सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सभी निजी सैटेलाइट टीवी चैनल्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में मंत्रालय ने इन टीवी चैनल्स से ऑनलाइन गेमिंग और फैंटेसी स्पोर्ट्स के विज्ञापनों के संबंध में 'ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) की गाइडलाइंस का पालन करने के लिए कहा है।
ऑनलाइन गेमिंग पर ‘भ्रामक’ विज्ञापनों को लेकर चिंता जताते हुए मंत्रालय ने सभी टीवी चैनल्स से कहा है कि वे आय के अवसर या वैकल्पिक रोजगार विकल्प के तौर पर ऐसे विज्ञापन दिखाने से बचें।
मंत्रालय का कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग और फैंटेसी स्पोर्ट्स पर बड़ी संख्या में विज्ञापन टीवी चैनल्स पर नजर आ रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार, ऐसे विज्ञापन भ्रामक प्रतीत होते हैं, जो उपभोक्ताओं को वित्तीय और अन्य जोखिमों से सही रूप से अवगत नहीं कराते हैं। यह केबल टेलिविजन नेटवर्क्स (रेगुलेशन) एक्ट 1995 और कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत निर्धारित विज्ञापन संहिता के अनुरूप नहीं हैं।
To protect consumers interest we have issued an advisory to all Broadcasters to ensure that advertisement on online gaming and fantasy sports is not misleading.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 5, 2020
निजी टीवी चैनलों से कहा गया है कि वे आय के अवसर या वैकल्पिक रोजगार विकल्प के तौर पर ऐसे विज्ञापन ना दिखाएं |
(1/3) pic.twitter.com/6rwPaMTXQV
Print ads henceforth on online games and fantasy sports are required to carry a disclaimer that "playing these games may involve financial risk & can be addictive". Also, the disclaimer should not occupy less than 20% of the space of the print ad. @MIB_India @DDNewslive
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 5, 2020
(2/3)
Similarly, for audio-visual and audio ads the Disclaimer should come after the ad and should be in the same language. Also, the audio be should be in a normal voice.
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) December 5, 2020
Any ad on any medium should not show any person below 18 years playing such games for real money winnings.
(3/3)
मंत्रालय का कहना है कि तमाम विचार विमर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि विज्ञापनों के पारदर्शी होने और कंज्यूमर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के तहत एडवर्टाइजर्स और ब्रॉडकास्टर्स के लिए ‘ASCI’ द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी है। ‘ASCI’ ने इन गाइडलाइंस को 15 दिसंबर 2020 से प्रभावी किए जाने का प्रस्ताव रखा है।
मंत्रालय का कहना है, ‘सभी बॉडकास्टर्स को सलाह दी जाती है कि वे ‘ASCI’ द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें। यह भी सुनिश्चित किया जाये कि विज्ञापन ऐसी किसी भी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देने वाले हों जो विधि या कानून द्वारा निषिद्ध हैं।’
ऑनलाइन गेमिंग, फैंटेसी स्पोर्ट्स के विज्ञापनों को लेकर जारी ASCI की गाइडलाइंस को आप यहां देख सकते हैं।
: No gaming advertisement can depict a person below the age of 18, engaging in a game of online gaming for real money win or suggesting that such persons can play these games.
: Gaming advertisements should carry disclaimers on the fact that the game involves an element of financial risk, maybe addictive and that users should play at their own risk.
: Ads should occupy no less than 20% of the space in the print ads.
: In the case of audio or visual programmes, the disclaimer must be placed in normal speaking pace at the end of the advertisement, it must be in the same language as the advertisement, and play out in both audio and visual formats.
: The advertisements should not present ‘online gaming for real money winnings’ as an income opportunity or as an alternative employment option.
: The ads should also not suggest that a person engaged in gaming activity is more successful as compared to others.
: Broadcasters should also ensure that online gaming advertisements do not promote any activity prohibited by statute or law.
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।डिजिटल 100 लिस्ट में ऐसे गेम-चेंजिंग लोगों को शामिल किया गया है, जो टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए अपने ऑर्गनाइजेशन के भीतर बदलाव लाने में सबसे आगे रहे हैं।
इम्पैक्ट की डिजिटल पॉवर 100 (Impact Digital Power 100) की चौथी और अंतिम सूची शुक्रवार को जारी की गई, जिसमें डिजिटल इकोसिस्टम में बदलाव लाकर अन्य लोगों को प्रभावित करने वाले दिग्गजों को सम्मानित किया गया।
डिजिटल 100 लिस्ट में ऐसे गेम-चेंजिंग लोगों को शामिल किया गया है, जो टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के जरिए अपने ऑर्गनाइजेशन के भीतर बदलाव लाने में सबसे आगे रहे हैं।
आप नीचे देश के ऐसे टॉप मास्टर माइंड की पूरी सूची देख सकते हैं, जिन्होंने भारत के संपन्न डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
धीरेन्द्र सिंह करीब चार साल से आगरा में राजस्थान पत्रिका डाटकॉम के साथ जुड़े हुए थे।
युवा पत्रकार धीरेन्द्र सिंह ने नए साल पर नए सफर की शुरुआत की है। दरअसल, उन्होंने राजस्थान पत्रिका डाटकॉम को अलविदा कहकर ‘आजतक’ का दामन थाम लिया है। उन्होंने ‘आजतक’ की डिजिटल विंग में बतौर सीनियर सब एडिटर जॉइन किया है।
धीरेन्द्र सिंह करीब चार साल से आगरा में राजस्थान पत्रिका डाटकॉम के साथ जुड़े हुए थे। इससे पहले वह दैनिक जागरण समूह के बाइलिंगुअल अखबार आईनेक्स्ट के आगरा संस्करण में बतौर रिपोर्टर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
मूल रूप से एटा के रहने वाले धीरेन्द्र को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 11 साल का अनुभव है। आगरा से ग्रेजुएशन करने के बाद धीरेन्द्र ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत राष्ट्रीय सहारा से की थी। इसके बाद लोकल चैनल मून न्यूज, द सी एक्सप्रेस व आईनेक्स्ट अखबार में बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दीं। धीरेन्द्र की क्राइम, रोडवेज, आरटीओ व एजुकेशन के साथ बिजनेस बीट पर अच्छी पकड़ मानी जाती है। राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम में धीरेन्द्र के पास प्रशासन व क्राइम, मेडिकल समेत प्रमुख बीटों की जिम्मेदारी थी।
समाचार4मीडिया की ओर से धीरेन्द्र सिंह को नए सफर के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।इस लिस्ट में सुनील भारती मित्तल और कुमार मंगलम बिड़ला क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं।
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की मीडिया, मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग क्षेत्र की जानी-मानी साप्ताहिक पत्रिका ‘इम्पैक्ट’ की ‘डिजिटल पावर100’ (Digital Power 100)-टेक्नोलॉजी लिस्ट से मंगलवार को पर्दा उठ गया है। टेक्नोलॉजी 100 लिस्ट में भारतीय प्रौद्योगिकी परिदृश्य को आकार देने वाले सबसे प्रभावशाली लोगों को शामिल किया गया है।
इस लिस्ट में ‘रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड’ (Reliance Industries Limited) के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने टॉप पर जगह बनाई है, जबकि ‘भारती एंटरप्राइजेज’ (Bharti Enterprises) के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल और ‘आदित्य बिड़ला ग्रुप’ (Aditya Birla Group) के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं।
लिस्ट में ‘पेटीएम’ (Paytm) के फाउंडर और सीईओ विजय शेखर शर्मा चौथे नंबर पर, ‘बायजूस’ (Byjus) के को-फाउंडर और सीईओ बायजू रविंद्रन पांचवे नंबर पर रहे हैं। ‘सर्ज’ (Surge) के मैनेजिंग डायरेक्टर राजन आनंदन ने इस लिस्ट में छठा और ‘टीसीएस’ (TCS) के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ राजेश गोपीनाथन ने सातवां स्थान हासिल किया है।
‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ (Ministry of Electronics & Information Technology) के सेक्रेट्री अजय प्रकाश साहनी को इस लिस्ट में आठवें, ‘इंफोएज’ (, Infoedge) के फाउंडर संजीव भीखचंदानी (Sanjeev Bikhchandani) को नौवें और ‘मेकमायट्रिप’ (MakeMyTrip) के फाउंडर और एग्जिक्यूटिव चेयरमैन दीप कालरा को दसवें नंबर पर जगह मिली है।
गौरतलब है कि ‘IMPACT Digital Power 100’ का उद्देश्य डिजिटल दुनिया के ऐसे दिग्गजों की लिस्ट तैयार कर उन्हें सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर नई ऊंचाइयों को छुआ है और एक खास मुकाम हासिल किया है। यह इस लिस्ट का तीसरा एडिशन है। इस साल के एडिशन की तीन अन्य लिस्ट Business 100, Marketing 100 और Digital 100 क्रमश: 13, 14 और 15 जनवरी को जारी की जाएंगी।
कोरोनावायरस (कोविड-19) और इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन के कारण तमाम उद्योग-धंधों के साथ मीडिया के लिए भी यह साल काफी चुनौतियों भरा रहा।
कोरोनावायरस (कोविड-19) और इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में किए गए लॉकडाउन के कारण तमाम उद्योग-धंधों के साथ मीडिया के लिए भी यह साल काफी चुनौतियों भरा रहा। लॉकडाउन के दौरान टीवी की व्युअरशिप बढ़ने के बावजूद विज्ञापनों की संख्या घट गई और प्रिंट का सर्कुलेशन भी काफी प्रभावित हुआ। वहीं, डिजिटल की बात करें तो मीडिया के अन्य स्वरूपों के मुकाबले इसकी रफ्तार ठीक रही। कहने का तात्पर्य यह है कि डिजिटल के पाठकों/दर्शकों की संख्या साल 2020 में काफी बढ़ी, हालांकि रेवेन्यू के लिहाज से यहां भी स्थिति बेहतर नहीं रही। अब जबकि अनलॉक हो गया है और उद्योग-धंधे भी पटरी पर लौटने लगे हैं, अब सबकी उम्मीदें नए साल की ओर लगी हैं।
ऐसे में समाचार4मीडिया ने देश के चुनिंदा मीडिया संस्थानों में डिजिटल मीडिया की कमान संभाल रहे पत्रकारों से जानना चाहा कि उनकी नजर में डिजिटल मीडिया के लिए वर्ष 2020 कैसा रहा और आने वाले साल में वे इस क्षेत्र में क्या चुनौतियां/संभावनाएं देखते हैं।
‘अमर उजाला’ डिजिटल के एडिटर जयदीप कर्णिक का कहना है, ‘मेरे हिसाब से जैसे वर्ष 2020 सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा, वैसे ही डिजिटल मीडिया के लिए भी रहा। हालांकि, कई मायनों में यह डिजिटल मीडिया के लिए लाभकारी भी रहा। वह इसलिए रहा कि डिजिटल मीडिया के महत्व को लेकर पिछले कई वर्षों से बात हो रही है कि डिजिटल ही भविष्य है। लगभग सभी बड़े मीडिया संस्थानों ने इस बात को समझ लिया था और 2010 से ही इस दिशा में बहुत सारा काम किया गया था। लेकिन 2020 ने ये समझा दिया कि डिजिटल मीडिया भविष्य नहीं, बल्कि वर्तमान है। मेरा मानना है कि 2020 में कोविड की जो चुनौती आई, उसने कई मायनों में मीडिया में फास्ट फॉरवर्ड का बटन दबा दिया। फास्ट फॉरवर्ड से तात्पर्य यह है कि इस दौरान जो चीजें हुईं, वह होनी थी और अवश्यंभावी थीं। जैसे- अखबारों की पठनीयता पर फर्क पड़ना या मीडिया के नए तरीके तलाशना या न्यूजरूम्स का ऑनलाइन हो जाना अथवा न्यूजरूम्स में नई पहलों को जल्दी जगह मिलना, यह सब होना था और इस पर काम भी चल रहा था, लेकिन यह सब फास्ट फॉरवर्ड हो गया। जो चीज चार-पांच साल या आठ-दस साल बाद होती, वह 2020 ने इतनी फास्ट फॉरवर्ड कर दी कि सब मजबूर हो गए।’
जयदीप कर्णिक के अनुसार, ‘साल 2020 में डिजिटल कंटेंट का उपभोग भी ज्यादा हुआ। तमाम लोग ई-पेपर की तरफ भी मुड़े। खास बात यह रही कि तमाम लोगों द्वारा डिजिटल मीडिया को पहले जिस संशय की नजरों से देखा जाता था कि इस पर सब फेक और बकवास है, वह इस माध्यम से जुड़े और जाना कि इस पर अच्छा और बुरा सभी तरह का कंटेंट है। मेरा मानना है कि डिजिटल के लिए यह साल काफी महत्वपूर्ण रहा। लोगों को समझ आया कि इस पर सब कुछ फेक नहीं है। जिस मीडिया संस्थान की वेबसाइट ने अच्छा कंटेंट तैयार किया, उसे इसका लाभ भी मिला। इस दृष्टि से देखें तो डिजिटल के लिए यह साल काफी अच्छा रहा। वर्ष 2021 में डिजिटल मीडिया के लिए यही चुनौती रहेगी कि जो लोग इससे जुड़े हैं, वह संख्या नीचे न जा पाए। इसके लिए वेबसाइट्स को अलग तरीके से सोचना पड़ेगा और नए प्रयोग करने पड़ेंगे। वेबसाइट्स को अपने खुद के कंटेंट और सबस्क्राइबर्स पर ज्यादा काम करना पड़ेगा। मेरा मानना है कि जो लोग डिजिटल मीडिया में अच्छा कंटेंट दे रहे हैं और बेहतर काम कर रहे हैं, वे नए साल में आगे बढ़ेंगे। अच्छे कंटेंट को लेकर जिसने भी 2020 में तैयारी की है, उसे 2021 में इसका लाभ जरूर मिलेगा।’
