जल्दबाजी में रूबिका लियाकत कर बैठीं ऐसा ट्वीट, अब हो रही ‘फजीहत’

भावनाओं में बहकर उठाए जाने वाले क़दमों पर अक्सर अफ़सोस करना...

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 18 February, 2019
Last Modified:
Monday, 18 February, 2019
Rubika

समाचार4मीडिया ब्यूरो।।

भावनाओं में बहकर उठाए जाने वाले क़दमों पर अक्सर अफ़सोस करना पड़ता है। ‘एबीपी न्यूज़’ की तेजतर्रार पत्रकार रूबिका लियाकत को शायद इसका अहसास हो गया होगा। कश्मीरी छात्रों पर हुए हमले की खबर सुनकर रूबिका इस कदर भावनाओं में बह गईं कि उन्होंने बिना उसकी पुष्टि किए हिंदूवादी संगठनों पर हमला बोल डाला।

हालांकि, गलती का अहसास होते ही उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। फ़िलहाल रूबिका को सोशल मीडिया पर जमकर निशाना बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने उन पर क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। अपने इस विवादित ट्वीट के लिए रूबिका की तुलना आमिर और शाहरुख़ खान से होने लगी है। ऐसा इसलिए कि दोनों ही कलाकार देश में असहिष्णुता का मुद्दा उठा चुके हैं।

दरअसल, पुलवामा हमले के बाद से देशभर में कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट की ख़बरें सुनने में आ रही हैं। हालांकि, इन सभी ख़बरों को अब तक फर्जी पाया गया है। ऐसे संवेदनशील मामलों में काफी फूंक-फूंककर कदम रखा जाना चाहिए और पत्रकारिता में यह पढ़ाया भी जाता है, लेकिन रूबिका जैसी वरिष्ठ पत्रकार ने इसके बावजूद गलती कर दी।

रूबिका लियाकत ने उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों की पिटाई की खबर पर अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए ट्वीट किया ‘पाकिस्तान अपनी नापाक चाहतों को पहले हमला करके पूरी करता है फिर वीएचपी और बजरंग दल के गुंडे बेकसूर कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाकर पाकिस्तान की भारत को बांटने की असल साजिश को कामयाब करते हैं। पाकिस्तान यही तो चाहता है, तो बताओ मैं इन्हें पाकिस्तान का असल मददगार क्यों न कहूं’?

रूबिका का इतना कहना था कि उन पर हमले शुरू हो गए। इस बीच सीआरपीएफ और उत्तराखंड सरकार द्वारा खबर को गलत करार दिए जाने के बाद रूबिका ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। उन्होंने एक दूसरा ट्वीट करते हुए लिखा ‘कश्मीरी छात्रों की पिटाई की ख़बर ग़लत है। सीआरपीएफ और उत्तराखंड सरकार की पुष्टि। मैंने अपना ट्वीट हटा दिया है। जय हिंद’! रुबिका को शायद उम्मीद होगी कि ट्वीट हटाने से उन पर हो रहे हमले थम जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

अधिकांश ट्विटर यूजर्स ने फर्जी खबर को तूल देने से ज्यादा इस बात पर नाराज़गी जताई कि रूबिका द्वारा वीएचपी और बजरंग दल को गुंडा कहकर संबोधित किया गया। ललित पालीवाल नामक यूजर ने लिखा, ‘आधी अधूरी जानकारी के साथ पत्रकारिता करना छोड़ दो मोहतरमा विहिप बजरंगदल क्या हैं यह समझने के लिए देश, समाज, राष्ट्र के प्रति समर्पण करना पड़ता है। बड़े आये कश्मीरियों की हिमाकत करने वाले, एक बात बताओ #PulwamaAttack का जश्न सबसे ज्यादा किसने मनाया’?

वहीं, विहिप नेता विजय शंकर तिवारी ने ट्वीट किया ‘रुबिका लियाक़त ने वीएचपी और बजरंगदल को कश्मीरी लोगों को पीटने का झूठा आरोप लगाते हुये गुंडा कहकर अपनी मानसिकता बता दी है। मैं इन्हें आमिर-शाहरुख़ से अलग समझता था, पर यह मेरी भूल थी। रूबिका को क्षमा मांगनी चाहिए, ट्वीट हटाने से काम नहीं चलेगा’।

विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने न केवल तीखे शब्दों में रूबिका लियाकत के ट्वीट की निंदा की, बल्कि उन्हें क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली। उन्होंने लिखा ‘रूबिका आपने विहिप और बजरंग दल के बारे में जिन शब्दों का प्रयोग किया, वह न सिर्फ पत्रकारिता के मापदंडों बल्कि भारतीय सभ्यता के भी विपरीत हैं। आपको और एबीपी न्यूज़ को तुरंत माफ़ी मांगनी चाहिए, अन्यथा हमें क़ानूनी कार्यवाही करनी पड़ेगी।’

इसी तरह एक अन्य यूजर भैयाजी ने रूबिका पर निशाना साधते हुए लिखा ‘लेकिन अपुष्ट ख़बर को आधार बना कर आपने विश्व हिंदू परिषद को पाकिस्तान का मददगार बता डाला, मौका पाते ही ज़हर उगलना शुरू, ना सिर्फ़ ट्वीट डिलीट करिए..बल्कि माफ़ी भी मांगिये दोनों संगठनों से’। राजकुमार टेलर ने लिखा है ‘थूक कर चाटना यही पत्रकारिता है, जिसका रूबिका ने बखूबी जवाब दिया। उन्होंने लिखा कि गलती को स्वीकार करना भी पत्रकारिता है। भले ही रूबिका लियाकत ने अपनी गलती मान ली हो, लेकिन यह विवाद तब तक नहीं थमने वाला जब तक वो विहिप और बजरंग दल के खिलाफ इस्तेमाल किये गए शब्दों को वापस नहीं लेतीं। कम से कम वर्तमान में तो ऐसा ही नज़र आ रहा है। उम्मीद है इस घटना के बाद रूबिका अतिसक्रियता का प्रदर्शन करने और भावनाओं में बहने से बचेंगी। यदि उनके कश्मीरियों पर हिंसा संबंधी इस ट्वीट के बाद हालत बिगड़ जाते, तो उन्हें ताउम्र इसका अफ़सोस रहता।

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