प्यार और जिंदगी के फलसफों से सजी गजल ‘नूर’ अब संगीत प्रेमियों के बीच दस्तक दे चुकी है...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
मेरे हाथ लग गया था कोई नूर का खजाना
अभी तक उसी से रौशन है मेरा गरीब खाना...
प्यार और जिंदगी के फलसफों से सजी
गजल ‘नूर’ अब संगीत प्रेमियों के बीच दस्तक दे चुकी है। मुंबई
में आयोजित गजलों के कार्यक्रम ‘खजाना’
में इसे रिलीज किया गया। नए दौर के गजल-गायक सुदीप बनर्जी ने मशहूर गीतकार और कवि
आलोक श्रीवास्तव द्वारा लिखे अलफाजों को अपने सुरों से सजाया है।
बता दें कि यह पहला मौका है जब गजल और उर्दू
कविता की दुनिया की दो नामचीन हस्तियां आलोक श्रीवास्तव और सुदीप बनर्जी किसी प्रोजेक्ट के लिए साथ आए हैं। इस एलबम को गजल-सम्राट
पंकज उधास, तलत अजीज और गायिका रेखा भारद्वाज ने रिलीज किया।
सिंगल-ट्रैक एलबम के इस दौर में 'नूर' को सुदीप बनर्जी की पहली, लेकिन कामयाब कोशिश माना
जा रहा है। इसमें चर्चित कार्यक्रम 'जिंदगी लाइव' फेम एंकर और पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध एक अलग ही रोल में हैं, उन्होंने 'नूर' के लिए मुख्य
मॉडल का किरदार निभाया है।
कवि आलोक श्रीवास्तव ने इस गजल को भले ही
पारंपरिक शैली में लिखा है, मगर इसके संगीत में शास्त्रीय के साथ-साथ समकालीन आधुनिक वाद्य यंत्रों का
इस्तेमाल भी किया गया है, इसीलिए यह गजल बहुत कर्णप्रिय लगती है। 'नूर' को सुदीप बनर्जी ने कंपोज किया है। एलबम में
सितार की खास तारीफ हो रही है जो फतेह अली खान ने बजाया है और अमित चौबे ने तबले
की थाप से गजल में चार चांद लगाए हैं। इस गजल की रिकॉर्डिंग मशहूर गायिका लता
मंगेशकर के एलएम स्टूडियो में की गई है।
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