बार्क इंडिया के सीईओ सुनील लुल्ला ने ‘गवर्नेंस नाउ’ के एमडी कैलाशनाथ अधिकारी के साथ एक बातचीत में तमाम पहलुओं पर रखी अपनी राय
‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) इंडिया को लेकर विवाद उठ रहा है कि देश की इतनी विशाल जनसंख्या की तुलना में संस्था का टीवी ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम छोटे सैंपल साइज पर आधारित है। इस तरह के विवादों का जवाब देते हुए बार्क इंडिया के सीईओ सुनील लुल्ला ने इस बात का उदाहरण दिया है कि किस तरह से किसी व्यक्ति के डीएनए की जांच के लिए रक्त की एक बूंद ही काफी होती है।
‘गवर्नेंस नाउ’ (Governance Now) के एमडी कैलाशनाथ अधिकारी के साथ एक बातचीत में सुनील लुल्ला ने ऑडियंस मीजरमेंट सिस्टम मॉडल, एडवर्टाइजिंग, टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, समेत तमाम पहलुओं पर अपने विचार रखे।
पब्लिक पॉलिसी प्लेटफॉर्म पर ‘विजिनरी टॉक सीरीज’ (Visionary Talk series) के तहत होने वाले इस वेबिनार के दौरान सुनील लुल्ला ने कहा, ‘रक्त की एक बूंद से किसी भी व्यक्ति का डीएनए पता चल सकता है, उसके लिए उस व्यक्ति के शरीर से पांच लीटर रक्त निकालने की आवश्यकता नहीं है। यह सैंपल होता है, जो समूची चीज का प्रतिनिधित्व करता है।’
मीजरमेंट प्रणाली का पक्ष रखते हुए लुल्ला ने कहा कि यह दुनिया में सबसे बड़े नमूनों में से एक है और सभी प्रमुख कारकों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ऑडिट फर्मों और सांख्यिकीय संस्थानों द्वारा प्रमाणित है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्टेकहोल्डर्स (stakeholders) बड़े सैंपल साइज के लिए भुगतान करने के लिए तैयार नहीं हैं।
इस बातचीत के दौरान सुनील लुल्ला का कहना था, ‘यदि आप नमूना घरों को 50000 के बजाय एक लाख करना चाहते हैं तो किसी न किसी को तो इसके लिए भुगतान करना होगा। हम एक स्टेकहोल्डर्स निकाय हैं और स्टेकहोल्डर्स इसको लेकर भुगतान करने को लिए इच्छुक नहीं हैं। हो सकता है कि कुछ लोग इस विचार से सहमत न हों, लेकिन स्टेकहोल्डर्स बड़े सैंपल साइज के लिए भुगतान करना नहीं चाहते हैं, क्योंकि इससे उन्हें आर्थिक रूप से फायदा नहीं होता और न ही बेहतर रिटर्न मिलता है।’
लुल्ला के अनुसार, अपने बिजनेस में निवेश के कुछ प्रतिशत का आप मीजरमेंट के लिए भुगतान करते हैं। कोई एडवर्टाइजर जो टीवी पर पांच-दस करोड़ रुपये का विज्ञापन देता है, वह इस विज्ञापन के लिए मीडिया एजेंसी अथवा मीजरमेंट के लिए कुछ राशि का ही भुगतान करेगा। किसी ब्रॉडकास्टर के लिए जिसका काम ऑडियंस को जुटाना और मुद्रीकरण करना है, वह मीजरमेंट के लिए सिर्फ कुछ राशि का भुगतान करेगा, इससे क्या फायदा होगा? इसलिए किसी चैनल में यदि सैंपल्स की हिस्सेदारी कम है तो उसे अपने डाटा में विविधता लानी होगी।
‘प्राइम टाइम में ज्यादा प्रतिस्पर्धा है, इसे किसने और क्यों शुरू किया? एडवर्टाइजर्स इस तरह का व्यवहार नहीं करते। ऐसे समय में जब हम नए डाटा जारी नहीं कर रहे हैं, न्यूज चैनल्स पर विज्ञापन बढ़ गए हैं। एडवर्टाइजर्स इस बात को लेकर काफी स्मार्ट हैं कि कौन का चैनल चुनना है और कौन सा डाटा इस्तेमाल करना है और उनकी पार्टनर एजेंसियां भी इन विकल्पों को तैयार करने में काफी स्मार्ट हैं। हमें इस स्मार्टनेस पर डिस्काउंट नहीं देना चाहिए। मेरा मानना है कि हमारे पास आज जो सैंपल साइज है, वह सही है।
