पत्रकार पर देश में घुसने पर पाबंदी, हैं ये गंभीर आरोप

पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रसिद्ध पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार कैथल मैकनॉटन...

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 28 December, 2018
Last Modified:
Friday, 28 December, 2018
Journalist

समाचार4मीडिया ब्यूरो।।

पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रसिद्ध पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार कैथल मैकनॉटन के भारत में प्रवेश पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है। कैथल मैकनॉटन प्रतिष्ठित न्यूज एजेंसी रॉयटर्स (Reuters) के दिल्ली ऑफिस में बतौर चीफ फोटोग्राफर के पद पर कार्यरत हैं। मैकनॉटन और उनके एक सहयोगी को मई  2018 में म्यांमार में रोहिंग्या शरणार्थियों पर हुई हिंसा की तस्वीरों के लिए ये पुरस्कार मिला था। बताया जाता है कि वीजा शर्तों के उल्लंघन के आरोप में यह कार्रवाई की गई है।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक,  गृह मंत्रालय ने बिना अनुमति के जम्मू-कश्मीर के निषिद्ध क्षेत्रों में प्रवेश करने के चलते उनके भारत प्रवेश पर पाबंदी लगाई है। बिना अनुमति के निषिद्ध क्षेत्रों में प्रवेश वीजा शर्तों के उल्लंघन में आता है। खबर में यह भी दावा किया गया है कि मैकनॉटन के पास भारत प्रवेश के लिए वैध वीजा था।

खबर के मुताबिक, कैथल के इंस्टाग्राम अकाउंट से यह पता चलता है कि वे वर्ष 2018 वे बहुचर्चित कठुआ सामूहिक बलात्कार कांड के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों को कवर कर रहे थे। उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंक रहे एक प्रदर्शनकारी की तस्वीर भी अपने अकाउंट में पोस्ट की है। अपने भारत प्रवेश पर प्रतिबंध की जानकारी भी उन्होंने 26 दिसंबर को इंस्टाग्राम पर ही पोस्ट की है। मैकनॉटन ने लिखा है कि उन्हें नई दिल्ली एयरपोर्ट से ही लौटा दिया गया। हालांकि, अभी तक इस मामले पर रायटर्स और खुद मैकनॉटन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।

माना जा रहा है कि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय विदेशी पत्रकारों के लिए बने प्रोटोकॉल्स की फिर से समीक्षा कर रहे हैं। इस साल मई में भी गृह मंत्रालय फॉरनर्स (प्रोटेक्टेड एरियाज) आर्डर, 1958 के तहत विदेशी पत्रकारों को अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों और सिक्किम में जाने के लिए विशेष अनुमति लेने का आदेश जारी किया था।

खबर के मुताबिक,  गृह मंत्रालय के अधिकारियों का आरोप है कि मैकनॉटन ने जम्मू और कश्मीर में प्रतिबंधित क्षेत्रों का दौरा किया और बिना वैध अनुमति के इस क्षेत्र से रिपोर्ट भी की। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘उन पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप नहीं लगाया गया था, लेकिन उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया था।’

गौरतलब है कि विदेशी पत्रकारों के लिए वीज़ा नियमों के अनुसार यदि एक विदेशी पत्रकार, टीवी कैमरापर्सन आदि व्यक्ति प्रतिबंधित, संरक्षित क्षेत्र, जम्मू-कश्मीर या उत्तर पूर्वी राज्यों का दौरा करना चाहते हैं तो उन्हें विशेष अनुमति के लिए विदेश मंत्रालय (बाहरी प्रचार विभाग) के माध्यम से आवेदन करना पड़ता है। बताया जाता है कि सामान्य परिस्थितियों में भारत विदेशी पत्रकारों को तीन महीने तक के लिए वीजा देता है, लेकिन विशेष मामलों में अकेले या किसी एक अन्य के साथ छह महीने का पत्रकार वीजा जारी किया जा सकता है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए