वरिष्ठ पत्रकार
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वरिष्ठ पत्रकार
एक बार फिर हंगामा। मीडिया में कारपोरेट समूह और सत्ता की राजनीति के प्रभाव को लेकर सोशल मीडिया तथा अन्य मंचों पर विवाद जारी है।
आलोक मेहता 2 months ago
नई शिक्षा नीति में हिंदी और भारतीय भाषाओँ को सर्वाधिक प्राथमिकता दिए जाने से हिंदी के उपयोग के विस्तार में महत्वपूर्ण सहायता मिलने वाली है।
आलोक मेहता 4 months ago
वह आकाश से हुई कोई देव वाणी नहीं है। आजादी के 75 साल बाद भारतीय समाज और मीडिया अधिक जागरूक, सक्रिय और शक्ति संपन्न हो चुका है।
आलोक मेहता 5 months ago
अत्याधुनिक संचार साधनों के दौर में लोकतांत्रिक देशों के लिए नई समस्याएं सामने आ रही हैं।
आलोक मेहता 8 months ago
आधुनिक हिंदी पत्रकारिता के दौर पर कुछ भी लिखने के लिए अपने अनुभवों को ही आधार बनाना जरूरी है।
आलोक मेहता 9 months ago
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से देशभर के पत्रकारों को बड़ी राहत महसूस हुई है, लेकिन राज्य सरकारों, उनकी पुलिस को भी अपनी सीमाओं को समझकर मनमानी की प्रवृत्ति को बदलना होगा।
आलोक मेहता 1 year ago
दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में मीडिया के लिए मार्गदर्शी नियम कानून हैं और उनका पालन बहुत हद तक होता है।
आलोक मेहता 1 year ago
अमिताभ बच्चन और अक्षय कुमार को लेकर कांग्रेस नेता नाना भाऊ फाल्गुन राव पटोले के ऐलान पर वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने रखी अपनी बात
आलोक मेहता 1 year ago
एक बार फिर गंभीर विवाद। प्रिंट, टीवी चैनल, सीरियल, फिल्म, सोशल मीडिया को कितनी आजादी और कितना नियंत्रण? सरकार, प्रतिपक्ष और समाज कभी खुश, कभी नाराज।
आलोक मेहता 2 years ago
मालवा क्षेत्र के उज्जैन, इंदौर और सिंधिया रियासत के ग्वालियर में उस समय पत्रकारिता के मामा आदरणीय माणिकचंद वाजपेयी और बाबा राहुल बारपुतेजी को पहले पढ़ने, फिर देखने-मिलने का सौभाग्य मिला
आलोक मेहता 2 years ago
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी क्या अप्रसन्न होंगे? बात उनकी सरकार और व्यवस्था की है। हां, उनके वरिष्ठ सहयोगियों के पास यह जानकारी नहीं होने से कुछ नाराजगी होगी।
आलोक मेहता 2 years ago
इन दिनों मीडिया के कई दिग्गज, राजनेता, सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में सक्रिय लोग और सामान्य जनता का एक वर्ग किसी लगाम, नियंत्रण, लक्ष्मण रेखा की बात कर रहे हैं।
आलोक मेहता 2 years ago
राक्षस कभी भी, किसी भी रूप में तबाही के लिए आ सकता है। इसी तरह जहर के अनेक रूप होते हैं।
आलोक मेहता 2 years ago
हथियारों के बजाय हमलों के नए तरीके महाशक्तिशाली कहलाने वाले देश ही नहीं, आतंकवाद का सबसे बड़ा पोषक पाकिस्तान भी अपना रहा है।
आलोक मेहता 2 years ago
राजनीतिक गलियारों के अलावा सरकारी एजेंसियां और देश-विदेश की निजी एजेंसियां भी वर्षों से अधिकृत अथवा गैरकानूनी ढंग से भारत में जासूसी करती रही हैं
आलोक मेहता 3 years ago
लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की आलोचना-विरोध की पूरी गुंजाइश है, लेकिन क्या यह इतना गंभीर मामला है, जिससे आधुनिक भारत की छवि बिगड़ रही है
आलोक मेहता 3 years ago
मुख्यमंत्री इतनी सी बात नहीं समझ सकते कि बाहर से आने वाले पत्रकार कम से कम पूर्वाग्रही हो सकते हैं। स्थानीय पत्रकार तो स्वयं बाढ़ या अन्य कारणों से सरकार से निजी नाराजगी रख सकता है
आलोक मेहता 3 years ago
समय का पहिया आगे बढ़ने के साथ सरकार और समाज द्वारा बुरी बातें ही नहीं, कई बार अच्छी सलाह भी भुला दी जाती हैं
आलोक मेहता 3 years ago