मीडिया, डिजिटल, म्यूजिक, एडवर्टाइजिंग और एफएमसीजी सेक्टर में 35 साल से ज्यादा का अनुभव रखने वाले सुनील लुल्ला का कहना था कि वह सैंपल साइज को 100 प्रतिशत तक बढ़ाने के विरुद्ध नहीं थे। उन्होंने कहा कि किसी को इसके लिए भुगतान करना चाहिए और इसके फायदों को समझना चाहिए।
एडवर्टाइजिंग के बारे में सुनील लुल्ला ने कहा कि मार्च 2020 में काफी विज्ञापन थे, लेकिन व्युअरशिप में काफी बढ़ोतरी के बाद भी उतने विज्ञापन मिल नहीं पाए। इस तरह की स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। अब एडवर्टाइजिंग वॉल्यूम वापस आ गया है और पिछले साल की तुलना में अधिक है। एडवर्टाइजिंग मूल्यों को अपने पुराने स्तर पर वापस लौटने में कुछ समय लगेगा।
डिजिटल एडवर्टाइजिंग के बारे में सुनील लुल्ला का कहना था कि अमेरिका में डिजिटल एडवर्टाइजिंग ने टीवी एडवर्टाइजिंग को पीछे छोड़ दिया है और वर्ष 2030 तक भारत में भी ऐसा होने की संभावना है, क्योंकि यह पहले से ही यहां तेज गति से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में डिजिटल एडवर्टाइजिंग में काफी ज्यादा बढ़तरी होगी।
टीवी के बारे में लुल्ला ने कहा कि यह बना रहेगा और कम नहीं हो रहा है। भारतीय घरों में पहुंच बनाने के मामले में टीवी अभी भी सबसे अच्छा माध्यम है और यदि ऐसा ही चलता रहा तो यह अपना अस्तित्व बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि क्यूरेटेड कंटेंट और ओटीटी को आगे बढ़ने में अभी समय लगेगा। डिजिटल के खिलाफ लड़ाई में टीवी को अपने कंटेंट में बदलाव करना होगा। लुल्ला ने कहा कि एडवर्टाइजिंग किसी चीज की मांग को बढ़ाता है और भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अमेरिका से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि वहां जीडीपी में एडवर्टाइजिंग तीन प्रतिशत है और भारत में यह सिर्फ 0.4 प्रतिशत है, जो अमेरिका के आधे से भी कम है और उसे अभी लंबा रास्ता तय करना है। एक विकसित अर्थव्यवस्था में विज्ञापन और जीडीपी के बीच एक प्रतिशत का अनुपात होता है।
यह इस कार्यक्रम का 18वां संस्करण था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी की मुंबई विंग के प्रेजिडेंट आशीष शेलार थे।
‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) समूह द्वारा मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने और ऊंचाइयों को छूने वालों को हर साल दिए जाने वाले ‘इंपैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर’ (IMPACT Person of the Year) अवॉर्ड के विजेता के नाम से पर्दा उठ गया है।
आठ दिसंबर की शाम मुंबई स्थित ताज सांताक्रूज में आयोजित एक समारोह में ‘ड्रीम11’ (Dream11) के कल्चर एंफोर्समेंट ऑफिसर (CEO) और को-फाउंडर हर्ष जैन को IMPACT Person of the Year 2022 का विजेता घोषित किया गया।
यह इस कार्यक्रम का 18वां संस्करण था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी की मुंबई विंग के प्रेजिडेंट आशीष शेलार थे। बांद्रा से दो बार के विधायक शेलार वर्ष 2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार में स्कूली शिक्षा और खेल मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।
200 मिलियन से अधिक यूजर्स को सेवा प्रदान करने वाली देश की सबसे बड़ी स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी कंपनी बनाने के लिए हर्ष जैन को इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। ‘ड्रीम11’ यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश करने वाली भारत की पहली गेमिंग कंपनी है।
