विज्ञापन संबंधी शिकायतें दूर करने के लिए ‘ASCI’ ने उठाया यह कदम

‘ऐडवर्टाइजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) लगातार विज्ञापन उद्योग में पेशेवर और नैतिक...

Last Modified:
Monday, 29 May, 2017
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समाचार4मी‍डिया ब्यूरो।।


‘ऐडवर्टाइजिंग स्‍टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया’ (ASCI) लगातार विज्ञापन उद्योग में पेशेवर और नैतिक मानकों को मजबूत करने और भरोसेमंद विज्ञापन सुनिश्चित करने के साथ ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने के प्रयास में जुटा हुआ है। इसी कवायद के तहत अब ASCI ने ‘इंडिपेंटेंट रिव्‍यू प्रोसेस’ (Independent Review Process) शुरू किया है।


इस प्रक्रिया में इस तरह का मैकेनिज्‍म है कि यदि कोई ऐडवर्टाइजर या शिकायतकर्ता ‘कंज्‍यूमर कंप्‍लेंट्स काउंसिल’ (CCC) की सिफारिशों से संतुष्‍ट नहीं है तो वह इनकी समीक्षा (review) करा सकता है।  

इस नए इंडिपेंडेंट रिव्‍यू प्रोसेस के चेयरमैन सुप्रीम कोर्ट अथवा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्‍त जज होंगे। उनके सहयोग के लिए सेक्रेटरी जनरल/चीफ कंप्‍लेंट्स ऑफिसर के साथ-साथ कंज्‍यूमर कंप्‍लेंट्स काउंसिल की सिफारिशें लागू करने वाले चेयरमैन/को-चेयरमैन होंगे। आवश्‍यकता होने पर इसमें तकनीकी विशेषज्ञ (Technical Expert) भी शामिल किए जाएंगे। फिलहाल पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्‍त चीफ जस्टिस मुकुल मुद्गल को इंडिपेंडेंट रिव्‍यू प्रोसेस का चेयरमैन नियुक्‍त किया गया है।

वहीं विज्ञापन संबंधी समस्‍याओं को सुनने के लिए ASCI ने डॉ.सीबीएस वेंकटरमण (सेवानिवृत्‍त आईएएस) को चीफ कंप्‍लेंट ऑफिसर (CCO) नियुक्‍त किया है।इस बारे में ASCI के चेयरमैन श्रीनिवासन के स्‍वामी ने कहा, ‘नई व्‍यवस्‍था से ऐडवर्टाइजर और शिकायतकर्ता के बीच विवाद की स्थिति में निर्णय लेने में पहले से ज्‍यादा पारदर्शिता आएगी।’

 

यह है आवेदन की प्रक्रिया

इंडिपेंडेंट रिव्‍यू प्रोसेस वहां लागू किया जाएगा जब किसी शिकायत को लेकर ऐडवर्टाइ‍जर की प्रतिक्रिया जानने के बाद ‘कंज्‍यूमर कंप्‍लेंट्स काउंसिल’ अपनी सिफारिशें लागू करेगी और रिव्‍यू के लिए याचिका दाखिल करने वाली पार्टी उपरोक्‍त शर्तों को पूरा करेगी।


बसे पहले निर्धारित प्रारूप (prescribed form) में लिखित आवेदन करना होगा। यह आवेदन फार्म (www.ascionline.org) वेबसाइट से भी लिया जा सकता है। इसे ‘कंज्‍यूमर कंप्‍लेंट्स काउंसिल’ की सिफारिशें प्राप्‍त होने के 10 दिनों के भीतर जमा कराना होगा। आवेदन के साथ निर्धारित फीस और टैक्‍स भी जमा करने होंगे। फीस वापस नहीं की जाएगी। पार्टी को एप्‍लीकेशन के साथ ऐसी सूचनाएं अथवा सामग्री जमा करने की भी छूट होगी जो पहले नहीं दी गई हैं। शिकायतकर्ता द्वारा दी गई इन जानकारियों अथवा सूचनाओं को ऐडवर्टाइजर के पास भेजा जाएगा। सूचना प्राप्‍त होने के बाद पांच कार्यदिवस के भीतर वह अपनी प्रतिक्रिया एएससीआई सचिवालय को भेजेगा। इसके बाद इंडिपेंडेंट रिव्‍यू प्रोसेस की प्रक्रिया शुरू होगी।

 

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भ्रामक विज्ञापन मामले में ‘पतंजलि’ ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा, मांगी माफी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हलफनामे में पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने स्पष्ट किया कि कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न हों। मामले में अगली सुनवाई दो अप्रैल 2024 को होगी।

