कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में भी कोरोना पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है। तमाम वैज्ञानिक इसके टीके और दवा की खोज में दिन रात लगे हुए हैं, ताकि किसी तरह से इसके प्रसार को रोका जा सके। तमाम मीडिया संस्थान कोरोना की लगातार कवरेज में जुटे हुए हैं।
इन सबके बीच लखनऊ में एक सेलिब्रिटी द्वारा दी गई एक पार्टी में कई पत्रकारों की मौजूदगी ने पत्रकारों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ की अपील की है। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि पुलिस, मीडिया, स्वास्थ्य सेवाओं आदि से जुड़े लोग जनता कर्फ्यू के दायरे में नहीं आएंगे। ऐसे में देहरादून की बहु-विषयक और विशेषज्ञता केंद्रित यूनिवर्सिटी ‘यूपीईएस’ (UPES) में ‘स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया’ (School of Modern Media) के डीन और और ‘आईआईएमसी’ के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर के.जी. सुरेश ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोरोना वायरस की मीडिया कवरेज को लेकर मीडिया संस्थानों और रिपोर्टर्स के लिए कुछ गाइडलाइंस तैयार की हैं और उन्हें लागू करने की सिफारिश की है।
प्रो. केजी सुरेश द्वारा मीडिया संस्थानों लिए तैयार इन गाइडलाइंस के अनुसार,
1. पूरे कार्यालय को सैनिटाइज किया जाए। इनमें सार्वजनिक स्थान (जहां पर कई लोगों का आना-जाना हो), न्यूजरूम्स, प्रॉडक्शन कंट्रोल रूम्स, सर्वर रूम्स, स्टूडियो, कॉरिडोर, लाउंज, कैंटीन, रिसेप्शन और टॉयलेट्स आदि सभी स्थानों को शामिल किया जाए।
2. प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट का इस्तेमाल किया जाए।
3. बाहरी लोगों के संपर्क में आने वाले स्टाफ (सुरक्षा गार्ड, रिसेप्शनिस्ट आदि) के लिए मास्क का प्रावधान हो।
4. सभी एंट्री और एग्जिट पाइंट्स को सैनिटाइज किया जाए। जो कोई भी इन पाइंट्स से गुजरे, उसके लिए सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना आवश्यक किया जाए।
5. किसी भी व्यक्ति के बिल्डिंग में प्रवेश करने से पूर्व आवश्यक रूप से उसका टेंपरेचर चेक किया जाए।
6. किसी भी ऐसे एंप्लाई को जो सर्दी, खांसी, बुखार आदि से पीड़ित हो, संस्थान परिसर में प्रवेश की अथवा मौजूद रहने की अनुमति न हो।
7. जिन एंप्लाईज का ऑफिस आना जरूरी है और उनका काम घर से नहीं हो सकता है, उन्हें छोड़कर अन्य कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का विकल्प दिया जाए। (वर्क फ्रॉम होम)
8. लगातार शिफ्ट को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाए। एक शिफ्ट पूरी हो जाए और उसके एंप्लाई चले जाएं, तब दूसरी शिफ्ट के एंप्लाईज आएं, इस तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए।
9. जब तक हालात नहीं सुधर जाते, तब तक स्टूडियो में बैठकर होने वाली चर्चा को टाल दिया जाए। गेस्ट से बातचीत के लिए लाइव व्यू ऐप्स अथवा स्काईप का इस्तेमाल किया जाए।
10. जहां संभव हो, वहां मोबाइल जर्नलिज्म (Mobile Journalism) को बढ़ावा दिया जाए।
11. ऑफिशियल मीटिंग्स और एक-दूसरे से बातचीत करने के लिए विडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए।
12. हेल्थ मिनिस्ट्री और डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के अनुसार ऑफिस में स्टाफ को उचित दूरी पर बैठाया जाए।
13. न हाथ मिलाएं, न गले मिलें, बल्कि इसके स्थान पर नमस्ते को प्राथमिकता दें।
14. कैश लेन-देन की बजाय डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दें।
15. ओबी वैन, लाइव यू यूनिट्स, पिकअप कैब और असाइनमेंट के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों को पूरी तरह सैनिटाइज किया जाए। इन वाहनों के ड्राइवर मास्क पहनें और अपने हाथों को सैनिटाइज करें।
16. सभी रिपोर्टर्स को एक छोटी किट उपलब्ध कराएं, जिसमें अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर्स और टिश्यू पेपर मौजूद हों।
