दिग्गज पत्रकार-संपादक बनारसी दास चतुर्वेदी को क्यों याद कर रहे हैं राजेश बादल...

24 दिसंबर 1892 को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में जन्मे पं. बनारसीदास चतुर्वेदी...

Last Modified:
Wednesday, 02 May, 2018
Samachar4media

भारत के दिग्गज पत्रकार-संपादक बनारसी दास चतुर्वेदी बारह साल तक राज्यसभा में रहे और सदैव पत्रकारों के हितों और अधिकारों की आवाज़ उठाते रहे। श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम 1955 को लागू कराने में उनका योगदान कम नहीं है। दो मई चतुर्वेदी जी की पुण्य तिथि है। उन्हें याद करने की यह ठोस वजह है।

24 दिसंबर 1892 को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में जन्मे पं. बनारसीदास चतुर्वेदी प्रसिद्ध हिन्दी लेखक और वरिष्ठ पत्रकार थे। वे राज्यसभा के सांसद भी रहे। उन्होंने कोलकाता से निकलने वाली मासिक 'विशाल भारत' का संपादन किया। उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें 1973 में पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

2 मई, 1985 को इस दुनिया से विदा लेने से पहले उन्होंने अपने खाते में साहित्य और जीवन’, ‘रेखाचित्र’, ‘संस्मरण’, ‘सत्यनारायण कविरत्न’, ‘भारतभक्त एंड्रयूज़’, ‘केशवचन्द्र सेन’, ‘प्रवासी भारतवासी’, ‘फिज़ी में भारतीय’, ‘फिज़ी की समस्या’, ‘हमारे आराध्यऔर सेतुबंधजैसी रचनाएं जमा कर ली थीं।

हिंदी के लोग अब आम तौर पर न तो पं. बनारसीदास  को याद करते हैं और न ही उनकी पत्रिका विशाल भारतको। यहां तक कि उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर भी शायद ही उन्हें कोई याद करता हो।


2 मई1985 को जब उन्होंने इस दुनिया से विदा लियातो उनकी याद में दो दिन बाद यानी 4 मई1985 को वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल का एक आर्टिकल ‘नईदुनिया’ प्रकाशित हुआ थाजिसे समाचार4मीडिया ने एक बार फिर प्रकाशित करने का मन बनाया है। आप ये लेख यहां पढ़ सकते हैं- 

 



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