वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने बताया, क्या है प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सबसे बड़ा खतरा...

मीडिया में ग्लैमर देखकर नहीं जाना चाहिए, बल्कि ज्ञान और रुचि के आधार पर ही इसमें करियर...

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 30 August, 2018
Last Modified:
Thursday, 30 August, 2018
Alok Mehta

समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

मीडिया में ग्लैमर देखकर नहीं जाना चाहिए, बल्कि ज्ञान और रुचि के आधार पर ही इसमें करियर बनाएं। भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के सत्रारंभ-2018 के मौके पर यह बात वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री आलोक मेहता ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि टीवी, रेडियो और प्रिंट मीडिया एक-दूसरे के प्रतियोगी नहीं हैं, बल्कि पूरक हैं। मीडिया में हर समय चुनौती रहती है और आगे भी रहेगी।

‘प्रिंट मीडिया का भविष्य’ विषय पर उन्होंने कहा कि प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सबसे बड़ा खतरा नकल की होड़ है। प्रिंट मीडिया का भविष्य असुरक्षित नहीं है। जब टेलिविजन आया उस समय भी इस तरह के सवाल उठे, लेकिन आज भी मुद्रित माध्यमों को पढ़ा और पसंद किया जा रहा है। हमारे सामने चुनौतियां जरूर हैं। आर्थिक संकट भी है, लेकिन निराशा की जरूरत नहीं है।

वहीं समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए एमसीयू के कुलपति जगदीश उपासने ने कहा कि पत्रकारिता के लिए मानसिक और शारीरिक तैयारी दोनों आवश्यक है। आज आवश्यकता है कि हम इंट्रेस्टेड, पेशनेट, स्किल्ड और कनेक्टेड रहें। समाज से हमें रियल टाइम और लाइव कनेक्टेड रहना पड़ेगा।

इस दौरान कुलसचिव प्रो संजय द्विवेदी ने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के इतिहास से रूबरू कराया। नीति आयोग के सहयोग से देश का पहला इन्क्यूबेशन सेंटर विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया है।

इस अवसर पर कुलाधिसचिव लाजपत आहूजा, कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो श्रीकांत सिंह उपस्थित थे। कार्यक्रम में विवि द्वारा प्रकाशित मीडिया नवचिंतन पत्रिका के नवीन अंक, मीडिया प्रबंधन विभाग द्वारा अटल प्रबंधन वाणी, सत्रारंभ पर केंद्रित आंतरिक समाचार पत्र सत्रारंभ-2018 का विमोचन भी किया गया। 

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