17. ऑफिस के सभी टॉयलेट्स और कैंटीन में लिक्विड साबुन और टिश्यू पेपर्स रखे जाएं।
18. अस्वस्थ अथवा कमजोर रिपोर्टर्स को हाई रिस्क की कवरेज का काम न सौंपें। उन्हें घर पर रहने की सलाह दें।
19. स्टाफ के लिए काउंसिलंग की व्यवस्था कराएं।
20. सार्वजनिक परिवहन सेवा की जगह स्टाफ को निजी ट्रांसपोर्ट की सुविधा प्रदान करें। इसके लिए भुगतान भी करें, ताकि वे सार्वजनिक परिवहन सेवा का इस्तेमाल कम से कम करें और कम से कम जोखिम हो।
ड्यूटी पर मौजूद रिपोर्ट्स के लिए गाइडलाइंस
1. फेक न्यूज से बचें। सही और पुष्ट जानकारी जुटाने के लिए ‘My Gov Corona Helpdesk’ वॉट्सऐप नंबर 91 9013151515 का इस्तेमाल करें।
2. अपने साथ हमेशा हैंड सैनिटाइजर्स रखें और जहां पर साबुन व पानी न हो तो इसका इस्तेमाल करें।
3. जब तक बहुत जरूरी न हो, भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाएं।
4. पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करने से परहेज करें और जहां तक संभव हो, आने-जाने के लिए अपने निजी वाहन का इस्तेमाल करें।
5. यदि आपको अपने अंदर कोरोना पीड़ित जैसे जरा भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत ऑफिस मैनेजमेंट को सूचित करें और मेडिकल सहायता लें। यदि आप कोरोना पॉजीटिव किसी व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो अपने आप को क्वारंटाइन (quarantine) कर लें।
6. न्यूज जुटाते समय अपने न्यूज सोर्स से दूरी बनाकर संवाद करें। इसके अलावा जिन लोगों में इस तरह के लक्षण दिखाई दें, वरिष्ठ नागरिक, बीमार लोगों, कोरोना पीड़ितों के संपर्क में आने वाले लोगों अथवा कोरोना पीड़ितों का उपचार कर रहे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और हाई रिस्क वाले स्थानों पर काम कर रहे लोगों से बातचीत करते समय उचित दूरी बनाए रखें।
7. क्लिप माइक का इस्तेमाल करने के बजाय एक दूरी पर रहते हुए डायरेक्शनल माइक का इस्तेमाल करें और माइक के ऊपरी कवर्स को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें।
8. यदि आप किसी हॉस्पिटल अथवा क्वारंटाइन वाली जगह जा रहे हैं तो ग्लब्स, मास्क, डिस्पोजेबल फुटवियर पहनें।
9. अपने उपकरणों को वाइप्स से साफ करते रहें। काम पर जाने से पहले अपने उपकरणों को अच्छे से साफ और सैनिटाइज कर लें। यह भी सुनिश्चित करें कि जो भी इन उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे भी इन बातों से जागरूक हों।
10. किसी से हाथ न मिलाएं, बल्कि उसके स्थान पर नमस्ते करें।
11 . नॉर्थ ईस्ट के पत्रकारों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि कुछ अशिक्षित और अज्ञानी लोग ‘चाइना वायरस’ के नाम पर उन्हें निशाना बना सकते हैं।
12. साइबर सुरक्षा से जुड़ी कंपनी ‘Norton’ के अनुसार, कुछ स्कैमर्स और हैकर्स कथित रूप से लोगों को टार्गेट कर कोरोना वायरस के बारे में गलत और फर्जी ईमेल भेज रहे हैं।
13. स्टोरी सर्च करते समय अथवा सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस संबंधी किसी भी लिंक पर क्लिक सोच-समझकर करें। ये लिंक आपको किसी ऐसी वेबसाइट पर भी ले जा सकते हैं, जो आपकी डिवाइस को मैलवेयर (malware) के द्वारा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
14. अपने परिवार को सुरक्षित रखें। घर में प्रवेश करने से पहले सैनिटाइजर्स का इस्तेमाल करें और सामाजिक स्तर पर लोगों से दूरी बनाए रखें।
मीडिया कवरेज के लिए गाइडलाइंस
1. कवरेज के सभी सिद्धांतों के बारे में बताया जाना चाहिए और जागरूकता फैलानी चाहिए।
2. कवरेज इस तरह की होनी चाहिए, जिससे जनता में किसी तरह की दहशत अथवा भ्रम नहीं फैले।
3. किसी भी न्यूज अथवा सूचना को प्रकाशित/प्रसारित करने से पूर्व उसकी पुष्टि जरूर कर लेनी चाहिए।
