वरिष्ठ पत्रकार हरीश खरे ने मीडिया को लेकर कहीं खरी-खरी बातें

<strong>समाचार4मीडिया ब्‍यूरो ।।</strong> पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और 'दैनिक ट्रिब्यून' के एडिटर इन चीफ हरीश खरे ने पत्रकारिता और राजनीति के घालमेल पर चिंता जताई है। ‘राजस्‍थान पत्रिका’ में छपी खबर के अनुसार, खरे का मानना है कि पत्रकार आज राजनीति में सक्रिय हैं और राजनेता पत्रकार बन गए हैं, यह पता ही नहीं चलता है कि किस

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Published - Wednesday, 06 January, 2016
Last Modified:
Wednesday, 06 January, 2016
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समाचार4मीडिया ब्‍यूरो ।। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और 'दैनिक ट्रिब्यून' के एडिटर इन चीफ हरीश खरे ने पत्रकारिता और राजनीति के घालमेल पर चिंता जताई है। ‘राजस्‍थान पत्रिका’ में छपी खबर के अनुसार, खरे का मानना है कि पत्रकार आज राजनीति में सक्रिय हैं और राजनेता पत्रकार बन गए हैं, यह पता ही नहीं चलता है कि किस व्यक्ति का पेशा क्या है। खरे सोमवार को 'राजस्थान पत्रिका' की ओर से आयोजित 'पंडित झाबरमल शर्मा स्मृति व्याख्यान एवं सृजनात्मक साहित्य पुरस्कार समारोह' को संबोधित कर रहे थे। खरे ने पत्रकारिता और राजनीति के संबंधों पर चिंता जताते हुए कहा कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दो वर्ष से मीडिया से सार्वजनिक तौर पर बात करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस नहीं बुलाई है और ओडिशा के मुख्यमंत्री ने तो 16 वर्षों में एक भी संवाददाता सम्मेलन नहीं किया है। इससे साफ पता चलता है कि पत्रकार एवं पत्रकारिता में उनका विश्वास नहीं है और शायद पत्रकारों ने भी स्वयं को सम्मान के काबिल नहीं बनाए रखा है। इस बदलाव के लिए पत्रकार ही नहीं समाज भी जिम्मेदार है और व्यक्तिगत स्तर पर पत्रकारिता ध्वस्त हो गई है। ज्यादातर पत्रकारों की स्थिति तो यह है कि वे शीशे में देखकर सच भी नहीं बोल सकते हैं। पत्रकारिता में विदेशी निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि पहले जो देश की माटी का नाम लेकर विदेशी निवेश का विरोध करते थे, आज वे विदेशी निवेश के साथ बैठे हैं। बाजार आज पत्रकारिता की दिशा तय कर रहा है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां विज्ञापनों के जरिए लोगों को अपने हिसाब से चला रही हैं। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विदेश में उन लोगों के बीच बैठकर देश की बात करते हैं, जो देश और देशवासियों को गंदा कर यहां से चले गए हैं। हम उनसे ताली बजवाकर क्या साबित करना चाहते हैं? ताज्जुब तो तब होता है जब पूरा मीडिया यही दिखाता है। समारोह में 'राजस्थान पत्रिका' के डिप्टी एडिटर भुवनेश जैन ने बताया कि 1956 में सांध्यकालीन दैनिक के रूप में शुरू हुआ 'राजस्थान पत्रिका' अब पत्रिका ग्रुप के रूप में दुनिया में शीर्ष श्रेणी में पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि 'राजस्थान पत्रिका' के डिजिटल रूप की अच्छी शुरुआत हुई है और 'पत्रिका मोबाइल ऐप' को भी जबरदस्त समर्थन मिला है। जल्द ही सैटेलाइट टीवी चैनल भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि चुनौतियों के बावजूद पत्रिका के लिए साख और विश्वसनीयता बनाए रखना ही सर्वोपरि होगा। समाचार4मीडिया देश के प्रतिष्ठित और नं.1 मीडियापोर्टल exchange4media.com की हिंदी वेबसाइट है। समाचार4मीडिया.कॉम में हम आपकी राय और सुझावों की कद्र करते हैं। आप अपनी राय, सुझाव और ख़बरें हमेंmail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। आप हमें हमारे फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।
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