बता दें कि एक बिलियन डॉलर यानी करीब 7,300 करोड़ रुपए की वैल्यूएशन वाले स्टार्टअप को यूनिकॉर्न कहा जाता है। लगभग 150 पूंजीपतियों द्वारा अस्वीकार किए जाने के बाद ड्रीम11 ने RedBird Capital Partners, Tiger Global Management और Falcon Edge India जैसे शीर्ष निवेशकों के सपोर्ट से 65000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लिया है।
हर्ष जैन ने न्यूयॉर्क में प्रतिष्ठित कोलंबिया बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है। वह ड्रीम स्पोर्ट्स फाउंडेशन के माध्यम से समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय रूप से शामिल हैं, जहां उनका ध्यान भारतीय खेल ईकोसिस्टम की सेवा पर है। उनका एनजीओ रक्षा फाउंडेशन, जिसे वह अपनी पत्नी रचना के साथ चलाते हैं, जरूरतमंद बच्चों और जानवरों की मदद करता है।
बता दें कि इस साल ‘इंपैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर’ के लिए नॉमिनेट होने वालों में अमन गुप्ता, को-फाउंडर और सीएमओ (Boat Lifestyle); दर्पण सांघवी, फाउंडर और सीईओ (Good Glamm Group); वरुण अलघ, को-फाउंडर और सीईओ व गजल अलघ, को-फाउंडर और सीआईओ (Mamaearth); हर्ष जैन, को-फाउंडर और सीईओ (Dream 11); हर्ष मारीवाला, चेयरमैन (Marico Limited); मोहित बर्मन, चेयरमैन (Dabur Limited); एन. चंद्रशेखरन, चेयरमैन (Tata Sons); निसाबा गोदरेज, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (Godrej Consumer Products Ltd); पीयूष बंसल, को-फाउंडर और सीईओ (Lenskart); आर.एस अग्रवाल, को-फाउंडर और चेयरमैन एमेरिटस व आर.एस. गोयनका, को-फाउंडर और नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन (Emami Ltd); संकेत रे, प्रेजिडेंट-इंडिया और साउथवेस्ट एशिया (The Coca-Cola Company); और विनीत सिंह व कौशिक मुखर्जी, को-फाउंडर्स (Sugar Cosmetics) जैसे जाने-माने नाम शामिल थे।
गौरतलब है कि इससे पहले यह अवॉर्ड ‘एचयूएल’ (HUL) के तत्कालीन चेयरमैन संजीव मेहता, ‘आईटीसी लिमिटेड’ (ITC Limited) के चेयरमैन और एमडी संजीव पुरी, ‘Byju’s’ के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन, ‘Google India’ के तत्कालीन एमडी राजन आनंदन, ‘Patanjali Ayurved‘ के बाबा रामदेव, ‘Paytm‘ के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा, ‘Times Now और ET Now’ के पूर्व प्रेजिडेंट और तत्कालीन एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी, ‘Zee Entertainment Enterprises Ltd‘ के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका, ‘Times Group‘ के एमडी विनीत जैन, पूर्व सूचना-प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, ‘Taproot India‘ के फाउंडर एजनेलो डायस, ‘Network18 और Viacom18‘ के तत्कालीन ग्रुप सीईओ हरीश चावला, ‘Star India‘ के तत्कालीन सीईओ उदय शंकर, ‘Network18’ के फाउंडर राघव बहल और ‘CNN-IBN‘ के तत्कालीन एडिटर-इन-चीफ राजदीप सरदेसाई को मिल चुका है।
इससे पहले वह यहां पर प्रेजिडेंट-गवर्नमेंट नॉर्थ जोन के तौर पर सेल्स डिपार्टमेंट के साथ अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
देश के बड़े मीडिया नेटवर्क्स में शुमार ‘आईटीवी नेटवर्क’ (iTV Network) ने संजय सिंघल को प्रेजिडेंट नॉर्थ (पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली) के पद पर प्रमोट किया है।
इससे पहले वह यहां पर प्रेजिडेंट-गवर्नमेंट नॉर्थ जोन के तौर पर सेल्स डिपार्टमेंट के साथ अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
बता दें कि संजय सिंघल को मीडिया इंडस्ट्री में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है। वर्ष 2010 से वह ‘इंडिया न्यूज’ का अहम हिस्सा हैं और इसकी सफलता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
