मीडिया में इस शब्द का इस्तेमाल न हो, इस पर विचार करे सरकार : बॉम्बे हाई कोर्ट

अकसर आप टीवी न्यूज, अखबार, राजनितिक और सामाजिक सभाओं आदि...

Last Modified:
Monday, 11 June, 2018
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।

अकसर आप टीवी न्यूज, अखबारराजनितिक और सामाजिक सभाओं आदि में ‘दलित’ शब्द को बहुत ज्यादा देखते और सुनते होंगें, लेकिन इस शब्द के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगे, इसके लिए मांग तेज हो गई है। अब एक याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय से कहा कि वह मीडिया में ‘दलित’ शब्द का इस्तेमाल बंद करने के लिए निर्देश जारी करने पर विचार करे।

अदालत ने यह बात सरकारी अधिकारियों को इस शब्द का इस्तेमाल नहीं करने का परामर्श देने वाला परिपत्र जारी किए जाने के मद्देनजर कही।

आपको बता दें कि पंकज मेश्राम द्वारा दायर जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ सुनवाई कर रही थीजिसमें सभी सरकारी दस्तावेजों और पत्रों से ‘दलित’ शब्द को हटाने की मांग की गई है।

जस्टिस बी.पी. धर्माधिकारी और जस्टिस जेड.ए. हक की पीठ ने कहा, ‘चूंकि केंद्र सरकार ने इस संबंध में अधिकारियों को जरूरी निर्देश जारी किया हैइसलिए हम पाते हैं कि वह कानून के अनुसार प्रेस काउंसिल और मीडिया को उस शब्द का इस्तेमाल करने से बचने के लिए उपयुक्त निर्देश जारी करे।

परिपत्र में अदालत को 6 जून को सूचित किया गया था कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 15 मार्च को परिपत्र जारी कर केंद्र और राज्य सरकार को ‘दलित’ शब्द के उपयोग से बचने तथा उसकी जगह ‘अनुसूचित जाति से जुड़ा व्यक्ति’ शब्द का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी, जिसके बाद पीठ ने केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे पर विचार करे और छह सप्ताह के भीतर उपयुक्त फैसला करे। 

गौरतलब है कि इस संबंध में साल के शुरुआत में ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट भी ये कह चुका है कि केंद्र और राज्य सरकारों को पत्राचार में ‘दलित’ शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए क्योंकि यह शब्द संविधान में नहीं है।



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