प्रमुखता बनाए रखने में मदद की है, बल्कि विविध बाजारों की जटिलताओं को भी कुशलता और दूरदृष्टि के साथ नेविगेट किया है।
संजय गुप्ता को जुलाई 2024 में गूगल के एशिया पैसिफिक प्रेसिडेंट के रूप में प्रमोट किया गया था, जहां उन्होंने स्कॉट बीमोंट (Scott Beaumont) की जगह ली थी। इससे पहले, वह गूगल इंडिया के कंट्री मैनेजर थे। 30 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, संजय गुप्ता ने स्टार इंडिया, भारती एयरटेल, और हिन्दुस्तान यूनिलीवर जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम किया है।
2020 की शुरुआत में गूगल से जुड़ने से पहले, संजय गुप्ता स्टार व डिज्नी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर थे, जहां उन्होंने हॉटस्टार के माध्यम से स्टार के पारंपरिक टीवी कंटेंट को डिजिटल उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे प्रमुख खेल आयोजनों के राइट्स हासिल कर स्टार के स्पोर्ट्स बिजनेस को बढ़ाने का श्रेय दिया जाता है। हॉटस्टार और एचडी चैनलों के विकास में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है।
संजय ने अपने करियर की शुरुआत हिंदुस्तान यूनिलीवर से की, जहां उन्होंने कंपनी के प्रमुख सेगमेंट्स, ओरल और होम केयर के लिए मार्केटिंग का नेतृत्व किया। इसके बाद, उन्होंने भारती एयरटेल में मोबाइल व्यवसाय के लिए मुख्य विपणन अधिकारी के रूप में कार्य किया और कंपनी के विकास की दिशा में अहम योगदान दिया।
2019 में, संजय गुप्ता को "एक्सचेंज4मीडिया इन्फ्लुएंसर ऑफ द ईयर" का पुरस्कार मिला था, जिसमें स्टार की मनोरंजन, खेल, डिजिटल और स्टूडियो रणनीतियों को आकार देने में उनकी भूमिका सराहनीय रही।
संजय गुप्ता ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) कोलकाता से पोस्टग्रेजुएट किया है और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।
ये सभी नियुक्तियां पिछले दो माह के भीतर हुई हैं। बता दें कि 'बीबीसी' के चार सीनियर एंप्लॉयीज ने इसी साल अप्रैल में नई और इंडिपेंडेंट कंपनी 'कलेक्टिव न्यूजरूम' (Collective Newsroom) लॉन्च की है।
भारत में ‘ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कंपनी’ यानी कि 'बीबीसी' (BBC) के चार सीनियर एंप्लॉयीज द्वारा इसी साल अप्रैल में लॉन्च की गई नई और इंडिपेंडेंट कंपनी 'कलेक्टिव न्यूजरूम' (Collective Newsroom) ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की शीर्ष सर्विस ‘बीबीसी हिन्दी’ (BBC Hindi) के लिए 12 पत्रकारों को ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट के तौर पर नियुक्त किया है।
ये सभी नियुक्तियां पिछले दो माह के भीतर हुई हैं। नियुक्त किए गए ये सभी 12 नए पत्रकार 'बीबीसी हिन्दी' के एडिटर नितिन श्रीवास्तव को रिपोर्ट कर रहे हैं और ऑनलाइन न्यूज 'बीबीसी हिन्दी' के लोकप्रिय टेलीविज़न कार्यक्रम ‘दुनिया’, यूट्यूब चैनल और ‘दिन भर’ पॉडकास्ट की टीमों का हिस्सा बन चुके हैं।
इन नई भर्तियों में यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में बीबीसी ब्यूरो के लिए रिपोर्टर्स की नियुक्तियां भी शामिल हैं। ज्ञात रहे कि इन सभी जगहों पर पिछले एक वर्ष से कोई भी स्थायी रिपोर्टर नहीं था।
बता दें कि बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की भारतीय भाषाओं के एडिटर अभिजीत कांबले (बीबीसी मराठी), दीपक चूड़ास्मा (बीबीसी गुजराती), ख़ुशबू संधु (बीबीसी पंजाबी), नितिन श्रीवास्तव (बीबीसी हिन्दी), जीएसके राममोहन (बीबीसी तेलुगू) एवं थांगावेल अपची (बीबीसी तमिल) 'कलेक्टिव न्यूजरूम' की सीईओ रूपा झा, डिप्टी सीईओ और डायरेक्टर ऑफ जर्नलिज्म मुकेश शर्मा और आउटपुट एडिटर शशांक चौहान को रिपोर्ट करते हैं।
पिछले दो महीने के भीतर जिन 12 नए पत्रकारों को नियुक्त किया गया है। उनके नाम इस प्रकार हैं।
1. संदीप राय: करीब पंद्रह वर्षों से मीडिया और बीबीसी हिंदी सेवा में बतौर फ्रीलांसर काम करने का तजुर्बा है।
2. सैयद इमाम रिज़वी: उत्तर प्रदेश रिपोर्टर जो कई न्यूज चैनलों, पीटीआई और आईएएनएस में करीब 17 वर्ष काम कर चुके हैं।
3. सीटू तिवारी: बिहार रिपोर्टर का पदभार संभालने वाली सीटू तिवारी ‘दूरदर्शन’ समेत कई संस्थानों से जुड़ी रही हैं। वह बीबीसी हिंदी के लिए बिहार से रिपोर्ट करती रही हैं।
4. विष्णुकांत तिवारी: रामनाथ गोएंका पुरस्कार विजेता विष्णु भोपाल ब्यूरो का चार्ज संभाल चुके हैं।