Last Modified:
Thursday, 21 March, 2024
Patanjali

भ्रामक विज्ञापनों के आरोपों के बीच बाबा रामदेव की कंपनी ‘पतंजलि आयुर्वेद’ (Patanjali Ayurved) मुश्किल में फंस गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अदालत की अवमानना ​​के नोटिस का जवाब नहीं देने पर 19 मार्च को कंपनी के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की।

इसके बाद कंपनी ने 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया और अपने उत्पादों और उनकी औषधीय प्रभावशीलता के बारे में भ्रामक दावों के लिए सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हलफनामे में पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं।

हलफनामे में उल्लेख किया गया है कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम के प्रावधान, जो जादुई इलाज के दावों के विज्ञापनों पर रोक लगाते हैं, ‘पुरातन’ हैं और कानून में आखिरी बदलाव तब किए गए थे जब ’आयुर्वेद अनुसंधान में वैज्ञानिक साक्ष्य की कमी थी। पतंजलि के पास अब आयुर्वेद में किए गए नैदानिक ​​​​अनुसंधान के साथ साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक डेटा है, जो उक्त अनुसूची में उल्लिखित बीमारियों के संदर्भ में वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से हुई प्रगति को प्रदर्शित करेंगे।’

इसके साथ ही हलफनामे में यह भी कहा गया है, ‘उसी के प्रकाश में यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया गया है कि अभिसाक्षी की एकमात्र खोज प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर और स्वस्थ जीवन और जीवनशैली से संबंधित चिकित्सा जटिलताओं के लिए समग्र, साक्ष्य आधारित समाधान प्रदान करके देश के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे पर बोझ को कम करना है।’

मामले में अगली सुनवाई दो अप्रैल 2024 को होगी। बता दें कि नवंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने ‘आईएमए’ द्वारा दायर एक याचिका के जवाब में पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि वह कोई भी 'भ्रामक' विज्ञापन जारी न करे या एलोपैथी के प्रतिकूल बयान न दे। याचिका में ‘आईएमए‘ ने पतंजलि पर साक्ष्य आधारित दवा को बदनाम करने का आरोप लगाया था। ‘आईएमए‘ की याचिका में अदालत से टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं के खिलाफ अपमानजनक अभियान और नकारात्मक विज्ञापनों को नियंत्रित करने का अनुरोध किया गया था।

27 फरवरी को पतंजलि एक बार फिर विवादों में आ गई, जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश के उल्लंघन के लिए कंपनी और उसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को अवमानना ​​नोटिस जारी किया।

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JioCinema ने IPL 2024 के लिए 6 स्पॉन्सर्स के साथ की डील

आगामी IPL 2024 के लिए आधिकारिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म 'जियो सिनेमा' (Jio Cinema) ने इस टूर्नामेंट के लिए एसोसिएट पार्टनर्स को लेकर छह कंपनियों के साथ डील साइन की है

Last Modified:
Thursday, 14 March, 2024
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आगामी 'इंडियन प्रीमियर लीग' यानी कि IPL 2024 के लिए आधिकारिक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म 'जियो सिनेमा' (Jio Cinema) ने इस टूर्नामेंट के लिए एसोसिएट पार्टनर्स को लेकर छह कंपनियों के साथ डील साइन की है।

प्लेटफॉर्म ने IPL 2024 के एसोसिएट पार्टनर्स के लिए जिन कंपनियों से डील की है, उनमें HDFC PayZapp, Dalmia Cement, SBI Bank, Britannia, Parle Hide & Seek और Charged By Thums Up शामिल हैं।

जैसा कि हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने पहले ही यह जानकारी दे दी थी कि 2023 के बाद से 'जियो सिनेमा' ने विज्ञापन दरों की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है। 

प्लेटफॉर्म ने मिडरोल विज्ञापनों के लिए 200-250 रुपये प्रति 10 सेकेंड और प्री-रोल विज्ञापनों के लिए 250-300 रुपये प्रति 10 सेकेंड की विज्ञापन दर तय की है। एकमात्र बदलाव प्री-रोल विज्ञापन दर में 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई है, जो पिछले साल 225 रुपये से शुरू हुई थी। सीटीवी पर विज्ञापन के लिए स्पॉट रेट भी 6.5 लाख रुपये प्रति 10 सेकेंड है। 

पिछले साल, जियो सिनेमा ने लीग की शुरुआत से पहले 21 स्पॉन्सर्स को अपने साथ जोड़ा था।