‘आईटीवी नेटवर्क’ से पहले संजय सिंघल ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) की चडीगढ़ यूनिट में डिप्टी जनरल मैनेजर के तौर पर करीब दस साल (वर्ष 2000-2010) तक अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
इसके अलावा पूर्व में वह वर्ष 1990 से 2000 तक गवर्नमेंट हेड के तौर पर ‘इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘जनसत्ता’ में भी अपनी अहम जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो संजय सिंघल ने मास्टर ऑफ कॉमर्स और फाइनेंस में बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मार्केटिंग में एमबीए की डिग्री ली है।
'वायकॉम18' (Viacom18) से चनप्रीत अरोड़ा के अलग होने की खबर सामने आयी है
'वायकॉम18' (Viacom18) से चनप्रीत अरोड़ा के अलग होने की खबर सामने आयी है। मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर निकलकर सामने आयी है। वह 'वायकॉम18' की SVP व बिजनेस हेड थीं।
हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने इस खबर को लेकर 'वायकॉम18' से संपर्क तो किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
वह करीब 3 साल से इस मीडिया कंपनी के साथ जुड़ी हुईं थीं। अरोड़ा 'जियोसिनेमा' (JioCinema) के एंटरटेनमेंट AVOD बिजनेस की इन-चार्ज भी रह चुकी हैं। वह इंटरन्यूज यूरोप ( Internews Europe) के बोर्ड में भी हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी की मुंबई विंग के प्रेजिडेंट आशीष शेलार होंगे।
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) ग्रुप द्वारा मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान देने और ऊंचाइयों को छूने वालों को हर साल दिया जाने वाले ‘इंपैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर’ (IMPACT Person of the Year) अवॉर्ड का सिलसिला साल दर साल जारी है।
इसी कड़ी में ‘IMPACT Person of the Year’ 2022 के विजेता के नाम की घोषणा आठ दिसंबर की शाम मुंबई स्थित ताज सांताक्रूज में आयोजित होने वाले एक समारोह में की जाएगी। बता दें कि यह इस कार्यक्रम का 18वां संस्करण है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बीजेपी की मुंबई विंग के प्रेजिडेंट आशीष शेलार होंगे। बांद्रा से दो बार के विधायक शेलार वर्ष 2019 में देवेंद्र फडणवीस सरकार में स्कूली शिक्षा और खेल मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।
बता दें कि इस साल ‘इंपैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर’ के लिए नॉमिनेट होने वालों में अमन गुप्ता, को-फाउंडर और सीएमओ (Boat Lifestyle); दर्पण सांघवी, फाउंडर और सीईओ (Good Glamm Group); वरुण अलघ, को-फाउंडर और सीईओ व गजल अलघ, को-फाउंडर और सीआईओ (Mamaearth); हर्ष जैन, को-फाउंडर और सीईओ (Dream 11); हर्ष मारीवाला, चेयरमैन (Marico Limited); मोहित बर्मन, चेयरमैन (Dabur Limited); एन. चंद्रशेखरन, चेयरमैन (Tata Sons); निसाबा गोदरेज, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (Godrej Consumer Products Ltd); पीयूष बंसल, को-फाउंडर और सीईओ (Lenskart); आर.एस अग्रवाल, को-फाउंडर और चेयरमैन एमेरिटस व आर.एस. गोयनका, को-फाउंडर और नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरमैन (Emami Ltd); संकेत रे, प्रेजिडेंट-इंडिया और साउथवेस्ट एशिया (The Coca-Cola Company); और विनीत सिंह व कौशिक मुखर्जी, को-फाउंडर्स (Sugar Cosmetics) का नाम शामिल है।
बता दें कि इससे पहले यह अवॉर्ड ‘एचयूएल’ (HUL) के तत्कालीन चेयरमैन संजीव मेहता, ‘आईटीसी लिमिटेड’ (ITC Limited) के चेयरमैन और एमडी संजीव पुरी, ‘Byju’s’ के फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन, ‘Google India’ के तत्कालीन एमडी राजन आनंदन, ‘Patanjali Ayurved‘ के बाबा रामदेव, ‘Paytm‘ के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा, ‘Times Now और ET Now’ के पूर्व प्रेजिडेंट और तत्कालीन एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी, ‘Zee Entertainment Enterprises Ltd‘ के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका, ‘Times Group‘ के एमडी विनीत जैन, पूर्व सूचना-प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, ‘Taproot India‘ के फाउंडर एजनेलो डायस, ‘Network18 और Viacom18‘ के तत्कालीन ग्रुप सीईओ हरीश चावला, ‘Star India‘ के तत्कालीन सीईओ उदय शंकर, ‘Network18’ के फाउंडर राघव बहल और ‘CNN-IBN‘ के तत्कालीन एडिटर-इन-चीफ राजदीप सरदेसाई को मिल चुका है।
संबंधित कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अपनी बैठकों में स्कीम ऑफ अरैंजमेंट को अपनी मंजूरी दे दी है। इस विलय के लिए एक अप्रैल की तारीख तय की गई है।
‘नेटवर्क18’ (Network18) और ‘टीवी18’ (TV18) ने बुधवार को एक स्कीम ऑफ अरैंजमेंट का ऐलान किया है। इसके तहत टीवी18 और E18 का विलय नेटवर्क18 के साथ किया जाएगा। बता दें कि मनीकंट्रोल की वेबसाइट और ऐप के संचालन का जिम्मा E18 के पास है। बताया जाता है कि इस विलय का मकसद नेटवर्क18 समूह के टीवी और डिजिटल न्यूज सेगमेंट को जोड़कर एक कंपनी तैयार करना है, ताकि यह देश का सबसे बड़ा मीडिया प्लेटफॉर्म बन सके।
कंपनी के अनुसार, यह विलय नेटवर्क18 को अपने कारोबार को मजबूत करने और आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगा। यह सभी शेयरधारकों को एक सूचीबद्ध इकाई के माध्यम से समूह के मीडिया बिजनेस में भाग लेने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
इस विलय के बाद बनने वाली इकाई में टीवी18 का टीवी पोर्टफोलियो (16 भाषाओं में 20 न्यूज चैनल और CNBCTV18.COM), नेटवर्क18 की डिजिटल प्रॉपर्टीज (13 भाषाओं में news18.com का प्लेटफॉर्म और फर्स्टपोस्ट) और मनीकंट्रोल की वेबसाइट और ऐप शामिल है। जियो सिनेमा के पोर्टफोलियो और 40 टीवी चैनल्स के साथ वायकॉम18 सीधे तौर पर नेटवर्क18 की सहायक इकाई (direct subsidiary) होगी। बुक माय शो (BookMyShow) में नेटवर्क18 का निवेश जारी रहेगा।
संबंधित कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने अपनी बैठकों में स्कीम ऑफ अरैंजमेंट को अपनी मंजूरी दे दी है। इस विलय के लिए एक अप्रैल की तारीख तय की गई है। अरेंजमेंट की शर्तों के तहत TV18 के 172 शेयर के बदले नेटवर्क18 के 100 शेयर मिलेंगे। वहीं E18 के एक शेयर के बदले नेटवर्क18 के 19 शेयर मिलेंगे। स्कीम ऑफ अरैंजमेंट के लिए सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किए जा रहे हैं।
इस अवधि के दौरान कुल मिलाकर 31,720 करोड़ रुपये के एफडीआई प्रवाह में इस क्षेत्र ने 3.6 प्रतिशत का योगदान दिया।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) के सामने आए नवीनतम आंकड़ों की मानें तो प्रिंट मीडिया सहित सूचना-प्रसारण क्षेत्र में वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही के दौरान 6058.67 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) रहा है।