4. पत्रकारिता के प्रसिद्ध सिद्धांत ‘When in doubt, cut it out’यानी किसी जानकारी में भ्रम है और उसके बारे में पूरी तरह पता नहीं है तो उसे छोड़ देना चाहिए, लेकिन गलत जानकारी नहीं देनी चाहिए।
5. किसी भी तरह के नीम-हकीम अथवा लोकप्रियता हासिल करने के लिए कोरोना को ठीक करने का दावा करने वालों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए यानी उन्हें बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
6. निर्धारित मानदंडों के विरुद्ध बयान देने वाले समूहों अथवा लोगों का प्रचार न करें।
7. फर्जी बयानों अथवा फर्जी न्यूज को लोगों के सामने उजागर करें।
8. सैनिटाइज करें न कि सनसनी फैलाएं।
9. विभिन्न प्रोमोज में और प्रोग्राम्स के द्वारा स्वच्छता के नियमों जैसे-हाथ धोना आदि को बढ़ावा दें।
10. कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए सरकार अथवा गैर सरकारी संगठनों की जा रही पहल को सपोर्ट करें।
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कोरोना की दूसरी लहर में मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। मौत के इस तांडव का शिकार इस बार सबसे अधिक युवा हो रहे हैं। इस बीच सीपीएम (CPM) महासचिव और वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी के बड़े बेटे आशीष येचुरी का निधन हो गया है। वह कोरोना वायरस से संक्रमित थे। सीताराम येचुरी ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट से यह दुखद जानकारी दी। येचुरी के बेटे का गुरुग्राम के अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां आज सुबह ही उन्होंने आखिरी सांस ली। आशीष 9 जून को 35 साल के होने वाले थे।
करीब दो हफ्तों से उनका कोरोना का इलाज चल रहा था। स्थिति गंभीर होने के बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी सेहत में सुधार भी हो रहा था। कोरोना से दो हफ्ते की जंग के बाद आज सुबह साढ़े 5 बजे अचानक उनका निधन हो गया जिससे पूरा परिवार सदमे में है। आशीष के अलावा सीताराम येचुरी के परिवार में उनकी पत्नी और बेटी है।
आशीष येचुरी, एक अखबार में सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में काम कर रहे थे. दो हफ्ते तक कोरोना से जंग लड़कर जीत की दहलीज पर पहुंचने से पहले ही आशीष की सांसें थमने से उनके परिवार के साथ दोस्तों में गम का माहौल है। उनके पिता सीताराम येचुरी ने गुरुवार सुबह ट्वीट करके अपने बड़े बेटे के निधन की खबर दुनिया को दी।
सीताराम येचुरी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘भारी दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि कोविड-19 से आज सुबह मैंने अपने बड़े बेटे आशीष येचुरी को खो दिया। मैं उन सभी का, डॉक्टरों, नर्सों, अग्रिम मोर्चे के कर्मियों, सफाईकर्मियों का शुक्रगुजार हूं जिन्होंने हमें हिम्मत दी और उनका उपचार किया तथा संकट के समय में हमारे साथ खड़े रहे।’ फिलहाल सीताराम येचुरी भी क्वारनटीन हैं।
It is with great sadness that I have to inform that I lost my elder son, Ashish Yechury to COVID-19 this morning. I want to thank all those who gave us hope and who treated him - doctors, nurses, frontline health workers, sanitation workers and innumerable others who stood by us.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) April 22, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीताराम येचुरी के परिवार के प्रति शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 'सीताराम येचुरी जी और उनके परिवार को पुत्र आशीष के दुखद और असामयिक निधन पर संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।'
Condolences to Shri Sitaram Yechury Ji and his family on the tragic and untimely demise of his son, Ashish. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2021
