दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक ट्वीट को लेकर पत्रकारों के...
समाचार4मीडिया ब्यूरो।।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक ट्वीट को लेकर पत्रकारों के अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं। कुछ पत्रकारों ने जहां केजरीवाल के सुझाव का स्वागत किया है, वहीं कुछ को लगता है कि इसकी कोई ज़रूरत नहीं है।
दरअसल, केजरीवाल ने देशभर में टोल पर पत्रकारों को छूट देने की मांग की है। टोल पर छूट की मांग को लेकर केजरीवाल ने केंद्रीय सड़क-परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखा है। केजरीवाल का कहना है कि देश में पत्रकारों पर टोल टैक्स नहीं लगना चाहिए। अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा, हरियाणा के कुछ पत्रकारों ने मुझसे मिलकर अनुरोध किया कि हरियाणा के सभी टोल पर उन्हें छूट मिलनी चाहिए। मेरा भी मानना है कि पत्रकारों की ये मांग पूरी तरह से जायज है। मैं चाहता हूं कि देश भर में पत्रकारों को ये छूट दी जाए।'
वैसे तो केंद्र की सत्ता में आने से पूर्व खुद गडकरी ने भी ऐसा ही कहा था, लेकिन सरकार बनने के बाद उन्होंने इस दिशा में कुछ ख़ास नहीं किया। अब केजरीवाल ने एक तरह से उन्हें उनका वादा याद दिलाया है। हालांकि, ये बात अलग है कि कुछ पत्रकारों को केजरीवाल की मांग रास नहीं आई।
सोशल मीडिया पर अपने विचारों से हमेशा सुर्ख़ियों में रखने वालीं पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी ने इस पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट के जवाब में लिखा है ‘मुफ्त उपहार देना बंद करें। ऐसा कोई कारण ही नहीं है कि पत्रकारों को टोल नहीं चुकाना चाहिए। अधिकारियों और न्यायाधीशों सहित प्रत्येक व्यक्ति को टोल देना चाहिए। हम लोकतंत्र हैं और ये समानता की बात है’। जब एक यूजर ने उन्हें प्रधानमंत्री और विधायकों को मिलने वाली छूट की याद दिलाई तो स्वाति ने करारा जवाब देते हुए कहा ‘क्षमा करें, मैंने कहा है कि किसी को भी छूट नहीं मिलनी चाहिए। पत्रकारों को टैक्स या टोल से छूट का कोई विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है। यह एक तरह से अपने पक्ष में कवरेज का तरीका है और यह गलत है।‘
Please stop extending freebies, no reason why journalists should not pay toll. Every person including officials & judges should. We are a democracy it is about equality https://t.co/R99mdAvl9e
— Swati Chaturvedi (@bainjal) February 5, 2019
स्वाति के ट्वीट का अधिकांश यूजर्स ने समर्थन किया है। श्रुति चौधरी नामक यूजर ने अरविंद केजरीवाल को टैग करते हुए लिखा है ‘सर यदि आप पत्रकारों के लिए कुछ करना ही चाहते हैं तो सदन में राजद्रोह जैसे कानून ख़त्म करने का प्रस्ताव रखिये। इस उपहार की सभी पत्रकार सराहना करेंगे।’
वहीं, पत्रकार मान अमन सिंह ने स्वाति को इस मांग का दूसरा पक्ष समझाने का प्रयास किया है। उनका मानना है कि पत्रकारों को टोल से छूट मिलनी चाहिए। अपने ट्वीट में मान ने कहा है ‘स्वाति तस्वीर का दूसरा पहलू भी है। हम दिल्ली या राज्य की राजधानियों में बैठे हैं और हमें कभी-कभी ही बाहर निकलना पड़ता है। इसलिए हमें सीमांत इलाकों में काम करने वाले पत्रकार और स्ट्रिंगरों की स्थिति का अंदाज़ा नहीं है। हरियाणा की लगभग सभी प्रमुख सड़कों पर टोल देना पड़ता है, इससे एक खबर के लिए यहां-वहां भागने वाले पत्रकार के दैनिक खर्चों में कितना इजाफा होगा, समझा जा सकता है’।
उन्होंने आगे लिखा ‘मीडिया संस्थानों को यह खर्चे खुद उठाने चाहिए। कुछ हैं जो ऐसा करते भी हैं, लेकिन अधिकांश को इसकी कोई परवाह नहीं। लिहाजा, सरकार से भीख मांगने के बजाय मीडिया संस्थानों को खुद इस दिशा में कुछ करना चाहिए’।
गडकरी के पूर्व के विचार को केजरीवाल ने मांग की शक्ल में उनके सामने फिर रख दिया है, अब इसपर वो क्या फैसला लेते हैं, ये तो वक़्त ही बताएगा. लेकिन इतना ज़रूर है कि टोल टैक्स से मुक्ति मिलने से जहां पत्रकारों की समस्या थोड़ी कम होगी, वहीं फर्जी पत्रकारों की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। क्योंकि टोल देने से तो हर कोई बचना चाहता है।