इस अवधि के दौरान कुल मिलाकर 31,720 करोड़ रुपये के एफडीआई प्रवाह में इस क्षेत्र ने 3.6 प्रतिशत का योगदान दिया।
विशेष तौर पर 2023-24 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में, इस क्षेत्र में 1165.18 रुपये का एफडीआई रहा है, जिसमें से, रेडियो ब्रॉडकास्टिंग सेक्टर ने 953.23 रुपये मूल्य का एफडीआई इक्विटी प्रवाह आया है, जो कुल प्रवाह में 1.52 प्रतिशत का योगदान देता है। शेष 211.95 करोड़ रुपये, जो कुल प्रवाह का 0.33 प्रतिशत था, फिल्म और ऐडवर्टाइजिंग सेक्टर से आया।
सितंबर में समाप्त तिमाही में, इस क्षेत्र में एफडीआई प्रवाह 1,165 करोड़ रुपये था, जो जून तिमाही में दर्ज 4,893 करोड़ रुपये था और इस तरह से इसमें कमी देखने को मिलती है। सबसे बड़ा मूवमेंट बोधि ट्री सिस्टम्स द्वारा बीटीएस इन्वेस्टमेंट 1 के माध्यम से किया गया, जिसने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की सहायक कंपनी, रिलायंस स्टोरेज में निवेश करने के लिए 4,306.32 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
इसके बाद, बीटीएस इन्वेस्टमेंट 1 ने वॉयकॉम18 में 953 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे कंपनी में अतिरिक्त 2.89 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल हुई।
बता दें कि यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन है। पूर्व के दोनों संस्करणों की तरह इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट समाचार4मीडिया (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
बता दें कि यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन है। इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।
इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे।
जूरी की अध्यक्षता ‘हिन्दुस्तान’ के एडिटर-इन-चीफ शशि शेखर करेंगे। जूरी में शामिल होने वाले सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी। इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।
एक्सचेंज4मीडिया समूह की हिंदी वेबसाइट समाचार4मीडिया पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट फिर तैयार करने जा रही है। यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन है।
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट समाचार4मीडिया (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
बता दें कि यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन है। इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।
यह भी पढ़ें: S4M पत्रकारिता 40अंडर40 की फिर मचेगी 'धूम', एक सितंबर को विनर्स लिस्ट से उठेगा पर्दा
इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे। जूरी चेयर और अन्य सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी।
इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।
ZEEL और सोनी के विलय को मंजूरी देने वाले NCLT के फैसले के खिलाफ IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (ITSL) ने NCLAT में अपील दायर की है
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी के विलय को मंजूरी देने वाले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के फैसले के खिलाफ IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (ITSL) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में अपील दायर की है। विलय पर IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड की आपत्ति को खारिज करने के बाद NCLT ने विलय को हरी झंडी दे दी थी।
