पत्रकारों को मिला LIVE एनकाउंटर की कवरेज का निमंत्रण

आमतौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस, किसी घटना की जानकारी या फिर अपना गुडवर्क बताने...

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 21 September, 2018
Last Modified:
Friday, 21 September, 2018
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

आमतौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस, किसी घटना की जानकारी या फिर अपना गुडवर्क बताने या अन्य चीजों की सूचना देने के लिए पुलिस पत्रकारों को कवरेज के लिए निमंत्रण देती है, लेकिन क्या हो जब पत्रकारों को एनकाउंटर की लाइव कवरेज करने का निमंत्रण मिले, तो उनका चौंकना स्वभाविक है। दरअसल ऐसा ही कुछ हुआ यूपी में अलीगढ़ के स्थानीय पत्रकारों के साथ। वे उस वक्त हैरान रह गए, जब गुरुवार को उन्हें पुलिस को ओर से ऐसा ही निमंत्रण मिला।

यह ऐसा शायद देश का पहला एनकाउंटर रहा होगा जहां मीडिया को बाकायदा न्योता देकर बुलाया गया हो। गुरुवार सुबह पौने सात बजे के करीब तमाम स्थानीय पत्रकारों के पास कॉल पहुंचे, जिसमें  पुलिस की ओर कहा कि अगर वे रियल एनकाउंटर देखना और शूट करना चाहते हैं तो जल्द से जल्द हरदुआगंज थाने के मछुआ गांव पहुंचें। लिहाजा निमंत्रण मिलते ही खबर आग की तरह फैल गई और महज कुछ मिनटों में एनकाउंटर साइट पर तमाम स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के पत्रकारों का जमावड़ा लग गया।

कुछ देर तक चले इस एनकाउंटर में पुलिस ने दो अपराधियों मुस्तकीम और नौशाद को मार गिराया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दोनों पर छह लोगों की हत्या का आरोप था, साथ ही साथ ये दो साधुओं की हत्या से जुड़े हुए बताए गए।

हालांकि इस तरह के एनकाउंटर को लेकर पुलिस सवालों के घेरे में है। ये दावा किया जा रहा है इस पूरे एनकाउंटर सीन को फिल्माने के लिए पुलिस ने पत्रकारों को बुलाया था।

मीडिया रिपोर्टों में कुछ लोगों की ओर से ये दावा भी किया गया है कि एनकाउंटर तो पहले ही हो चुका था लेकिन पुलिसकर्मी मीडिया के सामने एनकाउंटर करके दिखाने के लिए फोटो खींचवा रहे थे।

वहीं अलीगढ़ पुलिस  की ओर से दावा किया गया है कि मुस्तकीम और नौशाद ने पुलिस टीम पर फायरिंग की थी, जिसके बाद इनका पीछा किया गया तो वे यहां आकर एक सरकारी बिल्डिंग में छुप गए थे।

पत्रकारों को बुलाए जाने के बारे में एसएसपी अजय साहनी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कहा, 'इसमें कुछ गलत नहीं है। हम चाहते थे कि मीडिया को एनकाउंटर से जुड़ी हर जानकारी सबसे पहले मिले।' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस को मीडिया के साथ एनकाउंटर से जुड़ी हर डिटेल शेयर करने के ऑर्डर 'ऊपर' से मिले हैं। उन्होंने कहा, 'हम सब कुछ पारदर्शी रखना चाहते थे। कुछ भी छुपाया नहीं गया। यहां जो भी फोटो और विडियो लेना चाहता था, उसे इसकी पूरी आजादी थी।'

   


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