प्लेटफॉर्म ने एक को-प्रजेंटिंग स्पॉन्सर्स (Dream 11), तीन को-प्रजेंटिंग स्पॉन्सर्स (JioMart, Phonepe, Tiago EV) और 17 एसोसिएट स्पॉन्सर्स (Appy Fizz, ET Money, Castrol, TVS, Oreo, Bingo, Sting, AJIO, Haier, RuPay, Louis Philippe Jeans, Amazon, Rapido, Ultra Tech Cement, Puma,Kamla Pasand and Kingfisher Power Soda) अपने साथ जोड़े थे।

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ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ सरकार ने मशहूर हस्तियों व प्रभावशाली लोगों को दी ये चेतावनी

सट्टेबाजी और जुए जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन के बढ़ते मामलों से चिंतित केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने एक एडवाइजरी जारी की है।

Last Modified:
Thursday, 07 March, 2024
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सट्टेबाजी और जुए जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन के बढ़ते मामलों से चिंतित केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के जरिए प्राधिकरण ने मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों (सेलिब्रिटीज) को इस तरह कर प्रचार गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी है।

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि गेमिंग के रूप में छिपाए गए सट्टेबाजी और जुए के प्रचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार, परामर्श में विभिन्न कानूनों के तहत निषिद्ध गैरकानूनी गतिविधियों के विज्ञापन, प्रचार और समर्थन पर रोक लगाने पर जोर दिया गया है।

प्राधिकरण ने कहा, ''सार्वजनिक जुआ अधिनियम, 1867 के तहत सट्टेबाजी और जुआ सख्ती से प्रतिबंधित है और देशभर के अधिकांश क्षेत्रों में इसे अवैध माना जाता है।इसके बावजूद ऑनलाइन सट्टेबाजी मंच और ऐप सीधे तौर पर, साथ ही गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी और जुए का विज्ञापन करते रहते हैं। ऐसी गतिविधियों के समर्थन का विशेष रूप से युवाओं पर काफी वित्तीय और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव पड़ता है।''

यह सलाह सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा मीडिया मंचों को विभिन्न परामर्श जारी करने के प्रयासों को रेखांकित करती है, जिसमें उन्हें सट्टेबाजी और जुआ मंचों के प्रचार से आगाह किया गया है।

प्राधिकरण ने सभी अंशधारकों से इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने और उन गतिविधियों को बढ़ावा देने या समर्थन करने से परहेज करने को कहा, जो भारतीय कानून के तहत अवैध हैं।

ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों को भी भारतीय दर्शकों के लिए ऐसे विज्ञापनों को लक्षित करने के खिलाफ चेतावनी दी गई है। एडवाइजरी में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और भ्रामक विज्ञापनों के लिए समर्थन के लिए दिशानिर्देश, 2022 किसी भी प्रचलित कानून के तहत निषिद्ध उत्पादों या सेवाओं के विज्ञापनों को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करते हैं। 

इसमें दोहराया गया है कि दिशानिर्देश सभी विज्ञापनों पर लागू होते हैं। भले ही माध्यम का उपयोग किया गया हो और मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों को चेतावनी दी गई है कि ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी के प्रचार या विज्ञापन में कोई भी भागीदारी इसकी गैरकानूनी स्थिति को देखते हुए किसी को भी अवैध गतिविधि में भाग लेने के लिए समान रूप से उत्तरदायी बनाती है।

इसमें चेतावनी दी गई है कि किसी भी विज्ञापन या गतिविधियों का समर्थन जो अन्यथा कानून द्वारा निषिद्ध है, जिसमें सट्टेबाजी या जुआ तक सीमित नहीं है,कठोर जांच के अधीन होगा। यदि दिशानिर्देशों का कोई भी उल्लंघन पाया जाता है तो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार निर्माताओं, विज्ञापनदाताओं, प्रकाशकों, मध्यस्थों, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों, समर्थनकर्ताओं और किसी भी अन्य प्रासंगिक हितधारकों सहित शामिल लोगों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।

 

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सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को भ्रामक विज्ञापन करने से रोका, दिया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस जारी किया है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 27 February, 2024
Last Modified:
Tuesday, 27 February, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण को अवमानना का नोटिस जारी किया है। यह नोटिस भ्रामक विज्ञापनों पर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर जारी किया है। इससे पहले कोर्ट ने पतंजलि को अपने औषधीय उत्पादों के बारे में बड़े-बड़े दावे करने वाले विज्ञापन देने से रोका था, लेकिन कंपनी ने इसे नजरअंदाज किया, जिसके बाद कोर्ट ने यह नोटिस जारी किया।   

दरअसल, एलोपैथी के खिलाफ गलत सूचना के संबंध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ऐसा किया था। 

इसके अतिरिक्त, कोर्ट ने फिलहाल पतंजलि आयुर्वेद को ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 में निर्दिष्ट बीमारियों/विकारों को संबोधित करने के उद्देश्य से अपने उत्पादों का विज्ञापन या ब्रैंडिंग करने से रोक दिया है। 

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादियों को अगले आदेश तक नियमों के अनुसार बीमारियों/बीमारियों के इलाज के रूप में निर्दिष्ट उनके विपणन किए गए औषधीय उत्पादों के विज्ञापन और ब्रैंडिंग से रोका जाता है। उन्हें प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप में किसी भी चिकित्सा प्रणाली के प्रतिकूल कोई भी बयान देने से सावधान किया जाता है।

खंडपीठ ने कहा कि पतंजलि भ्रामक दावे करके देश को धोखा दे रही है कि उसकी दवाएं कुछ बीमारियों को ठीक कर देंगी, जबकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है। पतंजलि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) एक्ट में बताई गई बीमारियों के इलाज का दावा करने वाले अपने प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती।

 

खंडपीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके मैनेजिंग डायरेक्टर को नोटिस जारी किया और पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न की जाए। कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ी नाराजगी जताई।

IMA के वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने बताया कि पतंजलि ने दावा किया था कि योग अस्थमा और डायबिटीज को 'पूरी तरह से ठीक' कर सकता है। पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने IMA की ओर से दायर एक याचिका के बाद भ्रामक विज्ञापनों को लेकर केंद्र से परामर्श और गाइडलाइंस जारी करने का आदेश दिया था। 

कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पतंजलि के विज्ञापनों के खिलाफ ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के तहत क्या कार्रवाई की गई है। केंद्र की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने कहा कि इस बारे में डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। कोर्ट ने इस जवाब पर नाराजगी जताई और कंपनी के विज्ञापनों पर नजर रखने का निर्देश दिया।

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केंद्र ने सरोगेट विज्ञापनों के खिलाफ जारी की चेतावनी, पालन न करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि उद्योगों में एक वस्तु की आड़ में दूसरे प्रतिबंधित उत्पाद (सरोगेट) के विज्ञापन के प्रसार पर रोक लगाने की जरूरत है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 23 February, 2024
Last Modified:
Friday, 23 February, 2024
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उपभोक्ता मामलों के विभाग ने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद के सहयोग से ‘ब्रैंड विस्तार बनाम ‘सरोगेट’ विज्ञापन विषय पर गुरुवार को मुंबई में संबंधित पक्षों की परामर्श बैठक आयोजित की। बैठक का उद्देश्य सामूहिक रूप से सरोगेट विज्ञापन, ब्रैंड प्रसार और ट्रेडमार्क प्रतिबंधों से संबंधित जटिल मुद्दों को संबोधित करना था, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा जैसे व्यापक लक्ष्य की प्राप्ति भी शामिल हैं। 

इस मौके पर उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि उद्योगों में एक वस्तु की आड़ में दूसरे प्रतिबंधित उत्पाद (सरोगेट) के विज्ञापन के प्रसार पर रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे ग्राहकों के हित प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगों में ‘सरोगेट’ विज्ञापनों के प्रसार को प्रतिबंधित करने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित प्रतिबंधित उद्योग इस दिशा-निर्देश का पालन करने में विफल रहते हैं और मौजूदा कानूनों का पालन नहीं करते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा कि हम सभी हितधारकों के साथ मिलकर इस उभरते मुद्दे से निपटने के लिए एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उपभोक्ता कार्य विभाग ने पूर्ण स्पष्टता के साथ अपने रुख की पुष्टि की है कि सरोगेट विज्ञापन में किसी की लगातार भागीदारी को माफ नहीं किया जाएगा। यह रेखांकित किया गया कि गैर-अनुपालन के किसी भी उदाहरण को संबोधित करने के लिए कड़े उपायों को लागू किया जाएगा और इसके उल्लंघन में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर एवं निर्णायक कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी), सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) और ट्रेडमार्क प्राधिकरण सहित सरकारी निकायों के प्रमुख हितधारकों ने इस प्रकार के सरोगेट विज्ञापनों को विनियमित करने के उपायों पर अपने विचारों को साझा किए।

परामर्श बैठक में इन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई:

* ब्रैंड एक्सटेंशन एवं विज्ञापित प्रतिबंधित उत्पाद या सेवा के बीच स्पष्ट अंतर होना चाहिए।