आशीष ने एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म, चेन्नई से पढ़ाई की थी और उन्होंने दिल्ली में 'टाइम्स ऑफ इंडिया' समेत कई मीडिया संस्थानों में काम किया। इसके बाद वह पुणे चले गए। वर्तमान में वह 'न्यूजलॉन्ड्री' (Newslaundry) वेबसाइट में असिसटेंट एडिटर की भूमिका निभा रहे थे।
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कोरोना वायरस ने एक बार फिर तेजी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। हर दिन देशभर में वायरस के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच कई पत्रकार भी कोरोना की चपेट में आए हैं, जिनमें से तो कई पत्रकारों की जान तक चली गई है। इन्हीं में अब एक और नाम जुड़ गया है पंजाब केसरी ग्रुप के ‘नवोदय टाइम्स’ के डिजिटल हेड चंदन जायसवाल का। चंदन जायसवाल को भी कोरोना ने अपने चपेट में ले लिया, जिसके बाद उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा का लेवल बहुत ही कम रह गया और उन्हें मंगलवार को नोएडा के भारद्वाज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने गुरुवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अंतिम सांस ली। वे करीब 40 वर्ष के थे।
चंदन जायसवाल बिहार के सिवान जिले के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है। उनका बेटा चौथी कक्षा में पढ़ रहा है।
चंदन जायसवाल पंजाब केसरी ग्रुप के साथ अक्टूबर, 2014 में जुड़े थे, जिसके बाद उनके नेतृत्व में ही ‘नवोदय टाइम्स’ डिजिटल की नींव रखी गई। इसके पहले वे ‘अमर उजाला’ डिजिटल में चीफ सब एडिटर के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने मार्च, 2012 में 'अमर उजाला' जॉइन किया था। इसके पहले अगस्त, 2007 से फरवरी 2012 तक 'दैनिक जागरण' में विभिन्न पदों पर रहते हुए सीनियर सब एडिटर तक की अपनी पारी खेली।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता गैर लाभ संगठन की ओर से प्रकाशित विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में भारत की रैंकिंग नीचे नहीं गिरी है
भारत पत्रकारिता के लिहाज से दुनिया के सुरक्षित देशों में शुमार नहीं है। अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता गैर लाभ संगठन की ओर से प्रकाशित विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में भारत की रैंकिंग नीचे नहीं गिरी है, लेकिन भारत को अब भी पत्रकारिता के लिहाज से सुरक्षित देश नहीं माना गया है। इसमें कहा गया है कि भारत विश्व के सबसे अधिक खतरनाक देशों में है, जहां पत्रकारों को अपना काम सुविधाजनक तरीके से करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, ब्राजील, मैक्सिको और रूस के साथ 'खराब' श्रेणी में है। गैर लाभकारी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) की ओर से जारी विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में भारत की रैंकिंग पिछले वर्ष की तरह 142 ही है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, ब्राजील, मैक्सिको और रूस के साथ 'खराब' श्रेणी में है। 2004 में यूपीए सरकार ने सत्ता संभाली तो भारत की रैंकिंग 120 थी, जो 2005 में 106 तक आ गई थी। वहीं, 2014 में यूपीए की सत्ता जाने तक रैंकिंग गिरकर 140 तक पहुंच गई थी। हालांकि, यूपीए शासनकाल के दौरान 2006 व 2009 में 105 तक भी आ गई थी।
नवीनतम रिपोर्ट में भारत के किसी भी आलोचना करने वाले पत्रकार के लिए भाजपा समर्थकों द्वारा बनाए गए डराने-धमकाने के माहौल को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे रिपोर्टर को ‘राज्य-विरोधी’ या ‘राष्ट्र-विरोधी’ के रूप में चिह्नित किया जाता है। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मीडिया पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘2020 में अपने काम के दौरान चार पत्रकार मारे गए। ऐसे में भारत पत्रकारों के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से बन गया है, जहां अपना काम ठीक से कर पाना बहुत कठिन है।’ पत्रकारों को हर तरह के हमले का सामना करना पड़ता है, जिसमें पुलिस हिंसा, राजनीतिक कार्यकर्ताओं द्वारा घात लगाना, और आपराधिक समूहों या भ्रष्ट स्थानीय अधिकारियों द्वारा उकसाए गए विद्रोह शामिल हैं। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी की भारी जीत के बाद मीडिया पर हिंदू राष्ट्रवादी सरकारों की लाइन पर चलने के लिए दबाव बढ़ गया है।’