5. हिमांशु दुबे: इन्होंने न्यूज़ प्रड्यूसर के तौर पर जॉइन किया है और इससे पहले ‘आजतक डिजिटल’, ‘दैनिक भास्कर डिजिटल’ और कई जगहों पर पत्रकारिता कर चुके हैं>
6. शिल्पा ठाकुर: बीबीसी में आने से पहले ‘आजतक डिजिटल’ में काम कर चुकी हैं।
7. सौरभ कुमार यादव: इससे पहले ‘इनशॉर्ट्स’ और ‘ईटीवी भारत’ में काम कर चुके हैं।
8. मुकुंद कुमार झा: असिस्टेंट प्रड्यूसर के तौर पर बीबीसी में भर्ती होने से पहले मुकुंद ‘जी न्यूज’, ‘टाइम्स नेटवर्क’ और ‘द क्विंट’ की डिजिटल टीमों में काम कर चुके हैं।
9. अदिति शर्मा: पेशेवर इंजीनियर अदिति ने एक आईटी कंपनी छोड़ पीटीआई न्यूज़ से पत्रकारिता शुरू की और अब असिस्टेंट प्रड्यूसर हैं।
10. अरशद मिसल: ‘बीबीसी हिंदी’ की टीवी टीम में शामिल होने के पहले वह ‘दैनिक भास्कर ऑनलाइन’ में कार्यरत थे।
11. अभिषेक कुमार: ‘बीबीसी’ में आने के पहले ‘मनीकंट्रोल’ और ‘टीवी टुडे’ में काम कर रहे थे।
12. तारीक़ खान: लखनऊ में कैमरामैन के पद पर जिम्मेदारी संभाली है।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि आज का मीडिया कुछ विशेष राजनीतिक दलों के प्रचार के लिए कार्य कर रहा है, जिससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने रविवार को ‘जवाहरलाल नेहरू जर्नलिस्ट हाउसिंग सोसायटी’ को भूमि आवंटित करने के लिए पेटबशीराबाद में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। रेवंत रेड्डी ने ‘जवाहरलाल नेहरू जर्नलिस्ट हाउसिंग सोसायटी’ को भूमि आवंटन से संबंधित सरकारी आदेश की प्रति प्रतीकात्मक रूप से सौंपी।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस जमीन को पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल के दौरान आवंटित किया गया था, जिसे लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब पत्रकारों की सोसाइटी को सौंप दिया गया है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा, ‘‘कुछ पत्रकारों की गैर-पेशेवर गतिविधियों के कारण पत्रकारिता को एक बुरे पेशे के रूप में पेश किया गया है। कुछ पत्रकार पत्रकारिता के मायने ही बदल रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पेशेवर पत्रकारों को इस नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से यह भी आग्रह किया है कि वे अपने पेशे की गरिमा बढ़ाने के लिए सतत प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज की समस्याओं का समाधान करने में डॉक्टरों की तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रेवंत रेड्डी ने यह भी बताया कि उनकी सरकार जन कल्याण और विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में पत्रकारों और आम जनता से सुझाव लेकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों का सिस्टम पर भरोसा बहाल करने के लिए एक नीतिगत निर्णय लिया है, जिसमें पत्रकार भी इस प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, "पिछले 10 वर्षों में सभी व्यवस्थाएं खराब हो गई थीं और लोगों का भरोसा खो चुकी थीं। मेरी सरकार इन व्यवस्थाओं में फिर से विश्वास स्थापित करने की कोशिश कर रही है।"
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस अवसर पर कहा कि कैसे राजनीतिक दल अपने विचारधारा का प्रचार करने के लिए समाचार पत्रों का प्रकाशन शुरू किया करते थे। इसके विपरीत, आज मीडिया का एक वर्ग कुछ विशेष राजनीतिक दलों के प्रचार के लिए कार्य कर रहा है, जिससे पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा, "कुछ गिने-चुने लोगों द्वारा अपनाई गई अनैतिक पत्रकारिता ने इस पेशे की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाई है। पेशेवर और प्रतिबद्ध पत्रकारों को इस दिशा में सुधार के लिए पहल करनी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ प्रकाशन अपने राजनीतिक मालिकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए पत्रकारिता के मानकों को गिरा रहे हैं और सरकार ने सच्चे पत्रकारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ मीडिया संस्थान मुख्यमंत्री के पद का सम्मान नहीं कर रहे हैं और यह केवल राजनीतिक हितों की रक्षा करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि जब सरकार ऐसे दोषी प्रकाशनों के खिलाफ कार्रवाई करे, तो पत्रकार समुदाय संयम बनाए रखे और यह सरकार और पेशेवर पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि वे सच्चे पत्रकारों के हितों की रक्षा करें।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने मीडिया अकादमी को पत्रकारों के लंबित समस्याओं के समाधान के लिए नई दिशानिर्देश तैयार करने का निर्देश दिया, जिनमें मान्यता कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड और अन्य योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इन दिशानिर्देशों को कैबिनेट में मंजूरी दिलाने की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।
पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन, ऊर्जा, खेल और अन्य क्षेत्रों के लिए पिछले एक दशक से कोई नीति नहीं थी। उन्होंने घोषणा की कि मीडिया अकादमी के अध्यक्ष के. श्रीनिवास रेड्डी के अनुरोध पर पत्रकारों के प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों के लिए ₹10 करोड़ की राशि मंजूर की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि जिन पत्रकारों को अब तक आवासीय प्लॉट नहीं मिले हैं, उन्हें प्रस्तावित नेट जीरो चौथे शहर में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में अन्य प्रमुख नेताओं और अधिकारियों ने भी भाग लिया।
इसी साल मई में ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में अंतरिम सीईओ का पदभार संभालने वाले डॉ. इदरीस लोया के बारे में इंडस्ट्री में तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
इसी साल मई में ‘जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) में अंतरिम सीईओ का पदभार संभालने वाले डॉ. इदरीस लोया के बारे में इंडस्ट्री में तमाम तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। दरअसल, डॉ. लोया के बारे में खबर है कि वह कथित तौर पर 15 दिनों की छुट्टी पर हैं और सिंगापुर चले गए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वह कंपनी छोड़कर जाने वाले हैं? या उन्हें समूह में कोई नई भूमिका मिलने की संभावना है? हालांकि, अभी तक इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
लोया ने ‘IndiaDotcom Digital Pvt Ltd’ (IDPL) वर्टिकल का नेतृत्व किया और मई में तत्कालीन सीईओ अभय ओझा के संस्थान से जाने के बाद उन्हें ZMCL के अंतरिम सीईओ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। हालांकि, जब करण अभिषेक सिंह ने ZMCL के सीईओ के रूप में पदभार संभाला तो डॉ. लोया से यह अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया। इसके तहत करण अभिषेक सिंह IDPL का डिजिटल रेवेन्यू देखेंगे और सिवाय टेक्नोलॉजी बिजनेस के अब पूरी डिजिटल टीम सिंह को रिपोर्ट करेगी।
विभिन्न संगठनों में काम कर चुके डॉ. लोया की प्रोफेशनल जर्नी उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता और प्रौद्योगिकी परिदृश्य की जटिलताओं की गहरी समझ को दर्शाती है। एस्सेल ग्रुप में अपनी भूमिका से पहले, वह Navtech Pte. Ltd., Jwlrai Pte. Ltd, सोनी सिंगापुर, सैमसंग सेमीकंडक्टर और NIT रायपुर के साथ जुड़े हुए थे, जहां उन्होंने इनोवेशन एडॉप्शन और टेक्नोलॉजी कमर्शिलाइजेशन में अपने कौशल को निखारा।
डॉ. लोया ने छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में कौशल और MSME पर औद्योगिक कार्यबल में योगदान किया है। उन्होंने SMEs और MNCs को सलाहकार के रूप में योगदान दिया है और कुछ तकनीकी व्यापार उद्यमों के सह-संस्थापक भी हैं।
डॉ. लोया की शैक्षणिक साख इस क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता को और मजबूत करती है। उन्होंने रायपुर के प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ टेक्नोलॉजी से इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट में पीएचडी की उपाधि हासिल की है और इंदिरा गांधी नेशनल ओपेन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।
वहीं, रेवेन्यू की बात करें तो ZMCL की वित्तीय वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2024 को समाप्त वर्ष के लिए परिचालन से होने वाला राजस्व 11.42% घटकर 638.29 करोड़ रुपये रह गया, जबकि 31 मार्च 2023 को समाप्त वर्ष के लिए यह 720.62 करोड़ रुपये था।
आपको बता दें कि कंपनी की परिचालन लागत (operation cost) वित्तीय वर्ष 2023 (FY23) में 142.11 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में 7.34% बढ़कर 152.54 करोड़ रुपये हो गई। टेलीविजन कार्यक्रमों और डिजिटल पब्लिशिंग बिजनेस की लागत में वृद्धि, जिसमें कंसल्टेंसी, प्रोफेशनल शुल्क और न्यूज सबस्क्रिप्शन शुल्क शामिल हैं, इस बढ़ोतरी के कुछ कारण थे।