*  विज्ञापन में या दृश्य में केवल विज्ञापित किए जा रहे उत्पाद को दर्शाया जाना चाहिए और किसी भी रूप में निषिद्ध उत्पाद को नहीं दिखाया जाना चाहिए।

*  विज्ञापन में निषिद्ध उत्पादों का कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उल्लेख नहीं होना चाहिए।

*  विज्ञापन में निषिद्ध उत्पादों का प्रचार करने वाली कोई भी भेद या वाक्यांश नहीं दिखाया जाना चाहिए।

*  विज्ञापन में प्रतिबंधित उत्पादों से संबंधित रंग, लेआउट या प्रस्तुतियों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

*  विज्ञापन में अन्य उत्पादों का विज्ञापन करते समय निषिद्ध उत्पादों के प्रचार के लिए विशिष्ट पस्थितियों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

परामर्श बैठक में 2022 में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम करने और भ्रामक विज्ञापनों के समर्थन में कई दिशा-निर्देश भी शामिल किए गए, साथ ही सरोगेट विज्ञापन से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए उद्योग हितधारकों, नियामक निकायों और विशेषज्ञों के लिए सरोगेट विज्ञापन हेतु एक सटीक परिभाषा भी प्रस्तुत की गई। इसमें पारदर्शिता को बढ़ावा देने, प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करने और जिम्मेदार विज्ञापन प्रथाओं को बढ़ावा देने जैसे मुख्य विषयों पर चर्चाएं की गईं।

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जानिए, BCCI ने कितने करोड़ में बेचे IPL के चार स्पॉन्सर स्लॉट

बीसीसीआई ने कहा कि 'IPL 2024' 22 मार्च 2024 से 7 अप्रैल 2024 तक चलेगा। दो सप्ताह के दौरान, 10 शहरों में 21 मैच खेले जाएंगे

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 23 February, 2024
Last Modified:
Friday, 23 February, 2024
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी कि बीसीसीआई (BCCI) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए कुल 1,485 करोड़ रुपये की राशि में चार स्पॉन्सर स्लॉट बेचे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्लॉट हासिल करने वाली चार कंपनियां My11Circle, RuPay, एंजेल वन और Ceat हैं। RuPay एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसने तीन साल के लिए बोली लगाई है, जबकि अन्य ने पांच साल के लिए बोली लगाई है।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, बोलियां (bids) बुधवार को बीसीसीआई को सम्मिट की गईं। 

न्यूज रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्ड ने My11Circle, RuPay और एंजेल वन को ऑफर पर तीन एसोसिएट पार्टनरशिप स्लॉट्स बेचे हैं। कथित तौर पर Ceat ने 240 करोड़ रुपये की बोली के साथ स्ट्रेजिक टाइमआउट पार्टनरशिप को पांच साल के लिए बरकरार रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक, ऑरेंज और पर्पल कैप और अंपायर पार्टनरशिप के लिए कोई बोली लगाने वाला नहीं था। 

एक प्रेस बयान में, बीसीसीआई ने कहा कि 'IPL 2024' 22 मार्च 2024 से 7 अप्रैल 2024 तक चलेगा। दो सप्ताह के दौरान, 10 शहरों में 21 मैच खेले जाएंगे, जिसमें प्रत्येक टीम न्यूनतम तीन मैच और अधिकतम पांच मैच खेलेगी।

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राम मंदिर की कवरेज के दौरान न्यूज चैनलों ने बढ़ाईं विज्ञापन दरें

न्यूज चैनलों ने अपने विशेष कार्यक्रम के जरिए प्राण प्रतिष्ठा की व्यापक कवरेज से पहले ऐडवर्टाइजर्स को अपनी गहरी रुचि दिखाई है। डिमांड बढ़ने से कुछ न्यूज चैनलों ने विज्ञापन दरों में वृद्धि की है

Last Modified:
Monday, 22 January, 2024
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चहनीत कौर, सीनियर कॉरेस्पोंडेट, एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ।।

राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला की नई मूर्ति का 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह 22 जनवरी यानी आज है। इसे लेकर तमाम न्यूज चैनल विशेष कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं। न्यूज चैनलों ने अपने विशेष कार्यक्रम के जरिए प्राण प्रतिष्ठा की व्यापक कवरेज से पहले ऐडवर्टाइजर्स को अपनी गहरी रुचि दिखाई है। कुछ प्रमुख चैनलों के अधिकारियों का कहना है कि डिमांड बढ़ने से न्यूज चैनलों ने विज्ञापन दरों में वृद्धि की है, जैसा कि चुनावों, जी-20 या किसी अन्य बड़े कार्यक्रमों के दौरान होता है। हालांकि मीडिया इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों ने यह नहीं बताया कि कितने निश्चित प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन उनमें से अधिकांश का कहना है कि बढ़ोत्तरी पर्याप्त है। 