रिपोर्ट कहती है, ‘हिंदुत्व की विचारधारा का समर्थन करने वाले भारतीय सार्वजनिक बहस को राष्ट्रविरोधी विचार साबित करने पर जुटे हैं। भारत में हिंदुत्व का समर्थन करने वालों के खिलाफ लिखने वाले या बोलने वाले पत्रकारों को निशाना बनाया जाता है, उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर नफरत भरा अभियान चलाया जाता है। पत्रकारों के खिलाफ हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है, विशेष रूप से जब निशाना महिला हो।’
रिपोर्ट कहती है कि सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को चुप कराने के लिए उन पर राजद्रोह जैसे मुकदमे चलाए जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत सरकार ने किस प्रकार देश में कोरोना महामारी का लाभ उठाकर प्रेस की स्वतंत्रता को कुचलने का काम किया। कश्मीर में स्थिति अभी भी चिंताजनक है। वहां पर पत्रकारों को अभी भी पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। वहां ऑरवेलियन कंटेट रेगुलेशन का सामना किया जा रहा है, जो मीडिया आउटलेट के बंद होने के लिए जिम्मेदार है, जैसा कि कश्मीर टाइम्स के साथ हुआ।’
रिपोर्ट कहती है, ‘सरकार समर्थित मीडिया ने दुष्प्रचार शुरू किया है। ऐसे पत्रकार जो सरकार की आलोचना करने की हिम्मत रखते हैं, उन्हें भाजपा के समर्थकों द्वारा राष्ट्रविरोधी या यहां तक कि आतंकवादी समर्थक तक कहा जा रहा है।’
जारी की गई विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2021 में 180 देशों में सबसे ऊपर नॉर्वे है। इसके बाद फिनलैंड और डेनमार्क हैं। जबकि सबसे नीचे इरिट्रिया है। चीन 177 वें स्थान पर है, और उत्तरी कोरिया के ऊपर 179 और तुर्कमेनिस्तान में 178 वें स्थान पर है। भारत पिछले साल की तरह ही 142 वें स्थान पर है। 2016 में 133 के बाद से यह लगातार नीचे खिसक रहा है। दक्षिण एशियाई देशों में पड़ोसी नेपाल 106, श्रीलंका 127, म्यांमार (तख्तापलट से पहले) 140, पाकिस्तान 145 और बांग्लादेश 152वें स्थान पर हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।'एंटर10 टेलीविजन' (Enterr10 Television) के फ्री-टू-एयर (FTA) हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल ‘दंगल टीवी’ के प्रोग्रामिंग हेड प्रशांत भट्ट ने पद छोड़ने का फैसला किया है।
'एंटर10 टेलीविजन' (Enterr10 Television) के फ्री-टू-एयर (FTA) हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल ‘दंगल टीवी’ के प्रोग्रामिंग हेड प्रशांत भट्ट ने पद छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया से इस खबर की पुष्टि की है।
भट्ट पिछले साल अक्टूबर में चैनल से जुड़े थे और पिछले सात महीने से चैनल की प्रोग्रामिंग की कमान संभाल रहे थे। इससे पहले, वे ‘जी पंजाबी’ (Zee Punjabi) के साथ जुड़े थे।
वे चैनल के फिक्शन व नॉन-फिक्शन शोज दोनों को हेड कर रहे थे। जी पंजाबी में भी वे फिक्शन व नॉन-फिक्शन शोज के कंटेंट को कॉन्सेप्ट बनाना और उसे निर्मित करने की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। नेटवर्क के लिए कुछ नए तरीके से मार्केटिंग और प्रमोशन करने की रणनीति तैयार करने की भी जिम्मेदारी उन पर थी, ताकि मार्केट में जी बिजनेस और मजबूत छाप छोड़ सके।
वे स्टूडियो बी&एम (Studio B&M) के फाउंडर व क्रिएटिव डायरेक्टर भी थे। यहां उन्होंने ‘चैनल वी’ (Channel V) के लिए ‘मस्तांगी’ (Mastaangi) और ‘एंडटीवी’ (AndTV) के लिए ‘सिद्धि विनायक’ (Siddhi Vinayak) शो को प्रड्यूस किया। उन्होंने ‘कलर्स टीवी’ (Colors TV) के लिए फिक्शन प्रोग्रामिंग का भी नेतृत्व किया।
