पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
rstv.rajeshbadal@gmail.com
https://twitter.com/RajeshBadal9
https://www.facebook.com/rajesh.badal.77
पिछले 42 साल से रेडियो,प्रिंट,इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल में पत्रकारिता कर रहे हैं। सौ से अधिक डाक्यूमेंट्री का निर्माण कर चुके हैं। टीवी पत्रकारिता में पहली बार बायोपिक की व्यवस्थित शुरुआत करने का काम किया। पचास से अधिक बायोपिक के निर्माता,प्रस्तुतकर्ता और एंकर। क़रीब दस चैनलों की शुरुआत। आजतक में संपादक,वॉइस ऑफ इंडिया में मैनेजिंग एडिटर व समूह संपादक, इंडिया न्यूज में न्यूज़ डायरेक्टर, बीएजी फिल्म्स में कार्यकारी संपादक,सीएनईबी में एडिटर-इन-चीफ और राज्यसभा टीवी के संस्थापक एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर-आठ साल तक रह चुके हैं।
याद कीजिए, संसार के सारे कार्टूनिस्टों के सिरमौर आर.के. लक्ष्मण ने करीब आधी शताब्दी तक भारत के करोड़ों पाठकों के दिलों पर राज किया है।
राजेश बादल 2 years ago
शहर एक। दृश्य दो। एक में दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति तोपों की सलामी लेते हैं,उनकी पत्नी बच्चों के साथ खुशनुमा माहौल में वक्त बिताती हैं
राजेश बादल 2 years ago
यह नौबत भी आ गई। दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम आए तो मीडिया मुद्दों पर दो फाड़ हो गया
राजेश बादल 2 years ago
समाज में हर क्षेत्र के पूर्वजों के प्रति इतनी उदासीनता शायद ही किसी अन्य देश में होगी
राजेश बादल 2 years ago
दिल्ली चुनाव में अब लगभग सौ घंटे बचे हैं। डेढ़-दो महीने तक प्रचार की हड़बोंग में इस बार पत्रकारिता की अनेक परंपराएं और नियम टूट गए और आत्म अनुशासन के किले ढह गए
राजेश बादल 2 years ago
पत्रकारिता धर्म भी विकट है। अगर किसी जन आंदोलन का कवरेज छोड़ दिया जाए तो आरोप लगने लगते हैं।
राजेश बादल 2 years ago
इस कॉलम के जरिये मैंने कई बार इसका इजहार किया कि अब मीडिया को अपनी आचार संहिता तैयार करने का समय आ गया है
राजेश बादल 2 years ago
अगर हमारी मानसिक सीमाएं सिकुड़कर केवल टीआरपी की होड़ पर टिक जाएंगीं तो इसका खामियाजा कौन भुगतेगा?
राजेश बादल 2 years ago
सत्ता के शिखरों ने अपने हित साधने में पत्रकारों और पत्रकारिता का भरपूर इस्तेमाल किया और हम खड़े-खड़े ग़ुबार देखते रहे
राजेश बादल 2 years ago
वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने रायपुर के पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नए कुलपति के चयन पर उठाया सवाल
राजेश बादल 2 years ago
पत्रकारिता के दोनों शिक्षक मुकेश कुमार और दिलीप मंडल बरसों से पत्रकारिता और मीडिया शिक्षा के तमाम रूपों से जुड़े हुए हैं
राजेश बादल 2 years ago
लगातार मिल रहे इस तरह के संकेतों को संयुक्त कर देखें तो साफ है कि अब हमें अपना घर ठीक करने की नौबत आ गई है
राजेश बादल 2 years ago
जब न्याय विलंब से मिलता है या चांदी के सिक्कों में खरीदा-बेचा जाता है तो समाज सड़कों पर अपने तरीके से मुजरिम को सजा देता है
राजेश बादल 2 years ago
सिर्फ अपने गाल बजाने के लिए अपने आप को हम चौथा स्तंभ कहते हैं, अन्यथा कोई भी संवैधानिक प्रावधान हमें चौथे खंभे के रूप में संरक्षण नहीं देता
राजेश बादल 2 years ago
राजनीति में किसी भी घटना के अनेक पहलू होते हैं। पत्रकार के रूप में काम करते हुए हर कदम पर इन पहलुओं का ध्यान रखना पड़ता है
राजेश बादल 2 years ago
इसमें न किसी बदनामी का खतरा है और न इसे आप पीत पत्रकारिता कह सकते हैं। ऐसी स्थिति में पुरानी पीढ़ी के अनेक पत्रकारों में नई चिंता देखी गई है
राजेश बादल 2 years ago
आज भी हमारे कई मीडिया शिक्षा संस्थान ऐसे मामलों की कवरेज का व्यावहारिक, नैतिक और सैद्धांतिक पक्ष नहीं पढ़ाते
राजेश बादल 2 years ago
मीडिया और अवाम अपने कंधों का इस्तेमाल न होने दे तो ही इस तरह की स्थिति पर कुछ लगाम लग सकती है
राजेश बादल 2 years ago
बुद्धिजीवियों का कहना है कि इन नए विधानों के जरिए सरकार ने अपने चारों ओर कवच बना लिया है
राजेश बादल 2 years ago