अपील 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए आयी, लेकिन इसे दूसरी पीठ में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके चलते फिलहाल यह टल गया था।
अपनी अपील में, IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड ने दावा किया है कि सुभाष चंद्रा ने 2019 में IDBI ट्रस्टीशिप के पक्ष में डिबेंचर के प्रति पुनर्भुगतान दायित्वों की गारंटी के लिए पर्सनल गारंटी दी थी। हालांकि, ट्रस्टीशिप कंपनी का आरोप है कि चंद्रा पर्सनल गारंटी की अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने में विफल रहे हैं, लिहाजा वह लेनदार (क्रेडिटर) हैं। इसके अलावा, ट्रस्टीशिप कंपनी ने चंद्रा से 500 करोड़ रुपये का दावा भी किया है।
वहीं, जी एंटरटेनमेंट ने मर्जर को लेकर IDBI ट्रस्टीशिप की आपत्ति का विरोध करते हुए कहा था कि IDBI ट्रस्टीशिप, जी एंटरटेनमेंट का क्रेडिटर नहीं है और इसलिए उसे विलय पर आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है। उसका कहना था कि इस मामले का जी एंटरटेनमेंट के साथ कोई कानूनी संबंध नहीं है।
इसके बाद NCLT ने आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह अन्य संस्थाओं से अपने कथित बकाए की वसूली सुनिश्चित करने में विफल रही है।
वरिष्ठ पत्रकार और 'जन की बात' के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने बताया कि राजस्थान के लिए एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 100 से 122 सीटों के बीच सीटें हासिल करेगी।
राजस्थान और तेलंगाना में 'जन की बात' का एग्जिट पोल एक्जैक्ट पोल साबित हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार और 'जन की बात' के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने बताया कि राजस्थान में बीजेपी सरकार की वापसी और तेलंगाना राज्य में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी। इस क्षेत्र में, सटीकता महत्वपूर्ण है और जन की बात एक बार फिर सटीकता के साथ चुनावी परिणामों की भविष्यवाणी करने में सफल रही है। राजस्थान और तेलंगाना के नतीजे 'जन की बात' के एग्जिट पोल उसकी विश्लेषणात्मक क्षमता के प्रमाण के रूप में खड़े हैं।
प्रदीप भंडारी के अनुसार, 'राजस्थान के लिए एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 100 से 122 सीटों के बीच सीटें हासिल करेगी। कांग्रेस के लिए अनुमान लगाया गया कि उसे 62 से 85 सीटें मिलेंगी और अन्य को 14 से 15 सीटें मिलेंगी। जैसे ही नतीजे सामने आए, जन की बात की भविष्यवाणी सटीक साबित हुई, बीजेपी को 113 सीटें मिलीं, कांग्रेस को 71 सीटें मिलीं और अन्य ने 13 सीटों पर कब्जा किया।
इसी तरह, तेलंगाना में जन की बात के एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी की जीत का अनुमान लगाया गया था। केसीआर की पार्टी बीआरएस को 40 से 55 सीटें, कांग्रेस को 48 से 64 सीटें, बीजेपी को 7 से 13 सीटें और अन्य को 4 से 7 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था। वास्तविक नतीजों ने जन की बात की भविष्यवाणियों को प्रतिबिंबित किया, जिसमें बीआरएस को 40 सीटें, कांग्रेस को 65 सीटें और बीजेपी को 9 सीटें और अन्य को 5 सीटें मिलीं।'
प्रदीप भंडारी ने बताया कि दोनों राज्यों में चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करने में जन की बात की सफलता का श्रेय मजबूत नमूनाकरण तकनीकों, अत्याधुनिक विश्लेषण और प्रत्येक क्षेत्र में सामाजिक-राजनीतिक गतिशीलता की गहरी समझ के संयोजन को दिया जा सकता है।