हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ के लिटरेचर फेस्टिवल ‘साहित्य आजतक’ के दूसरे संस्करण का आगाज हो गया है...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ के लिटरेचर फेस्टिवल ‘साहित्य
आजतक’ के दूसरे संस्करण का आगाज हो गया है। साहित्य आजतक की
महफिल इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के आंगन में सजी। पहले की दिन की शुरुआत
इंडिया टुडे ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन कली पुरी के वेलकम स्पीच से हुई।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि ‘साहित्य आजतक’ एक प्रयास है
हिन्दी साहित्य, संगीत और नाटक परंपरा को बढ़ावा देने के
लिए। उनको नए जनरेशन तक पहुंचाने के लिए। इस स्मार्ट फोन के जमाने में कबीर के
दोहे कहीं हमेशा के लिए गुम न हो जाएं।
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल हमारा प्रोग्राम नोटबंदी के दो दिन बाद था। हम सब शॉक में थे और
किसी के पास पैसा भी नहीं था। फिर आप सबने हमारा हौसला बढ़ाया और हमारे पहले
साहित्य आजतक में भारी संख्या में आए। लेकिन इस साल पॉल्यूशन की मुसीबत है। अब मैं
क्या कहूं। प्यार और दोस्ती का रिश्ता ही कुछ ऐसा होता है। वो दोस्ती क्या जिसमें
दोस्त को तकलीफ न हो और वो प्यार क्या जिसमें सिर्फ फूल हों। हमारा, आजतक और दर्शकों का रिश्ता ऐसा ही है।’
अपनी स्पीच में आगे उन्होंने कहा, ‘आपने 17 सालों से हमारा साथ
निभाया है और हमें नंबर वन बनाए रखा है। इस विश्वास को बनाए रखने में हमने भी कोई
कसर नहीं छोड़ी। चाहे ईराक की आग हो या राम रहीम का दंगल या फिर बॉम्बे की बारिश।
मार भी खाई, बीमार भी हुए, लेकिन पीछे
नहीं हटे। डर भी लगा तो मालूम था आप हमारे साथ खड़े हैं। ये रिश्ता अनोखा है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर मैं शायर होती तो इस प्यारे से रिश्ते पर एक शानदार सा शेर सुना देती।
पर अच्छा होगा कि शायर का काम उन्हीं पर छोड़ा जाए। मेरा तो वादा है कि हम सबको
सबसे तेज रखने के लिए अपना काम करते रहेंगे। ये रिश्ता ये दोस्ती अमर रहे।’