‘नवभारत टाइम्स’ (डिजिटल) के एडिटर आलोक कुमार का इस बारे में कहना है, ‘मेरा मानना है कि कोरोना के कारण डिजिटल में न्यूज के प्रति आकर्षण में बढ़ोतरी हुई। पहले जो यूजर्स डिजिटल पर नॉन न्यूज पढ़ने के लिए आते थे, वे न्यूज पढ़ने के लिए इस प्लेटफॉर्म पर आए। इस दौरान डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर यूनिक विजिटर्स की संख्या में 100 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ। इस हिसाब से देखें तो वर्ष 2020 डिजिटल के लिए बेहतर रहा है, लेकिन रेवेन्यू के हिसाब से यह साल बहुत खराब रहा है। इसका कारण यह रहा कि अर्थव्यवस्था कमजोर हो गई और विज्ञापन के साथ इनकी दरों में भी काफी कमी आई। ऐसे में यूनिक विजिटर्स और पेज व्यूज में काफी वृद्धि होने के बावजूद रेवेन्यू काफी घट गया। रही बात वर्ष 2021 की तो इस साल के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही रहेगी कि वर्ष 2020 में जो यूजर्स इस प्लेटफॉर्म पर जुड़े, उन्हें बरकरार रखा जाए। देखा जा रहा है कि लॉकडाउन खत्म होने के साथ-साथ डिजिटल यूजर्स की संख्या में कमी देखी जा रही है। ऐसे में डिजिटल मीडिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि बढ़े हुए यूजर्स को जोड़े रखा जाए। इसके अलावा अगले साल 5-जी आने की उम्मीद है, ऐसे में यह भी चुनौती होगी कि आप कितनी तेजी से अपने कंटेंट को 5-जी के हिसाब से मोड़ते हैं।’
‘इंडियन एक्सप्रेस’ समूह के हिंदी न्यूज पोर्टल ‘जनसत्ता.कॉम’(jansatta.com) के एडिटर विजय झा ने बताया कि वर्ष 2020 कोरोना की वजह से डिजिटल मीडिया क्या, किसी भी इंडस्ट्री के लिए एक तरह से ऐसा साल रहा जहां सर्वाइवल के लिए संघर्ष था। साल 2020 में तमाम चुनौतियां आईं, हालांकि ये धीरे-धीरे कम हो रही हैं। 2021 में भी इन चुनौतियों का असर पूरी तरह खत्म नहीं होगा। 2020 में जो ट्रेंड हम लोग सोचकर चल रहे थे कि डिजिटल मीडिया काफी हावी होगा, उस ट्रेंड पर ज्यादा काम नहीं हो पाया। मेरे ख्याल से 2021 में भी उस पर फोकस बना रहेगा। 2021 में ऑरिजनल कंटेंट का महत्व और बढ़ने वाला है। अभी भी तमाम वेबसाइट्स कंटेंट डिस्ट्रीब्यूशन के लिए गूगल व अन्य सोशल प्लेटफॉर्म्स पर निर्भर हैं, गूगल भी ऑरिजनल कंटेंट को महत्व देने की बात कह चुका है। सिर्फ गूगल के लिहाज से ही नहीं बल्कि लॉयल यूजर्स के लिए भी ऑरिजनल कंटेंट को बहुत ज्यादा महत्व देने की जरूरत है। मुझे लगता है कि 2021 में इस पर काफी जोर रहेगा। मेरे हिसाब से 2021 में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) का इस्तेमाल और ज्यादा होगा। हालांकि 2020 में यह प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन 2021 में यह और ज्यादा तेजी से चलेगी। साल 2020 में पेज व्यूज और यूजर्स की संख्या में चार महीने में जो वृद्धि हुई थी, उस समय लोगों के पास डिजिटल सीमित विकल्पों में से एक था। लॉकडाउन के दौरान जो यह वृद्धि देखने को मिली थी, मुझे नहीं लगता कि आगे भी यह इसी तरह से जारी रहेगी। हालांकि अन्य कारणों से इसमें वृद्धि हो सकती है, क्योंकि मेरा मानना है कि मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ेगी। आने वाले साल में न्यूज का उपभोग निश्चित बढ़ेगा और यूजर्स की संख्या भी बढ़ेगी। हालांकि, अभी हम ये नहीं कह सकते हैं कि यह लॉकडाउन में हुई बढ़ोतरी जितनी होगी, हां सामान्य वृद्धि तो होगी। क्योंकि उस समय जो वृद्धि हुई थी, वह परिस्थितियों के अनुसार हुई थी। मुझे लगता है कि सोशल साइट्स पर सजग यूजर्स की संख्या बढ़ रही है। ऐसे तमाम यूजर्स पैनी नजर रखते हैं और कुछ गलत होने पर सकारात्मक रूप से टोकते भी हैं तो मुझे लगता है कि 2021 में ऐसे यूजर्स की संख्या में और बढ़ोतरी होगी और इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे।