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‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEE ENTERTAINMENT ENTERPRISES LTD) की हेड (Global Syndication & International Film Distribution) विभा चोपड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ‘एमेजॉन प्राइम वीडियो’ (Amazon Prime Video) इंडिया में बतौर कंटेंट अधिग्रहण (content acquisition) जॉइन किया है। ZEEL में अपनी पारी के दौरान विभा कंपनी के ओवरसीज फिल्म और कंटेंट सिंडीकेशन को आगे बढ़ाने का काम कर चुकी हैं।
इस बारे में अपनी लिंक्डइन पोस्ट में विभा चोपड़ा का कहना है, ‘ZEE में मेरा सफर काफी रोमांचक रहा है, जहां मैंने विभिन्न प्रोजेक्ट्स और बेहतरीन लोगों के साथ काम करना और आगे बढ़ना सीखा है। मैं अपने सीनियर्स अमित गोयनका और पुनीत गोयनका को धन्यवाद देती हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और विभिन्न जिम्मेदारियां दीं।’
इसके साथ ही विभा चोपड़ा का कहना है, ‘यह घोषणा करते हुए मैं काफी रोमांचित हूं कि मैंने एमेजॉन प्राइम वीडियो, इंडिया जॉइन कर लिया है। अपने जीवन के इस सफर को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं और इस ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन के साथ काम करने को लेकर काफी उत्सुक हूं।’
बता दें कि वर्ष 2016 में विभा चोपड़ा को ZEEL में हेड (film acquisition and distribution business) की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 2019 में उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी के तहत ग्लोबल कंटेंट लाइसेंसिंग बिजनेस की कमान सौंपी गई थी। ZEEL के अलावा वह ‘टैम मीडिया’ (TAM Media) और ‘इंडिया टीवी’ (India TV) के साथ भी काम कर चुकी हैं।
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स्टार इंडिया के वाइस प्रेजिडेंट व सीआईओ विशाल सोमानी ने यहां से विदाई लेकर जी एंटरटेनमेंट (ZEEL) के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्हें यहां एंटरप्राइज आईटी का हेड नियुक्त किया गया है। सात वर्षों तक स्टार इंडिया में रहते हुए सोमानी ने कई वरिष्ठ पदों पर काम किया। फरवरी 2014 में वे स्टार इंडिया के साथ बिजनेस सिस्टम्स के वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर शामिल हुए थे।
सोमानी को मीडिया व ब्रॉडकास्टिंग और बीएफएसआई डोमेन में दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने टीसीएस और टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस में लंबे समय तक काम किया।
ZEEL ने आधिकारिक लिंक्डइन पोस्ट के जरिए सोमानी का स्वागत करते हुए कहा, ‘एंटरप्राइज आईटी के हेड के तौर पर विशाल सोमानी का स्वागत है। उन्हें मीडिया-ब्रॉडकास्टिंग और बीएफएसआई डोमेन में 2 दशकों के अनुभव है। उन्होंने विभिन्न टेक्नोलॉजी का नेतृत्व किया है। हम उनका स्वागत करते हैं और उन्हें नई भूमिका के लिए बधाई देते हैं।’
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‘द हिंदू’ (THE HINDU), ‘द हिंदू बिजनेसलाइन’ (The Hindu BusinessLine), ‘फ्रंटलाइन’ (Frontline) और ‘स्पोर्टस्टार’ (Sportstar) के पब्लिशर ‘द हिन्दू ग्रुप पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड’ (The Hindu Group Publishing Private Limited) ने कृष्णा प्रसाद को ग्रुप एडिटोरियल ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। उनकी यह नियुक्ति 16 अप्रैल 2021 से प्रभावी है। अपनी इस भूमिका में वह ‘द हिंदू समूह’ के सभी प्रकाशनों में समन्वित प्रयासों से, विभिन्न प्रिंट प्रकाशनों और डिजिटल सामग्री में अधिक से अधिक तालमेल बैठाते हुए नेतृत्व करेंगे।
