शायद यही आपकी 'कमाई' है पुण्य प्रसून बाजपेयी...

देश के नंबर 1 चैनल 'आजतक' से वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी...

Last Modified:
Tuesday, 13 March, 2018
Samachar4media

समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।


देश के नंबर 1 चैनल 'आज तक' को वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के अलविदा कहने के बाद से टीवी स्क्रीन पर उनके फैन उन्हें किस तरह मिस कर रहे हैं, ये हमें लगातार मिल रहे वॉ्टसऐप मेसेज की संख्या बता रही है। लगातार लोग हमसे पुण्य प्रसून के बारे में जानकारी मांग रहे हैं। वे कब से दूसरे चैनल पर अपना शो लेकर आ रहे हैं? उनके नए शो का नाम क्या होगा? ऐसे कई सवालों की लिस्ट हमारे मेलबॉक्स से लेकर चैटिंग बॉक्स में लगातार भर रही है। ऐसे में कई लोग पुण्य प्रसून को लेकर उनकी दीवानगी की भी बात कर रहे हैं। हरेक ईमेल को पढ़कर एडिट करने में हमें कुछ समय भी लग रहा है, ऐसे में हम आज आपके साथ पुण्य प्रसून के ऐसे दो फैंस की पाती शेयर कर रहे हैं, जो उन्होंने हमें भेजी है। पुण्य प्रसून बाजपेयी की फॉलोअर्स को देखकर ये तो कहा जा सकता है कि उन्होंने दौलत कितनी कमाई ये तो हमें पता नहीं, पर फैंस के दिल में जो इज्जत कमाई है, उस पर उन्हें जरूर गुमान होगा...

नीरज नैय्यर-


पिछले कुछ दिनों से आजतकपर अपने हाथों को मसलते हुए सवाल दागने वाला शख्स नज़र नहीं आ रहा है। इस शख्स के जाने से आजतककी वो धमक कम हो गई है, जो ’10तकजैसे कार्यक्रमों में सुनाई देती थी। ये शख्स कोई और नहीं बल्कि वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी हैं, जो अब अपना नया बसेरा तलाश रहे हैं या शायद तलाश चुके हैं। यूं तो आजतकमें पत्रकार रूपी एंकरों की भरमार है, मगर पुण्य प्रसून बाजपेयी अपने में अलहदा हैं। 


पत्रकार रूपी एंकर्स से मेरा आशय ऐसे एंकरों से है, जो महज ऊंची आवाज़ में सवाल दागने को ही पत्रकारिता समझते हैं। मुद्दों की गहराई में जाए बिना, रोमांच और आवेश के संगम से वो ऐसे सवालों को जन्म देते हैं कि हाथ खुद ब खुद सिर पीटने को मजबूर हो जाएं। ऐसे में हिंदी टीवी न्यूज की दुनिया पुण्य प्रसून को वाकई मिस कर रही है।


आजकल टीवी न्यूज की दुनिया में ऐसे एंकरों की जमात हैं, जिन्होंने अनुभव के नाम पर अपने सिर के बाल सफेद तो किए हैं, लेकिन उतनी परिपक्वता हासिल नहीं की। इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि एक तरफ जहां छद्म पत्रकार अपने अधिकारों का दायरा विस्तृत कर रहे हैं, वहीं पुण्य प्रसून जैसे अनुभवी पत्रकारों को नई राह तलाशनी पड़ रही है।


अपने दो दशक की पत्रकारिता में बाजपेयी ने ऐसे कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिन तक पहुंचना किसी पत्रकार के लिए आसान नहीं होता। दिसंबर 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की लगातार 5 घंटों तक लाइव एंकरिंग करने के लिए भी पुण्य प्रसून काफी सुर्ख़ियों में रहे थे। पुण्य प्रसून ने पत्रकारिता के साथ-साथ देश के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक बदलावों को बड़े करीब से देखा है। वे समझते हैं कि कब, कहां, जैसा सवाल दागा जाना चाहिए। आजतकमें रहते समय अपने कार्यक्रम ‘10तकमें उन्होंने पीएनबी घोटाले को लेकर जितनी सहजता से सरकार को कठघरे में खड़ा किया, लगभग उतनी ही सहजता से यह भी साफ़ कर दिया केवल सरकार पर ही उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए। इसमें तटस्थ पत्रकारिता का भाव नज़र आता है, वरना आजकल चैनल और पत्रकार समर्थन और विरोध की राजनीति का शिकार हो चुके हैं।


पुण्य प्रसून बाजपेयी अपने अनुभव के चलते कई बार बड़े-बड़े नेताओं को हाशिए पर ला देते हैं। पुण्य प्रसून बाजपेयी उन पत्रकारों में से हैं, जो अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करते। यही वजह है कि जब बाबा रामदेव आजतकपर इंटरव्यू के लिए आए, तो उन्हें भी पुण्य प्रसून बाजपेयी के तीखे सवालों की तपिश झेलनी पड़ीं। चाहे बात प्रिंट की हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पुण्य प्रसून बाजपेयी ने अपनी एक अलग छाप छोड़ी है। उन्होंने अपने अब तक के सफ़र में अगर कुछ कमाया है तो वो है लोगों का प्यार और यही कारण है कि हिंदी टीवी मीडिया के दर्शकों में उनकी विदाई को लेकर मायूसी है। सही मायनों में देखा जाए तो आजतकसे उनका जाना चैनल के लिए भी झटका है, फिर भले ही प्रबंधन इसे स्वीकारें या न स्वीकारें।  उम्मीद करते हैं कि किसी दूसरे चैनल पर बाजपेयी जल्द ही अपने चिरपरिचित अंदाज़ यानी हाथों को मसलते हुए सवाल दागते नज़र आएंगे।


जय शर्मा-

पुण्य प्रसून बाजपेयी जी, 'आजतक' आपके बिना सूना सूना नजर  लग रहा है। रोजाना सुबह से रात तक बस एक ही प्रोग्राम का इंतजार रहता था, आपके 'दस्तक' का। बेबाक अंदाज, बेखौफ लेखनी और सच्चाई और निष्पक्षता के साथ आपका पैकेज सुनने और देखने से जो सीखता था, वो अब नहीं दिख रहा। पत्रकारिता का अनुभव मुझे कम है, लेकिन इतना तो जानता हूं कि आप चाटुकारिता नहीं करते और इसी का हर्जाना आपको देना पड़ा।

आप गुरु हो और शायद वो गुरु, जो अपने शिष्य को गिरने पर उठाता नहीं है, बल्कि मेहनत करते हुए देखता है और उठते हुए देखना पसंद करता है। सुना है आप एबीवी न्यूज़ जा रहे हैं। लेकिन आपको एक बात की जानकारी दे दूं, कि मेरे घर में भी और आस पास के घरों में भी आपको सभी लोग जानते हैंऔर जब रात के ठीक 10 बजते है, तो सभी '10तक' के इंतजार में बैठ जाते थे। आपकी आवाज जब घर के किसी शख्स के कानों में जाती, तो वो खबर देखने के लिए आ जाते थे। अब आप जहां भी जाएं, यकीनन आपके शो की टीआरपी उतनी ही आएगी, जितनी की आज तक में '10तक' में आती थी। धन्यवाद!

 

 

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