‘बीबीसी हिंदी’ के एडिटर मुकेश शर्मा के अनुसार, ‘मुझे लगता है कि डिजिटल के लिए साल 2020 को दो तरह से देखना चाहिए। ऑरिजिनल कवरेज के लिहाज से देखें तो यह साल काफी चुनौती भर रहा, लेकिन लोगों तक पहुंच के मामले में यह गोल्डन ईयर रहा। ऑरिजिनल कवरेज की बात करें तो रिपोर्टर्स ऑनग्राउंड जाकर उस तरह से कंटेंट नहीं ला पा रहे थे, जिस तरह से महामारी से पहले लाते थे, लेकिन लोगों तक डिजिटल न्यूज पहुंचाने के टूल्स काफी इस्तेमाल होने लगे। यानी 2020 में महामारी ने स्कूली बच्चे से लेकर बड़ों तक को डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करना सिखा दिया, जो पहले काफी कम था। यानी हम कह सकते हैं कि टेक्नोलॉजी पार्ट के हिसाब से डिजिटल के लिए यह साल काफी अच्छा रहा। 2020 में लोगों के अंदर न्यूज की ‘भूख’ भी काफी थी। लोग महामारी से जुड़ी हर खबर को जानना चाहते थे कि कहां क्या हो रहा है। लोग यह सारी जानकारी खोजना चाहते थे, इसलिए भी डिजिटल पर ज्यादा आए।’
मुकेश शर्मा के अनुसार, ’टीवी पर होता यह है कि आपको जो सुनाया व दिखाया जा रहा है, आपको वही सुनना और देखना पड़ेगा, लेकिन डिजिटल में ऐसा नहीं है। डिजिटल ऐसा माध्यम है कि जहां आप जो जानना चाहते हैं, वह तलाश सकते हैं। महामारी के कारण साल 2020 लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल थे और इसलिए भी उनका रुझान डिजिटल की तरफ बढ़ा, ताकि उन्हें जवाब मिल सकें। मेरे कहने का मतलब है कि इस्तेमाल (Comsumption) के मामले में डिजिटल के लिए यह साल काफी अच्छा रहा। रही बात रेवेन्यू की तो शुरुआत में थोड़ा सा ठहराव आया था, लेकिन अब ब्रैंड्स वापस लौट रहे हैं। मेरा मानना है कि आने वाले समय में डिजिटल और आगे बढ़ेगा। हालांकि, नए साल में डिजिटल के लिए ऑरिजनल कंटेंट को जुटाने की चुनौती भी रहेगी।’
‘टीवी9 भारतवर्ष’ (TV9 Bharatvarsh) में डिजिटल एडिटर शैलेश कुमार का कहना है, ‘मार्च में जब भारत में कोरोना आया था और इसका संक्रमण फैलने से रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से तमाम जगह अखबार नहीं पहुंच पा रहे थे, ऐसे में लोगों के लिए या तो टीवी था या फिर डिजिटल मीडिया। इस दौरान एंटरटेनमेंट की बात करें तो रामायण और महाभारत जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों का प्रसारण फिर शुरू हुआ और इनकी टीआरपी भी काफी रही। जहां तक न्यूज की बात है तो अखबार के विकल्प के रूप में डिजिटल आया। साल 2020 के चार महीने (अप्रैल, मई, जून व जुलाई) डिजिटल के लिए काफी अहम रहे। इसका फायदा डिजिटल मीडिया को आने वाले साल में मिल सकता है, क्योंकि अखबार का विकल्प टीवी उस तरह से बन नहीं पाया है, लेकिन डिजिटल में वह क्षमताएं हैं, जहां पर आपको 24*7 न्यूज भी मिल सकती है और आप क्रेडिबिलिटी बना सकते हैं। ऐसे में वर्ष 2021 में डिजिटल मीडिया को इसका लाभ मिल सकता है। 2020 में डिजिटल ने एक नया पाठक वर्ग अपने साथ जोड़ा और अब क्रेडिबिलिटी व बेहतर प्रजेंटेशन के साथ उसे बरकरार रखने का काम 2021 कर सकता है।’
‘न्यूज नेशन’ (डिजिटल) के एडिटर राजीव मिश्रा के अनुसार, ‘न्यूज नेशन की बात करें तो मई में हमने अपना डोमेन बदला था। ऐसे में शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई थी, लेकिन अब हम ग्रोथ की ओर अग्रसर हैं। रही बात रेवेन्यू की तो हम शुरू में डिजिटल में इतने स्थापित नहीं थे। मैं दूसरों से तुलना नहीं करूंगा, लेकिन हमने रेवेन्यू में भी डिजिटल का रिकॉर्ड बनाए रखा है। चूंकि डिजिटल में स्पीड काफी मायने रखती है, ऐसे में वर्क फ्रॉम होम के कारण इस पर थोड़ा असर जरूर पड़ा, क्योंकि ऑफिस के मुकाबले इसमें कम्युनिकेशन में थोड़ा समय लगता है। मुझे लगता है कि इसमें अन्य संस्थानों को भी थोड़ी दिक्कत हुई होगी। यह थोड़ी सी दिक्कत अभी भी चल ही रही है, क्योंकि अभी भी ज्यादातर स्टाफ वर्क फ्रॉम होम कर रहा है। ब्रेकिंग खबरों के लिहाज से वर्ष 2020 काफी महत्वपूर्ण रहा है, ऐसे में डिजिटल को अपनी स्पीड को कायम रखने में थोड़ी सी दिक्कत जरूर हुई। डिजिटल के लिए यह साल खासकर न्यूज नेशन के लिए एक तरह से मिला-जुला रहा। मुझे उम्मीद है कि 2021 डिजिटल के लिए काफी बेहतर रहेगा। हम ट्रैफिक, रेवेन्यू और मार्केटिंग सभी में आगे बढ़ रहे हैं। हमने पिछले महीनों में भी अच्छी ग्रोथ की है और हमने जो अपना बेस मजबूत किया है, अब उसका लाभ लेने का समय आ रहा है। न्यूज नेशन के लिए वर्ष 2021 बहुत अच्छा होने वाला है। कुल मिलाकर आने वाला साल मेरी नजर में टीवी के मुकाबले डिजिटल के लिए काफी बेहतर रहने वाला है।’
मूल रूप से बिहार (दरभंगा) के रहने वाले मीकात हाशमी ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से पढ़ाई की है।