प्रसाद को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का काफी लंबा अनुभव है। पूर्व में प्रसाद ‘आउटलुक’ (Outlook) मैगजीन के एडिटर-इन-चीफ और ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (Times of India group) ग्रुप के अखबार ‘विजय टाइम्स’ (Vijay Times) के एडिटर रह चुके हैं। वह ‘प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया’ (Press Council of India) के सदस्य रह चुके हैं। वह डिजिटल शैली को अपनाने वाले शुरुआती मुख्यधारा के पत्रकारों में से एक हैं।
कृष्णा प्रसाद की नियुक्ति के बारे में ‘द हिन्दू ग्रुप पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड’ की चेयरपर्सन मालिनी पार्थसारथी का कहना है, ‘ग्रुप एडिटोरियल ऑफिसर के रूप में प्रसाद, सभी पब्लिकेशंस के कंटेंट मैनेजमेंट और स्ट्रैटेजी को लेकर मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगे।’ वहीं, कृष्णा प्रसाद का कहना है, ‘मैं समूह के संपादकों, पत्रकारों के साथ-साथ बिजनेस और टेक्निकल टीमों संग मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हूं।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का आग्रह किया है।
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का आग्रह किया है। यही नहीं गिल्ड ने सरकार से पत्रकारों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने की मांग भी की है।
एडिटर्स गिल्ड की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि पाठकों तक खबरें और सूचनाएं पहुंचाने के लिए समाचार संगठन लगातार महामारी, चुनाव और अन्य समसामयिक मामलों को कवर कर रहे हैं। इसलिए पत्रकारों को संरक्षण के दायरे में लाया जाए।'
बयान के मुताबिक अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स की तर्ज पर पत्रकारों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए। टीकाकरण का संरक्षण मिले बगैर मीडिया कर्मियों के लिए अपनी पेशेवर जवाबदेही का निर्वाह करना अत्यंत कठिन है।
The Editors Guild of India urges the Union Government to declare journalists as frontline workers and be allowed priority vaccination against Coronavirus, along with other frontline workers. #COVID19 #COVID19Vaccine #COVIDEmergency #Media #fronlineworkers pic.twitter.com/up7rjo0Z88
— Editors Guild of India (@IndEditorsGuild) April 15, 2021
बता दें कि इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानते हुए कोरोना वैक्सीन लगाने की वकालत की थी। दिल्ली सरकार ने इस बाबत एक पत्र भी केंद्र सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को लिखा है और पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर्स मानते हुए प्राथमिकता के आधार पर उनके टीकाकरण के लिये विचार करने की अपील की है।
दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि पत्रकारिता सरकार और जनता के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु का काम करती है। सबसे मुश्किल हालात में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ-साथ मीडियाकर्मी भी सबसे आगे रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान मीडिया ने सक्रिय रूप से लोगों को बीमारी के बारे में जानकारी देने और इसकी रोकथाम के लिए जागरूक करने का काम किया है।
गौरतलब है कि पत्रकारों को कोरोना वैक्सीन लगाने की अनुमति देने के लिए कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी केंद्र सरकार से मांग की है। पिछले 10 दिनों में भारत में कोरोना के मामले दोगुने हो गए हैं। इसके साथ ही पूरे विश्व में कोरोना के मामलों में भारत में ब्राजील को पीछे छोड़ दिया। अब भारत विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना केस वाला देश बन गया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।कोरोना वायरस ने एक बार फिर तेजी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है।
कोरोना वायरस ने एक बार फिर तेजी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। हर दिन देशभर में वायरस के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच कई पत्रकार भी कोरोना की चपेट में आए हैं, जिनमें से तो कई पत्रकारों की जान तक चली गई है। तेजी से बढ़ती कोरोना महामारी को देखते हुए हिंदी न्यूज चैनल आजतक ने अपने खास पॉलिटिकल प्रोग्राम, जोकि ग्राउण्ड जीरो से प्रसारित किया जाता है, फिलहाल के लिए उसे बंद कर दिया है। इस प्रोग्राम का नाम है- बुलेट रिपोर्टर।
बता दें कि चुनावों पर केंद्रित इस शो को ‘आजतक’ तक की डिप्टी एडिटर व सीनियर एंकर चित्रा त्रिपाठी होस्ट करती थीं। उन्होंने इस बात की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल के जरिए दी। दरअसल तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण को देखते हुए ही इस शो को फिलहाल के लिए बंद करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल इस शो को कब तक के लिए बंद किया जा रहा है और दोबारा कब इसे शुरू किया जाएगा, इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी है।
लाउडस्पीकर से डेडबॉडी की जानकारी दी जा रही है.परिजन बेबस अस्पताल के बाहर हैं. लाशों को अपने अंतिम संस्कार का नहीं “जल”जाने का इंतज़ार है. स्थितियाँ भयावह हैं.
— Chitra Tripathi (@chitraaum) April 16, 2021
देश के कई हिस्सों से इस तरह की खबरें आ रही हैं जिसके मद्देनज़र आज हम चुनावी शो बुलेट रिपोर्टर को क्लोज कर रहे हैं.
‘बुलेट रिपोर्टर’ की खास बात थी इसका अंदाज, जो लोगों को सबसे ज्यादा पसंद आ रहा था। चित्रा त्रिपाठी चैनल की ओबी वैनं में नहीं बल्कि बुलेट पर सवार होकर जगह-जगह घूम-घूमकर मतदाताओं का मन टटोलती थीं। उनसे बात करती थीं, प्रत्याशियों का हाल जानती थीं और उन समस्याओं पर भी प्रकाश डालती थीं, जो अब तक अनसुलझी थीं।
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कोरोना वायरस ने एक बार फिर तेजी से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। हर दिन देशभर में वायरस के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस बीच बीते कई दिनों से कोरोना का गढ़ बन चुके महाराष्ट्र में 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है। इस लॉकडाउन के कारण कई फिल्मों की शूटिंग रुक गई है, जिसके चलते इन फिल्मों में दिहाड़ी पर काम करने वाले लोगों की रोजी रोटी पर संकट आ गया है। लिहाजा इसे देखते हुए मीडिया और मनोरंजन उद्योग की समन्वय समिति, जिसमें IMPPA, IFTDA, FWICE और CINTAA जैसे फिल्म निकाय शामिल हैं, सभी ने मिलकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 15 दिनों के कर्फ्यू के दौरान उन्हें सीमित स्तर पर काम करने की अनुमति दी जाए।
समिति ने 15 दिनों के लिए बंद होने को लेकर पत्र में आग्रह किया गया है कि बंद वातावरण में पोस्ट-प्रॉडक्शन के काम को करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि प्रसारण के लिए कंटेंट को एडिट किया जा सके।
इसके अलावा, उन्होंने अनुरोध किया है कि प्रड्यूसर्स को होने वाले नुकसान से बचने के लिए इस निर्माण कार्य की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माण श्रमिकों की तरह, सेट बिल्डिंग से जुड़े लोग भी सभी सावधानियों के साथ सेट पर रहकर काम कर सकते हैं। दैनिक वेतन भोगियों के लिए घोषित वित्तीय पैकेज को मीडिया और मनोरंजन उद्योग के श्रमिकों, तकनीकी विभाग के लोगों और अभिनेताओं के लिए भी छूट बढ़ाई जाने सहित पत्र में कई तरह के अनुरोध किए गए हैं।
अंत में, निकाय ने आग्रह किया कि यदि संभव हो तो फिल्म सिटी और मीरा-भायंदर क्षेत्र में टीकाकरण केंद्र और फिल्म व टीवी कर्मचारियों के लिए खानपान की स्थापना की जाए।
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