जी मीडिया की सीआरओ मोना जैन ने बताया कि विज्ञापन दरों में पर्याप्त वृद्धि हुई है और ऐडवर्टाइजर्स से न्यूज चैनल पर अपने ब्रैंड को बढ़ावा देने को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है।

एक अन्य प्रमुख न्यूज चैनल के प्रवक्ता ने कहा कि इस बार राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर ऐडवर्टाइजर्स की रुचि ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर है और इस वजह से विज्ञापन दरों पर इसका प्रभाव देखने को मिला है, खासकर CTV और स्ट्रीमिंग माध्यमों पर। 

लेकिन जब ये जानने की कोशिश की क्या चैनल ऐडवर्टाइजर्स की किसी नई कैटेगरी को अपने साथ जोड़ने में सफल रहे हैं? तो इस सवाल के जवाब में एक प्रमुख न्यूज चैनल के प्रवक्ता ने कहा कि FMCG, सीमेंट व अन्य इंडस्ट्री जोकि नियमति हैं, वो तो बने हुए हैं, लेकिन इसके साथ-साथ हम इस बार हम इंफ्रा और रियल्टी ऐडवर्टाइजर्स को भी अपने साथ जोड़ने में सफल रहे हैं। चूंकि लोग न्यूज चैनलों पर नियमित श्रेणियां देखने के आदी हैं, इसलिए हम इसके लिए नए ऐडवर्टाइजर्स को लाना चाहते थे। 

वहीं मोना जैन ने कहा कि FMCG से लेकर ऑटो तक, हर कोई इस कवरेज के दौरान विज्ञापन को लेकर उत्सुक है। दर्शकों की संख्या में बढ़ोतरी के मामले में उन्हें को लगता है कि दोगुनी से तिगुनी वृद्धि होगी। उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि कुल मिलाकर, इस जॉनर में जबरदस्त वृद्धि होगी, क्योंकि पूरा देश इसमें शामिल होगा। 

एक अन्य प्रमुख न्यूज चैनल के प्रवक्ता की राय है कि इस स्तर की ऐतिहासिक घटना का न केवल राजनीतिक प्रभाव पड़ता है, बल्कि ऐतिहासिक, भौगोलिक और पर्यटन मामलों पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। हम राम मंदिर कार्यक्रम के लाइव कवरेज के दौरान दर्शकों की संख्या में 2-3 गुना बढ़ोतरी की आसानी से उम्मीद कर सकते हैं। 

सिर्फ विशेष कवरेज कार्यक्रम ही नहीं बल्कि न्यूज चैनलों ने इस आयोजन के लिए नई पहल की है। उद्घाटन समारोह को बड़े स्क्रीन पर लाइव स्ट्रीम करने के लिए 'आजतक' ने PVR Inox के साथ साझेदारी की है।

हालांकि, विज्ञापन दरों में बढ़ोतरी पर सभी सहमत नहीं हैं। इंडस्ट्री जगत के एक अन्य सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैं यह कहने से नहीं कतराऊंगा कि वास्तव में विज्ञापन दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ऐडवर्टाइजर्स शायद ही कभी दर्शकों की संख्या में एक दिन में होने वाली बढ़ोतरी के लिए निवेश करना चाहते हैं। चूंकि, विज्ञापन वास्तविक समय पर रिटर्न नहीं देता है, इसलिए ब्रैंड मालिक दीर्घकालिक प्रभाव और ROI के लिए टीवी विज्ञापन में निवेश करते हैं। 

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IPL 2024: 'डिज्नी स्टार' ने SD व HD चैनलों के लिए तय की विज्ञापन दरें

'डिज्नी स्टार' (Disney Star) ने एसडी व एचडी चैनलों के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2024 संस्करण के लिए अपनी विज्ञापन दरें जारी कर दी हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 16 January, 2024
Last Modified:
Tuesday, 16 January, 2024
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'डिज्नी स्टार' (Disney Star) ने एसडी व एचडी चैनलों के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2024 संस्करण के लिए अपनी विज्ञापन दरें (ऐड रेट्स) जारी कर दी हैं। यह खबर ऐसे समय पर आयी है, जब रिलायंस के स्वामित्व वाले 'वायकॉम18' (Viacom18) के साथ विलय की चर्चा जोरों पर है।