युवा पत्रकार मीकात हाशमी ने एबीपी समूह के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने यहां पर बतौर सीनियर प्रड्यूसर जॉइन किया है। समूह की अंग्रेजी वेबसाइट news.abplive.com की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर होगी।
मीकात हाशमी इससे पहले ‘बाइटडांस’ (ByteDance) में कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। इसके तहत उनके पास हिंदी, उड़िया, पंजाबी और बंगाली भाषाओं में कंपनी के ऑपरेशंस की जिम्मेदारी थी।
बता दें कि मूल रूप से बिहार (दरभंगा) के रहने वाले मीकात हाशमी ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से पढ़ाई की है। मीकात को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब सात साल का अनुभव है। उन्होंने ‘ऑल इंडिया रेडियो’ से मीडिया में अपने करियर की शुरुआत की थी।
पूर्व में वह नेटवर्क18’ में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। यहां पर वह News 18 Languages में हिंदी-अंग्रेजी को छोड़कर अन्य भारतीय भाषाओं में मौजूद वेबसाइट्स को आगे बढ़ाने और उनके समन्वय का काम संभालते थे। इसके अलावा वह माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट ‘एमएसएन’ (MSN) और ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में भी अपनी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से मीकात हाशमी को नई पारी के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।टेक-मीडिया स्टार्टअप ‘न्यू इमर्जिंग वर्ल्ड ऑफ जर्नलिज्म’ (NEWJ) के नाम एक खास उपलब्धि जुड़ गई है।
टेक-मीडिया स्टार्टअप ‘न्यू इमर्जिंग वर्ल्ड ऑफ जर्नलिज्म’ (NEWJ) के नाम एक खास उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, ग्लोबल सोशल वीडियो एनालिटिक्स कंपनी ‘ट्यूबलर लैब्स इंक’ (Tubular Labs Inc) द्वारा इसे दुनिया की टॉप 50 ग्लोबल डिजिटल फर्स्ट मीडिया कंपनियों में 40वें स्थान पर रखा गया है।
‘NEWJ’ एकमात्र भारतीय न्यूज पब्लिशर है जो ट्यूबलर लैब्स द्वारा ग्लोबल ‘Digital First Media and Entertainment Properties’ की लिस्ट में अपनी जगह बनाने में कामयाब रही है। ‘ट्यूबलर ऑडियंस रेटिंग्स’ (Tubular Audience Ratings) ट्यूबलर लैब्स का पहला अपनी तरह का ऐसा प्रॉडक्ट है जो विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पब्लिशर्स के लिए यूनिक ऑडियंस और कितनी देर उसे देखा गया (minutes watched) को मापता है।
NEWJ के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ शलभ उपाध्याय ने एक ‘लिंक्डइन’ पोस्ट में कहा है, ’26 नवंबर 2018 को NEWJ उस समय वास्तव में एक स्टार्टअप बन गया था, जब हमने अपने पहले बैच को नियुक्त किया था। इन दो वर्षों में वे नाम और चेहरे हमारी फैमिली का हिस्सा बन चुके हैं और हमारा आगे बढ़ना लगातार जारी है। मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि इन दो वर्षों में NEWJ को ट्यूबलर लैब्स द्वारा टॉप 50 ग्लोबल डिजिटल फर्स्ट मीडिया कंपनियों की लिस्ट में 40वां स्थान दिया गया है। हम अकेले ऐसे भारतीय पब्लिशर हैं जो नवंबर में टॉप 50 की इस लिस्ट में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं।’
शलभ उपाध्याय के अनुसार, ‘यह सब NEWJ परिवार के प्रत्येक सदस्य की लगन व मेहनत के कारण संभव हुआ है और हमारा विजन #BharatFirst दुनियाभर में मौजूद उन भारतीयों के बिना पूरा नहीं हो सकता है जो हमारी स्टोरीज को देखते हैं और उनसे जुड़ते हैं।’
वहीं, NEWJ के मैनेजिंग एडिटर सिद्धार्थ जराबी ने एक ट्वीट में कहा है, ‘अचीवर्स की युवा टीम द्वारा शानदार उपलब्धि। एक बात और इसे खास बनाती है कि NEWJ ने करीब सात तिमाहियों में ही पहले से स्थापित और पुरानी डिजिटल कंपनियों को पीछे छोड़ दिया है। सोशल मीडिया पर न्यूज का उपभोग (News consumption) पहले ही पारंपरिक मीडिया को पीछे छोड़ चुका है और यह ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।’
Tremendous achievement by a young team of achievers!
— Siddharth Zarabi (@szarabi) December 17, 2020
What makes it even more special is that NEWJ has surpassed much older and established digital outfits in about 7 quarters!
