दिल्ली उच्च न्यायालय ने गूगल व फेसबुक की याचिकाओं को खारिज किया

<p>समाचार4मीडिया.कॉम ब्यूरो</p> <div>दिल्ली उच्च न्यायालय को गूगल इंडिया और फेसबुक इंडिया की उन याचि

Last Modified:
Friday, 01 January, 2016
Samachar4media

समाचार4मीडिया.कॉम ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय को गूगल इंडिया और फेसबुक इंडिया की उन याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है। आदेश में कथित आपत्तिजनक सामग्री परोसे जाने के कारण इन पर अभियोग चलाने को कहा गया था। न्यायामूर्ति सुरेश कैत ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई दो या तीन फरवरी को होने की सम्भावना है।

गूगल इंडिया और फेसबुक इंडिया ने इससे पहले उच्च न्यायालय से कहा कि उनके लिए विषय-वस्तु पर नियंत्रण रख पाना सम्भव नहीं है, क्योंकि विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए लाखों लोग इन वेबसाइटों का उपयोग करते हैं। याचिकाकर्ता विजय राय ने निचली अदालत में याचिका दायर कर 21 वेबसाइटों से आपत्तिजनक सामग्री हटवाने का अनुरोध किया था। इनमें 12 वेबसाइट विदेशी कम्पनियों की हैं।


महानगर दंडाधिकारी सुदेश कुमार ने भारतीय दंड संहिता की धारा 292 (अश्लील किताबों तथा सामग्रियों की बिक्री) और 293 (युवाओं के लिए अश्लील वस्तुओं की बिक्री) के तहत दंडनीय अपराध करने के कारण आरोपी कम्पनियों को सम्मन भेजा था। निचली अदालत ने पाया कि याचिकाकर्ता द्वारा सबूत के तौर पर पेश की गईं सामग्रियों में अश्लील तस्वीरें तथा विभिन्न हिंदू देवी-देवताओं, पैगम्बर मोहम्मद एवं ईसा मसीह के संदर्भ में अपमानजनक लेख शामिल हैं।

उच्च न्यायालय में पिछली सुनवाई के दौरान गूगल इंडिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज कृष्ण कौल ने कहा कि सोशल नेटवर्किंग साइटों को महानगर दंडाधिकारी द्वारा भेजे गए सम्मन से प्रतीत होता है कि उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है कि ऑनलाइन प्रणाली कैसे काम करती है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा हुआ है।

कौल ने कहा, "यह अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा एक संवैधानिक मुद्दा है और इसे दबाना सम्भव नहीं है, क्योंकि अभिव्यक्ति की आजादी लोकतांत्रिक भारत में हमें चीन के सर्वसत्तावादी शासन से अलग करती है।" दलील देते हुए कि गूगल इंडिया और गूगल इंक. (इनकारपोरेटेड) अलग-अलग कम्पनियां हैं, उन्होंने कहा, "गूगल इंडिया पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई कार्रवाई करने लायक मुद्दा ही नहीं है। जो आरोप लगाया गया है, इसके लिए मैं जवाबदेह नहीं हूं।"

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता कम्पनी का उन वेबसाइटों पर नियंत्रण नहीं है, जहां आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की जाती हैं। वहीं, शिकायतकर्ता विनय राय की ओर से पेश वकील हरिहरन ने कहा कि गूगल इनकॉरपोरेटेड और गूगल इंडिया एक ही कम्पनी है। उन्होंने कहा कि वे (गूगल इंडिया) कहते हैं कि उनका सम्बंध सिर्फ विपणन से है, लेकिन उनके दस्तावेज कहते हैं कि वे उत्पादन और इंटरनेट प्रोग्राम तथा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के विकास का व्यवसाय चलाते हैं। विज्ञापन व्यवसाय इसका एक छोटा हिस्सा मात्र है।
 
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