'डिज्नी स्टार' अपने स्पोर्ट्स चैनलों पर मैच का प्रसारण करेगा। लिहाजा 'डिज्नी स्टार' ने एचडी (High Definition) चैनलों पर को-प्रजेटिंग स्पॉन्सरशिप के लिए 71 करोड़ रुपये की और एसोसिएट स्पॉन्सरशिप के लिए 35 करोड़ रुपये की डिमांड की है।

वहीं,  'डिज्नी स्टार' ने एसडी (Standard Definition) चैनलों पर को-प्रजेटिंग और एसोसिएट स्पॉन्सरशिप के लिए क्रमशः 167 करोड़ रुपये और 83 करोड़ रुपये की डिमांड की है।

एसडी व एचडी के लिए इसका स्पॉट बाई रेट्स क्रमशः 12.8 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड और 5.45 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड हैं।

वहीं, ब्रॉडकास्टर से जुड़े कुछ करीबी सूत्रों ने खुलासा किया कि आईपीएल 2024 के लिए एसडी व एचडी की संयुक्त विज्ञापन दर (कम्बाइंड ऐड रेट) 16.4 लाख रुपये है जबकि 2023 में यह 16 लाख रुपये थी। 

वहीं, इडंस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, आईपीएल 2023 के दौरान टीवी ऐड्स के लिए ब्रॉडकास्टर की डिमांड रेट्स एसडी चैनलों के लिए 13.7 लाख रुपये प्रति 10-सेकंड स्पॉट और एचडी चैनलों के लिए 6.4 लाख रुपये प्रति 10-सेकंड स्पॉट थीं। जबकि 2022 के लिए 10 सेकंड के स्पॉट के लिए यह 14.5 लाख रुपये थी।

वहीं दूसरी तरफ, 'वायकॉम18' (Viacom18) 'जियो सिनेमा' (JioCinema) पर आईपीएल का मुफ्त प्रसारण करेगा। पिछले हफ्ते ही उसने अपनी विज्ञापन दरों की घोषणा की थी, जो पिछले साल की तरह ही समान हैं।

प्लेटफॉर्म ने मिडरोल ऐड्स (midroll ads) के लिए 200-250 रुपये प्रति 10 सेकंड के ऐड रेट्स तय किए हैं, जबकि प्री-रोल ऐड्स के लिए 250-300 रुपये प्रति 10 सेकंड ऐड रेट्स तय किए हैं। प्लेटफॉर्म ने एकमात्र बदलाव प्री-रोल ऐड रेट्स में किया है। इसमें 25 रुपये की बढ़ोतरी की है, जोकि पिछले साल 225 रुपये से शुरू की गई थी। सीटीवी (CTV) पर ऐडवर्टाइजिंग के लिए स्पॉट रेट भी पहले की तरह 6.5 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड पर बरकरार हैं। 

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कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर अब कसी जाएगी नकेल, CCPA ने जारी किया मसौदा

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए दिशा-निर्देश का एक मसौदा तैयार किया है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 10 January, 2024
Last Modified:
Wednesday, 10 January, 2024
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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग संस्थानों के भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए दिशा-निर्देश का एक मसौदा तैयार किया है। समिति ने 8 जनवरी को दिशानिर्देश तैयार करने के लिए अपनी पहली बैठक की।

समिति के अध्यक्ष उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव व CCPA के मुख्य आयुक्त रोहित कुमार सिंह बनाए गए हैं। साथ ही अन्य सदस्य में कमिश्नर (CCPA), कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DoPT), शिक्षा मंत्रालय, दिल्ली की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) , FIITJEE, खान ग्लोबल स्टडीज और Ikigai Law के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकैडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन अकादमी (LBSNAA) ने इस बैठक में हिस्सा लिया।

नए दिशा-निर्देशोंं के मुताबिक, कोचिंग संस्थान 100 प्रतिशत चयन, नौकरी की गारंटी, प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा पास करवाने की गारंटी का दावा नहीं कर सकेंगे। कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम और विनियमन समिति की बैठक में इन दिशा-निर्देशों पर चर्चा की गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए CCPA के मुख्य आयुक्त रोहित कुमार सिंह ने कहा कि विज्ञापनों में कोचिंग संस्थान को अपेक्षित जानकारी का उल्लेख करना होगा। उन्होंने कहा कि दिशानिर्देशों के मसौदे को जल्द ही मंजूरी दी जाएगी और इसे जारी किया जाएगा। 

दिशानिर्देशों का मसौदा उन शर्तों को निर्धारित करता है जब किसी कोचिंग संस्थान के विज्ञापन को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत एक भ्रामक विज्ञापन माना जाएगा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम (चाहे मुफ्त या भुगतान) और अवधि से संबंधित जानकारी छिपाना शामिल हो।

प्रस्तावित दिशानिर्देशों के अनुसार, कोचिंग संस्थानों को सफलता दर या चयन की संख्या और किसी भी अन्य प्रथाओं के बारे में झूठे दावे नहीं करने चाहिए, जिससे उपभोक्ता को गलतफहमी हो या उपभोक्ता की स्वायत्तता और पसंद प्रभावित हो। विज्ञापन लाने से पहले, कोचिंग संस्थानों को ‘क्या करें और क्या न करें’ नियमों का पालन करना आवश्यक है।

नए दिशा-निर्देशोंं के मुताबिक, सफल उम्मीदवार की फोटो, उसकी रैंक, उम्मीदवार के पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम की अवधि का भी जिक्र करना होगा। यह भी बताना होगा कि पाठ्यक्रम मुफ्त उपलब्ध कराया गया या उसके लिए भुगतान किया था। रोहित कुमार सिंह ने कहा कि उपभोक्ता हितों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कोचिंग क्षेत्र में विज्ञापनों में स्पष्टता की आवश्यकता पर जोर दिया।

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IPL 2024: 'जियो सिनेमा' ने पुरानी विज्ञापन दरों के साथ नए साल में किया प्रवेश

साल 2024 का आगाज हो चुका है। इस साल 'जियो सिनेमा' (JioCinema) प्रॉफिट दर्ज कराने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 09 January, 2024
Last Modified:
Tuesday, 09 January, 2024
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नाजिया अल्वी रहमान, एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

साल 2024 का आगाज हो चुका है। इस साल 'जियो सिनेमा' (JioCinema) प्रॉफिट दर्ज कराने की अपनी तैयारी पूरी कर ली है। 'जियो सिनेमा' ने आईपीएल 2024 के लिए अपना ऐड रेट कार्ड (विज्ञापन दरें) जारी किया है। इस कार्ड की एक प्रति हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' के पास उपलब्ध है। इस ऐड रेट कार्ड के मुताबिक, प्लेटफॉर्म ने 2023 से अपनी कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की है।  

प्लेटफॉर्म ने मिडरोल ऐड्स (midroll ads) के लिए 200-250 रुपये प्रति 10 सेकंड के ऐड रेट्स रखे हैं, जबकि प्री-रोल ऐड्स के लिए 250-300 रुपये प्रति 10 सेकंड ऐड रेट्स तय किए हैं। प्लेटफॉर्म ने एकमात्र बदलाव प्री-रोल ऐड रेट्स में किया है। इसमें 25 रुपये की बढ़ोतरी की है, जोकि पिछले साल 225 रुपये से शुरू की गई थी। सीटीवी (CTV) पर ऐडवर्टाइजिंग के लिए स्पॉट रेट भी पहले की तरह 6.5 लाख रुपये प्रति 10 सेकंड पर बरकरार हैं।

'एक्सचेंज4मीडिया' ने इस खबर पर टिप्पणी के लिए 'जियो सिनेमा' से संपर्क साधा, लेकिन खबर को पब्लिश किए जाने तक तक फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिली।

बता दें कि कंपनी के पास 2027 तक आईपीएल डिजिटल के अधिकार (IPL digital rights) हैं। 2023 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज समर्थित मीडिया कंपनी ऐडवर्टाइजर्स द्वारा मीडिया व्यय का बड़ा हिस्सा जुटाने के लिए वॉल्ट डिज्नी के स्वामित्व वाली 'डिज्नी स्टार' (इसके पास आईपीएल के टीवी अधिकार हैं) के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में लगी हुई थी।अंतिम संख्या लगभग 1200 से 1500 करोड़ रुपये मानी जा रही थी।

2022 में,  'डिज्नी+ हॉटस्टार', जो उस समय आधिकारिक आईपीएल स्ट्रीमर था, ने आईपीएल से 1500 करोड़ रुपये का ऐड रेवेन्यू अर्जित किया था।

हालांकि, जियो मोबाइल पर आईपीएल की मुफ्त स्ट्रीमिंग की घोषणा करके दर्शकों के बीच अपनी पहुंच बनाने में सक्षम रहा था। उन्होंने मैचों को 4K में स्ट्रीम करने और 12 भाषाओं के बीच स्विच करने का विकल्प भी दिया था।

इसके अलावा, 'वायकॉम18' (Viacom18) ने प्रॉपर्टी की मार्केटिंग पर 400 करोड़ रुपये खर्च किए थे। 

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