पत्रकारों के लिए खतरनाक बने ये देश, जानिए भारत का नंबर...

दुनियाभर में पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा अभी भी गहराया हुआ...

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 18 December, 2018
Last Modified:
Tuesday, 18 December, 2018
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समाचार4मीडिया ब्यूरो।।

दुनियाभर में पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा अभी भी एक सवाल बना हुआ है। तमाम दावों और वादों के बावजूद पत्रकारों पर हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इनमें कई पत्रकारों को तो अपनी जान से भी हाथ गंवाना पड़ा है।

‘The Telegraph’ में छपे एक आर्टिकल के अनुसार, इन्हीं तरह की घटनाओं को समेटते हुए रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की इस लिस्ट में 1995 से लेकर अब तक हर साल का ब्योरा दिया गया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पत्रकारों के खिलाफ हिंसा के मामले में वर्ष 2018 सबसे बुरा साल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, काम के दौरान कम से कम 80 पत्रकार मारे गए हैं। इसके अलावा 348 को जेल की सजा सुनाई गई और 60 को बंधक बना लिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, इस साल इनमें से आधे से ज्यादा पत्रकारों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। वर्ष 2017 के मुकाबले पत्रकारों के खिलाफ सभी तरह की घटनाओं (हत्या, जेल, अपहरण और बंधक बनाना) में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस रिपोर्ट में तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी समेत कई पत्रकारों को शामिल किया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, पत्रकारिता के लिहाज दुनिया के 5 सबसे खतरनाक देशों में भारत के अलावा अमेरिका, मैक्सिको, यमन, सीरिया और अफगानिस्तान भी शामिल है और यहां पर कई पत्रकारों को जान से हाथ धोना पड़ा। पत्रकारों के लिहाज से भारत दुनिया के सबसे असुरक्षित देशों में से एक है, जबकि इस लिस्ट में अमेरिका की एंट्री पहली बार हुई है। भारत और अमेरिका दोनों इस लिस्ट में पांचवें पायदान पर हैं। 2018 में अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा 15 पत्रकार मारे गए और इस लिस्ट में वह शीर्ष पर है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में इस साल 6 पत्रकार मारे गए और अन्य कई पत्रकारों पर जानलेवा हमले किए गए, साथ ही कई पत्रकारों के साथ मारपीट या फिर धमकी की घटना हुई। रिपोर्ट में हिंदी अखबार के 2 पत्रकारों नवीन निश्चल और विजय सिंह की हत्या का जिक्र किया गया है। इसमें बताया गया है कि बिहार के एक ग्राम प्रधान ने अपने खिलाफ रिपोर्टिंग को लेकर 25 मार्च को इन दोनों पत्रकारों के ऊपर एसयूवी कार चढ़ाकर हत्या कर दी थी। ऐसी ही एक घटना घटी मध्य प्रदेश में, जहां स्थानीय खनन माफिया को लेकर रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार पर ट्रक चढ़ाकर उसे मार दिया गया। पिछले 3 सालों में बालू के अवैध खनन या फिर अन्य अवैध खनन में शामिल आपराधिक संगठनों ने कम से कम 6 पत्रकारों का कत्ल कर डाला है।

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