‘इंडिया टुडे टीवी’ के इन आरोपों पर ‘टाइम्स नाउ’ ने दी सफाई

‘इंडिया टुडे टीवी’ (India Today TV) द्वारा मल्टीपल फीड्स (multiple feeds) पर चलने का आरोप लगाए जाने के बाद...

Last Modified:
Monday, 22 May, 2017
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समाचार4मी‍डिया ब्यूरो ।।

इंडिया टुडे टीवी’ (India Today TV) द्वारा मल्‍टीपल फीड्स (multiple feeds) पर चलने का आरोप लगाए जाने के बाद टाइम्‍स नाउ’ (Times Now) का कहना है कि ऐसा उसने अपने बचाव (self-defence) में किया था।

टाइम्‍स नेटवर्क प्रबंधन ने हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्‍सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) को बताया, ‘हमने कभी भी मल्टीपल लॉजिकल चैनल नंबर्स (multiple LCNs)  की वकालत नहीं की है और पिछले हफ्ते तक अपने चैनलों को इस तरह नहीं चलाया था।

टाइम्‍स प्रबंधन का कहना है कि वास्‍तव में वे भी इस बात से पीड़ित और असंतुष्‍ट थे। उन्‍होंने इस मामले को विभिन्‍न मंचों पर उठाया भी था। चैनल ने जोर देकर कहा कि देश में अब कहीं पर भी वे मल्टीपल लॉजिकल चैनल नंबर्स (multiple LCNs) पर नहीं चल रहे हैं।  

पूर्व में हुए मामले पर प्रकाश डालते हुए टाइम्‍स नाउ प्रबंधन ने कहा, ‘रिपब्लिक टीवीद्वारा उठाए गए इस तरह के कदम के बाद हमने अपनी रक्षा के लिए यह किया था। न्‍यूज ब्रॉडकास्‍ट एसोसिएशन’ (NBA) का हिस्‍सा होने और एक जिम्‍मेदार ब्रैंड होने के नाते हम इस तरह की किसी भी हरकत के खिलाफ हैं और सख्‍त कार्रवाई का समर्थन करते हैं।’  

इसके साथ ही नेटवर्क ने ब्रॉडकास्‍ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) के 19वें हफ्ते (6 से 12 मई) के डाटा को खराब और गैरभरोसेमंद बताया है।

उल्‍लेखनीय है कि बार्क के व्‍युअ‍रशिप डाटा में रिपब्लिक टीवीको 2117 इंप्रेशंस (000s) के साथ अंग्रेजी न्‍यूज चैनलों में नंबर वन बताया गया है। इसमें टाइम्‍स नाउ को 1148 इंप्रेशंस (000s) के साथ दूसरे नंबर पर रखा गया है।

इंडिया टुडे टीवीने टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (TRAI) को पत्र लिखकर टाइम्‍स नाउ पर मल्टीपल लॉजिकल चैनल नंबर्स पर चलने का आरोप लगाया था।

इससे पहले न्‍यूज ब्रॉडकास्‍ट एसोसिएशनद्वारा आपत्ति जताने के बावजूद बार्क द्वारा रिपब्लिक टीवी की रेटिंग जारी करने के बाद कई बड़े अंग्रेजी न्‍यूज चैनलों ने इस रेटिंग एजेंसी से अलग होने का निर्णय लिया है।

न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन (एनबीए) की महासचिव एनी जोसेफ ने इस बारे में बार्क इंडिया के सीईओ पार्थो दास गुप्‍ता को पत्र भी लिखा था। पत्र में कहा गया था कि रिपब्लिक के डाटा जारी न करने के अनुरोध के बावजूद बार्क ने डाटा जारी किए हैं। एजेंसी द्वारा रिपब्लिक टीवी के इनफ्लेटेड (inflated) और करप्ट (corrupt) डाटा जारी किए गए हैं। इसका बेहद गंभीर प्रभाव पड़ा है और इस वजह से देश के मौजूदा अंग्रेजी न्यूज चैनलों को नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में हमारी शिकायतों का उचित निवारण न होने तक हमारे कुछ सदस्‍यों ने इस एजेंसी से अलग होने का फैसला लिया है।

 

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