News consumption on social has already surpassed legacy media and the trend is accelerating.@NEWJplus https://t.co/NbaEAKyOD2
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
‘एक्सचेंज4मीडिया’ द्वारा ऑनलाइन मीडिया और पब्लिशिंग के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को नई पहचान व सम्मान देने के लिए पहले ‘डिजिवन बेस्ट इंटरनेट अवॉर्ड्स 2020’ के विजेताओं की घोषणा की गई।
बिजनेस से लेकर दैनिक जीवन में ऑनलाइन मीडिया की जबर्दस्त ग्रोथ और इस दिशा में किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों को नई पहचान व सम्मान देने के लिए मीडिया समूह ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) द्वारा पहले ‘डिजिवन बेस्ट इंटरनेट अवॉर्ड्स 2020’ (DigiOne Best Internet Awards 2020) के विजेताओं की घोषणा गुरुवार को की गई।
विजेताओं में ‘टाइम्स नेटवर्क’ (Times Network) सबसे आगे रहा। इसे सबसे ज्यादा चार गोल्ड मेडल मिले। विजेताओं की लिस्ट में ‘हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेनमेंट’ (Hungama Digital Media Entertainment), ‘एप्लॉज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड’(Applause Entertainment Pvt Ltd) और ‘एमएक्स प्लेयर’ (MX Player) भी शामिल रहे और इन तीनों में प्रत्येक को तीन-तीन गोल्ड मेडल मिले।
इसके अलावा, ‘एचटी डिजिटल स्ट्रीम्स’ (HT Digital streams), ‘डीबीएस बैंक इंडिया’ (DBS Bank India) और ‘One97 Communications Limited/Paytm’ भी विजेता रहे। इनमें से प्रत्येक को दो-दो गोल्ड मेडल मिले। वहीं, ABP, Team Pumpkin, Flickstree Productions, Dolby Laboratories, Hachette Book Publishing India, Paytm Money, DMI Alternative Investment Fund, and Sutlej Textiles और Industries को एक-एक गोल्ड मिला।
विजेताओं का चुनाव एक जूरी द्वारा किया गया। जूरी के सम्मानित सदस्यों में Abhishek Joshi, General Manager (Digital) – Africa, India and Middle-East, Michelin India; Atit Mehta, Head Marketing, BYJU's; Akash Deep Batra, SVP & Head of Marketing, DBS Bank; Latish Nair, Chief Digital Officer, Mediacom; Nishant Kashikar, Country Manager, India & Gulf, Tourism Australia; Nitin Sethi, Vice President Digital, IndiGo Airlines; and Sameer Jain, AVP-Performance Marketing, Affiliates, SEO, Digital Analytics & Marketing Automation, Max Life Insurance शामिल रहे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।पिछले साल ‘एबीपी न्यूज’ की डिजिटल विंग से इस्तीफा देकर वरुण कुमार लखनऊ शिफ्ट हो गए थे।
वेब पत्रकार वरुण ने ‘इंडिया टुडे’ समूह के साथ सक्रिय पत्रकारिता में वापसी की है। उन्होंने पिछले दिनों ‘इंडिया टुडे’ समूह की वेबसाइट ‘द लल्लनटॉप’ में बतौर असिस्टेंट एडिटर जॉइन किया है। बता दें कि ‘एबीपी न्यूज’ की डिजिटल विंग से इस्तीफा देकर वरुण पिछले साल लखनऊ शिफ्ट हो गए थे। यहां वह अपना यूट्यूब चैनल चला रहे थे और सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले छात्रों को पढ़ा रहे थे।
वरुण की ‘एबीपी न्यूज’ के साथ यह दूसरी पारी थी। इस बार 2017 से लेकर 2019 तक उन्होंने यहां अपनी सेवाएं दी थीं। इससे पहले 2010 से 2013 तक भी वह इस संस्थान से जुड़े रहे थे। वह ‘एबीपी न्यूज’ की वेबसाइट की लॉन्चिंग टीम के मेंबर रहे हैं। इसके बाद 2014 में वे ‘अमर उजाला’ (डिजिटल) चले गए थे और 2015 में उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ की डिजिटल विंग का दामन थाम लिया था। इसके बाद 2017 में कुछ महीनों के लिए उन्होंने ‘यूसी न्यूज’ के लिए भी काम किया था।
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के रहने वाले वरुण ने करीब 17 सालों के अपने पत्रकारिता करियर में करीब 10 साल डिजिटल में बिताए हैं, जबकि इससे पहले करीब सात साल वो रिपोर्टर रहे हैं। उन्होंने ‘न्यूज 24’ और ‘राष्ट्रीय सहारा’ के लिए रिपोर्टिंग की और कई बड़ी खबरों पर काम किया।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो वरुण कुमार ने बुलंदशहर से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने 'उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय' (UPRTOU) से पत्रकारिता की पढ़ाई की है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने किया शुभारंभ, यह न्यूज ऐप और वेब चैनल जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा।
उत्तराखंड के पहले न्यूज ऐप और वेब न्यूज चैनल ‘देवभूमि इनसाइडर’ (Devbhoomi Insider) का शुभारंभ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने किया। इंडिया फोर्थ पिल्लर डिजिटल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का यह न्यूज ऐप और वेब चैनल जल्द ही गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा। बताया जाता है कि यह पहला ऐसा वेब न्यूज चैनल होगा, जिसमें प्रदेश के हर शहर और ग्रामीण आंचल की जानकारियां और खबरें एक क्लिक पर मिलेंगी। इस अवसर पर नड्डा ने देवभूमि की टीम को सफलता के लिए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा, ‘यह न्यूज ऐप सूचना के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बनेगा। प्रजातंत्र में जानकारी बहुत बड़ी ताकत है। जानकारी जितनी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे, उतना बेहतर है। मेरा मानना है कि यह न्यूज ऐप उत्तराखंड की जनता तक सटीक और तथ्यपरख जानकारी पहुंचाएगा, जिसका लोगों को लाभ मिलेगा। इनसाइर का मतलब है अंदर की जानकारी, अंदर की बात जानने की आतुरता न केवल सरकार बल्कि प्रत्येक व्यक्ति को होती है। इससे सरकार को भी मदद मिलती है।’
कंपनी के सह संस्थापक संदीप विश्नोई ने बताया, ‘उत्तराखंड पहला राज्य होगा, जहां यह प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही गोवा, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जल्द ही यह वेब न्यूज चैनल लांच किया जाएगा। कंपनी का मानना है कि स्मार्ट सिटी के नागरिकों को स्मार्ट न्यूज प्लेटफॉर्म की भी आवश्यकता है। ये जरूरत देव भूमि इनसाइडर से पूरी की जाएगी। इस एंड्रॉइड एप्लीकेशन को बहुत ही शोध करने के उपरांत आईआईटी खड़कपुर से पासआउट प्रोफेशनल्स के मार्गदर्शन मे तैयार किया गया है। यह पहला ऐप है जो राज्य की गतिविधियों और खबरों पर फोकस कर शुरू किया जा रहा है।’
लॉन्चिंग के अवसर पर वेब न्यूज चैनल के संपादकीय प्रभारी अरुणेश पठानिया और बिजनेस हेड सरफराज भी मौजूद रहे।
इंडिया फोर्थ पिल्लर प्राइवेट लिमिटेड के सह संस्थापक संदीप विश्नोई को प्रिंट मीडिया का खासा अनुभव है। संदीप देश के बड़े मीडिया ब्रैंड दैनिक भास्कर, मिड डे, सकाल, लोकमत और अमर उजाला में विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं। उनका आखिरी दायित्व दिव्य मराठी में बतौर सीओओ का था। उन्होंने बतौर कार्टुनिस्ट अपना करियर शुरू किया। नवोन्मेष विचार और रचनात्मक सोच के चलते इन्होंने अपने कैरियर में कई ऊंचाइयां हासिल की। इनके नाम पर 9 विश्व कीर्तिमान हैं। पहला कीर्तिमान इन्होंने महज 14 वर्ष की आयु में स्थापित कर दिया था। वर्तमान में इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड के चीफ क्रिएटिव ऑफिसर भी हैं। संदीप लेफ्ट हैंडर्स क्लब के भी संस्थापक हैं। अब इनकी योजना देश के अधिकांश हिस्सों में वेब न्यूज चैनल स्थापित करने की है।
समाचार संपादक अरुणेश पठानिया की बात करें तो प्रिंट मीडिया में 17 वर्ष का अनुभव रखने वाले अरुणेश ने देश के बड़े मीडिया ब्रैंड अमर उजाला, दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर में सेवाएं दी हैं। बतौर डिफेंस जर्नलिस्ट इन्होंने कई बड़ी ब्रेकिंग न्यूज की है। भारतीय सैन्य अकादमी में भर्ती घोटाले का पर्दाफ़ाश इन्होंने किया था, जिसमें सीबीआई ने दो मुकदमे दर्ज किये। कई राज्यों में पत्रकारिता का अनुभव रखने वाले अरुणेश ने दो राज्यों हिमाचल और उत्तराखंड में बतौर स्टेट ब्यूरो हेड के पद पर काम किया है।
ओटीटी सर्विस ‘ZEE5’ (Zee5) इंडिया के निवर्तमान चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर तरुण कात्याल के बारे में खबर है कि वह अपनी खुद की कंटेंट कंपनी शुरू करने जा रहे हैं।
'जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) की ओटीटी सर्विस ‘ZEE5’ (Zee5) इंडिया के निवर्तमान चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर तरुण कात्याल के बारे में खबर है कि वह अपनी खुद की कंटेंट कंपनी शुरू करने जा रहे हैं।
हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) को विश्वस्त सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, माना जा रहा है कि ‘बालाजी टेलिफिल्म्स’ (Balaji Telefilms) उनकी कंपनी की पहली क्लाइंट होगी। बता दें कि तरुण कात्याल ने पिछले महीने Zee5 इंडिया के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह इस महीने के अंत तक नोटिस पीरियड पर इस कंपनी में काम करते रहेंगे।
हालांकि, अपने नए वेंचर को लेकर उड़ रही खबरों के बारे में तरुण कात्याल ने यह कहते हुए कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया कि मैं समय आने पर घोषणा करूंगा कि क्या करने जा रहा हूं और मेरा पहला क्लाइंट कौन है। वहीं, सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, कात्याल अपने नए वेंचर के लिए इन्वेस्टर्स की तलाश कर रहे हैं।
बता दें कि कात्याल ‘Milestone Movies Private Limited’ और ‘Vistar Production Private Limited’ नाम की दो कंपनियों से जुड़े हुए हैं। ‘Milestone Movies’ में तरुण और उनकी पत्नी मोनिशा कात्याल दो डायरेक्टर्स हैं। ‘Vistar Production’ में कात्याल के अलावा ‘Halcyon Media’ की फाउंडर सीईओ ज्योत्सना कालिता भी एक अन्य डायरेक्टर हैं। ज्योत्सना नवंबर 2014 से ‘Halcyon Media’ की फाउंडर सीईओ हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।